सुशासन ही किसी देश के विकास की प्रथम सीढ़ी होती है जिसके माध्यम से देश के विभिन अंगो का संचालन विवेकपूर्ण एवं सुशासित तरीके से होता है। भारत सरकार द्वारा भी देश में सुशासन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष दिसंबर माह में Sushasan Diwas मनाया जाता है। भारत में सुशासन दिवस का आयोजन भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री एवं महान व्यक्तित्व के धनी राजनेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के अवसर पर किया जाता है। भारत में जनता हेतु सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सुशासन दिवस का अत्यंत महत्व है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की Sushasan Diwas कब मनाया जाता है (Sushasan Diwas 2022), इसका इतिहास एवं महत्व क्या है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको सुशासन दिवस (Good Governance Day) के सम्बन्ध में अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ से भी अवगत कराया जायेगा।
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Good Governance Day 2022
Sushasan Diwas या गुड गवर्नेंस डे को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 से प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है। इस दिवस के माध्यम से सरकार द्वारा देश के नागरिको के प्रति सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है साथ ही देश के नागरिको को सुशासन के माध्यम से विभिन सरकारी सुविधाओं का लाभ भी पहुँचाया जाता है। “ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन” के लक्ष्य पर शुरू किया गया गुड गवर्नेंस डे (Good Governance Day) भारत सरकार के विभिन योजनाओ एवं सुविधाओं को जनता के मध्य सुशासन के माध्यम से पहुँचाने हेतु शुरू किया गया है। सुशासन दिवस के माध्यम से सरकार द्वारा सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता एवं समाज के सभी वर्गों तक योजनाओ का लाभ सुनिश्चित किया जाता है।
Sushasan Diwas के माध्यम से सरकार द्वारा विभिन स्तरों पर पारदर्शिता, समाज के सभी वर्गों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना एवं सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन योजनाओं को समाज के सभी वर्गों तक पहुँचाना है। वास्तव में सुशासन दिवस का आयोजन हर स्तर पर सुशासन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है जिससे समाज के सभी वर्गों को समान लाभ मिल सके।
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सुशासन दिवस कब मनाया जाता है ?
भारत सरकार द्वारा सुशासन दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को किया जाता है। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार द्वारा 25 दिसंबर को भारत रत्न एवं देश के पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को Sushasan Diwas के रूप में मनाने की घोषणा की गयी थी जिसके पश्चात वर्ष 2014 से प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को सुशासन दिवस या गुड गवर्नेंस डे (Good Governance Day) का आयोजन किया जा रहा है। 25 दिसंबर के अवसर पर भारत के एक और महान सपूत पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती का अवसर होता है ऐसे में Sushasan Diwas के अवसर पर देश के महान सपूतो हेतु सम्मान प्रदर्शित किया जाता है। .
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सुशासन दिवस का इतिहास
भारत सरकार द्वारा 23 दिसंबर 2014 को देश के दो महापुरुषों अटल बिहारी बाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न देने के घोषणा की गयी थी। इसी दिवस के अवसर पर प्रधानमन्त्री मोदी द्वारा भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गयी थी। इसके पश्चात सरकार द्वारा प्रतिवर्ष इस दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा अपने राजनैतिक एवं व्यक्तिगत जीवन में सुशासन को अत्यंत महत्व दिया जाता था ऐसे में Sushasan Diwas पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के सिद्धांतो को देश की बेहतरी के लिए महत्व देने एवं सुशासन स्थापित करने हेतु महत्वपूर्ण दिवस है।
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भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी
भारत रत्न से सम्मानित भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री रहे अटल बिहारी बाजपेयी देश की राजनीति में एक ऐसे राजनेता के रूप में जाने जाते है जो समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे। अपने अटल सिद्धांतो एवं नैतिक मूल्यों में लिए भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी सत्ता ही नहीं अपितु विपक्ष के नेताओं में भी प्रसिद्धि प्राप्त नेता थे। 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी के कवि, पत्रकार एवं प्रखर वक्ता होने के साथ कुशल राजनेता भी थे जो की अपने जीवन में कुल 3 अवधि में प्रधानमन्त्री रहे।
भारत छोड़ो आंदोलन में भूमिका निभाने वाले अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा प्रधानमन्त्री रहते हुए भारत को परमाणु सम्पन्न बनाने, पाकिस्तान से संबंध सुधारने, कारगिल युद्ध में कुशल नेतृत्व एवं अनेक जनमुखी योजनाओं को संचालित किया गया था। लम्बे समय तक बीमार रहने के पश्चात, पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी बाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया। अपने जीवनकाल में नैतिक मूल्यों एवं दूरदर्शी सोच के लिए प्रख्यात भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के सम्मान में प्रतिवर्ष सुशासन दिवस का आयोजन किया जाता है।
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सुशासन के 8 स्तंभ
Sushasan Diwas के माध्यम से सरकार द्वारा शासन के हर स्तर पर सुशासन को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाते है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य जनता के प्रति शासन की जवाबदेही सुनिश्चित करना एवं समाज के सभी वर्गों को पारदर्शी शासन व्यवस्था प्रदान करना है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा सुशासन के निम्न 8 स्तंभ तय किए गए है :-
भागीदारी | जवाबदेही |
आम सहमति | पारदर्शिता |
प्रभावशीलता एवं दक्षता | विधि का शासन |
जिम्मेदारी सुनिश्चित करना | समानता |
Sushasan Diwas के माध्यम से सरकार द्वारा सुशासन के इन्ही 8 स्तंभों पर कार्य करके देश में सुशासन को प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किए जाते है।
सुशासन दिवस, उद्देश्य एवं आयोजन
Sushasan Diwas का उद्देश्य देश में “खुला और जवाबदेह प्रशासन”, नागरिक कल्याण, नागरिको को सुशासन में भागीदार बनाना एवं देश में सुशासन को स्थापित करना है। सुशासन के माध्यम से समाज के सभी वर्गों तक सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना एवं समाज के सभी वर्गों तक सुशासन के माध्यम से अधिकतम कल्याण सुनिश्चित किया जाता है। सुशासन दिवस के अवसर पर देश के विभिन भागों में सरकारी विभागों, स्कूल-कॉलेज एवं अन्य संस्थाओ के द्वारा विभिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से देश के नागरिको को सुशासन के बारे में जागरूक किया जाता है। साथ ही डांस, पेंटिंग, स्लोगन, अवेयरनेस प्रतियोगिताओं तथा विभिन कार्यक्रमों के माध्यम से इस कार्यक्रम में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।
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सुशासन दिवस सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
सुशासन दिवस को प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।
Sushasan Diwas का आयोजन भारत रत्न से सम्मानित भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री रहे अटल बिहारी बाजपेयी एवं पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत भारत रत्न प्राप्तकर्ता) की जयंती के अवसर पर आयोजित किया जाता है।
सुशासन दिवस के माध्यम से सरकार द्वारा शासन के प्रत्येक स्तर पर सुशासन को स्थापित करना एवं जनता के प्रति जवाबदेह सरकार की स्थापना करना है।
सुशासन दिवस के माध्यम से देश के शासन में पारदर्शिता एवं समाज के सभी वर्गों तक समान लाभ एवं कल्याण को सुनिश्चित किया जाता है।
Sushasan Diwas को प्रथम बार 25 दिसंबर 2014 को आयोजित किया गया था।