देश में गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान ग्राहकों के लिए खुशखबरी है. सरकार ने दिसंबर के महीने में नयी एलपीजी सब्सिडी पॉलिसी लागू करने के लिए मंथन किया है जिसके तहत ग्राहकों को गैस के दामों में राहत मिलने की आस बढ़ गयी है. कोरोना के कारण देश के मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को गैस की लगातार बढ़ती कीमतों ने चिंता में डाल दिया है जिन्हे की सरकार से राहत की उम्मीद है. LPG Subsidy New Rules में ग्राहकों के लिए क्या ख़ास है और किन-किन लोगो को मिलने वाला है नयी एलपीजी सब्सिडी पॉलिसी का लाभ चलिए जानते है.
ग्राहकों को मिलेगा फायदा
आपको बता दे की सरकार ने जुलाई 2020 से ही LPG पर सब्सिडी बंद की हुई है. इसके बाद से ही ग्राहक सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने का इंतज़ार कर रहे है. सरकारी रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार दिसंबर महीने से एलपीजी सब्सिडी को शुरू करने की योजना बना रही है. इसके तहत ग्राहकों को एक सिलेंडर पर 1000 रुपए तक की सब्सिडी दी जा सकती है. हालांकि सरकार सभी लोगो को सब्सिडी देने के मूड में नहीं है क्यूंकि कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर पहले से ही बोझ बढ़ा हुआ है.
सरकार देश के चयनित वर्गों को ही अब सब्सिडी का लाभ देना चाहती है ताकि सरकारी खजाने पर अनावश्यक रूप से बोझ ना पड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी लाभ मिले.
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इन वर्गों को दी जाएगी सब्सिडी
हालांकि अभी तक नए LPG सब्सिडी रूल को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई भी रिपोर्ट जारी नहीं की गयी है पर सरकारी रिपोर्टस के अनुसार सरकार देश में 2 वर्ग के लोगो को नए सब्सिडी रूल के तहत फायदा देना चाहती है. इसमें पहले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को शामिल किया जायेगा जबकि दूसरे वर्ग के तहत उज्जवला योजना के लाभार्थियो को फ़ायदा दिया जायेगा. चलिए जानें कैसे
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवार:- रिपोर्ट्स के मुताबित सरकार देश के ऐसे परिवारों जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से कम है उन्हें इस सब्सिडी का लाभ देना चाहती है. देश में मध्यम वर्ग से आने वाले परिवारों को कोरोना के कारण आय में कमी का सामना करना पड़ा है जिससे उन्हें घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.
- उज्जवला योजना के लाभार्थी:- सरकार द्वारा उज्जवला योजना की लाभार्थी महिलाओं को भी इस योजना में शामिल किया जायेगा. आपको बता दे की इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा देश की 8 करोड़ से भी अधिक महिलाओं को फ्री में गैस कनेक्शन और चूल्हा दिया गया था. हाल ही में सरकार ने उज्जवला 2.0 की भी शुरुआत की है.
सरकारी खजाने पर इतना है सब्सिडी का बोझ
सरकारी आंकड़ों की माने तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा 3559 करोड़ रूपये की धनराशि खर्च की गयी है जबकि पिछले वित्तीय वर्ष यही धनराशि 24468 करोड़ रूपये थी. सरकार द्वारा सब्सिडी का पैसा सीधे कस्टमरों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. नयी एलपीजी रूल्स से उन्हें भी फायदा मिलने की उम्मीदें जगी है.