हर किसी का सपना होता है की एक दिन वो भी अपना घर बनाये! अपना आशियाना होना हर आदमी की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल होता है ऐसे में आदमी जीवन भर अपना घर बनाने के लिए पूंजी जमा करता रहता है। हालाँकि कई बार प्रॉपर्टीज से सम्बंधित धोखाधड़ी के कारण आदमी अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गवाँ देता है और अपने आशियाने के सपने को भी पूरा नहीं कर पाता। ऐसे में प्रॉपर्टीज से सम्बंधित धोखाधड़ी के मामलो पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा रेरा अधिनियम (RERA Act) को पारित किया गया है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको रेरा अधिनियम (RERA Act) से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करने वाले है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की रेरा क्या है? (What is Rera Act), रेरा का फुल फॉर्म (RERA Act in Hindi), RERA Act के प्रमुख प्रावधान क्या है ? एवं इस एक्ट का क्या लाभ है। साथ ही यहाँ आपको रेरा एक्ट से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
अगर आप भी किसी डेवलपर्स के माध्यम से कोई कमर्शियल या रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज (Commercial or Residential Real Estate) खरीदने की सोच रहे है या किसी राज्य में property purchase करने की सोच रहे है तो आपको रेरा अधिनियम (RERA Act) के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।
रेरा अधिनियम क्या है ? (RERA Act in Hindi)
रेरा अधिनियम भारत की संसद द्वारा रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016) के अंतर्गत पारित किया गया अधिनियम है जिसका मुख्य उद्देश्य रियल स्टेट डेवलपर्स एवं ब्रोकर्स के खिलाफ घर खरीददारों की रक्षा करना एवं रियल स्टेट के विकास के लिए पूंजी निवेश को बढ़ावा देना है।
सरल शब्दो में कहा जाए तो रेरा कानून घर या वाणिज्य सम्पति के खरीददारों की धोखाधड़ी एवं गलत जानकारी के माध्यम से प्रॉपर्टी बेचने वाले बिल्डर्स एवं डेवलपर्स के खिलाफ क़ानूनी सुरक्षा प्रदान करता है साथ ही रियल स्टेट के क्षेत्र में विकास के लिए यह अधिनियम आवश्यक उपायों को भी लागू करता है।
रेरा (RERA) की फुल-फॉर्म क्या है ?
रेरा (RERA) की फुल-फॉर्म (Rera Act Ka Full Form), Real Estate Regulatory Authority (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) है जिसे की हिंदी में “स्थावर सम्पति विनियामक प्राधिकरण” कहा जाता है। देश में रियल एस्टेट से सम्बंधित नियम एवं कानूनों को विनियामक करने वाली संस्था को Rera के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार से आप समझ गए है की रेरा (RERA) की फुल-फॉर्म Real Estate Regulatory Authority होती है।
रेरा अधिनियम, क्या है आवश्यकता
देश में समय-समय पर बिल्डर्स एवं डेवलपर्स द्वारा घर एवं सम्पति के खरीददारों से धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते है। प्रायः डेवलपर्स द्वारा ग्राहकों से पैसे लेकर प्रोजेक्ट पूरा ना करना, अपनी जिम्मेदारियों को ना समझना, घर के अधिग्रहण में विलंब, प्रोजेक्ट को अधूरा छोड़ देना या कार्य को पूरा ना करने की शिकायतें आती रहती है। इस सभी समस्याओ के प्रभावी समाधान के लिए भारतीय संसद द्वारा वर्ष 2016 में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के माध्यम से सम्पति सम्बंधित धोखाधड़ी से निपटने के लिए रेरा अधिनियम पास किया गया है जो की सम्पति विवादों के निपटारे के लिए प्रभावी उपायों को लागू करता है। साथ ही रियल एस्टेट में निवेश के लिए भी यह अधिनियम प्रभावी है।
