मनुष्य के संपूर्ण विकास के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्त्व है। किसी भी व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के विकास में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में सभी नागरिको को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और वर्तमान जरूरतों के अनुसार प्रासंगिक शिक्षा प्राप्त होना आवश्यक है। केंद्र सरकार द्वारा इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुये केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020’ (National Education Policy- 2020) को लागू किया है। यह नई शिक्षा नीति 34 वर्ष पुरानी ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986’ [National Policy on Education (NPE),1986] की जगह लेगी। नयी शिक्षा नीति से देश की शिक्षा प्रणाली में वृहद् बदलाव किये जायेंगे जिससे की सभी नागरिको को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा
नेशनल एजुकेशन पालिसी की रूपरेखा तैयार करने के लिए सरकार द्वारा 2017 में इसरो (ISRO) के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था, इस कमेटी ने मई 2019 में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट की अनुसंशाओं के आधार पर नयी शिक्षा नीति को तैयार किया गया है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे है जैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्या है? इस नीति का उद्देश्य, पृष्ठभूमि, और मुख्य विशेषतायें क्या-क्या है ?
इस लेख के माध्यम से आप नयी शिक्षा नीति (New Education Policy 2022) सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओ की जानकारी आसान और सरल भाषा में प्राप्त कर सकेंगे साथ ही आपकी सुविधा के लिए शिक्षा नीति के सभी बिन्दुओ को क्रमवार बताया गया है। अगर आप छात्र, टीचर या शिक्षा सम्बंधित हितधारक है तो आपके लिए यह लेख महत्वपूर्ण होगा। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी यह लेख परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी रहेगा।
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नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन/सुधार
- सरकार द्वारा वर्तमान समय की चुनौतियों और बदलाव के मद्देनज़र नयी शिक्षा नीति (New Education policy) लागू की गयी है।
- इसके अंतर्गत सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च-शिक्षा तक व्यापक परिवर्तन किये गए है गये है जिससे की देश में शिक्षा की तस्वीर पूर्ण रूप से बदल जाएगी।
- नयी शिक्षा पालिसी के माध्यम से गुणवत्तायुक्त और सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान की जाएगी ताकि देश भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सके।
- National Education Policy के द्वारा सरकार द्वारा पुराने 10+2 शिक्षा पद्धति को खत्म करते हुये इसके स्थान पर 5+3+3+4 का नया पैटर्न लागू किया जायेगा जिससे की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा का ढांचा पूरी तरह से बदल जायेगा।
- साथ ही प्रारंभिक शिक्षा में 3 वर्षीय प्री-स्कूल शिक्षा को भी शामिल किया गया है ताकि बच्चो को स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के लिए पूर्व से ही तैयार किया जा सके।
- नयी शिक्षा नीति के तहत उच्च-शिक्षा में छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये भी कई बदलाव किये गए है जिससे अलग-अलग स्तरों पर कॉलेज ड्रॉपआउट करने वाले छात्रों को भी डिग्री मिल सके।
- इसके अतिरिक्त प्रारंभिक शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा, अनिवार्य व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्किल ट्रेनिंग सहित विभिन महत्वपूर्ण बिन्दुओ को भी इसमें शामिल किया गया है।
