विटामिन के रासायनिक नाम:- मानव शरीर के सम्पूर्ण विकास के लिए भोजन में संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों का होना आवश्यक है। संतुलित पोषक भोजन ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी होती है ऐसे में हमे सदैव संतुलित भोजन करना चाहिए। भोजन में पोषक तत्वों में विटामिन सदैव से ही आवश्यक तत्त्व रहा है ऐसे में हमारे भोजन में विटामिन का होना अत्यंत आवश्यक है। हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को उपापचय (Metabolism) हेतु विटामिन की आवश्यकता होती है। तभी वास्तव में हम भोजन के द्वारा आवश्यक कार्यो हेतु ऊर्जा प्राप्त कर पाते है। आप सभी यह तो जानते ही होंगे की हमारे घरेलु खाने में भी बहुत से विटामिन पाए जाते है। जैसे की – दाले, सब्जियां आदि।
शरीर में विटामिन की कमी कई बीमारियों को जन्म देती है ऐसे में हमे विटामिन के महत्व एवं इनके स्रोत के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको विटामिन के रासायनिक नाम:- प्रकार, स्त्रोत, कार्य, कमी से होने वाले रोग सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है।स्वास्थ्य एवं पोषण की दृष्टि से भी यह लेख सभी जिज्ञासुओ के लिए लाभप्रद है।
विटामिन्स क्या होते है | Vitamins in Hindi
पोषण विज्ञान में विटामिन के बारे में जानने से पूर्व हमे यह ज्ञात होना आवश्यक है की वास्तव में विटामिन होते क्या है ? विटामिन संतुलित भोजन का अनिवार्य तत्त्व है जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है। रासायनिक रूप से देखा जाए तो विटामिन “कार्बनिक यौगिक” होते है जो की शरीर को संतुलित रूप से संचालन के लिए आवश्यक होते है। विटामिन का कार्य शरीर का सही सञ्चालन, भोजन को उपापचय (Metabolism) करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करना एवं विभिन स्थितियों में शरीर की रक्षा करना है यही कारण है की विटामिन को शरीर का “रक्षात्मक पदार्थ” भी कहा जाता है। पोषण के आवश्यक तत्त्व के रूप में परिभाषित विटामिन की खोज वर्ष 1912 में कासिमिर फंक द्वारा की गयी थी।
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विटामिन के प्रकार ?
विटामिन के कार्य एवं प्रकार्य के आधार पर इन्हे 2 भागों में विभक्त किया गया है। जल में घुलनशील विटामिन एवं वसा में घुलनशील विटामिन। यहाँ आपको विटामिन के प्रकारों की जानकारी प्रदान की गयी है :-
वसा में घुलनशील विटामिन (Fat Soluble Vitamins) – वसा में घुलनशील विटामिन वे विटामिन होते है जिन्हे शरीर के यकृत, पेशी एवं वसा ऊतकों के द्वारा संगृहीत किया जाता है। ये विटामिन शरीर में वसा ऊतकों में संगृहीत होते है एवं शरीर में लम्बे समय तक बने रहते है। वसा में घुलनशील विटामिन की सूची निम्न है :-
- विटामिन A (रेटिनोइड्स)
- विटामिन D (कैल्सीफेरोल)
- विटामिन E (टोकोफेरोल)
- विटामिन K (फाइटोमेनाडियोन)
