प्रेम मंदिर वृंदावन के दर्शन की पूरी जानकारी: Prem Mandir Vrindavan in Hindi

भगवान कृष्ण की क्रीड़ा भूमि होने के कारण वृंदावन सदैव से ही कृष्ण भक्तों का प्रिय स्थान रहा है। भगवान श्रीकृष्ण की गोपियों संग रासलीला एवं कृष्ण की नटखट शरारतों से गुंजायमान वृंदावन की पवित्र भूमि प्रेम के माध्यम से अध्यात्म का अनुभव कराती है। वृंदावन में स्थित कृष्ण-राधा एवं राम-सीता को समर्पित प्रेम मंदिर (Prem Mandir) वृंदावन में स्थित सबसे बड़े कृष्ण मंदिरों में एक है जो की भक्तों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है। अपने अद्भुत सौंदर्य एवं स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध प्रेम मंदिर में भगवान की साक्षात् अनुभूति का अहसास होता है। अगर आप भी इस मंदिर के दर्शन करने की योजना बना रहे है तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको प्रेम मंदिर वृंदावन के दर्शन की पूरी जानकारी (Prem Mandir Vrindavan In Hindi) प्रदान करने वाले है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको प्रेम मंदिर से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।

Prem Mandir Vrindavan In Hindi
प्रेम मंदिर

प्रेम मंदिर वृंदावन : एक झलक

वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर भगवान कृष्ण एवं भगवान राम को समर्पित प्रमुख हिन्दू मंदिर है। यहाँ आपको प्रेम मंदिर वृंदावन सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गयी है :-

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मंदिर का नाम प्रेम मंदिर (Prem Mandir)
जिला मथुरा
राज्य उत्तर-प्रदेश
निर्माण जगद्गुरु कृपालु प्रतिष्ठा (जेकेपी)
समर्पित भगवान कृष्ण एवं राधा एवं भगवान राम एवं माता सीता
सम्बंधित धर्म हिन्दू
मंदिर स्थापत्य कला राजस्थानी सोमनाथ गुजराती शैली
प्रवेश शुल्क निःशुल्क
मुख्य आकर्षण कृष्ण जीवनवृत, गोवर्धन पर्वत का दृश्य
मुख्य महोत्सव कृष्ण जन्माष्ठमी, होली एवं दिवाली

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प्रेम मंदिर का इतिहास

श्रीकृष्ण की रासभूमि वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम से सरोबार हिंदू मंदिर है जो की भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का सचित्र वर्णन करता है। राधा-कृष्ण के अतिरिक्त यह मंदिर भगवान राम एवं माता सीता को भी समर्पित है। जहाँ भगवान राम के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का सजीव दर्शन किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इस मंदिर में हनुमान, गौरांग प्रभु एवं कृष्ण भक्ति से जुड़े प्रमुख व्यक्तित्वों का चित्रण भी किया गया है।

प्रेम मंदिर की स्थापना जगद्गुरु कृपालु महाराज के आशीर्वाद से की गयी है। प्रेम मंदिर का शिलान्यास जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा 14 जनवरी 2001 को किया गया था। लगभग 11 से 12 वर्षों के निर्माण कार्य के पश्चात वर्ष 2012 में यह मंदिर पूर्णरूप से बनकर तैयार हुआ था। जिसे प्राणप्रतिष्ठा के पश्चात 17 फरवरी 2012 को जनता के लिए समर्पित किया गया है। प्रेम मंदिर का निर्माण जगद्गुरु कृपालु प्रतिष्ठा (जेकेपी) के द्वारा किया गया है जो धर्मार्थ कार्यों को समर्पित अंतरराष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, शैक्षिक एवं सामाजिक संस्था है।

प्रेम मंदिर की स्थापत्य कला

प्रेम मंदिर की स्थापत्य कला सौंदर्य एवं कारीगरी का अनोखा मिश्रण है। इस मंदिर की स्थापत्य कला अध्यात्म एवं कला का अद्भुत समन्वय है जो की श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देती है। राजस्थानी सोमनाथ गुजराती शैली में निर्मित प्रेम मंदिर का निर्माण 54 एकड़ के विशाल क्षेत्र में निर्मित किया गया है।

