CGST, SGST, IGST जीएसटी की वह श्रेणियाँ है ,जो केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा आपूर्ति एवं खपत के आधार पर वसूल की जाती है।
GST का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स है। जो बहु स्तरीय एवं स्थान आधारित अप्रत्यक्ष कर कर है यह वस्तुओं की सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।
बहुस्तरीय होने के कारण यह उत्पादन के चरण के प्रत्येक स्तर में लगाया जाता है। destination based होने के कारण कर उपभोग के अंतिम बिंदु से एकत्र किया जाता है।
इन विशेषताओं के आधार पर GST को तीन उपकरों में विभाजित किया गया है। जो की मुख्य रूप से है, IGST जिसे एकीकृत माल और सेवा कर के रूप में जाना जाता है।
दूसरे नंबर पर आता है SGST यानि राज्य माल और सेवा कर , और तीसरा है CGST इसका मतलब है केंद्रीय माल और सेवा कर है।
अंतरराज्यीय कर संग्रह के मामले में केंद्र और राज्य सरकार के अलग-अलग कर लगाने के बजाय सरकार IGST एकत्र करती है।जिसे बाद में सामानरूप में विभाजितकिया जाता है।
एसजीएसटीजब खपत और उत्पादन की स्थिति सामान होती है तो अंतरराज्यीय लेनदेन के मामले में यह कर एकत्र किया जाता है।
SGST का अर्थ यहाँ राज्य माल और सेवा कर से है जो राज्य सरकार के लिए कर संग्रह करने का माध्यम है। यह अंतरराज्यीय कर के मामले में एक अलग कर के रूप में एकत्र किया जाता है।
CGST के समान यह कर GST अधिनियम के तहत सभी बिक्री और खरीद और अन्य गैर-छूट वाले लेनदेन पर लगाया जाता है।
सीजीएसटी अंतरराज्यीय लेनदेन के लिए रिलेवेंट है। यानी की उपभोक्ता एवं विक्रेता जब एक ही राज्य से वस्तुओं को सप्लाई करते है।
इसमें केंद्र सरकार के द्वारा कर संग्रह को सक्षम करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं पर CGST लागू किया जाता है। CGST SGST के साथ एकत्र किया जाता है।
CGST उन सभी वस्तुओं पर लगायी जाती है जो घरेलु आवश्यकताओं से लेकर विलासिता तक और विनिर्माण सेवाओं से लेकर पेशेवर सेवाओं तक होती है।
जीएसटी की यात्रा वर्ष 2000 में शुरू हुई जब कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। तब से कानून को विकसित होने में 17 साल लग गए।
2017 में, जीएसटी विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित किया गया था। 1 जुलाई 2017 को जीएसटी कानून भारत में लागू हुआ।