नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है। माना यह जाता है की इन नवरात्रि में माता के नौ रूपों को पूजने से माँ दुर्गा सभी भक्तजन के दुःख हर लेती है
और उन सभी का जीवन खुशियों से भर देती है। दोस्तों जैसा की हमने आप सभी को बताया की इन दिनों माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
हम आप सभी को यहाँ पर माँ दुर्गा के नौ रूपों के नाम बताने वाले है। तो अगर आप भी माँ दुर्गा के नाम जानना चाहते है।
दुर्गा के पहले रूप का नाम मां शैलपुत्री है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आप सभी को यह बतादे की शेल का अर्थ होता है – पर्वत।
शैलपुत्री
शैलपुत्री
माँ दुर्गा का दूसरा रूप को मां ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है। माता के इस रूप का अर्थ तपस्या होता है। माँ दुर्गा के इस रूप के एक हाथ में जाप माला है और दूसरे हाथ में कमंडल है
माँ दुर्गा के तीसरे रूप को माँ चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। माना यह जाता है की माता के इस रूप में ब्रह्मा, विष्णु और महेश त्रिदेवों की शक्तियां समाहित होती है
चंद्रघंटा
चंद्रघंटा
माता दुर्गा के चौथे रूप को मां कुष्मांडा के नाम से जाना जाता है। माना यह जाता है की माता कुष्मांडा की मंद हंसी के कारण ही ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ है।
कुष्मांडा
कुष्मांडा
छह मुखों वाले पुत्र स्कंद यानि के श्री कार्तिकेय की माता होने के कारण ही माँ दुर्गा को माँ स्कन्द माता के नाम से भी जाना जाता है।
स्कंद माता
स्कंद माता
माँ दुर्गा के छठे रूप को मां कात्यायनीके रूप में पूजा जाता है। माँ दुर्गा के इस रूप को इस नाम से इसलिए पूजा जाता है क्योंकि माता के इस रूप ने महर्षि कात्यायन के यहाँ जन्म लिए था
कात्यायनी
कात्यायनी
माँ दुर्गा के सातवे रूप को मां कालरात्रि के रूप में पूजा जाता है। माँ दुर्गा का यह रूप राक्षशो का संहार करने वाली भी कहा जाता है। माता के इस रूप की तीन नेत्र है और चार भुजाएं है
कालरात्रि
कालरात्रि
माँ दुर्गा के आठवे रूप को माँ महागौरी के नाम से जाना जाता है। माता के इस रूप ने वस्त्र, आभूषण और वर्ण सभी सफ़ेद रंग के धारण किये हुए है।
महागौरी
महागौरी
माँ दुर्गा के नौवे रूप को मां सिद्धिदात्री के रूप में पूजा जाता है। इस रूप को सिद्धिया प्रदान करने वाला भी कहा जाता है। इस रूप को पूजने से बहुत सी सिद्धियों की प्राप्ति होती है