वर्तमान समय में मानवीय अस्तित्व के लिए सबसे बड़े संकट की बात की जाए तो निःसंदेह ही पर्यावरण प्रदूषण धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आज विश्व का प्रत्येक भाग मानव द्वारा निर्मित प्रदूषण से जूझ रहा है जिसके कारण विभिन पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन हो गयी है। जल, स्थल, वायुमंडल सहित जीवमंडल का सम्पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र प्रदूषण के कारण संकट में है। मानवीय प्रदूषण के कारण उत्पन संकट को दूर करने के लिए सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से देश के नागरिको को जागरूक किया जाता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस क्या है ? (National Pollution Control Day 2023), प्रदूषण दिवस 2 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है ? इसका उद्देश्य एवं महत्व क्या है ? साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको प्रदूषण नियंत्रण हेतु सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन कार्यक्रमों की भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
World Aids Day 2023: क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस, क्या है इस साल की थीम
National Pollution Control Day 2023
वर्तमान समय में मानवीय कारकों के कारण पर्यावरण में प्रदूषण में निरंतर वृद्धि हो रही है जो की वास्तव में सम्पूर्ण मानव जाति के लिए खतरे की घंटी है। पारिस्थितिक तंत्र के सभी भागों में मानव निर्मित प्रदूषण अपनी पैठ बना चुका है जिसके कारण पारिस्थितिक तंत्र के सभी जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। प्रदूषण वह स्थित होती है जब किसी भी पारिस्थितिक तंत्र (जल, स्थल, वायु) में विभिन अवयवों की मात्रा निर्धारित संतुलित सीमा से अधिक हो जाती है जिसके कारण संपूर्ण तंत्र का संतुलन बिगड़ जाता है एवं पारिस्थितिक तंत्र का अस्तित्व संकट में आ जाता है। प्रदूषण के कारण पारिस्थितिक तंत्र के विभिन अवयवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं पूरे तंत्र में असंतुलन की स्थित पैदा हो जाती है।
यहाँ भी देखें -->> क्विज खेलकर इनाम कमाएं
प्रदूषण के कारकों के आधार पर इसे विभिन प्रकार से विभाजित किया गया है जिन्हे मुख्यत निम्न प्रकार से बाँटा गया है :- जल-प्रदूषण, वायु-प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, प्रदूषण के प्रमुख कारक है। मानव निर्मित औद्योगिक गतिविधियों, रसायनों के प्रयोग, खनिज तेल का उपयोग एवं प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुन दोहन के कारण प्रदूषण पैदा होता है।
कांतारा मूवी ओटीटी रिलीज डेट – Watch Online on Amazon Prime/Netflix
प्रदूषण नियंत्रण दिवस क्यों मनाया जाता है ? इतिहास
प्रदूषण नियंत्रण दिवस का आयोजन नागरिको को पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक करने एवं इसके प्रबंधन, नियंत्रण एवं समुचित निस्तारण के लिए प्रभावी उपाय करने के सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने के लिए किया जाता है। प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जानकारी प्रदान करने के अतिरिक्त इसके पारिस्थितिक तंत्र पर प्रभाव, मानवीय एवं औद्योगिक लापरवाही से उत्पन प्रदूषण को नियंत्रित करने एवं सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में बनाये गए विभिन नियमों एवं कानूनों के बारे में नागरिको को जानकारी प्रदान की जाती है।
भारत में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को मनाने की शुरुआत दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी में शुमार भोपाल गैस त्रासदी के बाद हुयी थी। 2 दिसंबर 1984 की रात को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाईड इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी की कीटनाशक फैक्ट्री से औद्योगिक दुर्घटना के कारण जानलेवा जहरीली गैस मिथाईल आइसोसाइनेट (MIC) का रिसाव हुआ था। इस घटना के कारण भोपाल में हजारों लोग मारे गए थे। भोपाल गैस त्रासदी में जान गवाँने वाले मृतकों की स्मृति में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है।
National Pollution Control Day 2023
