बैशाख के माह में जब खेतों में मंद-मंद बयार के झोंकों से लहरहाती सुनहरी फसलें किसानों के मन में उमंग और जोश भर देती है तो समूचा वातावरण नए साल का स्वागत करता सा प्रतीत होता है।
किसानों की वर्ष भर की मेहनत जब फसलों के रूप में खेतों में लहराने लगती है तो अपनी उमंग को प्रकट करने के लिए किसान ख़ुशी से नृत्य एवं गायन करने लगते है।
ऐसे में बैसाखी पर्व के माध्यम से किसान अपनी ख़ुशी का इजहार करते है। बैशाख माह में मनाया जाने वाला बैसाखी त्यौहार भारत का प्रमुख त्यौहार है
जो की मुख्यत कृषि से जुड़ा हुआ है। इस त्यौहार के मौके पर पंजाब के गाँव-गाँव में किसानों को गिद्दा और भाँगड़ा करते और ख़ुशी के गीत गाते सुना जा सकता है।
भारतवर्ष को त्योहारों का देश कहा जाता है। देश में विभिन धर्म से जुड़े लोग रहते है ऐसे में भारत की धरती वर्ष भर विभिन प्रकार के त्योहारों से गुलजार रहती है।
बैशाखी या जिसे वैशाखी (Baisakhi or Vaisakhi) भी कहा जाता है सिख धर्म से जुड़े लोगों का प्रमुख त्यौहार है जो की पंजाब एवं हरियाणा राज्य में सिख समुदाय से जुड़े लोगों द्वारा प्रमुख रूप से मनाया जाता है।
बैशाखी मुख्यत कृषि से जुड़ा हुआ उत्सव है जिसे कृषकों द्वारा फसलों के काटने के उपलक्ष में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त यह त्यौहार कृषको का भगवान के प्रति अच्छी फसल
के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने का तरीका भी होता है। रबी की फसल काटने के उपलक्ष में मनाया जाने वाला बैशाखी उत्सव बसंत ऋतु के आगमन के रूप में भी मनाया जाता है जो की वातावरण में खुशियों की उमंग घोल देता है
वर्ष 2023 में बैशाखी पर्व शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023 (Friday, April 14, 2023) को मनाया जायेगा। बैशाखी पर्वरबी की फसल पकने का काल होता है एवं इस दिवस से फसलों की कटाई शुरू की जाती है।
बैशाखी पर्व की कथा सिखों की बहादुरी एवं गौरवपूर्ण इतिहास से जुड़ी हुयी है। 17वीं शताब्दी में मुग़ल साम्राज्य सम्पूर्ण भारतवर्ष में फैसला हुआ था।