जल मे घुलनशील विटामिन (Water Soluble Vitamins)- जल में घुलनशील विटामिन वे विटामिन होते है जिन्हे की शरीर के द्वारा संगृहीत नहीं किया जाता। जल में घुलनशील विटामिन की शरीर को नियमित रूप से आवश्यकता होती है ऐसे में हमे नियमित रूप से इन्हे लेने की आवश्यकता होती है। शरीर में आवश्यक मात्रा से अधिक होने पर शरीर द्वारा इन्हे जल के रूप में बाहर निकल दिया जाता है। जल में घुलनशील विटामिन मुख्यत 2 प्रकार के होते है – विटामिन B एवं विटामिन C । हालांकि यहाँ विटामिन B के सभी रूप जल में घुलनशील होते है। यहाँ आपको सभी जल में घुलनशील विटामिन की सूची दी गयी है :-
- विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड)
- विटामिन B1 (थायमिन)
- विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन)
- विटामिन B3 (नियासिन)
- विटामिन B5 (पैंटोथेनिक अम्ल)
- विटामिन B6 (पायरीडॉक्सीन)
- विटामिन B7(बायोटिन)
- विटामिन B9 (फोलिक )
- विटामिन B12 (कोबालामिन)
विटामिन के रासायनिक नाम एवं खोज वर्ष
विभिन प्रकार के विटामिनो के आधार पर विटामिन को कुल 13 प्रकार के विभाजित किया गया है। यहाँ आपको सभी विटामिन के रासायनिक नाम एवं खोज वर्ष सम्बंधित जानकारी प्रदान की गयी है :-
विटामिन का नाम (Vitamins) | रासायनिक नाम (Chemical Name) या वैज्ञानिक नाम | विटामिन की खोज वर्ष |
विटामिन A | रेटिनोल | वर्ष 1909 |
विटामिन B1 | थियामिन | वर्ष 1912 |
विटामिन C | एस्कॉर्बिक एसिड | वर्ष 1912 |
विटामिन D | अर्गोकेलसीफेरोल (D2) अर्गोकेलसीफेरोल (D3) | वर्ष 1918 |
विटामिन B2 | राइबोफ्लेविन | वर्ष 1920 |
विटामिन E | टोकोट्रिनोल, टोकोफेरोल्स | वर्ष 1922 |
विटामिन B12 | मिथाइलकोबालिन, हाइड्रोक्सोबोबलामिन, सायनोकोबलामिन पियानो कोबालिन | वर्ष 1926 |
विटामिन K | मेनक्विनोन, फाइलोक्विनोन | वर्ष 1929 |
विटामिन B5 | पैंटोथेनिक एसिड | वर्ष 1931 |
विटामिन B7 | बायोटीन | वर्ष 1931 |
विटामिन B6 | पाइरिडोक्सामाइन, पाइरिडोक्सिन, पाइरिडोक्सल | वर्ष 1934 |
विटामिन B3 | नियासिनमाइड (नियासिनामाइड), नियासिन (निकोटिनिक एसिड) | वर्ष 1936 |
विटामिन B9 | फोलिनिक एसिड/ फोलेट /फोलिक एसिड | वर्ष 1941 |
विटामिन के कार्य, स्रोत एवं विटामिन की कमी से होने वाले रोग
विटामिन संतुलित आहार का प्रमुख अवयव होते है। हमारे भोजन के उपाचयन एवं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने सहित शरीर के रक्षात्मक कार्यों के लिए विटामिन आवश्यक है। विटामिन की कमी से शरीर में विभिन रोगों का जन्म होता है एवं मनुष्य अपना कार्य सही से नहीं कर पाता। ऐसे में हमे विटामिन के कार्य, इनकी कमी से होने वाले रोग एवं विटामिन के स्रोत के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। तभी हम अपने भोजन में विभिन विटामिनयुक्त पोषक पदार्थो को शामिल करके विभिन बीमारियों से बचाव कर सकते है। यहाँ आपको विटामिन के कार्य, विटामिन की कमी से होने वाले रोग एवं विटामिन के स्रोत के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है :-
विटामिन–A (Vitamin-A)
- विटामिन–A का रासायनिक नाम रेटिनॉल है। आँखों के रेटिना के कारण आवश्यक होने के कारण इसे antixerophthalmic विटामिन के नाम से भी जाना जाता है।
- विटामिन–A शरीर की वृद्धि एवं विकास, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने (Immunity Booster), भ्रूण के विकास एवं आँखों की रोशनी के लिए आवश्यक विटामिन है।
