आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको UNESCO द्वारा शामिल की गयी भारत के सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची (UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi 2023) के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है जिससे की आप भारत के सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी, ऐतिहासिक तथ्य एवं इनकी विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही विभिन प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए भी यह आर्टिकल समान रूप से उपयोगी होगा।
दुनिया भर में मानवीय धरोहरों को अमूर्त रूप प्रदान करने एवं इन्हे सुरक्षित, संरक्षित रखने एवं विश्व पटल पर विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए यूनेस्को द्वारा हर वर्ष दुनिया में विभिन अमूल्य मानवीय धरोहरों को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाता है। समय-समय पर UNESCO द्वारा भारत की विभिन सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक एवं शैक्षिक धरोहरों को इस लिस्ट में शामिल करके भारत की संस्कृति को विशिष्ट पहचान प्रदान की जाती है। भारत के विश्व धरोहर स्थल हमारे देश की विविधता से भरी संस्कृति को विश्व के समक्ष प्रदर्शित करते है ऐसे में हमे देश की सभी विश्व धरोहर स्थलों की सूची के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।
भारत के सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
यूनेस्को द्वारा दुनिया भर की अमूल्य मानवीय धरोहरों को अमूर्त रूप प्रदान करने के लिए इन्हे समय-समय पर यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में शामिल विश्व धरोहर स्थलों का प्रशासन एवं संरक्षण का कार्य यूनेस्को (UNESCO) द्वारा सम्पन किया जाता है। यूनेस्को में शामिल विश्व धरोहर स्थलों को दुनिया के मानचित्र पर विशेष स्थान देने का कार्य भी यूनेस्को (UNESCO) द्वारा सम्पन किया जाता है साथ ही सम्बंधित स्थल को वित्तीय एवं पर्यटन की दृष्टि से भी लाभ होता है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के संरक्षण का कार्य भी यूनेस्को द्वारा संचालित किया जाता है। यहाँ आपको वर्त्तमान समय तक भारत के सभी 40 यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर स्थल (UNESCO world heritage sites in india 2023 in hindi) का वर्णन दिया गया है :-
1. अजंता की गुफाएं (Ajanta Caves)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– अजंता की गुफाएं
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1983
- सम्बंधित राज्य – महाराष्ट्र
विशेष– यूनेस्को (UNESCO) धरोहर में शामिल अजंता की गुफाएं भारत में वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल प्राथमिक धरोहरों में शामिल है। बौद्ध धर्म से सम्बंधित अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है जहाँ बौद्ध धर्म से सम्बंधित कुल 30 गुफाएँ है। इनका निर्माण 2 ई. पू. से 6वीं शताब्दी तक का है।
2. एलोरा की गुफाएं (Ellora Caves)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– एलोरा की गुफाएं
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1983
- सम्बंधित राज्य – महाराष्ट्र
विशेष– बौद्ध, जैन एवं हिन्दू धर्म को समर्पित एलोरा की गुफाएं भी महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है जहाँ बौद्धों से सम्बंधित 12, जैन धर्म से सम्बंधित 5 एवं हिन्दू धर्म से सम्बंधित 17 यानी की कुल 34 गुफाओं का संग्रह है। इनका निर्माण 6वी से 10वीं शताब्दी में कालाचुरी वंश एवं कुछ गुफाओं का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के दौरान हुआ। यहाँ कैलाश मंदिर प्रसिद्ध है।
3. आगरा का किला (Agra Fort)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– आगरा का किला
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1983
- सम्बंधित राज्य – उत्तर प्रदेश
विशेष– मुग़ल काल के उत्कृष्ट स्थापत्य कला में शामिल आगरा के लाल-किले का निर्माण वर्ष 1565 में महान मुग़ल सम्राट अकबर ने करवाया था। इसमें बाद में संगमरमर का कार्य मुग़ल वंश के बादशाह शाहजहाँ के द्वारा किया गया था।
