अगर आप न्यूज़ में या राजनीती में रूचि रखते हो तो आपने कभी न कभी तो तारिक फ़तेह का नाम अवश्य ही सुना होगा। आए दिन इनके खुले विचार और बेबाक बयान सुर्खियों में बने रहते थे। यह एक ऐसे इंसान थे जो किसी भी तरह का बयान देने में पीछे नहीं हटते थे। कई बार तो बयानों की वजह से उनको धमकिया भी मिली थी। पाकिस्तान में जन्मे तारिक फ़तेह अपने आपको हिंदुस्तानी बताते थे। इनके पास कनाडा की नागिकता थी। इस आर्टिकल में आपको तारिक फ़तेह के बारे में बतायेगे और जानेगे तारिक फतेह का जीवन परिचय | Tarek Fatah Biography in Hindi तारिक फ़तेह एक मशहूर लेखक भी थे चलिए जानते है तारिक फतेह का जीवन परिचय और उसने जुडी अन्य महत्वपूर्ण बाते।
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तारिक फतेह कौन थे ?
तारिक फ़तेह मूल रूप से पाकिस्तान में जन्मे थे लेकिन उन्होंने कनाडाई नागरिकता ले ली थी। इनका जन्म 20 नवंबर 1949 को करांची पाकिस्तान में हुआ था। तारिक फ़तेह एक लेखक होने के साथ साथ टीवी एंकर, पत्रकार, थे। इन्हे कट्टरपंथी मुसलमानो की आलोचना करने के लिए भी जाना जाता है। तारिक फ़तेह अपने आपको हिन्दू राजपूत परिवार से बताते थे उनका कहना था कि उनके पूर्वज राजपूत थे जिनको 19वी सदी में जबरदस्ती मुस्लिम धर्म क़बूल करवा दिया गया था। यह कनाडाई मुस्लिम कांग्रेस के संस्थापक के रूप में भी जाने जाते है। इनके द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ दिए गए बयान अक्सर सुर्खियों में रहते थे। तारिक फ़तेह भारत के पडोसी देश पाकिस्तान की कट्टरपंथी से जितनी नफरत करते थे उससे ज्यादा उनको भारत से प्यार मिलता था।
उनका मानना था की देश और धर्म को एक दूसरे से अलग रखना चाहिए। फ़तेह आतंकवाद और इस्लाम सम्बन्धी ,मामलो में हमेशा खुलकर बोला करते थे। उनक विचारधारा हमेशा पाकिस्तान को लेकर काफी सख्त रहती थी। एक तरफ वे हमेशा पाकिस्तान के खिलाफ सही और सच्चा बयान देते थे वही दूसरी तरफ भारत को लेकर उनका नजरिया काफी सकारात्मक रहता था। फ़तेह बटवारे की भी आलोचना करते थे और कहते थे कि वह एक महान भारतीय सभ्यता से सम्बन्ध रखते थे लेकिन इस भारत पाकिस्तान विभाजन ने उनको शरणार्थी बनाकर छोड़ दिया।
तारिक फ़तेह का जीवन परिचय
तारिक फ़तेह का जीवन परिचय :- तारिक फ़तेह एक मुस्लिम पंजाबी परिवार में जन्मे थे। उनका जन्म 20 नवंबर 1949 को करांची पाकिस्तान में हुआ था। उनके अभिभावक बटवारे के समय मुंबई से करांची चले गए थे। वही उन्होंने करांची यूनिवर्सिटी से जैव रसायन की पढाई की हुई थी जिसके दौरान वे एक वामपंथी नेता भी रहे। उस दौरान पाकिस्तान में सैन्य शासन था उनको दो बार कैद भी किया गया था। उनकी दिलचस्पी पत्रकारिता के क्षेत्र में थी इसलिए वे पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गए। 1987 में वह कनाडा चले गए थे। कनाडा जाने से पहले वे सऊदी अरब में रहते थे। 1970 में उन्होंने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत कर दी थी। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने करांची के रिपोर्टर के रूप में की थी उसके बाद वे पाकिस्तान टेलीविज़न के लिए investigation reporting करने लगे थे।
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तारिक फ़तेह का परिवार
तारिक फ़तेह की पत्नी का नाम नरगिस टपला है और उनकी दो पुत्री है जिसका नाम नताशा फ़तेह और नाज़िया फ़तेह है। नताशा फ़तेह कनाडा में एक टीवी एंकर और साथ ही एक पत्रकार भी है। नताशा ने अपने पिता की मृत्यु के बाद एक ट्वीट में उनको भारत का बेटा बताया। तारिक फ़तेह की मृत्यु की खबर भी नताशा ने एक ट्वीट के जरिये दी थी।
तारिक फ़तेह का निधन