इस टेबल के माध्यम से आपको नेशनल एजुकेशन पालिसी सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ को जानकारी प्रदान की गयी है :-
आर्टिकल | नेशनल एजुकेशन पालिसी (National Education policy) |
स्कीम लांच की गयी | केंद्र सरकार द्वारा |
लाभार्थी | पूरे देश के नागरिक |
वर्ष | 2022 |
उद्देश्य | देश में शिक्षा प्रणाली को बेहतर और सार्वभौमिक बनाना |
क्रियान्वयन विभाग | शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार |
आधिकारिक वेबसाइट | education.gov.in |
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy), उद्देश्य
शिक्षा किसी भी व्यक्ति की क्षमताओ का पूर्ण रूप से विकास करने के लिए आवश्यक तत्त्व है। देश में अंतिम शिक्षा नीति प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी के काल में वर्ष 1986 में लागू की गयी थी जिसे लागू किये हुये 3 दशक से अधिक समय बीत चुका है। इन 3 दशकों के दौरान दुनिया बड़े बदलावों की साक्षी रही है जिसमे हमारे सामने नयी चुनौतियां आयी है। इन सभी बदलावों के अनुरूप ढलने और नयी चुनौतियो का सामना करने के लिए लम्बे समय से शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। अंतिम शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों को व्यवासायिक और समझ आधारित शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा था साथ ही 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये भी यह नाकाफी साबित हो रही थी। इन सभी जरुरतो को ध्यान में रखते हुये केंद्र सरकार द्वारा नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को लागू कर दिया गया है। इस पालिसी के माध्यम से सरकार द्वारा देश में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च-शिक्षा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये इसे सार्वभौमिक बनाया जायेगा जिससे की सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 2020 के माध्यम से सरकार द्वारा सभी छात्रों के सर्वागीण विकास को ध्यान में रखकर प्रावधान तैयार किये गये है जिससे की छात्रों को बेहतर भविष्य मिल सके। न्यू एजुकेशन पालिसी के माध्यम से छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा साथ ही देश की अर्थव्यवस्था और दुनिया की बेहतरी के अनुरूप भी इस नीति के मसौदे को तैयार किया गया है। नयी शिक्षा नीति को तैयार करने के लिए सरकार द्वारा पूरे देश से 2 लाख से भी ज्यादा सुझाव लिये गये थे जिसके आधार पर इस विस्तृत पालिसी को तैयार किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदु, एक नजर में
इस पैराग्राफ के माध्यम से आपको नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ की संक्षिप्त जानकारी दी गयी है :-
- प्रारंभिक शिक्षा (Primary education)- सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति के तहत बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए 5+3+3+4 का नया शिक्षा पैटर्न अपनाया गया है। पहले जहाँ बच्चो की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 1 से शुरू होती थी वही अब नयी पालिसी (शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति के अनुसार बच्चो को 3 वर्ष की प्राइमरी एजुकेशन प्रदान की जाएगी जिससे की वे स्कूली शिक्षा के लिए तैयार हो सकें। इसके अतिरिक्त इसमें विभिन चरण बनाये गये है जिससे की छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी मिल सके।
