महान हिमालय के मुकुट की भांति खड़े माउंट एवरेस्ट को पूरी दुनिया की सबसे ऊँची चोटी होने का गौरव प्राप्त है। नेपाल हिमालय में स्थित एवरेस्ट नेपाल और तिब्बत स्वायत क्षेत्र के मध्य स्थित पर्वत शिखर है। 

नेपाल में इस शिखर को सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है जिसका यहाँ के स्थानीय समाज में भी अत्यधिक धार्मिक एवं आर्थिक महत्व है। माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहियों के लिए अंतिम लक्ष्य के समान माना जाता है। 

माउंट एवरेस्ट का नाम इसके सर्वेक्षणकर्ता जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है जिन्होंने इस शिखर के सर्वेक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। विश्व के भूगोल में भी माउंट एवरेस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण है

हिमालय सदियों से ही नेपाल के जनजीवन का अहम् हिस्सा रहा है। नेपाल में रहने वाली शेरपा जनजाति के निवासी इस क्षेत्र एक मूल निवासी माने जाते है जो की स्थानीय संसाधनो का उपयोग करके अपना जीवन-यापन करते है।

ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1856 में महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण के तहत माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मापी गयी थी जो की वर्ष 8,840 मीटर या 29,002 फीट मापी गयी थी

परन्तु बाद के वर्षो में इस ऊंचाई में संशोधन किया गया था और एवरेस्ट की ऊँचाई 8848 मीटर मापी गयी। हिमालय शिखर के मस्तक की भांति खड़े माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) का हिमालय के भूगोल पर विस्तृत प्रभाव है।