Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना में अब तक हो चुके हैं ये बड़े बदलाव, निवेश से पहले जान लीजिए नया नियम

साल 2015 में केंद्र सरकार ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत बच्चियों के बेहतर भविष्य को प्रोत्साहित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी।

सरकारी योजना में शामिल सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) एक काफी चर्चित बचत योजना है।

इस योजना में माता-पिता या कोई भी अभिभावक एक बेटी के नाम पर केवल एक अकाउंट खोल सकते हैं। वहीं दो अलग-अलग बेटियों के नाम पर अधिकतम दो अकाउंट खोले जा सकते हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना किसी भी दूसरे बैंक जमा की तरह निश्चित आय योजना है, जिसमें हर साल पैसे जमा कर सरकार द्वारा घोषित ब्याज हासिल किया जा सकता है।

सीधे-सीधे कहें तो इस योजना में निवेश करने से आपकी 21 साल की उम्र में लाखों रूपये की मालकिन होगी। अब अगर आप इस योजना में पैसे निवेश करने जा रहे हैं तो इसमें हुए बदलावों को जान लें।

सुकन्या समृद्धि योजना में एक साल में आप 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। पहले ऐसा था कि 250 रुपये भी जमा नहीं होने पर आपके अकाउंट को बंद कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

इस योजना में पहले दो बेटियों के खाते होने पर 80C के तहत टैक्स पर छूट का प्रावधान था, लेकिन तीसरी बेटी के लिए यह फायदा नहीं दिया था।  अब आप जुड़वां बेटियों के लिए भी खाता खोल सकते हैं।

अब लड़की 18 साल पूरे होने के बाद ही अपने खाते को ऑपरेट कर सकेगी।इसके पहले बेटियों के माता-पिता ही अकाउंट को ऑपरेट करेंगे। 

इस योजना में किसी कारणवश बेटी के गुजर जाने पर या पता चेंज होने पर ही खाता बंद किया जा सकता था। अगर अकाउंट होल्डर को कोई बीमारी हो जाती है, तो भी खाता बंद कराया जा सकता है। 

इस योजना के नए नियम के तहत खाते में गलत ब्याज डलने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटा दिया गया है। साथ ही खाते का सालाना ब्याज हर वित्त वर्ष के लास्ट में क्रेडिट भी किया जाएगा।