कुतुब मीनार या विष्णु स्तंभ? क्या 27 मंदिरों को तोड़कर बनी थी ये ऐतिहासिक इमारत, खुदाई की मांग पर बवाल

कुतुब मीनार देश की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। ये साउथ दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित है।

करीब 238 फीट की ऊंचाई वाला कुतुब मीनार भारत का सबसे ऊंचा पत्थरों का स्तंभ है। कुतुब मीनार इसके आसपास स्थित कई अन्य स्मारकों से घिरा हुआ और इस पूरे परिसर को कुतुब मीनार परिसर कहते हैं।

माना जाता है कि कुतुब मीनार का निर्माण 1199 से 1220 के दौरान कराया गया था। कुतुब मीनार को बनाने की शुरुआत कुतुबुद्दीन-ऐबक ने की थी और उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने पूरा कराया था।

14वीं और 15वीं सदी में कुतुब मीनार को बिजली गिरने और भूकंप से नुकसान पहुंचा था। पहले इसकी शीर्ष दो मंजिलों की फिरोज शाह तुगलक ने मरम्मत करवाई थी।

1505 में सिकंदर लोदी ने बड़े पैमाने पर इसकी मरम्मत कराई थी और इसकी ऊपरी दो मंजिलों का विस्तार किया था।

1803 में आए एक भूकंप से कुतुब मीनार को फिर से नुकसान पहुंचा। तब 1814 में इसके प्रभावित हिस्सों को ब्रिटिश-इंडियन आर्मी के मेजर रॉबर्ट स्मिथ ने रिपेयर कराया था।

यह कहीं भी स्थापित नहीं है कि कुतुब मीनार का नाम उस कुतुबद्दीन ऐबक के नाम पर रखा गया है, जिसने इसका निर्माण शुरू किया था

कुतुब मीनार को लेकर ताजा विवाद का कारण ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर धर्मवीर शर्मा का बयान है।

कुतुब मीनार पर ताजा विवाद किस बात को लेकर है?

शर्मा ने दावा किया है कि कुतुब मीनार को राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था न कि कुतुबुद्दीन ऐबक ने जैसा कि इतिहास की किताबों में बताया गया है

धर्मवीर शर्मा ने इससे पहले बताया था कि कुतुब मीनार एक सन टावर है जिसे 5वीं शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के विक्रमादित्य ने बनवाया था। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में मेरे पास बहुत सारे सबूत हैं।

इस वर्ल्ड हेरिटेज साइट को लेकर यह एकमात्र विवाद नहीं है। विश्व हिंदू परिषद यानी VHP भी इस मामले में कूद चुका है। परिषद ने दावा किया है कि 73 मीटर ऊंचा स्ट्रक्चर विष्णु स्तंभ था।