24 अप्रैल 2023 को तारिक फ़तेह का निधन हो गया। कैंसर के कारण इनकी मृत्यु हो गयी 73 साल की उम्र में इन्होने सोमवार के दिन अपने प्राण त्याग दिए थे। बहुत दिनों से उनकी तबियत खराब चल रही थे जिस कारण वे कनाडा के हॉस्पिटल में भी काफी दिनों से एडमिट थे और उसी हॉस्पिटल में बीमारी के चलते उनकी सांसे रुक गयी। आर एस एस ने भी उनके श्रद्धांजलि दी।
आप की अदालत कार्यक्रम
जब तारिक फ़तेह आप की अदालत कार्यक्रम मे आये थे तो उन्होंने भारत देश की तारीफ करते हुए अयोध्या में स्थित मंदिर का समर्थन किया था। उनका कहना था कि भारत दुनिया को सही रास्ता दिखा रहा है। वह भारत के बहुत से न्यूज़ चैनल में डिबेट करते हुए दिखाई देते थे। कई बार इन्होने मोदी सरकार की तारीफ़ की थी जिस कारण मुस्लिम समुदाय हमेशा इनसे चिड़ा रहता था।
गद्दारी का आरोप
1977 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जिया उल हक़ ने फ़तेह पर देश से गद्दारी करने का आरोप लगाया था। जिस कारण उनको पत्रकारिता करने से प्रतिबंधित कर दिया था। इन सभी कारणों की वजह से उन्होंने पाकिस्तान को छोड़ने का फैसला लिया था और वे सऊदी चले गए और वही बस गए लेकिन उसके 10 साल बाद यानि 1987 में वह कनाडा चले गए और वही रहने लगे इस सन्दर्भ में उनका कहना था की वे पाकिस्तान में पैदा हुए एक भारतीय है और इस्लाम में पैदा हुए एक पंजाबी है।
तारिक फ़तेह और उनके बयान
फ़तेह हमेशा ही अपने निडर बयान के कारण सुर्खियों में बने रहे है। ये इस्लाम मुद्दों और इसके मूलभूत सिधान्तो के खिलाफ आवाज उठाने वाले व्यक्ति थे। इसी कारण वे इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहा करते थे। वे कई इस्लामी परम्पराओ जिसे एक से अधिक शादी करना, धर्म के नाम पर युवाओ को कट्टरपंथी के रास्ते पर ले जाना और औरतो का पर्दा करना आदि के खिलाफ थे।
पाकिस्तान को लेकर तर्क
तारिक फ़तेह का कहना था कि जिस दिन बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग हो जायेगा पाकिस्तान का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा। इस प्रकार की विचारधरा और बयानों के कारण उनको काफी प्रसिद्धि प्राप्त हुई थी। फ़तेह ने भारत की कई यात्राएं भी की है उन्होंने ज़ी न्यूज़ पर एक शो भी किया था जिसका नाम था फ़तेह का फ़तवा जो केवल इस्लाम में बेफिज़ूल के मान्यताओं और प्रथाओं की आलोचना करने के लिए था।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया
2013 में जब तारिक इंडिया आये थे तो तब उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि मैं एक मुस्लमान के रूप में लिखता हूँ , मेरे पूर्वज हिन्दू थे, मेरा धर्म इस्लाम यहूदी धर्म में निहित है, मेरी संस्कृति पंजाबी सिक्खो से जुडी है। मुझे इस्लाम वादियों ने कहा कि यदि मैं इस बहुमुखी विरासत को नहीं छोड़ देते तो मैं एक सच्चा मुस्लमान नहीं माना जा सकता। उनके वचन ये भी थे कि भारत एक मात्र ऐसा देश है जहा मुस्लिम लोग बिना किसी डर के रहते है। पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुकाबले भारत के मुस्लिम लोग ज्यादा सक्षम है।
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Tarek Fatah Biography in Hindi FAQs
तारिक फ़तेह एक लेखक, पत्रकार, टीवी एंकर और एक सेक्युलर उदारवादी कार्यकर्ता था जो दिए गए बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते थे।
तारिक फ़तेह 1987 म कनाडा चले गए थे और 1993 में कनाडा की नागरिकता उनको मिल गयी थी।
तारिक फ़तेह का जन्म 20 नवंबर 1949 के करांची पाकिस्तान में में हुआ था।
तरिलक फ़तेह ने अपने पत्रकार करियर की शुरुआत 1970 में पाकिस्तान के एक अख़बार द नेशन में काम करके की थी।
तारिक फ़तेह की मृत्यु 24 अप्रैल 2023 को हुई थी।