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रेरा अधिनियम के मुख्य प्रावधान
- रेरा अधिनियम के अंतर्गत सम्पति सम्बंधित विवादों को रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम के अंतर्गत निस्तारित किया जाता है।
- सभी राज्यों को रियल एस्टेट नियामक अधिनियम को स्थापित करना आवश्यक होगा ताकि सम्पति सम्बंधित मामलों को त्वरित आधार पर सुलझाया जा सके।
- रेरा अधिनियम के अंतर्गत सम्पति सम्बंधित विवादों को 60 दिन की अवधि के मध्य पूर्ण करना आवश्यक होता है।
- डेवलपर्स को ग्राहकों से प्राप्त की गयी राशि का 70 फीसदी को अलग बैंक अकाउंट के माध्यम से जमा करके सिर्फ निर्माण कार्यो में खर्चा करना होगा।
- सभी डेवलपर्स को रेरा में पंजीकरण करवाना आवश्यक होगा। साथ ही सभी प्रोजेक्ट की जानकारी भी रेरा के माध्यम से पंजीकृत करवानी आवश्यक है।
- आठ अपार्टमेंट या 500 वर्ग मीटर से अधिक की सभी परियोजनाओं को रेरा में पंजीकृत करवाना आवश्यक होता है।
- रेरा के अधिनियमों का उल्लंघन करने पर डेवलपर्स एवं बिल्डर्स के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही का प्रावधान है जिसमे जेल एवं प्रोजेक्ट के 10 फीसदी तक की राशि को वसूलने का प्रावधान है।
प्रॉपर्टी खरीदने से पूर्व इन बातो का रखें ध्यान
अपना घर खरीदना किसी भी व्यक्ति के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक होता है ऐसे में घर ख़रीदने से पूर्व विभिन तथ्यों की जानकारी प्राप्त करनी आवश्यक है। यहाँ आपको सम्पति खरीदने से पूर्व आवश्यक सावधानियों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी है :-
- किसी भी राज्य में प्रॉपर्टीज खरीदने से पूर्व सम्बंधित राज्य की रेरा (RERA) वेबसाइट पर जाकर आवश्यक नियमो के बारे में जानकारी प्राप्त करे।
- जिस भी डेवलपर्स या बिल्डर्स से आप रेजिडेंशियल या कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीद रहे है सम्बंधित एजेंट के रेरा में पंजीकरण की अवश्य जाँच करें।
- आप जिस भी प्रॉपर्टी को खरीदने का विचार कर रहे है यह अवश्य चेक करें की क्या प्रॉपर्टी सम्बंधित राज्य के रेरा प्राधिकरण में पंजीकृत है या नहीं।
- रेरा की वेबसाइट के माध्यम से आप प्रॉपर्टी के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते है एवं प्रोजेक्ट पूरा होने की जानकारी भी रेरा की वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
- किसी भी प्रकार की समाप्ति खरीदने से पूर्व इससे सम्बंधित सभी नियम एवं शर्तों को अच्छे से अवश्य चेक करें।
रेरा (RERA Act in Hindi) अधिनियम से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
रेरा अधिनियम भारत की संसद द्वारा रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 (Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016) के अंतर्गत पारित किया गया अधिनियम है जिसका मुख्य उद्देश्य घर एवं सम्पति खरीदारों के हितो की रक्षा एवं देश में रियल स्टेट सेक्टर को बढ़ावा देना है।
रेरा (RERA) की फुल-फॉर्म Real Estate Regulatory Authority (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) है जिसे की हिंदी में “स्थावर सम्पति विनियामक प्राधिकरण” कहा जाता है।
रेरा अधिनियम को वर्ष 2016 में पारित किया गया था।
रेरा (RERA) अधिनियम के माध्यम से सम्पति सम्बंधित हस्तांतरण में पारदर्शिता, सम्पति सम्बंधित धोखाधड़ी में कमी एवं रियल स्टेट सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहन मिलता है।
सम्पति सम्बंधित धोखाधड़ी से निपटने के लिए आवश्यक है की रेरा की वेबसाइट पर सम्बंधित सम्पति एवं डेवलपर्स के पंजीकरण की जांच अवश्य की जाए साथ ही सम्पति से सम्बंधित सभी नियम एवं शर्तो को भी अच्छे से अवश्य पढ़ ले।