हमारे भारत में बहुत से धर्म है और सभी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार प्राप्त है। सभी को अपने धर्म या किसी अन्य धर्म से सम्बंधित ज्ञान की प्राप्ति करने पर कोई मनाही नहीं है। भारत एक ऐसा देश है जो सभी नागरिको को धार्मिक रूप से भी स्वतंत्रता प्रदान करता है। मदरसा में भी मुस्लिम लोग अपने धर्म का ज्ञान प्राप्त करते है। मदरसा मुस्लिम समुदाय का स्कूल होता है, जिसको आमतौर पर धार्मिक स्कूल के रूप में देखा जाता है। आज हम जानेगे मदरसा क्या है व मदरसों में दी जानेवाली शिक्षा की जानकारी | What is Madrasa School Education System in India in hindi और साथ ही जानेगे मदरसा से सम्बंधित बहुत सी महत्वपूर्ण बाते। मदरसा क्या है और मदरसा से सम्बंधित सभी बाते जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़े।
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मदरसा क्या है | Madrasa in Hindi
मदरसा क्या है:- मदरसा एक इस्लामिक विद्यालय होता है जहाँ बच्चो को इस्लाम धर्म से सम्बंधित शिक्षा दी जाती है। मदरसा एक मुस्लिम शिक्षा प्रणाली है। यह एक ऐसी जगह होती है जहा किसी भी उम्र का बच्चा शिक्षा ग्रहण करने के लिए जा सकता है। अधिकतर इन स्कूलों में गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ते है या वे बच्चे पढ़ते है जिनके अभिभावक उनको मुस्लिम धर्म की पूर्ण शिक्षा ग्रहण करवाना चाहते है। मदरसा भी अन्य विद्यालयों की तरह ही होता है मदरसा में इस्लाम धर्म की तालीम दी जाती है। बहुत से मदरसो में भी बोर्डिंग की सुविधा भी उपलब्ध होती है यानि मदरसों में रहकर भी छात्र अपनी पढाई कर सकता है। लड़कियों के लिए अलग से मदरसे होते है जिन्हे कुल्लिया कहते है, देश में इनकी संख्या बेहद कम है।
मदरसों में दी जानेवाली शिक्षा की जानकारी | Madrasa School Education System in Hindi
मदरसा को आमतौर पर मुस्लिम धर्म के धार्मिक स्कूल के रूप में देखा जाता है, जहाँ पर विद्यार्थियों को मुस्लिम धर्म से सम्बंधित शिक्षा प्रदान की जाती है। मदरसा में उर्दू के साथ साथ इस्लामिक धार्मिक पुस्तकों का भी ज्ञान दिया जाता है। मदरसों में सभी उम्र के छात्र एक साथ पढ़ते है। यहाँ मुख्य रूप से सभी छात्रों को इस्लाम धर्म का ज्ञान दिया जाता है लेकिन अब बहुत से मदरसों में विवादों के चलते विज्ञान, गणित, कंप्यूटर जैसे विषयो की भी तालीम देनी शुरू कर दी गयी है।
मदरसा में पढ़ाये जाने वाले विषय
- तहसिर :– तहसिर में मुस्लिम धर्म की पवित्र पुस्तक कुरान के बारे में लिखा हुआ है।
- हदीस :- हदीस में मोहम्मद साहब के पवित्र विचार और उनके द्वारा सीख, कर्म आदि का वर्णन है।
- शरीआ :- शरीआ में इस्लाम धर्म के कानून का उल्लेख है।
- मतांक :- मतांक में मुस्लिम धर्म के इतिहास के बारे में बताया जाता है।
- मदरसों में विज्ञान, गणित, कंप्यूटर, इंग्लिश आदि विषयो के बारे में भी पढ़ाने के लिए सिफारिश रखी गयी है, कुछ मदरसों में तो इन विषयो को शुरू भी कर दिया गया है।
What is Madrasa School Education System in India in hindi
भारत के मदरसों में लोग अपने बच्चो को पढ़ाने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाते है। भारत के लगभग 4% बच्चे ही मदरसा जाते है जिसमे अधिकतर गरीब वर्ग के बच्चे होते है या ऐसे बच्चे जो पूर्ण धार्मिक इस्लामिक परिवार से सम्बन्ध रखते हो। मदरसों में बच्चो की संख्या कम होने का मुख्य कारण ये भी है कि वहा आधुनिक तकनीकी शिक्षा ना देकर केवल धर्म के बारे में ही पढ़ाया जाता है।