- उच्च-शिक्षा (Higher education)- उच्च-शिक्षा के अंतर्गत सरकार द्वारा छात्रों को कॉलेज स्तर पर कई एंट्री और एग्जिट पॉइंट प्रदान किये जायेंगे ऐसे में अगर कोई छात्र कॉलेज शिक्षा के दौरान ड्रॉपआउट करना चाहता है तो उसे पूरे किये गये कोर्स के अनुसार डिप्लोमा या डिग्री प्रदान की जाएगी। साथ ही वह दुबारा कॉलेज भी ज्वाइन कर सकता है।
- क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा (promotion of regional languages)- नयी शिक्षा नीति के द्वारा छात्रों को प्रारंभिक शिक्षा उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी जिससे की बच्चो में बेहतर समझ विकसित हो सके। साथ ही भारतीय भाषाओं के अध्ययन को भी बढ़ावा दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त छात्र अपनी रूचि के हिसाब से विदेशी भाषाओं का अध्ययन भी कर सकते है।
- व्यावसायिक शिक्षा पर जोर (Vocational eduaction)- देश में रोजगार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये नयी शिक्षा नीति के तहत सभी छात्रों हेतु अनिवार्य व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जायेगा। इसके अंतर्गत 6वीं कक्षा से ही छात्रों को रूचि के अनुसार वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी जिससे की वे बाजार की जरूरतों के अनुसार रोजगार प्राप्त करने में सक्षम हो सकें।
- अध्यापक शिक्षा (Teacher-Training)- छात्रों के सीखने की गुणवत्ता और बौधिक क्षमता का विकास करने में अध्यापको की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है ऐसे में न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत अध्यापको की ट्रेनिंग भी सुनिश्चित की जाएगी। इससे अध्यापक नयी शिक्षण तकनीकों से परिचित हो सकेंगे साथ ही छात्रों को भी बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
शोध एवं अनुसन्धान के लिए प्रावधान (Focus on R&D)- छात्रों के बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने और शिक्षा में अनुसन्धान के स्तर को बेहतर बनाने के लिए नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत शोध एवं अनुसन्धान के लिए संस्थानों की स्थापना की जाएगी। साथ ही शिक्षा बजट में भी इसके लिए अलग से बजट रखा जायेगा। - इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास (Infrastructure development)- नयी शिक्षा नीति के तहत छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूलों और डिजिटल इंफ्रास्टरकचर का विकास किया जायेगा जिसमे ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा, डिजिटल बोर्ड, टेबलेट, एप्प, अनिवार्य कंप्यूटर शिक्षा, लाइब्रेरी और अन्य घटको के विकास के लिए प्रावधान किये जायेंगे।
- सर्वांगीण विकास पर जोर (Focus on all round development)- छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए नयी शिक्षा नीति के तहत सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत छात्रों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को भी ध्यान में रखते हुये शारीरिक शिक्षा, खेलकूद, प्रशिक्षण, कला और अनुसन्धान सम्बंधित शिक्षा प्रदान की जाएगी जिससे की वे जीवन में रोजगार के बेहतर मौके पास सके।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के विभिन आयामो के ध्यान में रखते हुये बजट के 6 फीसदी हिस्से को शिक्षा के लिए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है। इन सबके अतिरिक्त बच्चो के बस्ते का बोझ कम करने, छात्रों से बोर्ड परीक्षा का बोझ कम करने, आईआईटी को बहुविषयक बनाने, स्कूल में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने और शिक्षा के विभिन पहलुओं को ध्यान में रखकर शिक्षा योजना को तैयार किया गया है।
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नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रारंभिक शिक्षा
नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सबसे महत्वपूर्ण बदलाव प्रारंभिक शिक्षा को लेकर किया गया है। प्रारंभिक शिक्षा छात्रों के भविष्य की बुनियाद होती है और इसी के आधार पर उनका भविष्य आकार लेता है। ऐसे में सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा पर ख़ासा ध्यान दिया गया है। नवीन शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार द्वारा आरंभिक स्तर पर छात्रों को प्री-शिक्षा प्रदान की जाएगी जिसके लिए बच्चो को शुरू के 3 वर्षो तक आंगनवाड़ी/बालवाटिका के माध्यम से विभिन चीजों के प्रति समझ विकसित की जाएगी। प्रारंभिक स्तर की शिक्षा के लिए नयी पालिसी के तहत 5+3+3+4 पैटर्न को लागू किया गया है जिसके मुख्य घटक इस प्रकार है :-
- फाउंडेशन स्टेज (Foundational stage)- प्रारंभिक स्तर की शिक्षा में 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत 5 का अर्थ फाउंडेशन स्टेज के तहत दी जाने वाली 5 वर्षीय शिक्षा है। इसमें प्रारम्भ के 3 वर्ष बच्चो को प्री-स्कूल एजुकेशन के माध्यम से स्कूली शिक्षा के लिए तैयार किया जायेगा जिससे की उनमे बेसिक समझ विकसित हो सके। इसके पश्चात प्रारम्भिक शिक्षा के अंतर्गत पहली और दूसरी कक्षा को भी फाउंडेशन स्टेज के अंतर्गत शामिल किया गया है। फाउंडेशन स्टेज के तहत छात्र 5 वर्षो की शिक्षा (प्री-स्कूल-3 वर्ष+पहली और दूसरी कक्षा-2 वर्ष) प्राप्त कर सकेंगे। इसमें 3 से 8 वर्ष के बच्चो को शामिल किया जायेगा। इसमें बच्चो को एक्टिविटीज द्वारा शिक्षा दी जाएगी।
- प्रिप्रेटरी स्टेज (Preparatory-stage)- फाउंडेशन स्टेज पूरा करने के पश्चात छात्रों को नवीन शिक्षा नीति के दूसरे चरण यानी 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत प्रदान की जाएगी(संख्या 3 का तात्पर्य अगले तीन वर्षीय शिक्षा से है)। इसमें कक्षा 3 से लेकर 5वीं कक्षा के छात्रों को शामिल किया गया है। प्रिप्रेटरी स्टेज में छात्रों को संख्यात्मक कौशल और भाषा सम्बंधित विकास पर ध्यान दिया जायेगा। साथ ही सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा में 5वीं कक्षा तक की शिक्षा को क्षेत्रीय भाषा में देने का फैसला किया गया है। इसमें 8 से लेकर 11 वर्ष की उम्र के छात्रों को शामिल किया गया है।
- मिडिल स्टेज (Middle-stage)- मिडिल स्टेज को नवीन शिक्षा पालिसी के तीसरे चरण यानी 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत तीसरी संख्या 3 के तहत रखा गया है। इसमें कक्षा 6 से 8वीं तक के कक्षा के छात्रों को शामिल किया गया है। इस स्टेज में छात्रों को कंप्यूटर और डिजिटल एजुकेशन के साथ-साथ कोडिंग की शिक्षा भी दी जाएगी। साथ ही उन्हें रूचि के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। इस स्टेज में छात्रों को इंटर्नशिप प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा ताकि उन्हें रोजगार मिलने में किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
- सेकेंडरी स्टेज (Secondary-stage)- नवीन शिक्षा पालिसी के अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा के चौथे और अंतिम चरण यानी 5+3+3+4 फॉर्मूले (अंतिम संख्या चार का अर्थ 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की शिक्षा से है) के अनुसार समझ आधारित शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस चरण के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्ट्रीम चुनने को लेकर किया गया है। वर्तमान में छात्रों को इस स्टेज पर आकार साइंस, आर्ट, कॉमर्स जैसे स्ट्रीम का चयन करना पड़ता है परन्तु नयी शिक्षा नीति में इस पालिसी को खत्म कर दिया गया है। अब छात्र अपनी पसंद के अनुसार साइंस सब्जेक्ट के साथ आर्ट्स या कॉमर्स के सब्जेक्ट का चयन कर सकते है।
नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्चतर-शिक्षा
नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सरकार द्वारा उच्चतर शिक्षा पर भी ख़ासा ध्यान दिया गया है। देश में लम्बे समय से उच्च-शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने को लेकर सरकार द्वारा मंथन किया जा रहा था। ऐसे में नयी शिक्षा नीति में सरकार द्वारा वृहद् बदलाव किये गए है जिससे की उच्च-शिक्षा को शोध और अनुसन्धान से जोड़कर और भी गुणवत्तपूर्ण बनाया जायेगा। उच्च-शिक्षा के अंतर्गत किये गये महत्वपूर्ण बदलाव निम्नलिखित है :-
- 4 वर्षीय होगी कॉलेज शिक्षा – उच्च-शिक्षा में सबसे बड़ा बदलाव छात्रों को अध्ययन की सुविधा को लेकर किया गया है। वर्तमान उच्च-शिक्षा के अंतर्गत कॉलेज में अध्ययनरत छात्र को 3 वर्षीय शिक्षा पूरी करने के बाद ही डिग्री प्रदान की जाती है ऐसे में अगर कोई छात्र अपने कोर्स के बीच में कॉलेज ड्रॉपआउट कर देता है तो उसे अपनी डिग्री नहीं मिल पाती है। ऐसे में छात्र का यह समय व्यर्थ हो जाता है। नयी शिक्षा नीति में छात्रों को प्रविष्ठ और निकास होने के लिए कई सुविधा प्रदान की गयी है। यानी की इसका अर्थ है की अगर कोई छात्र अपने कॉलेज के पहले, दूसरे या तीसरे वर्ष में ड्रॉपआउट होना चाहता है तो उसे नए नियमो के अनुसार सर्टिफिकेट, एडवांस डिप्लोमा, डिग्री और रिसर्च कम बैचलर डिग्री प्रदान की जाएगी। कॉलेज ड्रॉपआउट के आधार पर छात्रों को प्रदान की जाने वाली डिग्री को आप निम्न टेबल से भी समझ सकते है :-
- 1 वर्ष में कॉलेज ड्रॉपआउट छात्र-सर्टिफिकेट
- 2 वर्ष में कॉलेज ड्रॉपआउट छात्र-एडवांस डिप्लोमा
- 3 वर्ष में कॉलेज ड्रॉपआउट छात्र-डिग्री
वहीं जो छात्र 4 वर्षीय कॉलेज शिक्षा पूरी करेंगे उन्हें डिग्री के साथ रिसर्च डिग्री प्रदान की जाएगी जिससे की उन्हें Mphil करने की जरूरत नहीं होगी। इससे वे सीधे पीएचडी में प्रवेश लेने के पात्र होंगे। यह पैटर्न उन छात्रों के लिए बहुत उपयोगी होगा जो की कॉलेज के दौरान अपने पैशन को फॉलो करने के लिए कॉलेज ड्रॉपआउट कर देते है। इस पैटर्न में छात्रों को पढ़ाई बीच में छोड़ने पर पुनः आरम्भ करने का प्रावधान भी है यानी की अगर कोई छात्र कॉलेज के 2 वर्ष पूरे करके कॉलेज ड्रॉपआउट करता है तो वह कुछ वर्ष के बाद पुनः कॉलेज में एडमिशन ले सकता है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आने वाले छात्रों को लाभ होगा
- 4 वर्षीय होगा B.Ed – नवीन शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार का शिक्षकों की ट्रेनिंग और एजुकेशन पर भी ख़ास फोकस रहेगा। इसके अंतर्गत वर्ष 2030 से बीएड प्रोग्राम 4 वर्षीया होगा। साथ ही टीईटी परीक्षा को भी नवीन शिक्षा प्रणाली के अनुसार सेट किया जायेगा।
- आईआईटी संस्थानों के होगा बड़ा बदलाव- अभी तक आईआईटी संस्थानो में साइंस और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले छात्रों को ही एडमिशन प्रदान किया जाता है। जल्द ही सरकार द्वारा इनमे बदलाव के माध्यम से इन्हे बहु-विषयक बनाया जायेगा अर्थात ह्वयुमेनिटीज़ (Humanities) से आने वाले छात्र भी इन संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे।
नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्य महत्वपूर्ण स्तंभ (Important pillar)
नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सरकार द्वारा शिक्षा से जुड़े विभिन पहलुओं पर फोकस किया गया है। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा शिक्षा में प्रारंभिक से लेकर उच्चतर स्तर पर वृहद् बदलाव किये जायेंगे। इसके अंतर्गत फोकस वाले महत्वपूर्ण क्षेत्र निम्न है।