- शरीर में विटामिन–A त्वचा एवं शरीर के अन्य भागों जैसे बाल, मसूड़ा, नाखून,त्वचा एवं हड्डी के विकास के लिए भी आवश्यक है।
- विटामिन–A की कमी से आँखों में रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) एवं विज़न सम्बंधित समस्याएँ उत्पन हो जाती है।
विटामिन ए की कमी के लक्षण
- रतौंधी
- गर्भ धारण में परेशानी
- रूखी त्वचा
- गले में संक्रमण
- घाव भरने में अधिक समय
- मुँहासे
- मोतियाबिंद
- कमजोर हड्डियाँ
विटामिन A से भरपूर खाद्य पदार्थ (Rich food sources of vitamin A)– फल, माँस, अण्डा, लिवर, मछली का तेल, गाजर, हरी सब्जियां, पालक, मक्खन, दही, चीज एवं डेरी प्रोडक्ट
विटामिन–B (Vitamin-B)
- विटामिन–B का रासायनिक नाम थायमिन है।
- विटामिन–B शरीर की कोशिकाओं के संचालन के लिए आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त नयी रक्त कोशिकाओ के निर्माण में भी विटामिन–B महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- भोजन के पाचन के लिए विटामिन–B आवश्यक तत्त्व है जो की भोजन के पाचन के द्वारा शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।
- त्वचा की कोशिकाओं, स्नायुओ, बॉडी-सेल्स, मस्तिष्क की तंत्रिकाओं एवं शरीर के विभिन भागों के नियमित सञ्चालन के लिए विटामिन–B आवश्यक तत्त्व है।
- विटामिन–B की कमी से प्रायः बेरी बेरी नामक रोग हो जाता है।
- अभी तक विटामिन–B के विभिन रूपों की खोज जा चुकी है जिनमे विटामिन B12 प्रमुख प्रकार है।
विटामिन-बी की कमी के लक्षण
- बहुतंत्रिकाशोथ
- दु:श्वास तथा दुर्बलता
- बेरी बेरी
- धड़कन के दौरे
विटामिन-बी के सभी रूप को संयुक्त रूप से “विटामिन B काम्प्लेक्स” कहा जाता है। शरीर में विटामिन B काम्प्लेक्स की कमी होने पर निम्न स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन होती है- हाथ पैर अकड़ना, मांसपेशियों की कमजोरी, वजन में कमी, अनियमित महावारी, नींद की समस्या, नजर की कमजोरी एवं पाचन क्रिया में गड़बड़ी।
विटामिन B से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin B)– दूध, अंडे, माँस, हरी सब्जियां, ब्रोकली, अनाज, स्प्राउट, सूरजमुखी के बीज, आलू, मटर, दाल, संतरे, नारंगी, अंगूर, बिना पॉलिश किया चावल, बादाम, अखरोट, जिगर, ताजे सेम, पिस्ता, नारियल, बन्दगोभी एवं दाल
विटामिन–C (Vitamin-C)
- विटामिन–C का रासायनिक नाम एस्कॉर्बिक अम्ल है। इसकी खोज गायोर्जी द्वारा की गयी।
- विटामिन–C शरीर के विभिन भागों को बनाने में सहायता करने वाले एक प्रोटीन को बनाने के लिए आवश्यक तत्त्व है।
- शरीर की कोशिकाओ के सञ्चालन एवं पुनर्निर्माण के लिए विटामिन–C की उपस्थिति आवश्यक है। साथ ही शरीर में लौह खनिज के विनियमन में भी विटामिन–C महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- विटामिन–C की कमी से मसूड़ों की कमजोरी से सम्बंधित स्कर्वी रोग हो जाता है।
विटामिन सी की कमी के लक्षण
- त्वचा का रूखापन
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
- त्वचा (SKIN) पर रैशेज एवं खुजली की समस्या
- शरीर के वजन में कमी
- भूख कम लगना
- शरीर में खून की कमी, एनिमीया (anemia)की शिकायत
