वर्ष के सभी महीनों में हम दिनों को घटते एवं बढ़ते देखते रहते है। सर्दियों में जहाँ दिन छोटे एवं रातें लम्बी होती है वही गर्मियों में दिन लम्बे एवं रातें छोटी हो जाती है। चलिए अब आपसे एक सवाल पूछते है ? क्या आप जानते है की साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन कौन सा है? अगर आपको इस सवाल का जवाब नहीं मालूम तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके इसी सवाल का जवाब देने वाले है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन (Longest and Shortest day of the year in Hindi) कौन सा है।
साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको दिनों के घटने एवं बढ़ने के भौगोलिक तथ्यों के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी। भूगोल में रुचि रखने वाले जिज्ञासुओं एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी यह आर्टिकल समान रूप से उपयोगी होने वाला है। आप सभी यह जानते होंगे की वैसे तो एक वर्ष में 365 दिन होते है परन्तु हर चार वर्ष में एक बार वर्ष 366 दिन होते है। जिसको लीप ईयर भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप यह जानते है की ऐसा क्यों होता है।
क्यों घटते-बढ़ते है दिन
साल के सबसे लम्बे एवं सबसे छोटे दिन के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पूर्व हमें इसके कारण के बारे में जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। दिनों की अवधि (दिनों का छोटा या बड़ा होना) एक खगोलीय घटना “संक्रांति” यानी सोल्सटिस (Solstice) के कारण होता है। यह घटना वर्ष में दो बार, सर्दियों एवं गर्मियों के मौसम में घटित होती है। इसी घटना के कारण पृथ्वी पर दिनों की अवधि में अंतर आता है एवं दिन छोटे या बड़े होते है।
धरती को भौगोलिक आधार पर 2 भागो में विभाजित किया गया है – उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) एवं दक्षिणी गोलार्ध (Southern hemisphere). यह विभाजन पृथ्वी की मध्य रेखा से किया गया है। जिसे की भूमध्य रेखा (Equator) या विषुवत रेखा के नाम से भी जाना जाता है। इसके उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है।
उत्तरी गोलार्ध के 23.50 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा (Tropic of Cancer) एवं दक्षिणी गोलार्ध के 23.50 डिग्री दक्षिणी अक्षांश रेखा को मकर रेखा (Tropic of Capricorn) कहा जाता है। जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर अग्रसर होता है तो इसे कर्क संक्रांति कहा जाता है एवं सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में अग्रसर होने को स्थिति को मकर संक्रांति कहा जाता है। सूर्य के कर्क एवं मकर रेखा की ओर अग्रसर होने के कारण ही दिनों की अवधि में अंतर दर्ज किया जाता है।
साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन
सूर्य के कर्क रेखा एवं मकर रेखा की अग्रसर होने के आधार पर ही दिनों की अवधि में अंतर दर्ज किया जाता है। उत्तरी गोलार्ध में Sabse Chota Din 21 जून को दर्ज किया जाता है वही उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन 22 दिसंबर को दर्ज किया जाता है। साल का सबसे छोटा दिन 21 दिसम्बर, दिन बृहस्पतिवार को है, जिसकी कुल अवधि 10 घंटे 19 मिनट एवं 10 सेकेंड की दर्ज की गयी है। वही अगर साल के सबसे बड़े दिन की बात की जाए तो वर्ष का सबसे बड़ा दिन 21 जून, को है जिसकी कुल अवधि 13 घंटे 33 मिनट और 46 सेकेंड है।
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ग्रीष्मकालीन संक्रांति, साल का सबसे बड़ा दिन
साल का सबसे बड़ा दिन ग्रीष्मकालीन संक्रांति (Summer Solstice) या ग्रीष्मकालीन अयनांत वह स्थिति है जब सूर्य अपने सबसे उत्तरी बिंदु अर्थात कर्क रेखा पर स्थित होता है। यह स्थिति लगभग प्रत्येक वर्ष 21 जून को आती है (20 या 22 जून भी संभव है). इस दिवस के मौके पर सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध में स्थित कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है जिसके कारण यहाँ साल का सबसे बड़ा दिन होता है। इस दिन सूर्य उत्तरी गोलार्ध में 12 घंटे की अवधि से भी अधिक समय तक चमकता है।
ग्रीष्मकालीन संक्रांति का महत्व
हमारे देश में ग्रीष्मकालीन संक्रांति का धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्व है। ग्रीष्मकालीन संक्रांति के अवसर पर देश में विभिन्न त्यौहारों का आयोजन किया जाता है एवं विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान भी सम्पन्न किए जाते है। ग्रीष्मकालीन संक्रांति के अवसर पर उत्तरी गोलार्ध में गर्मियों का मौसम रहता है।
साल का सबसे छोटा दिन (Sabse Chota Din)| Shortest Day of the year
साल का सबसे छोटा दिवस शीतकालीन संक्रांति (Winter Solstice) या शीतकालीन अयनांत वह स्थिति है जब सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में स्थिति मकर रेखा पर स्थित होता है जिसके कारण उत्तरी गोलार्ध में दिन की अवधि सबसे कम होती है। साल का सबसे छोटा दिन 22 दिसंबर को पड़ता है एवं इसी कारण से शीतकालीन संक्रांति के अवसर पर उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन होता है। इस अवधि के समय उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों का मौसम होता है।
शीतकालीन संक्रांति का महत्व
शीतकालीन संक्रांति का ईसाई धर्म में अत्यंत महत्व है। शीतकालीन संक्रांति के सप्ताह में ही 25 दिसंबर को ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार क्रिसमस डे मनाया जाता है। साथ ही इस अवसर पर अन्य महत्वपूर्ण आयोजन भी संचालित किए जाते है। इस प्रकार से इस आर्टिकल के माध्यम से आपको साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से भूगोल के अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की गयी है।
साल का सबसे लम्बा और छोटा दिन सम्बंधित प्रश्नोत्तर (FAQ)
साल का सबसे लम्बा और सबसे छोटा दिन कौन सा होता है ?
साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून को ग्रीष्मकालीन संक्रांति (Summer Solstice) या ग्रीष्मकालीन अयनांत के अवसर पर एवं एवं सबसे छोटा दिन 22 दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति (Winter Solstice) या शीतकालीन अयनांत के अवसर पर दर्ज किया जाता है।
साल का सबसे लम्बा दिन कौन सा है ?
साल का सबसे लम्बा दिन 21 जून, दिन गुरुवार को है जिसकी कुल अवधि 13 घंटे 33 मिनिट और 46 सेकेंड है।
साल का सबसे छोटा दिन कौन सा है ?
साल का सबसे छोटा दिन 21 दिसम्बर है, जिसकी कुल अवधि 10 घंटे 19 मिनट एवं 10 सेकेंड की दर्ज की गयी है।
पृथ्वी पर दिन रात क्यों होते है ?
पृथ्वी पर दिन रात पृथ्वी की परिभ्रमण गति के कारण होते है।
पृथ्वी पर दिनों की अवधि में अंतर क्यों दर्ज किया जाता है ?
पृथ्वी पर दिनों की अवधि में अंतर सूर्य के उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी गोलार्ध की ओर अग्रसर होने के कारण होता है।
पृथ्वी को कुल कितने भागो में बाँटा गया है ?
धरती को भौगोलिक आधार पर 2 भागो में विभाजित किया गया है – उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) एवं दक्षिणी गोलार्ध (Southern hemisphere)