मित्रों नमस्कार, आज के आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में । आपको बताते चलें की इस बार के महिला दिवस का थीम है “Gender Equality Today for a Sustainable Tomorrow” जिसका मतलब है की “एक स्थायी कल के लिए लैंगिक समानता”। इस बात में कोई शक नहीं है की आजकल के समय में महिलाओं की स्थिति में काफी सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं । बहरहाल वैसे तो आप में से कई पाठक होंगे जिन्होंने अलग – अलग मंचों पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण दिया होगा । परंतु एक अच्छा और प्रभावी भाषण वही होता है जो सुनने वालों के ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव डाल सके ।
टीचर्स डे स्पीच इन हिंदी | Teacher’s day Speech in Hindi
भाषण को प्रभावपूर्ण रूप से लिखने और बोलने के लिए शब्दों का चयन करना भी एक कला है । यहाँ हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से बता रहे हैं की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर या किसी भी विषय पर भाषण किस तरह का होना चाहिए ।
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- किसी भी विषय के ऊपर दिए जा रहे भाषण को अधिक लंबा ना रखें । भाषण जितना छोटा और प्रभावी होगा लोग आपकी बातों को उतनी ही गंभीरता से सुनेंगे ।
- भाषण में उन शब्दों को ना रहें जिन्हें बोलने में आपको कठिनाई महसूस हो रही हो । भाषण में जितना हो सके आसान और आसानी से समझने वाले शब्दों का चयन करें ताकि भाषण आपको आसानी से याद हो सके ।
- भाषण में भाषा की मर्यादा और शालीनता का विशेष ध्यान रखें । कोई भी भाषण देते समय अमर्यादित भाषा का उपयोग ना करें।
- आपने ये बात तो जरूर सुनी होगी किसी भी कार्य का अभ्यास लगातार और बार – बार किया जाए तो उस कार्य में निपुण हो सकते हैं ठीक उसी तरह मंच पर भाषण देने से पहले भाषण का जितनी बार हो सके उतनी बार अभ्यास करें ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास :-
जैसा की आप सब जानते हैं की प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिवस उन सभी महिलाओं को समर्पित है जो अपने व्यक्तिगत और व्यवसायिक उपलब्धियों को पूर्ण करने के लिए दिन रात बहुत कड़ी मेहनत करती रहती हैं। हम आपको बताते चलें की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है तो ये बात है सन 1908 की जब दुनिया के ताकतवर देशों में से एक यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में बहुत सी कामकाजी महिलाओं ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर निकालकर प्रदर्शन करने शुरू कर दिए । इन कामकाजी महिलाओं की मांग थी की उन्हें कम वेतन देकर 8 घंटे से ज्यादा काम लिया जाता है कहीं – कहीं स्थिति इतनी बुरी थी की महिलाओं को 10 से 12 घंटे काम करना पड़ता था।
अपनी इन मागों के साथ – साथ महिलाओं ने मौजूद सरकार के सामने वोट देने के अधिकार की भी मांगे रखीं। महिलाओं का यह प्रदर्शन काफी लंबा और एक साल तक चला। धीरे -धीरे यह प्रदर्शन दुनिया के कई देशों तक फैल गया। जिसके बाद 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के द्वारा आयोजित सम्मेलन में 8 मार्च की तारीख को महिला दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया गया । इसके बाद 1975 में अमेरिका और रूस सहित दुनिया के कई देशों ने 8 मार्च के दिन को महिला दिवस के रूप में घोषित कर दिया ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भाषण का प्रारूप :-
आदरणीय माननीय मुख्य अतिथि और सम्मानित शिक्षकगणों को मेरा सादर प्रणाम , प्यारे सहपाठियों मैं आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए इस विषय पर अपने विचार रखना चाहता हूँ । मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ मुझे ऐसे विषय पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिला।
