भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की 50 फीसदी से अधिक आबादी कृषि कार्यो में संलग्न है ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अत्यधिक महत्व है।

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका का प्रमुख साधन होने के साथ ही कृषि विभिन उद्योगों का भी आधार है ऐसे में देश के कृषक अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने हुए है।

भारतीय समाज में कृषको को सदैव से ही उच्च सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है ऐसे में किसानों को सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष किसान दिवस का आयोजन किया जाता है।

देश के किसानों को सम्मान देने एवं कृषको की देश के लिए अमूल्य सेवा के प्रति आभार प्रकट करने के लिए प्रति वर्ष राष्ट्रीय कृषक दिवस मनाया जाता है।

भारत की 50 फीसदी से अधिक आबादी कृषकों को श्रेणी में आती है ऐसे में देश की अधिकांश अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है।

हमारे देश के कृषको की मेहनत का ही नतीजा है की देश कृषि उत्पादो में आत्मनिर्भर बनने के अतिरिक्त विश्व में खाद्यान का प्रमुख निर्यातक भी है।

देश के कृषकों को सम्मान प्रदान करने एवं देश की अर्थव्यवस्था में कृषको के योगदान की सराहना हेतु प्रतिवर्ष 23 दिसंबर को कृषक दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन भारत के 5वें प्रधानमन्त्री एवं महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।

National Farmers Day का आयोजन देश के कृषकों के प्रति सम्मान प्रकट करने एवं कृषको के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।