- सार्वभौमिक शिक्षा के साथ छात्रों का सर्वागीण विकास – नयी शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार द्वारा छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर शिक्षा नीति तैयार की गयी है। इसमें छात्रों को रूचि और क्षमता के अनुसार उनका बौद्धिक विकास किया जायेगा। साथ ही छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ भारतीय मूल्यों के अनुरूप भी शिक्षा प्रदान की जाएगी। नयी शिक्षा नीति में सरकार द्वारा सार्वभौमिक शिक्षा पर जोर दिया गया है ताकि सभी को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके।
- प्रारंभिक और उच्च-शिक्षा में गुणवत्ता पर जोर- नेशनल एजुकेशन पालिसी में सरकार द्वारा बच्चो के विकास के विभिन चरणों को ध्यान में रखकर अलग-अलग चरण तैयार किये गये है। स्कूली शिक्षा शुरू होने से पूर्व बच्चो को 3 वर्षीया प्री-एजुकेशन प्रदान की जाएगी जिसमे गतिविधियो के माध्यम से बच्चो को शिक्षा दी जाएगी। वही प्रारंभिक स्तर की शिक्षा के लिए 5+3+3+4 फॉर्मूले को लागू किया जायेगा। उच्च-शिक्षा में भी डिग्री प्रोग्राम को चार वर्षीय किया गया है।
- व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा- हमारे देश में शिक्षित बेरोजगार युवा बहुत अधिक संख्या में है और इसका काऱण कौशल विकास का प्रशिक्षण ना मिलना है। जहाँ विदेशो में 50 से 75 फीसदी युवाओ को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है वही हमारे देश में यह संख्या सिर्फ 5 फीसदी है। नयी शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार द्वारा देश में 50 से 75 फीसदी युवाओ को कौशल युक्तशिक्षा प्रदान की जाएगी जिसके लिए 6वीं कक्षा से ही छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त छात्रों को इंटर्नशिप भी करवाई जाएगी ताकि उन्हें रोजगार प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना ना करना पड़े।
- मातृभाषा में शिक्षा – यह सर्वविदित तथ्य है की अगर छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जाए तो वे चीजों को ज्यादा बेहतर ढंग से सीखते है। ऐसे में सरकार द्वारा नवीन शिक्षा नीति के तहत 5वीं कक्षा तक उनकी मातृभाषा में ही शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसे 8वीं कक्षा तक एक्सटेंड किया जा सकता है। इसके अंतर्गत पाठ्यक्रमों को भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध करवाया जायेगा साथ ही अध्यापको को भी प्रारंभिक स्तर पर क्षेत्रीय भाषा में छात्रों को पढ़ाना अनिवार्य होगा। इसमें छात्रों को कम से कम 3 भाषाओं का अध्ययन करवाया जायेगा साथ ही वे एक विदेशी भाषा सीखने का विकल्प भी चुन सकते है।
- स्कूल बैग का बोझ होगा कम- नयी शिक्षा नीति में सरकार द्वारा बच्चो के स्कूली बैग के वजन को कम करने के लिए भी पर्याप्त प्रावधान किये गये है। इसके लिए कक्षा 1 से 10वीं तक के छात्रों के बैग का वजन उनके वजन का सिर्फ 10 फीसदी रखने का निर्णय लिया गया है जिससे की छात्रों पर अनावश्यक बोझ ना पड़े। साथ ही बोर्ड परीक्षाओ का तनाव कम करने के लिए भी सरकार द्वारा वर्ष में 2 बार बोर्ड परीक्षायें आयोजित की जाएँगी जिससे की छात्रों को भी लाभ होगा। साथ ही मेधावी छात्रों को भी नयी शिक्षा नीति के तहत प्रोत्साहन प्रदान किया जायेगा।
- रिसर्च और डेवेलपमेंट मुख्यधारा में शामिल – सरकार द्वारा नयी शिक्षा पॉलिसी के तहत बच्चो की जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च और डेवेलपमेंट को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिए स्कूल स्तर पर ही गतिविधियों के माध्यम से बच्चो में सेल्फ-लर्निंग को भावना को भी विकसित किया जायेगा। साथ ही शिक्षा बजट में भी रिसर्च एंड डेवेलपमेंट के लिए अलग से बजट का प्रावधान रखा जायेगा।
