संसद क्या है- संसद के कार्य, सदस्यो का कार्यकाल, | What is Sansad | पूरी जानकारी

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है। देश की संसद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है। वास्तव में देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद के माध्यम से ही विभिन प्रकार की नीति एवं नियमो का निर्धारण किया जाता है ऐसे में संसद ही लोकतंत्र की वास्तविक कसौटी होता है। भारत की संसद विश्व की सबसे बड़ी संसद में से एक है।

जिसके द्वारा सम्पूर्ण देश के लिए नीतियों का निर्धारण किया जाता है। एक लोकतान्त्रिक देश का नागरिक होने के नाते देश के सभी नागरिको का अपने देश की संसदीय प्रणाली के बारे में ज्ञान होना आवश्यक है तभी वास्तव में नागरिक एक जागरूक मतदाता की भांति देश के लोकतंत्र को बेहतर बनाने में सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभा सकते है। आगे जानिए संसद क्या है?

संसद क्या है
संसद क्या है- संसद के कार्य, सदस्यो का कार्यकाल

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको संसद क्या है- संसद के कार्य, सदस्यो का कार्यकाल, (What is Sansad) सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको देश की संसद प्रणाली के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी प्रदान की जाएगी।

यहाँ भी देखें -->> क्विज खेलकर इनाम कमाएं

Article Contents

संसद क्या है ?

संसद देश के लोकतान्त्रिक व्यवस्था की सर्वोच्च विधायी निकाय प्रणाली है जो की लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ है। वास्तव में देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिक अपनी शक्ति का प्रयोग संसद के माध्यम से ही कर पाते है चूँकि संसद में देश के नागरिको द्वारा ही प्रतिनिधियों को निर्वाचित किया जाता है। संसद एक संवैधानिक निकाय है।

जिसके गठन देश के संविधान द्वारा वर्णित किया गया है। संसद देश का सर्वोच्च विधायी निकाय है जिसके माध्यम से देश के नीतियों एवं अधिनियमों को निर्धारित किया जाता है। संसद के माध्यम से ही देश के नागरिको द्वारा अपनी शक्ति का प्रयोग किया जाता है जहाँ संसद के प्रतिनिधियों का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से (लोकसभा में) किया जाता है।

देश में लोकतांत्रिक स्तर पर संसद ही सर्वोच्च निकाय है जिसके द्वारा देश के लिए कानूनों का निर्माण किया जाता है। संसद का निर्माण लोकसभा, राज्यसभा एवं राष्ट्रपति से मिलकर होता है।

संसद के कितने भाग है ?

भारत की लोकतान्त्रिक प्रणाली में संसद सर्वोच्च स्तर की विधायी निकाय प्रणाली है। वास्तव में केंद्र स्तर पर स्थापित संघीय विधानमंडल को ही संसद का दर्जा दिया गया है जो की केंद्र सरकार की रचना करती है। भारतीय संसद मुख्य रूप से तीन अंगो से मिलकर बनी है जिसका वर्णन यहाँ किया जा रहा है :-

  • लोकसभा (Lok Sabha)- लोकसभा संसद का निचला सदन होता है जो की भारतीय संसद व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण निकाय है। लोकसभा के सांसदों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली द्वारा किया जाता है ऐसे में लोकसभा देश की लोकतांत्रिक प्रणाली का वास्तविक घटक एवं जनता का वास्तविक प्रतिनिधित्व प्रदर्शित करता है। लोकसभा में सत्ता पक्ष का नेता प्रायः देश का प्रधानमन्त्री होता है एवं देश के वास्तविक प्रमुख के रूप में कार्य करता है।
  • राज्यसभा (Rajya Sabha)- राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन होता है जिसका चुनाव राज्य विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है। राज्यसभा संसद का स्थायी सदन है जो की निरंतर रूप से चलता रहता है चूँकि इसके एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष में सेवानिवृत हो जाते है।
  • राष्ट्रपति (President)- राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होता है जिसका निर्वाचन लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्यों की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति देश के प्रथम नागरिक होता है। राष्ट्रपति के अनुमोदन के पश्चात ही कोई कानून प्रवर्तन में आ पाता है।

संविधान में संसद सम्बंधित अनुच्छेद

देश की संसद का वर्णन संविधान द्वारा किया गया है। भारतीय संविधान में संसद के गठन, कार्य, प्रावधान एवं नीति-नियमो सम्बंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है। भारतीय संसद का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 79 से अनुच्छेद 88/122 तक दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद 79 में संसद के गठन का वर्णन किया गया है। साथ ही संविधान में संसद के कार्यो, शक्तियों एवं इसकी सीमाओं का भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।

संसद के कार्य

भारत की संसद देश में नीति-नियमो के निर्धारण, अधिनियम बनाने, वित्-सञ्चालन, कानून व्यवस्था, सुरक्षा एवं देश की सम्पूर्ण आर्थिक, राजनैतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था सम्बंधित विभिन व्यवस्थाओं के सञ्चालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण निकाय प्रणाली है। यहाँ आपको संसद के प्रमुख कार्यो का वर्णन किया जा रहा है :-

