हर व्यक्ति को अपनी आय के अनुसार ही इनकम टैक्स भरना होता है। इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होता है जिसको आईटीआर (ITR) कहा जाता है।
आईटीआर (ITR) की फुल फॉर्म Income Tax Return होती है। हमारी सालाना आय पर जो टैक्स हमसे केंद्रीय सरकार द्वारा लिया जाता है उस टैक्स को इनकम टैक्स के नाम से जाना जाता है।
यह एक प्रकार का फॉर्म होता है जिसमे आपकी आय की सभी जानकारी भरी होती है। इस टैक्स के द्वारा सर्कार को जो धन राशि प्राप्त होती है उस पैसों को सर्कार देश के डेवलपमेंट के लिए प्रयोग करती है।
इस फॉर्म यानि के आईटीआर में आपको यह भरना होता है की आप एक साल में कुल कितनी कमाई हुई और उसमे से आपने सरकार को कितना टैक्स भरा।
आईटीआर सीधा इनकम टैक्स विभाग के पास जाती है। आपको यह भी बता दे की अगर कोई व्यक्ति गलती से किसी साल अपनी कमाई के अनुसार के कुछ अधिक टैक्स भर देता है
तो उस वयक्ति के कंप्लेंट करने पर आयकर विभाग उस व्यक्ति का एक्स्ट्रा टैक्स वापस कर देती है। इन्सोमेट टैक्स हर वर्ष भरा जाता है। जो भी कंपनी या फिर व्यक्ति आईटीआर भरता है
उस व्यक्ति को सर्कार के द्वारा एक निश्चित समय या तारीख दी जाती है और फिर उस कंपनी या फिर व्यक्ति को उस तारीख या समय तक आईटीआर भरनी होती है।
इसके लिए एक एक्ट भी बनाया गया है जो कुछ इस प्रकार है इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 139(1) के मुताबिक केवल वह ही व्यक्ति इनकम टैक्स फाइल करेंगे जिनकी सालाना आय 2.5 लाख से अधिक होती हैं।