4. ताजमहल (Taj-mahal)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– ताज-महल (Taj-mahal)
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1983
- सम्बंधित राज्य – उत्तर प्रदेश
विशेष– दुनिया भर में प्यार के प्रतीक के रूप में पहचाने जाने वाले ताजमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की स्मृति में करवाया गया था। दुनिया की सबसे खूबसूरत स्थापत्य कला में शामिल ताजमहल मुग़ल शैली का अनमोल हीरा है।
5. कोणार्क का सूर्य मंदिर (Konark Sun temple)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– कोणार्क का सूर्य मंदिर
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1984
- सम्बंधित राज्य – ओड़िशा
विशेष– गंग वंश के राजा नरसिंहदेव प्रथम द्वारा ओडिशा के कोणार्क नामक स्थान पर वर्ष 1250 ई. में ‘कोणार्क का सूर्य मंदिर’ का निर्माण कराया गया था। भारत के सबसे प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में शुमार कोणार्क सूर्य मंदिर को ब्लैक पैगोड़ा के नाम से भी जाना जाता है।
6. महाबलीपुरम के स्मारक (Mahabalipuram monuments)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– महाबलीपुरम के स्मारक
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1984
- सम्बंधित राज्य – तमिलनाडु
विशेष– भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में स्थित महाबलीपुरम या मामल्लाम्पुरम स्थापत्य कला में अपने अद्वितीय महाबलीपुरम के स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ 7वीं सदी से 10वीं सदी में पल्लव वंश द्वारा निर्मित कई मंदिर, गुफाएँ एवं स्मारक स्थित है।
7. मानस राष्ट्रीय उद्यान (Manas national park)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– मानस राष्ट्रीय उद्यान
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1985
- सम्बंधित राज्य – असम
विशेष– 950 हेक्टेयर में विस्तृत मानस वन्यजीव अभ्यारण्य हिमालय की तलहटी में स्थित असम की खूबसूरत वादियों में स्थित है। बाघ एवं हाथियों के लिए आरक्षित क्षेत्र के अतिरिक्त यहाँ आपको विभिन प्रजाति के जीव-जंतु एवं वनस्पतियों के दर्शन भी होते है।
8. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1985
- सम्बंधित राज्य – असम
विशेष– एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 1,090 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थित है। भारतीय गैंडा या जिसे एक सींग वाला गैंडा भी कहा जाता है भारत में मुख्यता काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ही पाया जाता है। साथ ही यहाँ अन्य दुर्लभ जीवों को भी संरक्षित किया गया है।
9. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1985
- सम्बंधित राज्य – राजस्थान
विशेष– राजस्थान में स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान जिसे स्थानीय तौर पर घाना के नाम से जाना जाता है विख्यात पक्षी अभ्यारण है जहाँ हजारों प्रजाति के दुर्लभ एवं विलुप्त पक्षी देखने को मिलते है। इस पार्क का मुख्य आकर्षण यहाँ 4000 हजार किमी दूरी तय करके आने वाले प्रवासी पक्षी है जिनमे सारस प्रमुख है। इसी कारण से इस पक्षी अभयारण्य को पक्षियों की स्वर्गभूमि (Bird paradise) के नाम से भी जाना जाता है।
10. फतेहपुर सीकरी (Fatehpur Sikri)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– फतेहपुर सीकरी
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1986
- सम्बंधित राज्य -उत्तर प्रदेश
विशेष– मुग़ल सम्राट अकबर द्वारा 15वीं सदी में बसाया गया फतेहपुर सीकरी का स्थापना वर्ष 1571 है । उत्तर-प्रदेश में स्थित फतेहपुर सीकरी 1571 से 1585 तक मुग़ल साम्राज्य की राजधानी भी रही है। यहाँ की मस्जिद की तुलना मक्का की मस्जिद से की जाती है साथ ही बुलंद दरवाजा एवं अन्य महत्वपूर्ण स्मारक यहाँ के दर्शनीय स्थल है।
11. गोवा के चर्च (Churches and Convents of Goa)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– गोवा के चर्च
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1986
- सम्बंधित राज्य -गोवा
