तो नमस्कार दोस्तों आप सभी यह तो जानते ही होंगे की हिन्दू धर्म कितना पवित्र धर्म माना जाता हैं। हिन्दू धर्म इस धरती का सबसे पुराना धर्म माना जाता हैं। हिन्दू धर्म इ बहुत सी मान्यताएं हैं और बहुत सी चीजों के लिए व्रत भी रखा जाता हैं। इसी प्रकार हिन्दू धर्म में पूर्णिमा की भी काफी मान्यताये हैं और इस दिन हिन्दू धर्म में व्रत भी रखा जाता हैं। हिन्दू धर्म में इसको काफी महत्त्व दिया गया हैं। पर आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो यह नहीं जानते हैं की पूर्णिमा क्या होती हैं और इस दिन क्या होता हैं। तो अगर आप भी उन्ही में से एक हैं जो नहीं जानते की पूर्णिमा क्या होती हैं तो उसमे आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं हैं क्योकि आज हम आपको इस लेख के माध्यम यह बताने वाले हैं की पूर्णिमा क्या होती है और Purnima 2023 में कब कब हैं
चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण क्या होते है?
तो दोस्तों आप सब भी अगर यह सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को पूर्ण रूप से पढ़ना होगा क्योंकि इसमें हमने सभी जानकारी प्रदान की हुई हैं तो कृपया कर इसको ध्यानपूर्वक पढ़े
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Article Contents
Purnima क्या होती हैं ?
हिन्दू पचांगों के मुताबिक़ महीने को दो भाग में बाटा गया हैं जो की 15-15 दिन में बांटा गया हैं। इनको पक्ष भी कहा जाता हैं। माह के शुरुआत के 15 दिनों को शुक्ल पक्ष कहा जाता हैं और माह के आखरी 15 दिनों को कृष्ण पक्ष कहा जाता हैं और शुक्ल पक्ष के आखरी दिन को पूर्णिमा कहा जाता हैं और कृष्ण पक्ष के आखरी दिन को अमावस्या कहते हैं। पूर्णिमा के दिन चाँद अपने पूर्ण रूप में दिखाई पढता हैं और हिन्दुओं में इस दिन की काफी मान्यता होती हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण जी का व्रत भी रखा जाता हैं उस व्रत की भी काफी मान्यताएं व कथाएं हैं। एक साल में 12 पूर्णिमा व 12 अमावस्याएं आती हैं।
इस दिन हिन्दुओं में बहुत से पवित्र कार्य किये जाते हैं जैसे की – पितृ तर्पण, श्राद्ध कर्म, देवी-देवता का पूजन, उपाय, नदी, सरोवर और तीर्थस्थलों पर स्नान, यज्ञ, जप, तप, हवन तथा दान आदि। साल में कई महत्वपूर्ण पूर्णिमा भी होते हैं जिनके अलग अलग नाम भी होते हैं जैसे की – फाल्गुन पूर्णिमा ,बौद्ध पूर्णिमा,गुरु पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा
पूर्णिमा का महत्त्व
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का बहुत महत्त्व होता हैं। इस दिन हिन्दुओं में बहुत से महत्वपूर्ण कार्य व पवित्र कार्य किये जाते हैं। केवल यह ही नहीं बल्कि हिन्दू धर्म में बहुत से सद्गुरु और गुरुओं,और देवताओं का जन्म भी हुआ हैं। इसी कारण से इस दिन को काफी महत्वपूर्ण भी माना जाता हैं। हिन्दू धर्म में इस दिन बहुत से कार्य किये जाते हैं जैसे की – तीर्थ स्नान, दान और व्रत करना, श्राद्ध कर्म, देवी-देवता का पूजन, उपाय, नदी, सरोवर और तीर्थस्थलों पर स्नान, यज्ञ, जप आदि जैसी चीजें माना यह भी जाता हैं की इस दिन यह सभी चीजें करने से सबके मन की इच्छाएं भी पूर्ण हो जाती हैं।
इस दिन हिन्दुओं में सुहागिन महिलायें अपने पति की लम्बी आयु के लिए वट सावित्री व्रत भी रखती हैं और इसी दिन वह सभी बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण जी की और भगवान शिव जी की और माता पारवती जी की पूजा भी की जाती हैं। माना यह भी जाता हैं की इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान सत्यनारायण का व्रत रखता हैं और अपने घर में श्री सत्यनारायण भगवान की कथा करता हैं उसके घर में हमेशा सुख, शांति, लम्बी आयु भी होती हैं। केवल यह ही नहीं बल्कि इस दिन हिन्दुओं के बहुत से त्यौहार भी मनाये जाते हैं जैसे की – होलिका का दहन भी पूर्णिमा के दिन ही किया जाता हैं, रक्षा बंधन भी पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता हैं