Madrasa School Education System के लिए उठाये गए भारत के कदम
- भारत के प्रधानमंत्री जी ने मदरसों की शिक्षा को और भी उन्नत बनाने के लिए एक नयी योजना लागू की है जिसका नाम नई मजिल है।
- प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि “मैं मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों के एक हाथ में कुरान देखना चाहता हूँ और दूसरे हाथ में लैपटॉप” क्योंकि उनका मानना है कि मदरसों में छात्रों को आधुनिक शिक्षा का ज्ञान भी दिया जाना चाहिए
- भारत में सबसे ज्यादा मुस्लमान उत्तर प्रदेश में ही पाए जाते है, वहा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मदरसों में गणित, विज्ञान, कंप्यूटर की शिक्षा देना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा देखते हुए उड़ीसा, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों ने भी ये कदम उठाया है।
- 11 जून 2019 को केंद्र में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने घोषणा की जिसमे उन्होने कहा कि देश भर के मदरसों का आधुनिकरण किया जाएगा अब इन मदरसों में विज्ञान, गणित कंप्यूटर जैसे विषय भी पढ़ाये जायेगे जिसके लिए मदरसों की शिक्षकों को अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी। अलपसंख्यक बच्चो को शिक्षा देने के लिए पढ़ो और बढ़ो शिक्षा अभियान चलाया जायेगा।
मदरसों में निवेश
मदरसों में निवेश दो जगहों से होता है। कुछ लोगो का कहना है कि यहाँ निवेश सऊदी अरबिया और उसके कुछ संस्थानों द्वारा होता है वही अन्य लोगो का कहना है कि मदरसों को चलाने का पैसा जकात और दान धर्म से आता है। प्रत्येक मुस्लिम व्यक्ति अपनी कमाई का कुछ हिस्सा जकात या दान करता है जिसमे से कुछ पैसे मदरसों के संचालन के लिए मदरसों को दे दिए जाते है।
मदरसो में दी जाने वाली उपाधि
मदरसों में भी शिक्षा पूरी करने के बाद उपाधि दी जाती है। इस्लाम में अर्जित ज्ञान के अनुसार पद एवं उपाधि दी जाती है।
- हाफ़िज़ की उपाधि उसको दी जाती है जिसने पूरी कुरान को अच्छे से याद कर रखा हो।
- आलिम की उपाधि इस्लाम के जानकर को दी जाती है।
- मुफ़्ती की उपाधि उसको दी जाती है जिसको शरीआ कानून का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त होता है।
- मुहादित की उपाधि उसको दी जाती है जो हदीस लेखन का ज्ञानी हो।
मदरसों से सम्बंधित विवाद
- वसीम रिज़वी का ब्यान
सिया मुस्लिम बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने कहा था की मदरसा से पढ़ा हुआ कोई भी बच्चा इंजीनियर, डॉक्टर, वकील क्यों नहीं बनता वो बनता है तो केवल मौलवी या फिर कही मजदूरी करता है इसलिए मदरसों में भी नयी तकनीकि शिक्षा दी जानी चाहिए जो छात्रों के जीवन में काम आये। वसीम रिज़वी ने मोदी जी को चिट्ठी भी भेजी थी जिसमे उन्होंने लिखा था कि ऐसे मदरसों पर कार्यवाही होनी चाहिए जो कट्टरपन ओर आतंकवाद को बढ़ावा देते है। बच्चो की नीव मजबूत करने के लिए मदरसों में भी आधुनिक शिक्षा दी जानी चाहिए।
वसीम रिज़वी की इस बात का विरोध का हुए कुछ लोगो ने कहा कि किसी एक मदरसे का उदहारण लेकर वसीम रिज़वी सभी मदरसों को गलत नहीं बता सकते जब आप कभी मदरसे गए ही नहीं तो आपको क्या ही पता होगा वहा दी जाने वाली तालीम के बारे में।
- सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस की वीडियो की मांग