  • अधिनियम या कानून बनाना– संसद के सबसे प्रमुख कार्यो में देश में जनता के हित के विभिन कानूनों का निर्माण करना है। वास्तव में विभिन कानूनों एवं अधिनियमों के निर्माण के द्वारा ही संसद द्वारा देश में व्यवस्थापिका को सुनिश्चित किया जाता है। संसद को केंद्र एवं समवर्ती सूची में शामिल विषयों पर ही कानून बनाने का अधिकार होता है।
  • वित्त का नियंत्रण– देश की वित्तीय प्रणाली के माध्यम से संसद द्वारा देश में वित्तीय व्यवस्था का समुचित नियंत्रण एवं नियमन सुनिश्चित किया जाता है। देश में वित् का संचयन एवं सार्वजनिक हित में इसके अधिकतम प्रयोग के लिए सरकार द्वारा वार्षिक वित्तीय विवरण जिसे की बजट भी कहा जाता है पेश किया जाता है।
  • कार्यपालिका का नियंत्रण– संसद द्वारा मंत्रिपरिषद् के कार्यो को सुनिश्चित करने एवं इसका नियमन करने के लिए संसद की महत्वपूर्ण भूमिका है। वास्तव में मंत्रिपरिषद् तभी तक सत्ता में रह सकती है जब तक की उसे संसद का बहुमत प्राप्त है। संसद का बहुमत खोने पर मंत्रिपरिषद् को सामूहिक रूप से त्यागपत्र देना होता है।
  • विमर्श शुरू करना– देश में लोकहित के विभिन मुद्दों एवं प्रशासनिक कार्यों के सञ्चालन हेतु संसद के माध्यम से ही विभिन प्रकार की चर्चाएँ की जाती है जहाँ सभी पक्षों द्वारा विमर्श किया जाता है।
  • निर्वाचन संबंधी कार्य– देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा अध्यक्षों का निर्वाचन संसद के सदस्यों द्वारा ही किया जाता है। साथ ही विभिन संवैधानिक अधिकारियों पर पद के दुरूपयोग सम्बंधित मामलों में महाभियोग लगाने का अधिकार संसद के पास होता है।

सदस्यो का कार्यकाल

संसद के सदस्यों का चुनाव प्रक्रिया एवं कार्यकाल संक्षिप्त सम्बंधित विवरण इस प्रकार से है :-

लोकसभा (Lok Sabha)- लोकसभा के सदस्य बनने के लिए किसी भी नागरिक की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष का होना आवश्यक है। निर्वाचित होने के पश्चात लोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तिथि के 5 वर्ष तक होता है।

राज्यसभा (Rajya Sabha)- राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन राज्य विधानसभाओ के सदस्यों द्वारा किया जाता है। राज्यसभा का सदस्य बनाने के लिए किसी भी नागरिक की न्यूनतम उम्र 30 वर्ष होना अनिवार्य है। राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल निर्वाचन के 6 वर्ष तक होता है।

राष्ट्रपति (President)- भारत में राष्ट्रपति संवैधनिक प्रमुख होता है। भारत के राष्ट्रपति का चुनाव संसद लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने के लिए किसी भी नागरिक की न्यूनतम उम्र 35 वर्ष होनी आवश्यक है।

भारत की निर्वाचन प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ दिया गया आर्टिकल पढ़े :- यहाँ क्लिक करें

इस प्रकार से इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भारत की संसद प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है। भारत की लोकतान्त्रिक प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए सभी नागरिको को देश की संसद प्रणाली के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

संसद सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

संसद क्या है ?

संसद देश के लोकतान्त्रिक व्यवस्था की सर्वोच्च विधायी निकाय प्रणाली है जो की लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ है। संसद के माध्यम से ही देश की लोकतांत्रिक प्रणाली सुचारु रूप से कार्य करती है एवं जनता अपनी शक्तियों का प्रयोग कर पाती है।

लोकतंत्र में जनता अपनी शक्ति का प्रयोग किस प्रकार करती है ?

लोकतंत्र में जनता अपनी शक्ति का प्रयोग मत के माध्यम से करती है चूँकि संसद के सदस्यों का निर्वाचन (लोकसभा का) जनता के माध्यम से प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली के द्वारा किया जाता है।

भारतीय संसद के कितने अंग है ?

भारतीय संसद प्रमुख रूप से तीन अंगो से मिलकर बनी है :- लोकसभा, राज्यसभा एवं राष्ट्रपति

संसद के प्रमुख कार्यो के बारे में जानकारी प्रदान करें ?

संसद के प्रमुख कार्यो के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको संसद के सभी प्रमुख कार्यो के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है।

संसद के सबसे प्रमुख अंग कौन सा है ?

संसद के सबसे प्रमुख अंग के रूप में लोकसभा को परिभाषित किया जाता है। लोकसभा के सदस्यों का चुनाव जनता के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है ऐसे में जनता द्वारा अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों का प्रयोग लोकसभा के द्वारा ही किया जाता है। संसद के तीनों अंगो में लोकसभा ही ऐसा अंग है जिसके सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है ऐसे में लोकसभा वास्तव में जनता का प्रतिनिधित्व करती है।

संविधान में संसद सम्बंधित अनुच्छेद कौन-कौन से है ?

भारतीय संसद का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 79 से अनुच्छेद 88/122 तक दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद 79 में संसद के गठन का वर्णन किया गया है। संविधान में संसद के विभिन कार्यो एवं नियमो का भी विस्तृत वर्णन किया गया है।

क्या राष्ट्रपति भारतीय संसद का भाग होता है ?

हाँ। भारत का राष्ट्रपति भारतीय संसद का भाग होता है। राष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा, राज्यसभा एवं विधानसभा के सदस्यों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। राष्ट्रपति के अनुमोदन के पश्चात ही कोई कानून प्रवर्तन में आ पाता है।

Leave a Comment

Join Telegram