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जहाँ भगवान राधा-कृष्ण एवं राम-सीता से जुड़े विभिन्न मनभावन स्थापत्य को खूबसूरती से उकेरा गया है। प्रेम मंदिर के निर्माण में सफ़ेद रंग के इतावली संगमरमर पत्थरों की कारीगरी की गयी है जहाँ भगवान कृष्ण से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त यहाँ भगवान राम एवम् माता सीता को समर्पित विभिन्न दृश्य भी उकेरे गये है।

प्रेम मंदिर के निर्माण में 1000 से अधिक मजदूरों के द्वारा 12 वर्ष की अवधि तक परिश्रम किया गया है। यह मंदिर की ऊँचाई 125 फीट, लंबाई 122 फीट एवं चौड़ाई 115 फीट है। प्रेम मंदिर में 100 करोड़ से अधिक रुपए की धनराशि व्यय हुयी है।

प्रेम मंदिर के मुख्य भाग

प्रेम मंदिर को मुख्यतः भगवान राम-सीता एवं राधा-कृष्ण को समर्पित भागो में बाँटा गया है। इस मंदिर के प्रथम तल पर भगवान राम एवं माता सीता को समर्पित विभिन्न प्रकार की खूबसूरत कलाकृतियाँ उकेरी गयी है जहाँ पवन-पुत्र हनुमान के दृश्य भी दर्शनीय है। द्वितीय तल पर राधा-कृष्ण को समर्पित विभिन्न प्रकार के दृश्यों को खूबसूरती से उकेरा गया है। साथ ही इस मंदिर की दीवारों एवं खम्भों पर विभिन्न खूबसूरत नक्काशी की गयी है जहाँ आप हिन्दू धर्म से जुड़े विभिन्न पहलुओं को अनुभव कर सकते है। साथ ही इस मंदिर की दीवारों पर जगह-जगह हिन्दू पौराणिक ग्रंथों से जुड़े श्लोक भी लिखे हुए है।

इस मंदिर को दीवारों पर खूबसूरत पत्थरों पर विभिन्न प्रकार के फूल एवं अन्य कलाकृतियों को उकेरा गया है जो की श्रद्धालुओं को यहाँ ठहरने पर मजबूर कर देता है। मंदिर भ्रमण के दौरान भगवान के प्रेम को पास से महसूस किया जा सकता है।

प्रेम मंदिर में प्रमुख दर्शनीय बिंदु

प्रेम मंदिर के प्रमुख दर्शनीय बिंदु इस प्रकार से है :-

  • मंदिर का प्रवेश द्वार- प्रेम मंदिर के मुख्य द्वार को खूबसूरत नक्काशी से डिज़ाइन किया गया है जो की स्थापत्य कला के साथ अध्यात्म की अद्भुत अनुभूति प्रदान करता है एवं आगंतुकों का स्वागत करता प्रतीत होता है।
  • कलामंडित स्तंभ- प्रेम मंदिर में कुल 94 कलामंडित स्तंभ बनाये गए है जो की किंकिरी सखी और मंजरी सखियों के विग्रह का दृश्य प्रस्तुत करते है।
  • गोवर्धन पर्वत दृश्य- प्रेम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाये जाने का सजीव चित्रण किया गया है।
  • राधा-कृष्ण और राम-सीता की मूर्तियां- प्रेम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा तथा भगवान राम एवं माता सीता की विभिन नक्काशीदार मूर्तियाँ उल्लेखनीय है।
  • श्रीकृष्ण का जीवन वृत्त- प्रेम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को खूबसूरती से उकेरा गया है। साथ ही यहाँ विभिन्न प्रकार की खूबसूरती से सजाये गए नक्काशीदार कलाकृतियाँ भी बनायी गयी है।
  • प्रेम भवन – प्रेम मंदिर का हाल जिसे की प्रेम भवन के नाम से जाना जाता है एक बार में 25,000 श्रद्धालुओं के बैठने हेतु पर्याप्त है। यह हाल भी अपनी नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
  • परिक्रमा पथ- प्रेम मंदिर के परिक्रमा पथ के माध्यम से श्रीकृष्ण से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को दिखाया गया है जो की अत्यंत खूबसूरत है। यहाँ भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न युगों से जुड़े दृश्यों को उकेरा गया है।
  • गार्डन – प्रेम मंदिर के फव्वारे एवं यहाँ स्थित गार्डन भी श्रद्धालुओं को शांति प्रदान करता है। मंदिर में स्थित हरे-भरे गार्डन में आप आराम से बैठकर मंदिर की खूबसूरती को भी निहार सकते है।
  • कैंटीन- अगर आपको दर्शन के बाद भूख लग रही हो तो यहाँ मौजूद कैंटीन से आप स्वादिष्ट भोजन का लुफ्त भी ले सकते है।

