Thyroid treatment – वर्तमान समय में किसी भी उम्र के व्यक्ति चाहे वो बूढ़ा आदमी हो या कोई बच्चा किसी को कोई भी बीमारी हो जाती है। और इस का कारण हमारी दिनचर्या हमारा खान-पान, रहन-सहन, आदि हैं। आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में समय की कमी होने के कारण हम खुद पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिसके चलते हमको पता तक नहीं चलता की हमको कौन-कौन सी दिक्क़तें होने लगी हैं। जब हमको किसी रोग/बीमारी से हद से ज्यादा परेशानी होने लगती है। तब हम इस पर ध्यान देने लगते हैं। ऐसी ही एक बीमारी है। थायराइड (Thyroid) 2 प्रकार का होता है। एक में आप बहुत पतले होने लगते हैं और दूसरे में आप इसके ठीक उल्टा बहुत मोटा होने लगते हो। आज आपको थायराइड से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय बताएँगे।
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थायराइड से निजात पाने के लिए अपनायें आयुर्वेदिक उपाय
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थायराइड से छुटकारा पाने के लिए अदरक, बाकोपा, अश्वगंधा, मुलेठी, काले अखरोट, इचिन्सिया, (Echinacea)निंबी बाम, ब्लैडररैक, गेहूँ का ज्वारा एलोवेरा, आंवले के जूस आदि का सेवन थायरॉइड ग्रस्त रोगियों करना चाहिए।
मुलेठी का उपयोग (Uses of licorice)
- मुलेठी में ट्राइटरपेनॉइड ग्लाइसीरैथिनिक एसिड (triterpenoid glycyrrhetinic acid) बहुत ज्यादा होता है जो की कैंसर सेल्स को को बढ़ने से कम करता है। मुलेठी थायराइड और अन्य ग्रंथियों में संतुलन पैदा करता है। और रोगी की ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में सहायता करता है।
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अश्वगंधा का उपयोग (Uses of Ashwagandha)
- अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंटस होते हैं। जो की थायराइड ग्रंथि पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इसके सूजनरोधी गुण तनाव कम करने का काम करता है। इसकी पत्तियों को उबालकर पिया जा सकता है और यह कैंसर के खतरे को भी काम करने में कारगर है।
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अलसी के बीज का उपयोग (Uses of Flax Seed)
- हाइपोथायरायडिज्म के मरीज़ों के लिए ये अलसी के बीज बहुत लाभदायक होते हैं। अलसी के बीज कई गुणों से भरपूर होते हैं। थायराइड को दूर करने की लिए ये बहुत ही उपयोगी होता है। अलसी ओमेगा3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होता है। ओमेगा3 फैटी एसिड थायरॉइड ग्रंथि/गाँठ को सही ढंग से काम करने में सहायता करती है।
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एलोवेरा और आंवले का जूस (AloVera and Gooseberry Juice)
- थायराइड ग्रसित रोगियों को आंवले और एलोवेरा जूस का सेवन करना चाहिए। आप इसका सेवन प्रातःकाल खाली पेट भी ले सकते हैं। ये दोनों जूस थाईरॉइड में लाभदायक होते हैं। आँवला और एलोवेरा सेहत के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। इसका सेवन आप ऐसे ही कर सकते हैं।
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दूध और दही का सेवन (Milk and Curd)
- थायराइड से ग्रसित लोगों को दूध और दही का अच्छी मात्रा में सेवन करना चाहिए। क्योंकि दूध और दही कैल्शियम, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं जो की थायरॉइड को दूर करने में सहायक होता है।
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बाजरे और ज्वार के आटे का सेवन (Consumption of Millet and Jowar Flour)
- थायराइड से छुटकारा पाने के लिए आप गेहूँ के आटे में ज्वार और बाजरे के आटे को मिक्स कर के इससे बनी रोटियां खा सकते हैं। बाजरा और ज्वार थायरॉइड को कम करता है।
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गौमूत्र का सेवन (Consumption of Cow Urine)
- थायराइड की समस्या में आप अगर सुबह शौच आदि के बाद गौ-मूत्र को छान कर पीते हैं। तो इससे भी आपको लाभ प्राप्त होगा। किन्तु आपको गौ-मूत्र के सेवन के बाद आपको एक डेढ़ घंटे तक किसी भी चीज़ को नहीं खाना है। इसमें आपको चाय कॉफ़ी और अन्य तैलीय और मैदे से बनी चीज़ों के सेवन से दूर रहना होगा। गौ-मूत्र के सेवन से इस रोग में बहुत लाभ मिलता है।
थायराइड से निजात पाने के उपाय से सम्बंधित प्रश्न
थाइराइड होने पर मुलेठी का उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूदा तत्व थाइराइड ग्रंथि को संतुलित रखते हैं हुए ये थकान को ऊर्जा में बदल देते हैं। थाइराइड के रोगियों को फलों और सब्जियों का सेवन अत्यधिक करना चाहिए।
थाइराइड 2 प्रकार का होता है। हापर और हिपो। हापर के मरीज को मैथीमाजोल की गोली दी जाती है। हिपो के मरीज को थाइरोकसिन 10 माइक्रो ग्राम – 200 माइक्रो ग्राम तक की गोली दी जाती है।
थाइराइड का अधिक उत्पादन आयोडीन के कारण होता है। बहुत बार इसके लिए यही जिम्मेदार होता है, आयोडीन का अधिक सेवन करने से यह समस्या बढ़ सकती है। इसका कम से कम इस्तेमाल करें।
थाइराइड गले की एक ग्रंथि होती है। थाइराइड का कैंसर कोई आम कैंसर नहीं है, पहली और दूसरी स्टेज में यह नार्मल रहता है लेकिन जब यह तीसरी और चौथी स्टेज में पहुँच जाता है तो यह बेहद खतरनाक होता है जिससे जान भी जा सकती है।