भारत द्वारा अंतरिक्ष के क्षेत्र में नित नए-नए कीर्तिमान गाढ़े जा रहे है। मिशन मंगलयान के द्वारा अपने पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में पहुंचने का कारनामा कर दिखाने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान द्वारा हाल ही में मिशन शक्ति के माध्यम से अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की गयी है। मिशन शक्ति भारत की अंतरिक्ष में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है ऐसे में देश के सभी नागरिको को इस महत्वपूर्ण मिशन के बारे में ज्ञात होना आवश्यक है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मिशन शक्ति क्या है ? (Mission Shakti information in hindi) सम्बंधित जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मिशन शक्ति के भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा में योगदान सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में भी अवगत कराया जायेगा।
भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएँ
मिशन शक्ति क्या है ?
मिशन शक्ति भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान द्वारा शुरू किया गया मिशन है जिसके तहत भारत द्वारा प्रथम बार अंतरिक्ष में लाइव सेटेलाईट को मार गिराने का कारनामा किया गया है। मिशन शक्ति इसरो एवं भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [Defence Research and Development Organisation (DRDO)] के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया मिशन है जिसके तहत देश में प्रथम बार सेटेलाईट को अंतरिक्ष में ही मार गिराने का कारनामा कर दिखाया गया है। भारत द्वारा 27 मार्च 2019 को ओडिशा तट पर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
इस मिशन को पूरा करने के लिए भारत अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा देश में ही निर्मित एसेट (ASAT) मिसाइल का प्रयोग किया गया है जो की पूर्ण रूप से स्वदेशी सिस्टम है। इस उपलब्धि के माध्यम से भारत दुनिया में लाइव सेटेलाईट को मार गिराने की तकनीक प्राप्त करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पूर्व सिर्फ 3 देशो अमेरिका, चीन और रूस के पास ही यह तकनीक उपलब्ध है।
एसेट (ASAT) मिसाइल क्यों है खास
मिशन शक्ति के तहत प्रयोग किया गया मिसाइल एसेट (ASAT) जिसे आमतौर पर एंटी-सेटेलाईट मिसाइल भी कहा जाता है इसरो (ISRO) एवं डीआरडीओ (DRDO) के समन्वयित प्रयासो से विकसित किया गया एंटी-सेटेलाईट मिसाइल है। यह मिसाइल पूर्ण रूप से देश में विकसित किया गया मिसाइल है जिसके माध्यम से भारत के रक्षा क्षेत्र को बूस्ट मिलेगा। शक्ति मिशन में तहत एसेट (ASAT) के द्वारा मात्र 3 मिनट की अवधि में ही लो अर्थ ओर्बिट (lower earth orbit) में चक्कर लगा रहे एक सेटेलाईट को मार गिराया गया है।
जिसके बाद भारत के खाते में अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक ओर उपलब्धि जुड़ गयी है। इस मिशन के तहत जिस सेटेलाईट को नष्ट किया गया है वह अपनी कार्य अवधि को पूर्ण कर चुका था जिसके पश्चात भारत द्वारा इस मिशन को अंजाम दिया गया है। इसके साथ ही भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी सुरक्षा को भी मजबूत किया है।
मिशन शक्ति, क्या है आवश्यकता ?
मिशन शक्ति के सफलतापूर्वक परिक्षण के पश्चात भारत द्वारा अपने देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण वृद्धि की गयी है। निम्न कारणों से मिशन शक्ति का महत्व अत्यधिक है :-
- वर्तमान में अधिकतर सेवाएँ जिनमे कम्युनिकेशन, नेविगेशन, बैंक-सिस्टम, सुरक्षा-प्रणाली एवं अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएँ सेटेलाईट आधारित है ऐसे में असुरक्षा या युद्ध की स्थिति में शत्रु देश द्वारा हमारे देश की सेटेलाईट को निशाना बनाया जा सकता है। मिशन शक्ति के माध्यम से शत्रु देशो के खिलाफ सुरक्षा कवच तैयार किया गया है।
- शत्रु देशों के द्वारा हमारे देश के महत्वपूर्ण संस्थानों, परियोजनाओं एवं अन्य सामरिक महत्व की वस्तुओं की निगरानी की जा सकती है जैसे की पोखरण परमाणु मिशन के दौरान विभिन देशों द्वारा भारत पर नजर रखी जा रही थी। ऐसे में यह मिशन शत्रु देशों की गतिविधियों का पता लगाने में सक्षम है।
- विशेषज्ञो द्वारा अनुमान लगाया गया है की भविष्य में अंतरिक्ष ही वास्तविक युद्ध का मैदान होगा। ऐसे में दुश्मन देशो के द्वारा भविष्य में देश को नुकसान पहुंचाने की आशंका को देखते हुए शक्ति मिशन महत्वपूर्ण है।
- अंतरिक्ष सेटेलाईट के माध्यम से देश को विभिन माध्यमों से नुकसान पहुँचाया जा सकता है जिसमे की भविष्य की तकनीक में सुधार के साथ वृद्धि होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में भारत को स्वयं को अपग्रेड करना आवश्यक है।
इन सभी कारणों के मद्देनजर देश के लिए एंटी-सेटेलाईट मिसाइल को विकसित करना आवश्यक है जिसके माध्यम से हम भविष्य में अपने देश की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें।
मिशन शक्ति से भारत को फायदा