विशेष– अपने खूबसूरत बीचों (Beaches) एवं समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध गोवा में पाश्चात्य संस्कृति का गहरा प्रभाव रहा है खासकर पुर्तगाली संस्कृति का, यही कारण है की यहाँ आपको पुर्तगाली शासन के दौरान के निर्मित गोथिक शैली के विभिन चर्च देखने को मिलते है। गोवा के विभिन चर्च को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
12. हम्पी के स्मारक (Hampi monuments)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– हम्पी के स्मारक
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1986
- सम्बंधित राज्य – कर्नाटक
विशेष– दक्षिण भारत के सबसे समृद्ध राज्य विजयनगर की राजधानी रहा हम्पी भारतीय वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। विरुपाक्ष मंदिर एवं हजारा राम मंदिर जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के कारण हम्पी के स्मारक विश्व प्रसिद्ध है। हजारा राम मंदिर के खम्बों से मधुर ध्वनि भी निकलती है जो की वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्य है।
13. खजुराहो के मंदिर (Khajuraho Temple)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– खजुराहो के मंदिर
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1986
- सम्बंधित राज्य – मध्य प्रदेश
विशेष– मध्यप्रदेश में स्थित खजुराहो के मंदिर भारत के सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर समूहों में शामिल है जहाँ आपको भारतीय वास्तुकला का अदभुत समन्वय देखने को मिलता है। 900 ईस्वी से 1130 ईस्वी में चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित खजुराहो मंदिरों में कन्दरिया महादेव मंदिर एवं चौसठ योगिनी मंदिर प्रसिद्ध है।
14. एलीफेंटा की गुफाएं (Elephanta caves)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– एलीफेंटा की गुफाएं
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1987
- सम्बंधित राज्य – महाराष्ट्र
विशेष– महाराष्ट्र राज्य में स्थित एलीफेंटा की गुफाएं अपने भव्यात्मक कलाकृतियों एवं अनोखी वास्तुकला के कारण प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान शिव के विभिन रूपों के साथ महेश गुफा भी स्थित है जो की हर वर्ष लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती है।
15. महान चोल मंदिर (Chola Temple)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– महान चोल मंदिर
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1987/2004
- सम्बंधित राज्य – तमिलनाडु
विशेष– पूरे दक्षिण में फैले हुए चोल साम्राज्य की सीमाएँ जम्बूद्वीप के बाहर फैलाने वाले महान चोल राजाओं ने 3 वृहद् मंदिरों का निर्माण करवाया था जिनका विवरण इस प्रकार से है :-
- तंजौर का बृहदेश्वर मंदिर,
- दारासुरम का एरावतेश्वर मंदिर
- गंगैकोण्डचोलीश्वरम का बृहदेश्वर मंदिर
16. पट्टाकल के स्मारक (Pattadakal monuments)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– पट्टाकल के स्मारक
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1987
- सम्बंधित राज्य – कर्नाटक
विशेष– 7वीं – 8वीं सदी में निर्मित पट्टाकल के स्मारकों का निर्माण चालुक्य वंश के शासकों द्वारा किया गया है जहाँ उत्तर भारत, मध्य-भारत एवं दक्षिण भारत के मंदिर समूहों की शैली का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है।
17. सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान (Sundarban national park)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1987
- सम्बंधित राज्य – पश्चिम बंगाल
विशेष– बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान बंगाल की खाड़ी में स्थित सुन्दरवन के डेल्टा में स्थित बायोस्फीयर रिजर्व और बाघ अभयारण्य है। मैंग्रोव वनों के लिए प्रसिद्ध सुंदरवन को अपना नाम यहाँ पाए जाने वाले सुंदरी वृक्षों के कारण मिला है।
18. नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Nanda devi and valley of flower)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1988/2005
- सम्बंधित राज्य – उत्तराखंड
विशेष– देवभूमि उत्तराखंड में स्थित नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान कस्तूरी मृगों के लिए प्रसिद्ध है। चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी में जुलाई से सितम्बर माह में हजारो किस्म की प्रजाति के पुष्प खिलते है।