2017 में उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा एक आदेश जारी किया गया था कि स्वतंत्रता दिवस के दिन मदरसों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की वीडियो बनाकर सरकार को देनी होगी। यह आदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् के महासचिव द्वारा दिया गया था। जिसके विरोध में लोगो ने कहा था कि आप हमसे देशभक्ति का सबूत मांग रहे है, क्या अब हम मुस्लिमो को इस बात का भी सबूत देना होगा की हम देशभक्त है या नहीं जिसके जवाब में सरकार ने कहा था कि ये केवल मदरसों के कार्यक्रमों में सुधार के लिए एवं वहा की गरिमा को देश के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए किया जा रहा है।
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मदरसा से सम्बंधित तथ्य
- मदरसों पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप पहले से ही लगते आ रहे है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा ऐसे आरोपों को हमेशा ही मना किया गया है क्योंकि इसके सम्बन्ध में कोई पुख्ता सबूत अभी तक सरकार को नहीं मिला है।
- कुछ मदरसों में गैर मुस्लिम लोगो से नफरत करने के लिए भड़काया जाता है जिसके कई मामले सामने में आ चुके है लेकिन सभी मदरसों में घृणा का पाठ नहीं पढ़ाया जाता।
- सरकार मदरसों में आधुनिक शिक्षा देने का बंदोबस्त करेगी जिससे मदरसा में पढ़ने वाले बच्चो को धर्म के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी प्राप्त होगी।
- मदरसों में केवल धार्मिक शिक्षा पर ही ध्यान दिया जाता है जिससे बच्चे तरक्की की और अग्रसर नहीं हो पाते इसी कारण सरकार ने यहाँ आधुनिक शिक्षा प्रणाली लाने की घोषणा की है।
- मदरसों में सरकार के दखल देने पर मुस्लिम नेताओ ने सरकार का विरोध किया है जिसके कारण सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए है इसी वजह से अभी तक सभी मदरसों ने विज्ञान, गणित और कंप्यूटर की शिक्षा लागू नहीं की गयी है।
भारत में मदरसों का इतिहास
मदरसा अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है पढ़ने का स्थान। भारत में मदरसों का इतिहास दिल्ली सल्तनत के समय से मिलता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पहला मदरसा 1191 ईस्वी के आस पास अजमेर में खोला गया था, उस समय मोहम्मद गौरी का शासनकाल हुआ करता था। यदि यूनेस्को की माने तो मदरसा की शुरुआत 13वी शताब्दी में हुई थी। पुराने समय में मदरसों को इस्लामिक धर्म के ज्ञान का प्रतीक माना जाता था।
SPQEM क्या है ?
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने SPQEM(Scheme For Providing Quality Education In Madrasa) के तहत मदरसों के आधुनिकरण के लिए सिफारिश की थी। जिसमे गणित, विज्ञान,कंप्यूटर, अंग्रेजी आदि विषय पढ़ने की सिफारिश की गयी थी। मदरसा बोर्ड ने मदरसा की शिक्षा प्रणली में NCERT की किताबे शामिल करने की भी मांग की थी। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ग्रेजुएट लोगो को 6000 और पोस्ट ग्रेजुएट लोगो को 12000 रुपए प्रतिमाह देती है। कुछ मदरसों में तो कंप्यूटर की व्यवस्था हो भी गयी है और वहा के छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा दी भी जा रही है।
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मदरसा क्या है से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
मदरसा एक मुस्लिम स्कूल होता है जहा इस्लाम धर्म से सम्बंधित शिक्षा दी जाती है।
मदरसा में तहसिर, हदीस, शरीआ, मतांक विषय पढ़ाये जाते है।
मदरसा में विज्ञान, गणित, इंग्लिश, कंप्यूटर आदि विषय और जोड़े जायेगे, जिससे बच्चो का भविष्य बेहतर बन सके।
भारत का सबसे बड़ा मदरसा दारुल उलूम है।