इस दिन चाँद अपनी 16 कलाओं से युक्त अपने पूर्ण रूप में होता हैं। जिसको काफी अच्छा माना जाता हैं। माना यह भी जाता हैं की जिस व्यक्ति की कुंडली में चन्द्रमा दोष होता हैं उस दिन अगर वह व्यक्ति भगवान चन्द्रमा की पूजा करे तो उनका चन्द्रमा दोष खतम हो जाता हैं।
Purnima 2023 Date
तो दोस्तों कई लोग यह जानना चाहते हैं की 2023 में Purnima कब कब मनाई जायेगी। तो उसके लिए हमने यहाँ पर जानकारी प्रदान कर दी गयी हैं तो अगर आप भी यह जानना चाहते हैं की 2023 में पूर्णिमा कब मनाई जाएगी तो दी हुई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े।
- पौष पूर्णिमा 6 जनवरी 2023, शुक्रवार
- माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023, रविवार
- फाल्गुन पूर्णिमा 7 मार्च 2023, मंगलवार
- चैत्र पूर्णिमा 5 अप्रैल 2023, बुधवार
- वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023, शुक्रवार
- ज्येष्ठ पूर्णिमा 3 जून 2023, रविवार
- आषाढ़ पूर्णिमा 3 जुलाई 2023, सोमवार
- श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त 2023, गुरुवार
- भाद्रपद पूर्णिमा 29 सितंबर 2023, शुक्रवार
- अश्विन पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023, शनिवार
- कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023, सोमवार
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023, मंगलवार
Purnima 2023 Date से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
हिन्दू पचांगों के मुताबिक़ महीने को दो भाग में बाटा गया हैं जो की 15-15 दिन में बांटा गया हैं। इनको पक्ष भी कहा जाता हैं। माह के शुरुआत के 15 दिनों को शुक्ल पक्ष कहा जाता हैं और माह के आखरी 15 दिनों को कृष्ण पक्ष कहा जाता हैं और शुक्ल पक्ष के आखरी दिन को पूर्णिमा कहा जाता हैं और कृष्ण पक्ष के आखरी दिन को अमावस्या कहते हैं
पूर्णिमा के दिन बहुत सी चीजें की जा सकती हैं जैसे की – तीर्थ स्नान, दान और व्रत करना, श्राद्ध कर्म, देवी-देवता का पूजन, उपाय, नदी, सरोवर और तीर्थस्थलों पर स्नान, यज्ञ, जप आदि
2023 में पूर्णिमा 29 सितम्बर को शनिवार को मनाई जायेगी।
इस दिन हिन्दुओं में सुहागिन महिलायें अपने पति की लम्बी आयु के लिए वट सावित्री व्रत भी रखती हैं और इसी दिन वह सभी बरगद के पेड़ की पूजा भी करती हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण जी की और भगवान शिव जी की और माता पारवती जी की पूजा भी की जाती हैं। माना यह भी जाता हैं की इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान सत्यनारायण का व्रत रखता हैं और अपने घर में श्री सत्यनारायण भगवान की कथा करता हैं उसके घर में हमेशा सुख, शांति, लम्बी आयु भी होती हैं।
पूर्णिमा के शुभ दिन पर होलिका दहन व रक्षा बन्धन आदि जैसे त्यौहार मनाये जाते हैं।
तो दोस्तों आज हमने आप को इस लेख के माध्यम से यह बताया हैं की पूर्णिमा क्या होती हैं, पूर्णिमा का महत्व बताय हैं और 2023 में कब कब पूर्णिमा मनाई जायेगी यह बताय हैं तो दोस्तों अगर आप सभी को हमारा यह लेख पसंद आया हो तो हमारी वेबसाइट crpfindia.com को बुकमार्क करें और अगर आप इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न पूछना चाहते हैं तो उसके लिए आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हम जितनी जल्दी हो सकें आपके सवालों का जवाब देने का प्रयास करेंगे धन्यवाद।