19. सांची का स्तूप (Sanchi Stupa)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– सांची का स्तूप
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1989
- सम्बंधित राज्य – मध्यप्रदेश
विशेष– भारत के महान सम्राट अशोक द्वारा निर्मित सांची का स्तूप बौद्ध धर्म की वास्तुकला का अनोखा नमूना है जहाँ भगवान बुद्ध के शरीर के कुछ अवशेषो को सुरक्षित रखा गया है। इसे वृहद् आकार देने का श्रेय पुष्यमित्र शुंग को दिया जाता है।
20. कुतुबमीनार (Qutub minar)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– कुतुबमीनार
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1993
- सम्बंधित राज्य – दिल्ली
विशेष– दिल्ली के लैंडमार्क के रूप में जाना जाने वाले कुतुबमीनार का निर्माण वर्ष 1192 में गुलाम वंश के शासक कुतुबदीन ऐबक के द्वारा शुरू किया गया था जिसे विभिन कालखंडो में सल्तनत काल के विभिन सुल्तानों के द्वारा वृहद् किया जाता रहा।
21. हुमायूं का मक़बरा (Humayun Tomb)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम–हुमायूं का मक़बरा
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1993
- सम्बंधित राज्य – दिल्ली
विशेष– लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित हुमायूं का मक़बरा मुग़ल वास्तुकला का उत्तम उदाहरण है जिसका निर्माण मुग़ल बादशाह हुमायूं मृत्यु के पश्चात उनकी विधवा हमीदा बानो बेगम द्वारा करवाया गया था। 1572 में बने इस मकबरे में हुमायूँ के अतिरिक्त अन्य राजसी लोगों की कब्र भी मौजूद है।
22. भारत के पर्वतीय रेलवे (दार्जिलिंग/नीलगिरी/शिमला) (Mountain Railway of India)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– भारत के पर्वतीय रेलवे
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 1999/2005/2008
- सम्बंधित राज्य – पश्चिम बंगाल/तमिलनाडु/हिमाचल प्रदेश
विशेष– पर्वतीय भागो में स्थित रेल अपनी अनोखी विशेषताओं के कारण प्रायः toy train के नाम से जानी जाती है। यही कारण है की यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में निम्न भारतीय पर्वतीय रेलवे को शामिल किया गया है :-
- दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)- 1999
- नीलगिरी (तमिलनाडु)- 2005
- शिमला (हिमाचल प्रदेश)- 2008
23. बोधगया का महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– महाबोधि मंदिर
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2002
- सम्बंधित राज्य – बिहार
विशेष– बौद्ध धर्म की आस्था के प्रमुख केंद्र के रूप में प्रचलित बोधगया का महाबोधि मंदिर बिहार राज्य में स्थित है। यही वह स्थान है जहाँ बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध को 6 वर्षो की कड़ी तपस्या के बाद बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था जहाँ वर्त्तमान में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है।
24. भीमबेटका गुफ़ाएं (Bhimbetka Caves)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– भीमबेटका गुफ़ाएं
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2003
- सम्बंधित राज्य – मध्यप्रदेश
विशेष– मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका गुफ़ाएं भारतीय उपमहाद्वीप में मानवों के निवास सम्बंधित प्राथमिक चिन्ह है। पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल की मानी जाने वाली भीमबेटका गुफ़ाएं आदिमानवों का निवास रही है जो उनके द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों हेतु प्रसिद्ध है।
25. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2004
- सम्बंधित राज्य – महाराष्ट्र
विशेष– पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से विख्यात छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस या CSMT मुंबई का ऐतिहासिक टर्मिनस है जिसे की देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई का सबसे व्यस्ततम रेलवे टर्मिनस माना जाता है।
26. चंपानेर – पावागढ़ पार्क (Champaner & Pavagadh Archaeological Park)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– चंपानेर – पावागढ़ पार्क
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2004