- बहु-विषयक होंगे उच्चतर शिक्षण संस्थान- अभी तक देश के अधिकतर उच्च-शिक्षण संस्थान किसी मुख्य विषय और स्ट्रीम आधारित है। ऐसे में सरकार द्वारा नवीन शिक्षा पालिसी के तहत उच्चतर शिक्षण संस्थानों को बहु विषयक बनाया जायेगा जैसे की आईआईटी में humanities के छात्रों को भी प्रवेश का मौका दिया जायेगा। साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए भी इनके दरवाजे खोले जायेंगे।
- लर्निंग एन्वॉयरन्मेंट को बनाया जायेगा बेहतर- न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत शिक्षण को और बेहतर बनाने और छात्रों के लिए सीखने के लिए सर्वोत्तम वातावरण तैयार किया जायेगा। इसमें छात्रों को सीखने के लिए गुणवत्तायुक्त पाठ्यक्रम, अट्रैक्टिव शिक्षण सामग्री और छात्रों की क्षमता को ध्यान में रखते गये मूल्यांकन पर जोर दिया जायेगा। साथ ही इसमें छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुये शारीरिक व्यायाम, नैतिक मूल्यों, कला, संगीत और मानविकी जैसे विषयो की शिक्षा भी दी जाएगी। देश में शिक्षण वातावरण को इस प्रकार से तैयार किया जायेगा की छात्रों को शोध के पर्याप्त अवसर मिले और देश की शिक्षा को अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ढाला जा सके जिससे की विदेशी छात्र भी देश में अध्ययन के लिए प्रेरित हो।
- मूल्यांकन की व्यवस्था – नवीन राष्ट्रीय शिक्षण नीति की सरकार द्वारा समय-समय पर समीक्षा भी की जाएगी। इसके माध्यम से सरकार द्वारा आवश्यक्तानुसार योजना में बदलाव के बिन्दुओ पर विचार किया जायेगा। इसके माध्यम से सरकार द्वारा योजना के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित किया जा सकेंगा जिससे की छात्रों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।
Important Link:- National Policy on Education (NPE) PDF |
National Education Policy 1968 pdf |
National Policy on Education (NPE),1986 pdf |
National Education Policy- 2020 pdf |
नेशनल एजुकेशन पालिसी सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब (FAQ)
नेशनल एजुकेशन पालिसी सरकार द्वारा जारी की गयी नयी शिक्षा नीति है। इसके माध्यम से सरकार द्वारा देश की शिक्षा प्रणाली में व्यापक परिवर्तन किये जायेंगे। इस पालिसी का शुभारंभ 29 जुलाई 2020 को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है।
नवीन शिक्षा पालिसी के माध्यम से देश की शिक्षा प्रणाली में वृहद् स्तर पर बदलाव किये जायेंगे। इससे छात्रों को उच्च-गुणवत्तपूर्ण शिक्षा मिल सकेगी जिससे की वे बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते है। इसके अतिरिक्त इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।
नेशनल एजुकेशन पालिसी के प्रावधानों को सरकार द्वारा वर्ष 2021 से लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। सरकार द्वारा क्रमश इसके प्रावधानों को लागू करके वर्ष 2040 तक देश की शिक्षा प्रणाली को पूर्ण रूप से चेंज करना है।
हाँ। नवीन शिक्षा पालिसी के माध्यम से वर्तमान में चल रहे शिक्षा प्रणाली में पूर्ण रूप से बदलाव किया जायेगा। नयी शिक्षा नीति में प्री-स्कूल एजुकेशन, प्राइमरी एजुकेशन के लिए 5+3+3+4 फॉर्मूले और उच्च-शिक्षा के लिए 4 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम शुरू किया जायेगा।
हाँ। नवीन शिक्षा प्रणाली को केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में लागू किया जायेगा। इसके अंतर्गत सभी निजी और सार्वजनिक शिक्षण संस्थानों को कवर किया गया है।