Inflation in India: 10 साल पहले 100 रुपये में जो चीज आ जाती थी, आज वो कितने में आती है, जानें कैसे कटी आपकी जेब?

महंगाई दर मतलब है किसी सामान या सेवा की समय के साथ कीमत बढ़ना. इसे हम किसी महीने या साल के हिसाब से मापते हैं. मसलन, कोई चीज सालभर पहले 100 रुपये की मिल रही थी, 

लेकिन अब 105 रुपये में मिल रही है. इस हिसाब से इसकी सालाना महंगाई दर 5 फीसदी रही. महंगाई दर बढ़ने का एक सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि

इससे समय के साथ मुद्रा का महत्व कम हो जाता है. यानी, आज आपके पास 105 रुपये एक साल पहले के 100 रुपये के बराबर थे

महंगाई दर का आकलन अभी 2012 के बेस प्राइस से किया जाता है. इससे अनुमान लगाया जाता है कि 2012 के 100 रुपये में आप जो चीज खरीद सकते थे, आज वही चीज खरीदने के लिए आपको कितना खर्च करना होगा

2012 में अगर आप 100 रुपये में कोई सामान खरीदते थे, तो आज उसी चीज को खरीदने के लिए आपको 170.1 रुपये खर्च करने होंगे

एक साल पहले तक आपको 157.8 रुपये खर्च करने पड़ते थे. यानी, एक साल में उसी सामान को खरीदने के लिए आपको 12.3 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं. 

चूंकि, एक साल में ही आपको उसी सामान को खरीदने के लिए 157.8 रुपये की बजाय 170.1 रुपये खर्च करने पड़े, इसलिए सालाना महंगाई दर 7.79% हो गई

भारत में महंगाई मापने के दो इंडेक्स हैं. पहला है कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI. और दूसरा है होलसेल प्राइस इंडेक्स यानी WPI.

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के जरिए रिटेल महंगाई दर निकाली जाती है. वहीं, होलसेल प्राइस इंडेक्स से खुदरा महंगाई दर को मापा जाता है.