शक्ति मिशन भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होगा। इस मिशन के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की विशेषज्ञो के द्वारा इस मिशन की तुलना भारत द्वारा वर्ष 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण से की गयी है। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस मिशन से सम्बंधित जानकारी देशवासियों के साथ साझा की गयी है। शक्ति मिशन के माध्यम से भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा में अभूतपूर्व वृद्धि हुयी है। इस मिशन के द्वारा भारत को निम्न प्रकार से फायदा होगा।
- शक्ति मिशन के माध्यम से भारत एंटी-सेटेलाईट मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रयोग करने वाला चौथा देश बन गया है जो की देश की अंतरिक्ष सुरक्षा में महत्वपूर्ण कदम है।
- भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा की दृष्टि से यह मिशन महत्वपूर्ण है चूँकि भारत के द्वारा आसानी से अपने अंतरिक्ष क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले उपग्रहों को खत्म किया जा सकता है।
- इस मिशन के द्वारा भारत आसानी से युद्ध या संकट की स्थिति में शत्रु देश के सेटेलाईट सिस्टम को नष्ट कर सकता है जिससे की भारत के हितो की रक्षा हो सकेगी।
- शक्ति मिशन के माध्यम से हम आसानी से अन्य देशों के टोही और जासूसी सेटेलाईट का पता लगाने में सक्षम हो सकेंगे और आवश्यकता पड़ने पर भारत के पास ऐसी सेटेलाईट को मार गिराने की क्षमता भी है।
- भारत द्वारा इस क्षमता को प्राप्त करने के पश्चात सामरिक क्षमता भी विकसित की गयी है चूँकि अब हमारे पास भी ऐसा सिस्टम है जिसके माध्यम से हम अपने अंतरिक्ष क्षेत्र में किसी भी घुसपैठ का माकूल जवाब देने में सक्षम है।
- इस मिशन के साथ भारत अपने अंतरिक्ष क्षेत्र में होने वाली अनधिकृत घुसपैठ को रोक पाने में सक्षम होगा साथ ही कोई भी देश भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में अनाधिकृत उपग्रह को भेजने की कोशिश नहीं करेगा।
- भारत द्वारा शक्ति मिशन के माध्यम से भविष्य में होने वाले सभी प्रकार के अंतरिक्ष विवादों की स्थिति में अपनी क्षमता का उपयोग किया जा सकता है साथ ही भारत द्वारा इस मिशन के माध्यम से शत्रु देशो के ऊपर सामरिक विजय भी प्राप्त की गयी है।
Mission Shakti सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु
मिशन शक्ति के माध्यम से भारत द्वारा अंतरिक्ष के क्षेत्र में महवपूर्ण सफलता प्राप्त की गयी है। इस मिशन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बिंदु निम्न प्रकार से है :-
- मिशन शक्ति के साथ ही भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में इस उपलब्धि को पाने वाला चौथा देश बन गया है। भारत की सुरक्षा की दृष्टि से यह मिशन बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।
- इस मिशन में उपयोग किया गया एंटी-सेटेलाईट मिसाइल पूर्ण रूप से स्वदेशी है ऐसे में रक्षा के क्षेत्र में भारत आयात आधारित देश से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है।
- इसरो और डीआरडीओ के संयुक्त प्रयासों से पूर्ण किए गए शक्ति मिशन के अंतर्गत भारत द्वारा सिर्फ 3 मिनट के अंदर ही टारगेट सेटेलाईट को निशाना बनाया गया है जिससे की यह मिशन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुआ है।
- इस मिशन के माध्यम से निशाना बनायी गयी सेटेलाईट अंतरिक्ष के लो-अर्थ ऑर्बिट में धरती से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित थी। इस सेटेलाईट को मिशन के अंतर्गत एंटी-सेटेलाईट मिसाइल द्वारा सिर्फ 3 मिनट की अवधि में हिट किया गया है।
- मिशन शक्ति के बारे में भारत सरकार द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार भारत द्वारा इस क्षमता का उपयोग अंतरिक्ष तकनीक के विकास एवं शांतिपूर्ण तरीके से मानव विकास के हित के लिए किया जायेगा।
इस प्रकार से इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मिशन शक्ति सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ की जानकारी प्रदान की गयी है।
Mission Shakti सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
मिशन शक्ति इसरो एवं भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया मिशन है जिसके अंतर्गत भारत द्वारा प्रथम बार एंटी-सेटेलाईट मिसाइल के माध्यम से अंतरिक्ष में लाइव सेटेलाईट को नष्ट किया गया है।
मिशन शक्ति के तहत उपयोग किए गए एंटी-सेटेलाईट मिसाइल एसेट (ASAT) को पूर्ण रूप से भारत में निर्मित किया गया है। इसे इसरो एवं डीआरडीओ के संयुक्त प्रयासों से विकसित किया गया है।
भारत द्वारा शक्ति मिशन के अंतर्गत उपयोग किए गए एंटी-सेटेलाईट मिसाइल एसेट (ASAT) को ओडिशा तट पर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
शक्ति मिशन के माध्यम से भारत को सुरक्षा एवं अन्य सामरिक दृष्टि से लाभ होगा। इसके सम्बन्ध में आप ऊपर दिए गए आर्टिकल के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।
शक्ति मिशन द्वारा भारत अपने अंतरिक्ष क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनाधिकृत सेटेलाईट को नष्ट कर सकता है जो की भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।