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को मनाया जाता है। वर्ष 1984 में भोपाल में हुयी भीषण औद्योगिक दुर्घटना के कारण इस हादसे में जान गवाँने वाले मृतकों की याद में प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day) मनाया जाता है।
भोपाल गैस त्रासदी के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :-
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस, उद्देश्य
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिको को पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरूक करना है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के माध्यम से सरकार एवं विभिन गैर-सरकारी संस्थानों के द्वारा विभिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण का कारकों, इसके नियंत्रण एवं निस्तारण में लोगों की सहभागिता के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्ययोजना को लागू किया जाता है। साथ ही जन-सहभागिता के अतिरिक्त राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर विभिन नियमों एवं कानूनो के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाता है। पर्यावरण प्रदूषण हेतु प्रभावी उपायों के बारे में भी इस दिवस के अवसर पर विभिन प्रकार की जानकारी साझा की जाती है।
प्रदूषण का मानवीय जीवन पर प्रभाव
प्रदूषण का पारिस्थितिक तंत्र सहित मानवीय जीवन पर घातक प्रभाव होता है। प्रदूषण के कारण पारिस्थितिक तंत्र में असंतुलन उत्पन हो जाता है जिसके कारण विभिन जीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। प्रदूषण का पारिस्थितिक तंत्र सहित मानव जीवन पर घातक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण विभिन जीवों के खाद्यान एवं आवास पर संकट उत्पन होता है। साथ ही विभिन वैज्ञानिक अनुसंधानो में भी यह बात साबित हो चुकी है है की प्रदूषण ना सिर्फ हृदय, श्वसन एवं तंत्रिका तंत्र सम्बंधित बीमारियों के लिए जिम्मेदार है अपितु यह कैंसर जैसे बीमारियों का भी प्रमुख कारक है। प्रदूषण के कारण लोगो की उम्र में 10 वर्ष तक की कमी सम्बंधित शोध भी प्रकाशित हो चुके है।
प्रदूषण रोकने में हमारी भूमिका
प्रदूषण रोकने में सरकार द्वारा विभिन प्रकार के कार्यक्रमों का सञ्चालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए 22 सितम्बर 1974 को सांविधिक संगठन के रूप में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया है। वर्ष 1986 में सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम पारित करके प्रदूषण नियंत्रण हेतु कार्ययोजना लागू की गयी। सक्रिय नागरिको के रूप में देश के निवासियों की जिम्मेदारी है की प्रदूषण रोकथाम के लिए बनाये गए विभिन नियम एवं कानूनों का पालन करके प्रदूषण रोकथाम में सक्रिय भूमिका अदा करें एवं प्रदूषण नियंत्रण में अपना योगदान दे। साथ ही प्रतिदिन के जीवन में विभिन कार्यों के माध्यम से भी हम प्रदूषण रोकथाम में प्रभावी भूमिका निभा सकते है।
National Pollution Control Day सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस प्रदूषण के नियंत्रण, नियमन एवं इसके प्रभावी निस्तारण के लिए मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस प्रतिवर्ष 2 सितम्बर को मनाया जाता है। 2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस त्रासदी में जान गवाँने वाले मृतकों को याद में 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया लेख पढ़े। इसके माध्यम से आपको राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।
प्रदूषण के कारण मानवों में विभिन प्रकार की बीमारियाँ उत्पन होती है जिसमे श्वसन एवं हृदय सम्बंधित रोग प्रमुख है। साथ ही प्रदूषण के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ एवं मानवीय जीवन में कमी भी देखी गयी है।
सरकार द्वारा प्रदूषण रोकथाम के लिए 22 सितम्बर 1974 को सांविधिक संगठन के रूप में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया है। वर्ष 1986 में सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के माध्यम से प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्रभावी उपाय किए गए। साथ ही सरकार द्वारा समय-समय पर प्रदूषण रोकथाम हेतु विभिन प्रकार के कार्यक्रम भी लांच किए जाते है।