आज हम आपको बताएंगे एसएचओ की  फुल फॉर्म एवं उससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी, SHO के क्या कार्य होते हैं। 

आज हम आपको बताएंगे एसएचओ की  फुल फॉर्म एवं उससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी, SHO के क्या कार्य होते हैं। 

एसएचओ स्थानीय पुलिस स्टेशन का प्रमुख या प्रभारी व्यक्ति होता है। वह पुलिस स्टेशन की गतिविधियों की निगरानी करता है 

एसएचओ स्थानीय पुलिस स्टेशन का प्रमुख या प्रभारी व्यक्ति होता है। वह पुलिस स्टेशन की गतिविधियों की निगरानी करता है 

अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। उन्हें एसआई (सब इंस्पेक्टर) से ऊपर लेकिन डीएसपी (डिप्टी पुलिस सुपरिंटेंडेंट) से नीचे रैंक किया गया है।

रैंक विभाजन के लिए उनका प्रतीक उनके कंधे की पट्टी पर तीन सितारे और नीले और लाल रंग का धारीदार रिबन है। कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और एसआई का एक समूह उसके अधीन काम करता है। 

एसएचओ का फुल फॉर्म “Station House Officer” (स्टेशन हाउस ऑफिसर) होता है । SHO का पूरा नाम हिंदी में पुलिस निरीक्षक होता है।

इसके साथ ही वह अपने क्षेत्र में होने वाले अपराधों की जांच करती है और उसे अपने थाने की ओर से अदालत में पेश होने का अधिकार भी देती है।

यदि आप किसी अधिकारी की वर्दी के कंधे पर 3 (तारा) देखते हैं, तो इसका मतलब है कि वह एक एसएचओ अधिकारी है।

वर्दी पर 2 तारा दिखे तो एसओ SO अफसर है। और एसएचओ SHO अधिकारी एसओ से वरिष्ठ अधिकारी होता है। कभी-कभी सब-इंस्पेक्टर को भी थाना इंचार्ज यानि SHO बना दिया जाता है।

एसएचओ SHO की सीधी भर्ती नहीं होती है, लेकिन थाने में कार्यरत सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को ही प्रमोशन मिलने पर एसएचओ का पद मिलता है