- सम्बंधित राज्य – गुजरात
विशेष– चौहान राजपूतों द्वारा 15वीं सदी में निर्मित पावागढ़ किला चंपानेर में स्थित पुरातत्व उद्यान है। यह गुजरात राज्य के पंचमहल जिले में स्थित है जहाँ आपको पुरातात्विक महत्व की कई इमारतें देखने को मिलती है जिनमे प्राचीन मंदिर, मस्जिद, किले, स्मारक, बाबड़ियाँ एवं अन्य ऐतिहासिक धरोहरें शामिल है।
27. लाल किला (Red-Fort)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– लाल किला
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2007
- सम्बंधित राज्य – नयी दिल्ली
विशेष– लाल बलुआ पत्थरों निर्मित होने के कारण लाल रंग ग्रहण किये होने के फलस्वरूप लालकिले को यह नाम मिला है। मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा निर्मित लाल किला मुग़ल साम्राज्य की राजनैतिक एवं प्रशासनिक राजधानी रहा है साथ ही यह किला आजादी की लड़ाई में 1857 की क्रांति का प्रमुख केंद्र रहा है।
28. जंतर – मंतर (Jantar-Mantar)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– जंतर – मंतर
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2010
- सम्बंधित राज्य – राजस्थान
विशेष– जयपुर के संस्थापक एवं राजा माधोसिंह द्वितीय द्वारा पूरे देश में कुल 5 स्थानों पर जंतर – मंतर का निर्माण करवाया गया था जिनका मुख्य कार्य खगोल सम्बंधित ज्ञान प्राप्त करना था। इनमे जयपुर में स्थित जंतर – मंतर सर्वाधिक प्रसिद्ध जंतर-मंतर है।
29. पश्चिमी घाट (Western ghat)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– पश्चिमी घाट
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2012
- सम्बंधित राज्य – गुजरात,महाराष्ट्र, कर्नाटक,तमिलनाडु,केरल
विशेष– गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल यानी कुल 5 राज्यों में फैले पश्चिमी घाट को इसके पर्यावरणीय महत्व के कारण यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल किया गया है। पश्चिमी घाट दुनिया के सबसे अधिक जैवविविधता वाले प्रदेशों में शामिल है।
30. राजस्थान के पहाड़ी किले (Hill Forts of Rajasthan)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– राजस्थान के पहाड़ी किले
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2013
- सम्बंधित राज्य – राजस्थान
विशेष– अपने राजसी किलों एवं राजपूत स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के पहाड़ी किलों को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है जिनमे कुल 6 किले इस लिस्ट में शामिल है :-
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग, चित्तौड़गढ़
- रणथंबोर दुर्ग, सवाई माधोपुर
- जैसलमेर दुर्ग, जैसलमेर
- कुम्भलगढ़ दुर्ग, कुम्भलगढ़
- आमेर दुर्ग, जयपुर
- गागरोन दुर्ग, झालावाड़
31. रानी की वाव (Rani ki vav)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– रानी की वाव
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2014
- सम्बंधित राज्य – गुजरात
विशेष– रानी की बावड़ी के नाम से प्रसिद्ध रानी की वाव गुजरात के पाटन जिले में स्थित सीढ़ीदार कुऑं है जिसे की सन् 1063 में रानी उदयामती द्वारा अपने पति सोलंकी शासक भीमदेव प्रथम की स्मृति में बनवाया गया था। अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध यह स्थल भारत के 100 रुपए के नोट पर भी स्थान प्राप्त कर चुका है।
32. ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान (Great himalayan national park)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2014
- सम्बंधित राज्य -हिमाचल प्रदेश
विशेष– हिमालयन श्रृंखलाओं में स्थित ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव-विविधता एवं वानस्पतिक विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध है जहाँ हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले प्रमुख जीवों एवं औषधियों को संरक्षित किया गया है।
33. नालंदा महाविहार (Nalanda Mahavihara)
यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– नालंदा महाविहार
यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2016
सम्बंधित राज्य – बिहार
