भारत के पंजाब राज्य में मनाया जाने लोहड़ी का पर्व किसानों का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। इस पर्व को नयी फसल के आगमन की ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है।

हिन्दुओ के पवित्र त्यौहार मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व मनाये जाने वाले लोहड़ी पर्व को किसानों द्वारा रबी की फसल की अच्छी पैदावार के लिए कामना के रूप में मनाया जाता है।

केरल में पोंगल, असम में बिहू एवं उत्तर भारत के मकर संक्रांति को फसलों के त्यौहार के रूप में मनाया जाता रहा है

लोहड़ी पर्व उत्तर भारत के पंजाब एवं हरियाणा राज्य में कृषकों द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है जिसे की फसल के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

लोहड़ी शब्द 3 शब्दो “ल+ओह+ड़ी” से मिलकर बनी है जहाँ ल शब्द लकड़ी, ओह शब्द गोह यानी की जानवरो के गोबर से बने सूखे उपले एवं ड़ी शब्द रेवड़ी को प्रदर्शित करता है।

चूँकि लोहड़ी पर्व पर लकड़ी का ढेर लगाकर इसे जलाया जाता है एवं इसमें सूखे उपले एवं रेवड़ी, तिल एवं गुड़ आदि को समर्पित किया जाता है।

इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को पड़ रही है ऐसे में वर्ष 2023 में लोहड़ी पर्व (Lohri 2023) को 13 जनवरी को मनाया जायेगा।

लोहड़ी पर्व से विभिन कथाएँ जुड़ी हुयी है। कहा जाता है की हिरणकश्यप असुर की बहन होलिका जो की होलिका में जलकर भस्म हो गयी थी की बहन का नाम लोहड़ी था जिसे की पूर्व में तिलोड़ी के नाम से जाना जाता था।