इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्या है | Internet of Things (IOT) in Hindi

क्या हो अगर घर पहुँचते ही आपके घर का दरवाजा ऑटोमेटिकली ओपन हो जाए या घर पर सिर्फ आपके बोलने से ही टीवी, फ्रिज, लाइट या एसी ऑटोमेटिकली ऑन या ऑफ हो जाए। क्या हो अगर आप नहाने जाएँ और शॉवर ऑटोमेटिकली सिर्फ आपके बोलने से ऑन हो या आपकी सेहत की जानकारी आपको अपनी घड़ी पर ही मिल जाए। सुनने में भले ही ये सब चीजे वास्तविक नहीं लगती परन्तु वर्तमान में Internet of Things (IOT) ने इन सभी कल्पनाओं को वास्तविकता में बदल दिया है। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्या है ?

तो चलिए आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इसी बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्या है (Internet of Things (IOT) in Hindi). इसके अतिरिक्त इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इंटरनेट ऑफ थिंग्स की कार्यप्रणाली, इसके उपयोग, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स डिवाइस और इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओ की जानकारी भी प्रदान की जाएगी।

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Internet of Things (IOT) in Hindi
Internet of Things (IOT) in Hindi

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इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्या है ? Internet of Things

वर्तमान में हमे अकसर इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में सुनाई देता है। यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स क्या है ? चलिए आपको विस्तार में बताते है। वर्तमान समय में हम सभी इंटरनेट के उपयोग से परिचित है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things) जिसे की शार्ट में (IOT) भी कहा जाता है वह तकनीक है जिसके माध्यम से विभिन डिवाइसेस को विशाल इंटरनेट नेटवर्क के माध्यम से परस्पर जोड़ा जाता है जिससे की डाटा के प्रयोग एवं समन्वय के द्वारा विभिन कार्यो को अंजाम दिया जा सकता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स में विभिन डिजिटल डिवाइस को डाटा ट्रांसफर के माध्यम से एक दूसरे से कनेक्ट किया जाता है जिससे की वे आपस में जुड़कर विभिन टास्क को अंजाम देते है।

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इंटरनेट ऑफ थिंग्स को समझने के लिए आपको वर्तमान में सबसे अधिक प्रयुक्त की जाने वाली स्मार्टवॉच की कार्यप्रणाली को समझना होगा। स्मार्टवॉच आपके फ़ोन के साथ ब्लूटूथ या अन्य माध्यम से कनेक्ट रहती है। ऐसे में आप इस स्मार्टवॉच की सहायता से फ़ोन कॉल को पिक कर सकते है या किसी व्यक्ति को कॉल कर सकते है। इसके अतिरिक्त इसके सहायता से आप मैसेज देखना, म्यूजिक सुनना एवं अपनी हेल्थ की मॉनिटरिंग करना जैसे सैकड़ो काम भी कर सकते है। इस प्रकार से स्मार्टवॉच इंटरनेट ऑफ थिंग्स का सबसे आम उदाहरण है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का कार्यक्षेत्र

ऊपर दिए गए स्मार्टवॉच के उदाहरण के माध्यम से हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स का अर्थ समझ चुके है। हालांकि वर्तमान समय में देखा जाए तो इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का कार्यक्षेत्र अत्यधिक व्यापक है। वर्तमान में हम स्मार्टवॉच से लेकर स्मार्ट गैजेट एवं अन्य डिवाइसेस का व्यापक रूप से प्रयोग कर रहे है ऐसे में इंटरनेट ऑफ थिंग्स की कार्यसीमा वैश्विक स्तर पर प्रचलित है। घर से लेकर ऑफिस एवं फैक्ट्री, मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों से लेकर सेवा क्षेत्र में इंटरनेट ऑफ थिंग्स का प्रयोग प्रमुखता से किया जा रहा है। यहाँ आपको इंटरनेट ऑफ थिंग्स के कार्यक्षेत्र के सम्बंधित विभिन जानकारी प्रदान की गयी है।

