भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है। देश की संसद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। वास्तव में देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद के माध्यम से ही विभिन प्रकार की नीति

एवं नियमो का निर्धारण किया जाता है ऐसे में संसद ही लोकतंत्र की वास्तविक कसौटी होता है। भारत की संसद विश्व की सबसे बड़ी संसद में से एक है

जिसके द्वारा सम्पूर्ण देश के लिए नीतियों का निर्धारण किया जाता है। एक लोकतान्त्रिक देश का नागरिक होने के नाते देश के सभी नागरिको का अपने देश की संसदीय प्रणाली के बारे में ज्ञान होना आवश्यक है

तभी वास्तव में नागरिक एक जागरूक मतदाता की भांति देश के लोकतंत्र को बेहतर बनाने में सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा सकते है। 

संसद देश के लोकतान्त्रिक व्यवस्था की सर्वोच्च विधायी निकाय प्रणाली है जो की लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ है। वास्तव में देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिक अपनी शक्ति

का प्रयोग संसद के माध्यम से ही कर पाते है चूँकि संसद में देश के नागरिको द्वारा ही प्रतिनिधियों को निर्वाचित किया जाता है। संसद एक संवैधानिक निकाय है जिसके गठन देश के संविधान द्वारा वर्णित किया गया है।

संसद देश का सर्वोच्च विधायी निकाय है जिसके माध्यम से देश के नीतियों एवं अधिनियमों को निर्धारित किया जाता है। संसद के माध्यम से ही देश के नागरिको द्वारा अपनी शक्ति का प्रयोग किया जाता है

जहाँ संसद के प्रतिनिधियों का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से (लोकसभा में) किया जाता है। देश में लोकतांत्रिक स्तर पर संसद ही सर्वोच्च निकाय है जिसके द्वारा देश के लिए कानूनों का निर्माण किया जाता है