विशेष– प्राचीन काल में बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहे नालंदा महाविहार या नालंदा विश्वविद्यालय भारत ही नहीं अपितु दुनिया के पहले विश्वविद्यालयों में शामिल किया जाता है जहाँ प्राचीन चीनी यात्री ह्वेनसाँग भी बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण करने आया था।
34. कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kanchenjunga National Park)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2016
- सम्बंधित राज्य – सिक्किम
विशेष– 1784 वर्ग किलोमीटर में फैला कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तरी-पूर्वी भाग में स्थित सिक्किम राज्य में स्थित है जहाँ कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभ्यारण स्थित है। यहाँ भारत की सबसे ऊँची पर्वत छोटी कंचनजुंगा स्थित है।
35. ली कार्बुसियर के स्थापत्य कार्य (le corbusier structures)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– ली कार्बुसियर के स्थापत्य कार्य
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2016
- सम्बंधित राज्य – चंडीगढ़
विशेष– भारत के प्रथम आधुनिक शहर चंडीगढ़ के निर्माता ली कार्बुसियर एक फ्रेंच आर्किटेक्चर थे जिन्होंने भारत के चंडीगढ़ राज्य को डिजाईन किया था। आधुनिक चंडीगढ़ में उनके द्वारा निर्मित स्थापत्य कला को विभिन स्थापत्यविदों के द्वारा सराहा गया है।
36. अहमदाबाद (Ahamadabad)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– अहमदाबाद
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2017
- सम्बंधित राज्य – गुजरात
विशेष– भारत के मेनचेस्टर के रूप में प्रसिद्ध अहमदाबाद प्राचीन समय से ही गुजरात की राजनैतिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत का केंद्र रहा है। गुजरात के वाणिज्य में अहमदाबाद की प्रमुख भूमिका रही है यही कारण है की यह गुजरात का ह्रदय स्थल भी कहा जाता है।
37. विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको (The Victorian and Art Deco Ensemble)
यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको
यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2018
सम्बंधित राज्य – महाराष्ट्र
विशेष– देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में पश्चिमी सभ्यता का गहरा प्रभाव यहाँ के वास्तुकला में प्रदर्शित होता है जिसका सबसे बेहतर उदाहरण मुंबई का विक्टोरियन और आर्ट डेको एनसेंबल है। यहाँ विक्टोरियन नियो गोथिक सार्वजनिक भवनों एवं 20वीं सदी में निर्मित आर्ट डेको भवनों का अनूठा संग्रह देखने को मिलता है।
38. जयपुर (Jaipur)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– जयपुर
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2019
- सम्बंधित राज्य – राजस्थान
विशेष– यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल में शामिल जयपुर भारत का एकमात्र राजधानी नगर है जिसे की इस लिस्ट में शामिल किया गया है। भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के निर्माणकर्ता राजा जयसिंह द्वितीय को माना जाता है। यहाँ पुराने घरो में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों के कारण यह पूरा शहर गुलाबी दिखाई पड़ता है जिसके कारण इस शहर को पिंक सिटी या भारत का गुलाबी शहर कहा जाता है। इसके अतिरिक्त यहाँ राजपूत राजाओ की शौर्यगाथा को प्रदर्शित करते अनेक स्मारक भी मौजूद है।
39. काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर (kakatiya rudreshwara (ramappa) temple)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2021
- सम्बंधित राज्य – तेलंगाना
विशेष– दक्षिण भारत स्थित तेलंगाना राज्य में स्थित काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर या जिसे रामप्पा मंदिर भी कहा जाता है हिन्दू धर्म का प्रसिद्ध मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 13वीं सदी में काकतीय साम्राज्य के शासक गणपति देव के वीर सेनापति रेचारला रुद्रदेव के द्वारा करवाया गया था जो की अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
40. धौलावीरा (Dholavira)
- यूनेस्को (UNESCO) धरोहर स्थल का नाम– धौलावीरा
- यूनेस्को (UNESCO) में शामिल (वर्ष )– 2021
- सम्बंधित राज्य – गुजरात
