बजट का हम सभी के जीवन में अत्यंत महत्व है। चाहे घर का खर्चा चलाना हो या शॉपिंग करनी हो, घूमने जाने से लेकर प्रतिदिन की विभिन आवश्यकताओं के लिए हम बजट बनाकर ही विभिन मदों में खर्च करते है।

ऐसे में अगर देश के संचालन की बात हो तो बजट शब्द का अर्थ और भी व्यापक एवं विस्तृत हो जाता है। प्रतिवर्ष सरकार द्वारा देश में विभिन मदों से प्राप्तियों एवं व्यय के अनुसार बजट निर्धारित किया जाता है।

बजट वह वार्षिक वित्तीय योजना है जिसके तहत सरकार द्वारा आगामी वर्ष की प्राप्तियों एवं राजस्व तथा व्यय का अनुमान निर्धारित किया जाता है। सरल शब्दो में कहा जाए तो बजट वह प्रक्रिया है

जिसके तहत सरकार द्वारा यह तय किया जाता है आगामी वित वर्ष में उसे विभिन स्रोतों से कुल कितनी अनुमानित कमाई होगी जिसके अनुसार वह अलग-अलग योजनाओं एवं सेवाओं में खर्च कर सकती है।

भारत के संविधान में आर्टिकल 112 में बजट का प्रावधान किया गया है। भारत का वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है ऐसे में प्रतिवर्ष इसी अवधि के लिए सरकार द्वारा बजट पेश किया जाता है।

सरकार द्वारा बजट के तहत पहले से अनुमान लगाया जाता है की विशिष्ठ वर्ष में उसे विभिन स्रोतों (राजस्व, प्राप्तियों एवं ऋण आदि) से कुल कितनी कमाई होने वाली है।

फिर अपनी कमाई के अनुसार ही सरकार द्वारा विभिन योजनाओं पर (योजनाओ, रक्षा, वेतन, सब्सिडी आदि) में खर्च का प्रस्ताव तैयार किया जाता है।

देश में वित्तीय सञ्चालन के लिए बजट सबसे महत्वपूर्ण साधन है। बजट के माध्यम से ही सरकार द्वारा आगामी वर्ष की प्राप्तियों एवं व्यय का अनुमानित विवरण लगाया जाता है।

बजट के आधार पर ही सरकार द्वारा यह तय किया जाता है की आगामी वित्तीय वर्ष में उसे विभिन मदों में कुल कितनी आमदनी प्राप्त होने वाली है।