  • सार्वजनिक क्षेत्र में- इंटरनेट ऑफ थिंग्स का सर्वाधिक व्यापक रूप से उपयोग सार्वजानिक क्षेत्र में किया जाता है। सरकार एवं निजी कंपनीज द्वारा लोगो की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विभिन प्रकार के प्रोजेक्ट संचालित करना इंटरनेट ऑफ थिंग्स का उदाहरण है। स्मार्ट सिटी, स्मार्ट टाउनशिप, ट्रैफिक मैनेजमेंट एवं इलेक्ट्रिसिटी एवं वाटर सप्लाई के लिए भी व्यापक स्तर पर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का प्रयोग किया जाता है।
  • उत्पादन क्षेत्र में- बड़ी-बड़ी कंपनियों से लेकर छोटे-छोटे उद्योगों में आज इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का प्रयोग प्रमुखता से किया जा रहा है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में डिजिटल रोबॉट के माध्यम से उत्पादन में तेजी आयी है साथ ही विभिन सेंसर के माध्यम से उत्पादन के विभिन क्षेत्रों में सहायता मिल रही है। इसके अतिरिक्त उत्पादन क्षेत्र में उत्पादन हेतु ताप एवं दाब जैसी अन्य भौतिक दशाओं के मापन हेतु भी Internet of Things का उपयोग किया जाता रहा है।
  • व्यक्तिगत क्षेत्र में- वर्तमान समय में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का उपयोग मुख्य रूप से व्यक्तिगत क्षेत्र में किया जा रहा है। हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली स्मार्टफोन एवं स्मार्टवॉच इसका सबसे आम उदाहरण है। इसके अतिरिक्त घरेलू उपयोग की वस्तुओं जैसे स्मार्ट फ्रिज, स्मार्ट टीवी, स्मार्ट एसी एवं अन्य उपकरणों से भी IOT के क्षेत्र में क्रांति आयी है।
  • सेवा क्षेत्र में- वर्तमान समय में अगर वास्तव में IOT क्षेत्र में बूम की स्थिति देखने को मिलती है तो वह सेवा क्षेत्र ही है। हॉस्पिटल से लेकर स्कूल एवं हॉस्पिटैलिटी से लेकर वाणिज्य के क्षेत्र में IOT का उपयोग प्रमुखता से किया जा रहा है।

इन सभी क्षेत्र के अतिरिक्त इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का कार्यक्षेत्र विश्वव्यापी है। वास्तव में देखा जाए तो वर्तमान में हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के उपयोग से घिरे हुए है। हमारा दिन स्मार्ट अलार्म से शुरू होकर सोने तक हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के व्यापक उपयोग से घिरे हुए है।

Internet of Things (IOT) उपकरण

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के तहत उपयोग किये जाने वाले उपकरणों की सूची बहुत अधिक विस्तृत है। स्मार्टफोन से लेकर स्मार्टवॉच एवं स्मार्टटीवी से लेकर फैक्ट्री में उपयोग किये जाने वाले उपकरण भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के अंतर्गत आते है। व्यक्तिगत जीवन में हम स्मार्टफोन का उपयोग करते है जिससे की हम प्रतिदिन के विभिन टास्क को अंजाम देते है। स्मार्टफोन इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के तहत उपयोग किया जाने वाला सबसे आम उपकरण है। इसके अतिरिक्त घरों में उपयोग की किया जाने वाला स्मार्ट टीवी, स्मार्ट फ्रिज, ओवन, गीजर, स्मार्ट ट्यूबलाइट बल्ब और पंखे तथा शॉवर भी IOT में शुमार है। व्यावसयिक स्तर पर उत्पादन के लिए उपयोग किये जाने वाले मैन्युफैक्चरिंग रोबोट एवं प्रबंधक उपकरण IOT के उदाहरण है। सार्वजनिक क्षेत्र में ट्रैफिक मॉनिटरिंग, सिटी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम, वॉटर, इलेक्ट्रिसिटी एवं अन्य उपकरणों का उपयोग भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के तहत आता है। वर्तमान समय में स्मार्ट सिटी का चलन भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के कारण ही संभव हो पाया है।

कैसे काम करता है इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT)

प्रतिदिन के जीवन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का उपयोग हम सभी करते है परन्तु यह कैसे कार्य करता है इसके बारे में अधिकतर लोग अनभिज्ञ रहते है। आपको बता दे की इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) विभिन तकनीकों के समन्वय के सम्पन किया जाता है जिसमे सबसे अधिक योगदान इंटरनेट का है। यहाँ आपको इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है:-

