अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2022 (Minorities Rights Day)

अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा के लिए प्रतिवर्ष अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सभी देशो को अपने देश में स्थित अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिको को समान अधिकार एवं अनुकूल जीवन परिस्थितियाँ उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध किया जाता है। दुनिया के प्रायः सभी देशों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग निवास करते है जिनके अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने एवं उन्हें उचित सम्मान देने के लिए प्रतिवर्ष अल्पसंख्यक दिवस का आयोजन किया जाता है। धर्म, भाषा, समुदाय एवं जाति के आधार पर अल्पसंख्यकों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवर्ष Minorities Rights Day मनाया जाता है।

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत में अल्पसंख्यकों का अधिकार दिवस 2022 (Minorities Rights Day) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की रक्षा हेतु संविधान द्वारा किए गए विभिन प्रावधानों के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day)
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day)

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अल्पसंख्यक किसे कहते है?

अल्पसंख्यकों के अधिकार दिवस के बारे में जानने से पूर्व हमे अल्पसंख्यकों के बारे में जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। अल्पसंख्यक शब्द दो शब्दो अल्प एवं संख्यक से मिलकर बना है जिसके अर्थ होता है संख्या में कम होना। अल्पसंख्यक शब्द मूलतः किसी समुदाय की जनसँख्या का देश के अन्य समुदायों की जनसँख्या की तुलना में कम होने पर उपयोग किया जाता है। किसी भी समुदाय को धर्म, भाषा, जाति एवं नस्ल के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा दिया जा सकता है।

भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा उन समुदायों को दिया जाता है जिन्हे केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों की सूची में स्थान दिया जाता है। सरकार द्वारा समय-समय पर अलग-अलग समुदायों को अल्पसंख्यकों की श्रेणी में शामिल किया जाता रहा है। भारत सरकार द्वारा देश में मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म के लोगों को अल्पसंख्यक माना गया है। सरकार द्वारा देश के अल्पसंख्यक नागरिको के अधिकारों की रक्षा हेतु विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाती है।

अल्पसंख्यकों का अधिकार, क्या है आवश्यकता

अल्पसंख्यक किसी भी देश के सबसे संवेदनशील एवं सुभेद्य नागरिक होते है। अल्प समुदाय होने के कारण दुनिया भर में अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिको को धर्म, भाषा, जाति, नस्ल एवं अन्य आधारों पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। अल्पसंख्यक नागरिको को प्रायः आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक आधार पर विभिन प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अकसर सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों के कारण भी सम्बंधित देश के अल्पसंख्यक नागरिको को भेदभाव का सामना करना पड़ता है एवं उन्हें समुचित अधिकार नहीं मिल पाते। अल्पसंख्यक नागरिको की सामाजिक बहिष्कार और बुरा बर्ताव, धर्म परिवर्तन, राष्ट्रीय निष्ठा के प्रति संदेह एवं सरकारी योजनाओ का लाभ न मिलना जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ता है।

अल्पसंख्यक नागरिकों के प्रति होने वाले भेदभाव एवं शोषण के प्रति संरक्षण प्रदान करने के लिए अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा आवश्यक है। यही कारण है की प्रतिवर्ष अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के माध्यम से देश के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही अल्पसंख्यको के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए भी उन्हें समुचित अधिकार प्रदान करना आवश्यक है।

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2022

देश के अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों के अधिकारो की रक्षा हेतु भारत सरकार द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों का अधिकार दिवस (Minorities Rights Day) को प्रतिवर्ष 18 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका आयोजन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के माध्यम से किया जाता है। इस वर्ष अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 2022 का आयोजन 18 दिसंबर 2022 को किया जायेगा।

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कैसे मनाया जाता है ?

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर सरकार द्वारा देश के अल्पसंख्यक नागरिको के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एवं विभिन राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के द्वारा विभिन कार्यक्रमों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने हेतु समुचित उपाय किए जाते है साथ ही सरकार द्वारा विभिन कार्यक्रमों एवं सेमिनार के माध्यम से अल्पसंख्यक नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है।

सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों हेतु प्रावधान

भारत सरकार द्वारा देश के नागरिको के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1992 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) की स्थापना की है। साथ ही विभिन राज्यों द्वारा भी अपने यहाँ अल्पसंख्यक आयोगों का गठन किया गया है। सरकार द्वारा समय-समय पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों एवं कल्याण हेतु विभिन योजनाएँ लांच की जाती है।

भारत सरकार द्वारा देश के अल्पसंख्यकों नागरिकों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए विभिन योजनओ को लांच किया गया है जिससे की देश के अल्पसंख्यक नागरिकों को बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ प्राप्त हो सके। साथ ही अल्पसंख्यकों को रोजगार के समुचित अवसर प्रदान करने के लिए भी भारत सरकार द्वारा विभिन योजनाओं को संचालित किया जाता है।

अल्पसंख्यकों को संविधान द्वारा प्रदत अधिकार

भारतीय संविधान द्वारा भी देश के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए विभिन प्रावधान किए गए है। भारतीय संविधान द्वारा देश के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया गया है जिससे की किसी भी धर्म को राजकीय संरक्षण प्रदान नहीं किया गया है एवं सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान किए गए है। साथ ही संविधान द्वारा अल्पसंख्यकों की विशिष्ट संस्कृति, भाषा एवं लिपि के संरक्षण हेतु अनुच्छेद 29 एवं अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षिक संस्थान स्थापित करने एवं इनके प्रबंधन हेतु आर्टिकल 30 के अंतर्गत अधिकार प्रदान किए गए है। साथ ही सरकार द्वारा भी विभिन कल्याणकारी योजनाओ के माध्यम से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की जाती है।

भारत में अल्पसंख्यकों का अधिकार दिवस सम्बंधित प्रश्नोत्तर (FAQ)

अल्पसंख्यक किसे कहते है?

किसी देश में धर्म, भाषा एवं जातीय आधार पर अल्प जनसंख्या वाले समुदाय की अल्पसंख्यक समुदाय कहा जाता है। भारत में मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म के लोगों को अल्पसंख्यक की श्रेणी में रखा गया है।

अल्पसंख्यकों का अधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है ?

अल्पसंख्यकों के अधिकारो के बारे में जागरूकता फैलाने एवं अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने हेतु अल्पसंख्यकों का अधिकार दिवस आयोजित किया जाता है।

भारत में अल्पसंख्यकों का अधिकार दिवस कब मनाया जाता है ?

भारत में अल्पसंख्यकों का अधिकार दिवस प्रतिवर्ष 18 दिसम्बर को मनाया जाता है।

अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का गठन कब किया गया ?

भारत सरकार द्वारा देश के अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) की स्थापना वर्ष 1992 में की गयी है।

भारतीय संविधान द्वारा अल्पसंख्यकों की अधिकार की सुरक्षा हेतु क्या प्रावधान किए गए है ?

भारतीय संविधान द्वारा अल्पसंख्यकों की अधिकार की सुरक्षा हेतु आर्टिकल 29 एवं 30 में विशिष्ट प्रावधान किए गए है।

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