रात्रि में ख़ास है प्रेम मंदिर के दर्शन

रात्रि में प्रेम मंदिर का दर्शन अत्यंत मनोहर होता है। जहाँ दिन में यह मंदिर अपने खूबसूरत सफ़ेद संगमरमर से जगमग नजर आता है वही रात में यह अलग-अलग रंग प्रदान करता है। रात्रि के समय इस मंदिर में म्यूजिकल फाउंटेन शो आयोजित किया जाता है जो की खूबसूरत नज़ारे प्रस्तुत करता है। इस मंदिर में रंग-बिरंगी स्पेशल लाइट लगायी गयी है जो की हर 5 मिनट में अपना रंग बदलती है।

Prem mandir

शाम के समय इस मंदिर में लेजर शो का आयोजन किया जाता है जिससे की मंदिर प्रकाश से सरोबार हो उठता है। इस समय यह मंदिर अपने भव्य रूप में दिखाई देता है।

प्रेम मंदिर में मनाये जाने वाले मुख्य उत्सव

प्रेम मंदिर में कृष्णजन्माष्ठमी, राधाष्टमी एवं होली के मौके पर खास उत्सव आयोजित किए जाते है ऐसे में इस अवसर पर आप यहाँ कुछ ख़ास दृश्यों का दीदार कर सकते है। साथ ही दिवाली के मौके पर भी प्रेम मंदिर में ख़ास कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। अन्य धार्मिक अवसरों पर भी प्रेम मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते है।

प्रेम मन्दिर वृन्दावन खुलने का समय

अगर आप प्रेम मंदिर के दर्शन करने की सोच रहे है तो आपको मंदिर के खुलने एवं बंद होने के समय के बारे में जानकारी प्राप्त होना आवश्यक है। आपको बता दे की श्रद्धालुओं के लिए प्रेम मंदिर के द्वार दिन के समय कुल तीन बार खोले जाते है एवं भोग के लिए इस मंदिर को विभिन्न समय पर बंद भी किया जाता है। यहाँ आपको प्रेम मन्दिर वृन्दावन खुलने का समय सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है :-

  • सुबह 5:30 बजे से 6:30 बजे – प्रेम मंदिर आरती और परिक्रमा के लिए खुला रहता है।
  • सुबह 6:30 बजे से 8:30 – प्रेम मंदिर के द्वार भोग के लिए बंद कर दिए जाते है।
  • सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे – प्रेम मंदिर के द्वार दर्शन हेतु खोले जाते है।
  • 12:00 बजे से शाम के 4:30 बजे – इस समय प्रेम मंदिर बंद रहता है।
  • 4:30 बजे से 8:30 बजे- मंदिर के द्वारा पुनः भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते है।

8:30 बजे सायंकालीन आरती के पश्चात प्रेम मंदिर के द्वार बंद कर दिया जाते है। आपको बता दे की इस मंदिर में प्रवेश के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।

प्रेम मंदिर मथुरा के दर्शन करने का सबसे अच्छा समय 

प्रेम मंदिर मथुरा के दर्शन करने का सबसे अच्छा समय नवंबर माह से मार्च माह तक होता है। इस दौरान प्रदेश में मौसम सुहावना होता है एवं आप आराम से मंदिर के दर्शन कर सकते है। साथ ही मार्च अप्रैल के मध्य होली के समय भी आप इस मंदिर के दर्शन कर सकते है चूंकि इस समय आप यहाँ धूमधाम से मनाई जाने वाली भव्य होली का दर्शन कर सकते है।