- हृदय, गुर्दे या शरीर के अन्य भागों में पथरी की समस्या
विटामिन–C से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin C)– सभी खट्टे फल विटामिन–C से भरपूर होते है जैसे नींबू, संतरा, स्ट्रॉबेरी, कीवी। साथ ही आँवला भी विटामिन–C का रिच सोर्स है।
विटामिन–D (Vitamin-D)
- विटामिन डी को कोलेकेल्सिफेरोल (Vitamin D3 or Cholecalciferol) या विटामिन डी3 के अतिरिक्त एर्गोकैल्सिफेरॉल (Vitamin D2 or Ergocalciferol) के नाम से भी जाना जाता है।
- विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम एवं फास्फोरस के विनियमन के लिए आवश्यक है जिसके माध्यम से शरीर में हड्डियों को मजबूती मिलती है।
- हड्डियों की मजबूती के अतिरिक्त विटामिन-D के माध्यम से दाँतो एवं शरीर के अन्य भागों को मजबूती भी मिलती है।
- विटामिन डी की कमी से बच्चों में प्रायः रिकेट्स रोग हो जाता है जिसके कारण हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है एवं सामान्य स्थिति में इनके टूटने का खतरा भी बना रहता है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- हड्डियों की कमजोरी
- शरीर के विभिन भागों हृदय, गुर्दे एवं अन्य भागों में पथरी की शिकायत
- रक्त में कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन
- ब्लड-प्रेशर की समस्या एवं उच्च-रक्तचाप
- हड्डियों का टेढ़ा-मेढ़ा होना एवं आसानी से चटक जाना
विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin D)– मछली, मछली का यकृत, अंडे का yoke (पीला भाग), मक्खन, रेड-मीट। इसके अतिरिक्त सूर्य प्रकाश भी विटामिन D का रिच-सोर्स है।
विटामिन–E (Vitamin-E)
- विटामिन–E का रासायनिक नाम टोकोफ़ेरल है।
- यह विटामिन लाल-रक्त कोशिकाओ के निर्माण एवं शरीर के विभिन अंगो एवं मांसपेशियों को सामान्य रूप में बनाये रखने में योगदान देता है।
- कोशिका सेल निर्माण एवं ऑक्सीजन के हानिकारक रूप से सुरक्षा हेतु विटामिन–E आवश्यक है।
- विटामिन-E की कमी से मायोपैथी एवं लिपिड पेरॉक्सीडेशन रोग एवं जनन क्षमता में कमी जैसी बीमारियाँ उत्पन होती है।
विटामिन ई की कमी के लक्षण
- मांसपेशियों की कमजोरी
- हृदय सम्बंधित समस्याएं
- शरीर के अंगों का सुन्न होना
- बाँझपन
- आंखों की कमजोरी
विटामिन E से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin E)- व्हीट जर्म ऑयल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, सूरजमुखी के बीज, वनस्पति तेल, नट्स एवं बादाम
विटामिन–K (Vitamin-K)
- विटामिन–E का रासायनिक नाम फाइलोक्विनोन या मेनक्विनोन है।
- यह शरीर में रक्त का थक्का बनाने के लिए आवश्यक विटामिन है जिसके माध्यम से चोट लगने के बाद ब्लड बहना बंद हो जाता है।
- रक्त में कैल्शियम के स्तर को संतुलित रखने में विटामिन–K की महत्वपूर्ण भूमिका है।
- हड्डियों एवं ऊतकों के निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीन के निर्माण में भी विटामिन–K आवश्यक तत्त्व है।
विटामिन के की कमी के लक्षण
- हड्डियों के घनत्व में कमी से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या
- ब्लड-क्लॉटिंग सम्बंधित समस्या
- दाँतो एवं मसूड़ों सम्बंधित दिक्कतें होना
विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थ (Food sources of vitamin K)– हरी-सब्जियाँ, पालक, सरसों, ब्रोकली, पत्तागोभी, मटर, बेर, सेम एवं फल
विटामिन की कमी से होने वाले रोग
यहाँ आपको विभिन विटामिन एवं इनकी कमी से कारण होने वाले रोगों की सूची प्रदान की गयी है :-
विटामिन का नाम | विटामिन की कमी से रोग /लक्षण |
विटामिन-ए | रतोंधी व जीरफ्थेल्मिया , त्वचा और झिल्लियों में परिवर्तन शारीरिक वृद्धि में कमी दांतों की समस्या |
विटामिन-बी1 | बेरी बेरी रोग भूख न लगना एवं वजन में कमी तंत्रिका तंत्र के विकास में कमी बदहजमी, पाचन शक्ति का कमजोर होना, जल्दी थकान लगना |
विटामिन-बी2 | दृष्टि का कमजोर एवं धुंधला होना वृद्धि में कमी जीभ पर छाले होना असमय बुढ़ापा |
विटामिन-बी3 | पाचन क्रिया सम्बंधित समस्या त्वचा पर फोड़े फुंसी मानसिक विकार उत्त्पन्न होना |
विटामिन-बी5 | पैरो में जलन एवं पेशियो में लकवे की समस्या |
विटामिन-बी6 | वजन में कमी, मस्तिष्क की कार्यक्षमता का प्रभावित होना |
विटामिन-बी7 | शरीर में दर्द रहना, बालों की वृद्धि में कमी एवं बाल झड़ने की समस्या |
विटामिन-बी12 | खून की कमी होना, अनीमिया |
विटामिन-सी | स्कर्वी, मसूड़े फूलना |
विटामिन-डी | सूखा रोग (रिकेट्स), दाँतो में सड़न, कमजोर दांत |
विटामिन-ई | जनन (reproduction) शक्ति में कमी |
विटामिन-के | रक्त का थक्का बनने सम्बंधित समस्याऍ, हीमोफीलिया |
फोलिक एसिड | अनीमिया एवं पेचिश रोग |
इस प्रकार से इस आर्टिकल के माध्यम से विभिन विटामिन के नाम, इनके रासायनिक एवं वैज्ञानिक नाम, इनके प्रकार्य एवं सम्बंधित विटामिन की कमी से होने वाले रोगों सम्बंधित जानकारी के अतिरिक्त विटामिन की कमी से बचने के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।
Vitamins in Hindi सम्बंधित प्रश्न (FAQs)
विटामिन क्या होते है ?
विटामिन वे कार्बनिक यौगिक होते है जो हमारे शरीर में पोषण की विभिन आवश्यकताओं को पूर्ण करते है।
विटामिन क्यों आवश्यक है ?
संतुलित आहार के सेवन से ही हम विभिन बीमारियों से बचाव कर सकते है। ऐसे में संतुलित आहार के आवश्यक तत्व के रूप में विटामिन का सेवन आवश्यक है। विभिन बीमारियों से बचाव के अतिरिक्त विटामिन शरीर में विभिन भागों की कोशिकाओं के निर्माण एवं इनके संरक्षण हेतु आवश्यक है।
विटामिन कितने प्रकार के होते है ?
विटामिन मुख्यत 2 प्रकार के होते है :- जल में घुलनशील विटामिन एवं वसा में घुलनशील विटामिन
विटामिन के प्रमुख कार्य क्या है ?
विटामिन के प्रमुख कार्य सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया लेख पढ़े। यहाँ आपको विटामिन के प्रमुख कार्य सम्बंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है।
विटामिन की कमी से होने वाले प्रमुख रोग कौन-कौन से है ?
अलग-अलग विटामिन की कमी से अलग-अलग रोग उत्पन होते है। ऐसे में आप विस्तृत जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक कर सकते है।
विटामिन प्रदान करने वाले प्रमुख खाद्य कौन-कौन से है ?
विटामिन प्रदान करने वाले प्रमुख खाद्य मांस, मछली, अंडा, दूध, हरी-सब्जियाँ, दाल, अनाज, डेरी-प्रोडक्ट एवं विभिन ड्राई-फ्रूट है।