प्रथम अश्वेत प्रधानमन्त्री के रूप में ब्रिटेन की कमान सँभालने वाले भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) वैश्विक राजनैतिक परिदृश्य में चर्चा का विषय बने हुए है।

ब्रिटेन की गुलामी का दंश झेलने वाले प्रवासी भारतीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले ऋषि सुनक का ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री के पद पर पहुँचने का संघर्ष नस्लवाद, कूटनीति व आलोचनाओं के मार्ग से होकर ही गुजरा है

एक साधारण परिवार से आने वाले ऋषि सुनक का अपने संघर्ष के दम पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर पहुँचना एवं देश के सबसे पसंदीदा नेताओ में शुमार होना वास्तव में सभी भारतीयों के लिए गौरव का विषय है

ऋषि सुनक की प्रारंभिक शिक्षा स्ट्राउड स्कूल एवं विनचेस्टर कॉलेज से पूर्ण हुयी है जहाँ उन्होंने स्कूल के हेड-बॉय के रूप में भी कार्य किया है।

बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी रहे ऋषि सुनक सभी प्रकार की गतिविधियों में भाग लेते थे जहाँ इन्होने स्कूल के न्यूज़पेपर के लिए संपादक के रूप में भी कार्य किया है

ऋषि सुनक की पत्नी का नाम अक्षता मूर्ति है जो भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इनफ़ोसिस (Infosys) के मालिक नारायण मूर्ति की पुत्री है।

अक्षता मूर्ति के साथ ऋषि सुनक की मुलाक़ात कॉलेज के दिनों में हुयी थी जहाँ उनकी दोस्ती प्यार में बदल गयी तथा दोनों के एक साथ रहने का फैसला किया।

प्रारंभिक शिक्षा को पूर्ण करने के पश्चात उन्होंने उच्च शिक्षा हेतु ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के लिंकन कॉलेज को चुना जहाँ ऋषि सुनक द्वारा दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान

जैसे विषयों में डिग्री प्राप्त की गयी। इसके पश्चात उन्होंने अमेरिका निवेश बैंक गोल्डमैन सेच (Goldman Sachs) में बतौर विश्लेषक अपने करियर की शुरुआत की।

ब्रिटेन के प्रथम अश्वेत प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ लेने वाले ऋषि सुनक ब्रिटेन के सबसे रईस नागरिकों में शुमार किए जाते है। विभिन सूत्रों की मानें तो ऋषि सुनक वास्तविक जीवन में अरबपति है