हमारे समाज में रहने वाले विकलाँग (दिव्यांग) जनों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने एवं मानवीय गरिमा के साथ जीने के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है।
प्रायः विकलांग जनों को विश्व के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में गिना जाता है ऐसे में विकलांग जनों के उत्थान हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 15 फीसदी लोग दिव्यांग जनों की श्रेणी में आते है। इस प्रकार से इस समुदाय को दुनिया का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय माना गया है।
दिव्यांग जनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने एवं इन्हे विभिन राजनैतिक, आर्थिक एवं सामाजिक अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष विश्व विकलांग दिवस का आयोजन किया जाता है।
इस दिवस के अवसर पर सभी नागरिको को विकलांगजनो के साथ उचित व्यवहार करने एवं उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने हेतु अपने योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
विकलांग जनों को प्रायः अपने प्रतिदिन की आवश्यकताओं के लिए दूसरे व्यक्तियों पर निर्भर रहना पड़ता है ऐसे में वे विभिन प्रकार की समस्याओ का सामना करते है।
राष्ट्र संघ की पहल पर वर्ष 1992 से विश्व विकलांग दिवस या विकलांग व्यक्तियों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की शुरुआत की गयी थी