प्रेम मंदिर वृंदावन कैसे पहुंचे

प्रेम मंदिर रेल, सड़क एवं हवाई मार्ग द्वारा अच्छी तरह से कनेक्ट है ऐसे में आप अपनी सुविधा के अनुसार विकल्प का चयन करके वृंदावन पहुँच सकते है एवं प्रेम मंदिर के दर्शन कर सकते है। यहाँ आपको प्रेम मंदिर पहुंचने के लिए सभी विकल्पों की जानकारी प्रदान की गयी है :-

  • सड़क मार्ग द्वारा (By Road)- मथुरा देश के अन्य शहरों से सड़क मार्ग द्वारा भली-भाँति जुड़ा हुआ है ऐसे में आप बस, कार या निजी वाहन के माध्यम से आसानी से प्रेम मंदिर तक पहुँच सकते है।
  • ट्रैन द्वारा (By Train)- प्रेम मंदिर आने के लिए ट्रैन मार्ग द्वारा आपको यहाँ के नजदीकी स्टेशन मथुरा जंक्शन या मथुरा कैंट में उतरना पड़ेगा जिसके पश्चात आप इस मंदिर में टेम्पो या निजी वाहन के माध्यम से पहुँच सकते है ।
  • हवाई मार्ग द्वारा (By Air)- मथुरा का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट खेड़िया एयरपोर्ट है जो की आगरा में स्थित है। यह मथुरा से 136 किलोमीटर दूर है। इस एयरपोर्ट पर उतरने के पश्चात आप बस या निजी टैक्सी के माध्यम से मथुरा एवं इस मंदिर तक पहुँच सकते है ।

इस प्रकार से इस आर्टिकल के माध्यम से आपको प्रेम मंदिर वृंदावन के दर्शन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है।

प्रेम मंदिर वृंदावन सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रेम मंदिर वृंदावन कहाँ स्थित है ?

प्रेम मंदिर वृंदावन, उत्तर-प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित मंदिर है जो की हिन्दू धर्म को समर्पित है।

प्रेम मंदिर का निर्माण कब करवाया गया था ?

प्रेम मंदिर का शिलान्यास 14 जनवरी 2001 को जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा किया गया था जो की निर्माण के पश्चात 17 फरवरी 2012 को जनता को समर्पित किया गया है। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 11 से 12 वर्षों का समय लगा है।

प्रेम मंदिर का निर्माण कार्य किसके द्वारा करवाया गया है ?

प्रेम मंदिर का निर्माण कार्य पंचम जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज किया गया है। यह मंदिर जगद्गुरु कृपालु प्रतिष्ठा (जेकेपी) के द्वारा बनाया गया है।

प्रेम मंदिर किस भगवान को समर्पित है ?

प्रेम मंदिर राधा-कृष्ण एवं राम-सीता को समर्पित किया गया है।

वृंदावन के प्रेम मंदिर को किस शैली में निर्मित किया गया है ?

वृंदावन के प्रेम मंदिर को राजस्थानी सोमनाथ गुजराती शैली में निर्मित किया गया है जो की अपनी अद्धभुत स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।

प्रेम मंदिर में प्रमुख दर्शनीय बिंदु क्या-क्या है ?

प्रेम मंदिर में प्रमुख दर्शनीय बिंदु सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको प्रेम मंदिर में प्रमुख दर्शनीय बिंदु सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं की जानकारी प्रदान की गयी है।

प्रेम मंदिर को विजिट करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ?

प्रेम मंदिर को विजिट करने का सबसे अच्छा समय नवंबर माह से मार्च माह के मध्य है। इस समय आप आसानी से प्रेम मंदिर के दर्शन कर सकते है।

क्या प्रेम मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क लगता है ?

नहीं। प्रेम मंदिर में प्रवेश के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।

प्रेम मंदिर पहुंचने के लिए क्या मार्ग है ?

प्रेम मंदिर सड़क, रेल एवं हवाई मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक कर सकते है।

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