नववर्ष किसी भी व्यक्ति के जीवन में आशा एवं उत्साह का नवीन प्रकाश लेकर आता है। सभी देशों एवं समुदायों में नववर्ष को बड़े उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
नववर्ष का आगमन जीवन में नवीनता का सूचक होता है एवं व्यक्ति नववर्ष के मौके पर नवीन संकल्प के माध्यम से सफलता की ओर अग्रसर होने का लक्ष्य बनाता है।
दुनिया के विभिन भागों में अलग-अलग तरीकों से नववर्ष का आयोजन किया जाता है। हालांकि हमारे देश में अधिकतर देशवासी मानते है
की हिन्दू नववर्ष प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को मनाया जाता है परन्तु यह सत्य नहीं है। वर्तमान में ग्रिगोरियन कैलेंडर (ईसाई कैलेंडर) के प्रचलन के कारण 1 जनवरी को नववर्ष के रूप में मनाया जा रहा है
परन्तु हिन्दू नववर्ष प्रत्येक वर्ष चैत्र माह से शुरू होता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको हिन्दू नववर्ष के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। कि हिन्दू नव वर्ष कब है ?
दुनिया के सभी समुदायों के द्वारा अपने स्थानीय रीति-रिवाजो एवं परम्पराओं पर आधारित नववर्ष मनाया जाता है। नववर्ष सभी समुदायों के लिए नवीनता का प्रतीक होता है
एवं नए वर्ष के अवसर पर सभी लोग नवीन संकल्प लेते है। दुनिया के विभिन भागों में अलग-अलग प्रकार से नववर्ष मनाया जाता है ऐसे में सभी समुदाय अलग-अलग तिथि एवं माह में अपना नववर्ष मनाते है।
ईसाई धर्म के लोग ग्रिगोरियन कैलेंडर के आधार पर 1 जनवरी को अपना नववर्ष मनाते है। इसी प्रकार चीन के लोग लूनर कैलेंडर के आधार पर, इस्लाम के अनुयायी
हिजरी सम्वंत के आधार पर, पारसी नववर्ष नवरोज से, पंजाब में नया साल वैशाखी पर्व से, जैन नववर्ष दीपावली के अगले दिन से मनाया जाता है।
वर्ष 2023 में हिन्दू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) बुधवार, 22 मार्च 2023, विक्रमी संवत 2080 को मनाया जायेगा। हिन्दू नववर्ष को अन्य नामों से भी जाना जाता है
हिन्दू नववर्ष हजारों वर्षो से हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र एवं महत्वपूर्ण दिनों में शामिल रहा है। हिन्दू धर्म में नववर्ष को नवीनता का प्रतीक माना गया है