आप सभी यह तो जानते ही है की हर किसी व्यक्ति को अपना जीवन व्यतीत करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उसको बहुत से कार्य करने पढ़ते है। लेकिन कुछ लोग किसी अन्य व्यक्ति की नौकरी करने से अच्छा पेशेवर कार्य करने में इच्छुक होते है। जिसके लिए वह कई प्रकार के कोर्स भी करते है। जैसे की – डॉक्टर, वकील, CA आदि। आप सभी यह भी जानते होंगे की कार्य करते समय लोगो के लिए यूनिफार्म पहनना काफी आवश्यक होता है। क्योंकि इससे ही उनकी पहचान होती है। जैसे की – डॉक्टर सफ़ेद कोट पहनते है। ऐसे ही वकील काला कोट पहनते है। लेकिन क्या आप सभी के मन में यह सवाल आया है की आखिर काला कोट ही क्यों पहनते हैं वकील। तो दोस्तों क्या आप इसके पीछे का कारण जानते है। अगर नहीं तो आप चिंता बिलकुल भी न करें।
क्योंकि अगर आप सभी के मन में भी यह प्रश्न है की काला कोट ही क्यों पहनते हैं वकील। है आज हम आप सभी को हमारे इस लेख के जरिये आपके इस सवाल का उत्तर बताने वाले है और उसके साथ साथ हम आप सभी को यहाँ पर उससे सम्बंधित कई अन्य जानकारी प्रदान करने वाले है जैसे की – काला कोट ही क्यों पहनते हैं वकील | वकीलों को कितने नामो से जाना जाता हैं ? आदि से जुडी कई अन्य जानकारी। तो दोस्तों क्या आप भी इन सभी जानकारी को प्राप्त करना चाहते है। अगर हाँ तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। क्योंकि इस लेख में ही हमने इससे सम्बन्धित जानकारी के बारे में बताया है। जिसको पढने से ही आप इसके बारे में जान सकेंगे। इसलिए दोस्तों कृपया करके हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े और इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करें।
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काला कोट ही क्यों पहनते हैं वकील | Vakeel kala coat kyon pehante hai
तो दोस्तों जैसा की आप ने देखा होगा की सर्दी हो या फिर गर्मी वकील हमेशा ही काला कोट पहने हुए ही दिखाई देते है। उसके साथ साथ वकील एक अनोखा कपडा भी पहनते है उसको गाउन भी कहा जाता है। जिसके पीछे कुछ कारण होते है। जिनके बारे में हम आप सभी को बताने वाले है।
सबसे पहले तो आप सभी को यह बतादे की इतिहास के मुताबिक़ विश्व में वकालत की शुरुआत सन 1327 में हुई थी। उस समय में वकीलों की अनोखी वेशभूसा होती थी। उस समय में सभी वकील लाल कपडे और भूरे रंग का गाउन पहनते थे। लेकिन उसके बाद सन 1600 के बाद सभी वकीलों की वेशभूसा में बदलाव आया। क्योंकि सन 1694 में चेचक यानि के smallpox बीमारी के कारण क्वीन मैरी की मृत्यु हो गयी थी। जिसके पश्चात किंग विल्लियम्सन ने क्वीन मैरी के मरने के दुःख में उन्होंने यह एलान किया की क्वीन मैरी के मृत्यु के पश्चात शोक मानाने के लिए यह आदेश दिया गया की सभी वकीलों को और न्यायधीश को काले रंग का कोट पहनना होगा।
लेकिन इस बारे में आप सभी को यह भी बतादे की वैसे तो वकीलों के काले कोट पहनने का प्रस्ताव पहले ही सन 1637 में रखा जा चूका था। जिसके पीछे का कारण यह था की वकीलों को आम लोगो से भिन्न दिखाना चाहिए। लेकिन माना यह भी जाता है की सं 1685 में किंग चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के पश्चात सभी वकीलों व न्यायधीशों को काला कोट पहनने का आदेश दिया गया। उसके साथ साथ सिर्फ काले रंग के कोट का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि काले रंग पर जल्दी से कोई भी गंदगी नहीं होती है। इसलिए इस रंग का चयन इसलिए ही किया गया ताकि वकील रोजाना इस काले रंग के कोट को पहन सकें।
इसके साथ साथ मानना यह भी है की काला रंग अंधत्व का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जब न्यायधीश किसी को न्याय देंगे तो वह उस मुजरिम को बिना किसी पक्षपात के न्याय देंगे। इसलिए भी काले रंग का चयन किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के जज की चयन प्रक्रिया
भारत में काले कोट के प्रचलन की शुरुआत कब हुई ?
जैसा की आप सभी जानते है की अंग्रेजों ने भारत पर बहुत सालों तक राज किया था। अंग्रेज वकील व न्यायधीश पहले से ही काले रंग के कपडे पहनते थे। लेकिन भारत में वकीलों को काले रंग का कोट पहनने की शुरुआत सं 1965 में हुई थी। जैसा की आप सभी जानते है की हर किसी के लिए अनुशाशन काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए इस काले रंग के कोट को वकीलों की यूनिफार्म के रूप में अपना लिया गया। तब ही से आज तक सभी वकील कोर्ट में काले रंग का कोट और गाउन पहनते है।
वकीलों को कितने नामो से जाना जाता हैं | Vakeelo ko kitne naam se jaana jaata hai ?