प्यारे साथियों , जैसा की आप जनाते हैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया के हर एक महिला के सम्मान का प्रतीक है। आपको तो पता है होगा की हमारे पुराणों में नारी के बारे में वर्णन किया गया है की
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।।
अर्थात :- जहां नारी का सम्मान होता है वहाँ देवता निवास करते हैं , और जहां नारी का अपमान होता है वहाँ किया गया कोई भी कार्य कभी भी सफल नहीं होता है ।
उपरोक्त श्लोक से आप समझ गए होंगे की की नारी का हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान है। चाहे आप राजनीति , आर्थिक , विज्ञान आदि के क्षेत्रों में नारी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है। सरकार द्वारा चालए जा रहे महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों के चलते आज के समय में देश के अंदर महिलाओं की स्थिति काफी बेहतर हुई है । विश्व आर्थिक मंच पर Global Gender Gap Report भी यह बात कह चुकी हैं की 108 वर्षों से महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त होने में कम से कम 202 वर्षों का समय लगेगा। हमारे समाज में पितृसत्ता एक ऐसी व्यवस्था है।
जिसमें पुरुष महिलाओं के ऊपर अत्याचार करता है उनका दमन करता है और महिलाओं का शोषण करता है। भारतीय समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव एक कारण यह पितृसत्ता व्यवस्था है। महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव को कैसे खत्म किया जा सकता है उसके लिए निम्नलिखित कुछ कार्य किए जा सकते हैं
- महिलाओं को सम्पूर्ण शिक्षा का अधिकार मिले यदि महिलायें शिक्षित होंगी तो समाज में फैली पुरुष और महिलाओं के बीच असमानता को कम करने में मदद मिलेगी ।
- महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाएँ। कड़ें कानून होने से महिलाओं के ऊपर अत्याचार करने वालों के मन में एक डर पैदा होगा ।
- महिलाओं द्वारा किए जा रहे सार्वजनिक सेवा और अवैतनिक घरेलू कार्यों को महत्व दिया जाए।
- महिलाओं के प्रति कुप्रथाओं को जैसे बाल-विवाह और महिला जननांग विकृति आदि को खत्म करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
- महिलाओं को आरक्षण या अन्य माध्यम से समान अवसर प्रदान किए जाएँ ।
- देश में लैंगिक असमानता को कम करने के लिए कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को समाप्त किया जाए ।
भारत की कुछ प्रेरणादाईं महिलायें :-
हमारे देश में कई ऐसी महिलायें हुई हैं जिन्होंने अपने – अपने क्षेत्रों में कई प्रेरणादायी कार्य किए हैं –
क्रम संख्या | महिला का नाम | स्थान | महिलाओं के द्वारा किये गये प्रेरणास्त्रोत कार्य |
1 | फातिमा बीवी | पठानमथिट्टा (केरल) | भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश |
2 | रानी चेन्नाभैरदेवी | कुमता (कर्नाटक) | 54 वर्षों तक राज्य शासन चालया |
3 | बछेंद्री पाल | नकुरी (उत्तराखंड) | माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय महिला |
4 | कल्पना चावला | करनाल (हरियाणा) | अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला |
5 | मैरी कॉम | कंगथेई (मणिपुर) | आठ बार बॉक्सिंग विश्व चैम्पीयन रह चुकी एकमात्र महिला |
6 | चंद्रमुखी बसु | देहरादून (उत्तराखंड) | भारत की पहली महिला ग्रेजुएट |
7 | इंदिरा गांधी | नई दिल्ली , भारत | भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री |
8 | प्रतिभा देवी सिंह पाटील | नई दिल्ली , भारत | भारत की पहली महिला राष्ट्रपति |
9 | आनंदीबाई जोशी | पुणे , महाराष्ट्र | भारत की पहली महिला डॉक्टर |
10 | किरण बेदी | अमृतसर , पंजाब | भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी |
वर्तमान समय में महिलाओं के कार्य क्षेत्र में भागीदार होने से भारत के आत्मनिर्भर मिशन को बल मिला है । आशा करता हूँ मेरे इन विचारों से आप सभी सहमत होंगें आप सभी का धन्यवाद देकर इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ ।
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