विशेष– गुजरात राज्य में स्थित धौलावीरा प्राचीन भारत की सबसे पहली संस्कृति हड़प्पा सभ्यता से सम्बंधित पुरातात्विक स्थल है जो की अपने प्राचीन अवशेषो के कारण प्रसिद्ध है। वास्तव में धौलावीरा हड़प्पा सभ्यता के 6 प्रमुख नगरो में शुमार है जहाँ आजादी के पश्चात भारत के सबसे अधिक हड़प्पा नगर खोजे गए है।
इस प्रकार से इस आर्टिकल की सहायता से आपको भारत के सभी 40 विश्व धरोहर स्थलों की सूची प्रदान की गयी है। यूनेस्को के द्वारा प्रति वर्ष इस सूची को अपडेट किया जाता है जिसमे की हर वर्ष नवीन धरोहर स्थलों को शामिल किया जाता है। इस लिस्ट में शामिल वैश्विक धरोहरों को मानवीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर माना जाता है एवं यूनेस्को द्वारा इनका संरक्षण किया जाता है।
भारत के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची सम्बंधित प्रश्न (FAQ)
विश्व धरोहर स्थल पूरी दुनिया में स्थित उन स्थलों को कहा जाता है जो की मानवीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर होती है। इसमें किसी स्थल या स्मारक के अतिरिक्त अमूर्त तत्वों जैसे की किसी समाज की विशिष्ट संस्कृति को भी शामिल किया जाता है। किसी भी स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने का अधिकार यूनेस्को (UNESCO) को होता है।
यूनेस्को (UNESCO) की फुल-फॉर्म The United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization (यूनाइटेड नेशन एजुकेशन, साइंटिफिक एंड कल्चरल ओर्गनइजेशन) है जिसे की हिंदी में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन कहा जाता है। इसकी स्थापना 16 नवम्बर 1945 को हुयी थी जिसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है।
यदि यूनेस्को (UNESCO) द्वारा किसी स्थल को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया जाता है तो इस स्थिति में उस स्थल के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रशासन का दायित्व यूनेस्को द्वारा पूर्ण किया जाता है। साथ ही विश्व धरोहर स्थल को मानचित्र पर विशेष स्थान मिलने से पर्यटन में बढ़ोतरी होती है जिससे आर्थिक लाभ होता है। यूनेस्को द्वारा सम्बंधित स्थल को वित्तीय सहायता एवं अन्य असिस्टेंस भी प्रदान की जाती है जिससे की सम्बंधित स्थल का बेहतर संवर्धन हो पाता है।
वर्तमान में भारत में कुल 40 स्थलों को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है जिसकी लिस्ट आप ऊपर दिए गए आर्टिकल के माध्यम से प्राप्त कर सकते है।
यूनेस्को द्वारा सर्वप्रथम वर्ष 1983 में भारत के 4 स्थलों को सर्वप्रथम विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है जिनमे अजंता गुफाएँ, एलौरा गुफाएँ, आगरा का किला एवं ताजमहल शामिल है।
भारत के सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। इसकी सहायता से आप भारत के सभी 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की लिस्ट देख सकते है।
भारत में एक सींग वाला गैंडे के लिए असम में स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध है जिसे की वर्ष 1985 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1985 में विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। यह राजस्थान राज्य में है।
विश्व धरोहर स्थल में शामिल गुजरात का शहर अहमदाबाद भारत का मैनचेस्टर कहलाता है जिसे की वर्ष 2017 में विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
उत्तराखंड में यूनेस्को में शामिल 2 विश्व धरोहर स्थल शामिल है जिनमे वर्ष 1988 में शामिल नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान एवं वर्ष 2005 में शामिल फूलों की घाटी है।
भारत में 100 रुपए के नोट पर गुजरात में स्थित रानी की वाव (Rani ki vav) अंकित है जिसे की वर्ष 2014 में विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।
विश्व धरोहर स्थल में भारत की 3 पर्वतीय रेलवे को शामिल किया गया है जिनमे दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) वर्ष 1999 में
नीलगिरी (तमिलनाडु) वर्ष 2005 एवं शिमला (हिमाचल प्रदेश) को वर्ष 2008 में शामिल किया गया है।
ब्लैक पैगोडा के नाम कोणार्क का सूर्य मंदिर को जाना जाता है जिसे की वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल में शामिल गया है।