तो दोस्तों आप सभी को यह बतादे की वैसे तो वकीलों को मुख्य तौर पर वकील के नाम से ही जाना जाता है। लेकिन आप सभी को यह भी बतादे की वकीलों को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। जैसे की – प्लीडर,अधिवक्ता, अभिभाषक,एडवोकेट, एडवोकेट जनरल, अटॉर्नी जनरल, लॉयर, लोक अभियोजक, सालिसिटर। लेकिन इन सभी में से वकील शब्द एक उर्दू शब्द है। जिसकी शुरुआत मुग़लों के द्वारा शुरू की गयी थी। आप सभी यह भी जानते है की भारत पर अंग्रेजों से पूर्व मुग़लों ने भी राज किया था।
मुग़लों के समय में एक ख़ास शब्द का प्रयोग किया जाता था जो कुछ इस प्रकार है – ताज़िरात ए हिन्द। इसका उपयोग किसी को सजा सुनाते हुए किया जाता था। जैसे की – तुमको ताज़िरात ए हिन्द के तहत सजा सुनाई जाती है। लेकिन उसके बाद भारत में ब्रिटिशों का राज आज्ञा था। फिर ब्रिटिशों ने इसको भारतीय दंड सहित का नाम दे दिया गया था। लेकिन आज के समय में भारत में वकीलों को मुख्य तौर पर कुछ ही नामों से जाना जाता है जो कुछ इस प्रकार है – अधिवक्ता,अभिभाषक और एडवोकेट। लेकिन आप सभी को यह भी बतादे की वकीलों के कार्य के अनुसार उनको अलग अलग पदों में भी विभाजित किया गया है। कई बार उनको उनके पदों से पुकारा जाता है।
वकीलों को इन नामों से जाना जाता है :-
जैसा की हमने आप सभी को बताया है की वकीलों को कई नामों से जाना जाता है। जो कुछ इस प्रकार है –
लॉयर, एडवोकेट, महाधिवक्ता, प्लीडर, लोक अभियोजक, बैरिस्टर, सॉलिसिटर जनरल आइये इनके बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करते है।
लॉयर किसे कहते है ?
सबसे पहले तो यह बतादे की लॉयर एक अंग्रेजी शब्द है। लॉयर उसे कहा जाता है जब की व्यक्ति लॉ की डिग्री प्राप्त कर लेता है। उसी को लॉयर कहा जाता है। लॉयर को कानून का काफी ज्ञान होता है इसलिए यह कानूनी मामलों पर सलाह व सहायता करने का कार्य करता है।
एडवोकेट किसे कहते है ?
आप सभी को यह जानकारी प्रदान करदे की जब कोई लॉयर BCI यानि के बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा पास कर लेता है। फिर वह लॉयर किसी भी कोर्ट में पैरवी करने के लायक हो जाता है। तब जाकर कोई लॉयर एडवोकेट बनता है।
महाधिवक्ता किसे कहते है ?
आप सभी को यह बतादे की महाधिवक्ता उस व्यक्ति को कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति के पास लॉ की डिग्री हो और वह एडवोकेट बनने के भी सक्षम हो और वह व्यक्ति राज्य सरकार की ओर से उनका पक्ष लेकर कोई भी केस लड़ता है तो ऐसे में उस व्यक्ति को महाधिवक्ता के नाम से जाना जाता है।
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प्लीडर किसे कहते है ?
आप सभी को यह बतादे की प्लीडर उस व्यक्ति को कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति के पास लॉ की डिग्री हो और वह एडवोकेट बनने के भी सक्षम हो और वह व्यक्ति किसी प्राइवेट पक्ष लेकर कोई भी केस लड़ता है तो ऐसे में उस व्यक्ति को प्लीडर के नाम से जाना जाता है।
लोक अभियोजक किसे कहते है ?
आप सभी को यह बतादे की लोक अभियोजक उस व्यक्ति को कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति के पास लॉ की डिग्री हो और वह एडवोकेट बनने के भी सक्षम हो और वह व्यक्ति किसी कोर्ट में राज्य सरकार की विपक्षी और से यानि के विक्टिम की ओर से केस लड़ता है तो उस व्यक्ति को लोक अभियोजक कहा जाता है। आपको यह बतादे की लोक अभियोजक को पब्लिक प्रोसिक्यूटर के नाम से भी जाना जाता है।
बैरिस्टर किसे कहते है ?
बैरिस्टर उस व्यक्ति को कहा जाता है जब कोई व्यक्ति इंग्लैंड से लॉ की डिग्री प्राप्त करता है। उसी व्यक्ति को बैरिस्टर कहा जाता है।
सॉलिसिटर जनरल किसे कहते है ?
आप सभी को यह बतादे की जब कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च कानूनी अधिकारी यानि के महान्यायवादी” (Attorney General) की कार्य में सहायता करता है। यानि के वह व्यक्ति महान्यायवादी” (Attorney General) का सहायक के रूप में कार्य करता है उसी को सॉलिसिटर जनरल के नाम से जाना जाता है।
कुछ सम्बंधित प्रश्न व उनके उत्तर
अंग्रेज वकील व न्यायधीश पहले से ही काले रंग के कपडे पहनते थे। लेकिन भारत में वकीलों को काले रंग का कोट पहनने की शुरुआत सं 1965 में हुई थी।
आप सभी को यह बतादे की महाधिवक्ता उस व्यक्ति को कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति के पास लॉ की डिग्री हो और वह एडवोकेट बनने के भी सक्षम हो और वह व्यक्ति राज्य सरकार की ओर से उनका पक्ष लेकर कोई भी केस लड़ता है तो ऐसे में उस व्यक्ति को महाधिवक्ता के नाम से जाना जाता है।
बैरिस्टर उस व्यक्ति को कहा जाता है जब कोई व्यक्ति इंग्लैंड से लॉ की डिग्री प्राप्त करता है। उसी व्यक्ति को बैरिस्टर कहा जाता है।
BCI की फुल फॉर्म बार काउंसिल ऑफ इंडिया होती है।