इंडियन आर्मी में कौन कौन से पद और रैंक होती हैं, बैच से कैसे आप किसी सैनिक को पहचान सकते हैं  यहां  जानें  Indian Army Rank List in Hindi

इंडियन आर्मी के सभी पदों को 2 भागों में विभाजित किया गया है जिसमे एक सिनियर पद तथा एक जूनियर पद को सम्मिलित किया गया है

1. फील्ड मार्शल यह पद सेना में सबसे बड़ा होता है लेकिन यह पद सम्मान के रूप में दिया जाता है। फील्ड मार्शल की उपाधि आर्मी सेवा समाप्त होने के बाद भी रहती है

सीनियर कमीशन अधिकारी

फील्ड मार्शल के बैज पर 5 बिंदु स्टार, राष्ट्रीय प्रतीक तथा क्रॉस बैटन के साथ गोल्डन लॉरेल पुष्पांजलि की माला बनी हुई होती है।

ये इंडियन आर्मी की सबसे बड़ी उपाधि होती है ये उपाधि युद्धकालीन के समय उनकी बहादुरी के लिए दी जाती है।

भारत में अभी तक केवल 2 व्यक्तियों को ही इस उपाधि से सम्मानित किया गया है। Sam Manekshaw –  इन्हे ये रैंक 1 जनवरी, 1973 को दिया गया था। Kodandera M. Cariappa –  इन्हे 15 जनवरी,1986 को प्रदान किया गया।

जनरल – ये फील्ड मार्शल के बाद की सबसे बड़ी रैंक है लेकिन फील्ड मार्शल रैंक को खत्म करने के बाद ये इंडियन आर्मी की सबसे बड़ी रैंक हो गयी है। यह रैंक इंडियन आर्मी के सेनाध्यक्ष के पास है

यह  इस 4 सितारा रैंक है  जनरल अधिकारी के कंधे पर 5 बिंदु वाला एक गोल्डन स्टार, अशोक चिन्ह और क्रॉस बैटन यानि क्रॉस की गयी तलवार होती है।

लेफ्टिनेंट जनरल – यह जनरल रैंक के बाद की रैंक होती है तथा मेजर जनरल से बड़ी रैंक होती है। ये एक बड़ी इंडियन आर्मी का नेतृत्व करती है जिसमे 60,000 से 70,000 सैनिक होते है।

यह 3 सितारा रैंक है  इस अधिकारी के कंधे पर एक गोल्डन अशोक चिन्ह और क्रॉस बैटन होता है। इसके चुनाव के लिए उस सैनिक की 36 साल की कमीशन सेवा जरुरी है। इसकी सेवानिवृति की उम्र 60 साल है।

मेजर जनरल – यह रैंक लेफ्टिनेंट जनरल के बाद की सबसे बड़ी उपाधि तथा ब्रिगेडियर से बड़ी उपाधि होती है। इस आर्मी ऑफिसर के बैज पर एक गोल्डन स्टार और क्रॉस बैटल लगा हुआ होते है।

ये डिवीजनों के कमांडर के रूप में कार्य करते है जिनकी संख्या 10,000 और 16,000 सैनिकों के बीच होती है। इस पद के लिए 28 साल की कमीशन सेवा जरुरी होती है। मेजर जनरल की सेवानिवृति 58 वर्ष तक तय की गयी है।

ब्रिगेडियर – ये कर्नल से बड़ी रैंक होती है इस अधिकारी के बैज पर 3 स्टार और एक अशोक चिन्ह होता है। इस रैंक को पाने के लिए 25 साल की कमीशन सेवा जरुरी होती है। इसकी सेवानिवृति उम्र 56 होती है।

कर्नल – अधिकारी के कंधे पर राष्ट्रीय प्रतीक और 2 स्टार बने हुआ होते है।  इस रैंक को पाने के लिए 15 साल की सैन्य सेवा जरुरी होती है। कर्नल 56 वर्ष तक सेवानिवृत होता है।

लेफ्टिनेंट कर्नल – इस अधिकारी के बैज पर राष्ट्रीय प्रतीक और एक-पांच बिंदु वाला स्टार तथा राष्ट्रीय प्रतीक होता है इसके लिए 13 साल की कमीशन सेवा और पार्ट-D पेपर को उत्तीर्ण करना होता है।

मेजर – यह कैप्टन से बड़ी  रैंक होती है ,इस पद वाले अधिकारी के बैज पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक लगा होता है। इस पद के लिए 6 साल की कमीशन सेवा और पार्ट B पेपर को उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है।

कैप्टन – यह मेजर के बाद तथा लेफ्टिनेंट से बड़ी रैंक होती है , कैप्टन के बैज पर 3 स्टार बने होते है। कैप्टन बनने के लिए 2 साल तक की सैन्य सेवा तथा सभी नियमों का पालन करना पड़ता है।

लेफ्टिनेंट – यह कैप्टन के बाद और सभी जूनियर से बड़ी रैंक होती है, लेफ्टिनेंट सभी जूनियर पद वाले अधिकारियों को आदेश दे सकता है। लेफ्टिनेंट के बैज पर 2 स्टार लगे होते हैं।

जूनियर कमीशन अधिकारी –  सूबेदार मेजर – यह जूनियर अधिकारी पद में सबसे बड़ा पद होता है इस अधिकारी के बैज पर गोल्डन राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिन्ह लगा होता है।

सूबेदार – यह सूबेदार मेजर के बाद तथा नयाब सूबेदार से बड़ी रैंक होती है। सूबेदार के बैज पर 2 गोल्डन स्टार बने होते है।

सूबेदार के बाद नायब सूबेदार की रैंक आती है। इनकी वर्दी पर एक पांच मुख वाला स्टार होता है। जिस पर एक स्ट्रिप भी लगी होती है। इनका रिटायरमेंट 28 वर्ष की सेवा देने के बाद कर दिया जाता है।

हवालदार – सिपाहियों के प्रोन्नति के आधार पर इसका चुनाव किया जाता है। हवालदार के बैज पर Three rank chevrons यानि 3 रैंक की पट्टी बनी होती है।

नायक – यह हवलदार के बाद और लांस नायक से बड़ी रैंक होती है। नायक के बैज पर 2 रैंक की पट्टी लगी होती है।

लांस नायक – सिपाहियों की प्रोन्नति होने पर वह सबसे पहले लांस नायक पद पर होते है। लांस नायक के बैज पर 1 रैंक की पट्टी होती है।

सिपाही -सिपाही की वर्दी पर कोई भी रैंक नहीं होती है, बिना रैंक वाले सिपाही एक सामान्य सिपाही होता है जो रैंक वाले अधिकारियों का आदेश का पालन करते हैं तथा देश की रक्षा करता है।