  • सेंसर- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का उपयोग करने के लिए सर्वप्रथम डिवाइस पर लगे सेंसर के माध्यम से आसपास के वातावरण से आवश्यक डाटा एकत्र किया जाता है। जैसे फिटनेस वॉच के द्वारा व्यक्ति का ब्लड-प्रेशर या धड़कन की गति या मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों में लगे सेंसर के माध्यम से सम्बंधित मशीन या स्थान का ताप एवं दाब से सम्बंधित जानकारियाँ।
  • डाटा ट्रांसफर- स्मार्ट डिवाइस के द्वारा सेंसर के द्वारा प्राप्त डाटा को एकत्र करने के पश्चात इसे IOT सिस्टम में भेजा जाता है जिसके माध्यम से इस डाटा को ट्रांसफर किया जा सके।
  • डाटा एनालिसिस- डाटा का विश्लेषण करने के लिए इसे क्लॉउड में भेजा जाता है जहाँ की डिवाइस द्वारा प्राप्त डाटा को स्टोर किया जाता है। क्लॉउड के माध्यम से ही सॉफ्टवेयर के द्वारा निर्धारित प्रॉटोकॉल की सहायता से डाटा का विश्लेषण किया जाता है और आवश्यक कार्यवाही के लिए यूजर को सेंड किया जाता है।
  • यूजर इंटरफेस- डाटा एनालिसिस के पश्चात इसे यूजर के मोबाइल या अन्य सम्बंधित डिवाइस पर भेजा जाता है जिससे की आवश्यक कार्यवाही की जा सके। हालांकि आजकल के अधिकतर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) डिवाइस के द्वारा डाटा का विश्लेषण करके स्वयं ही इसके लिए आवश्यक कार्यवाही की जाती है जैसे की किसी मशीन का ताप या दाब अधिक होने पर इसे एडजस्ट करना। परन्तु कुछ कार्यो जैसे की किसी व्यक्ति का ब्लड-प्रेशर या हार्ट-बीट बढ़ने पर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के तहत मोबाइल या डिवाइस के माध्यम से मैसेज भेजकर व्यक्ति को सचेत कर दिया जाता है ताकि यूजर द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा सके।

वर्तमान समय में मशीन लर्निंग एवं आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के माध्यम से इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) में तेजी आयी है। AI के माध्यम से मशीन के द्वारा विभिन प्रकार के सेंसर द्वारा प्राप्त डाटा के आधार पर बेहतर विश्लेषण एवं समयबद्ध तरीके से विभिन टास्क को अंजाम दिया जा रहा है। यही कारण है न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के द्वारा वर्तमान में मशीनो के द्वारा बेहतर परफॉरमेंस और त्वरित कार्य के माध्यम से सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि हुयी है।

भारत में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का प्रयोग

वर्तमान समय में भारत में भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के अंतर्गत विभिन परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गयी स्मार्ट सिटी परियोजना इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का प्रमुख उदाहरण है। इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटीज का निर्माण किया जायेगा जहाँ इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) पर आधारित विभिन अवस्थापना सुविधाओं का निर्माण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया मिशन के माध्यम से विभिन सेवाओ, एवं शहरी एवं ग्राम पंचायतो का विकास भी किया जा रहा है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का भविष्य

वर्तमान समय में हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का प्रतिदिन के जीवन में बहुतायत से उपयोग कर रहे है। आज IOT हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है और विशेषज्ञो द्वारा भविष्य में इसके और भी विस्तार होने का अनुमान लगाया जाता है। वर्तमान में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) का बाजार मूल्य 478.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। वही बात करें भविष्य की तो वर्ष 2029 तक IOT बाजार का मूल्य 2,465.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। वही अगर हमारे देश की बात की जाए तो वर्ष 2025 तक भारतीय IOT बाजार का मूल्य 9.28 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। हालंकि भविष्य में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के बढ़ते प्रयोग के मद्धेनजर मानव जीवन के और भी आसान होने की सम्भावना है अगर इसका उपयोग संतुलित रूप से किया जाता है। वही विभिन क्षेत्रों में IOT के उपयोग से क्रांति आने की सम्भावना है।

Internet of Things (IOT) सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Internet of Things (IOT) क्या है ?

वर्तमान समय में विभिन डिवाइसेस को इंटरनेट के माध्यम से एकीकृत करके विभिन टास्क को पूरा करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रणाली इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) कहलाती है।

IOT की फुल-फॉर्म क्या होती है ?

IOT की फुल-फॉर्म Internet of Things (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) होती है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) प्रणाली कैसे कार्य करती है ?

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) विभिन तकनीकों के समन्वय से कार्य करती है। विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक कर सकते है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसके द्वारा किया गया था ?

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) शब्द का प्रयोग वर्ष 1999 में कंप्यूटर विज्ञानी केविन एस्टोन के द्वारा किया गया था।

भारत में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के प्रयोग सम्बंधित उदाहरण दें ?

भारत में विभिन क्षेत्रों में IOT का व्यापक रूप से प्रयोग किया जा रहा है। सरकार द्वारा स्मार्ट सिटीज मिशन एवं डिजिटल इंडिया मिशन के माध्यम से इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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