जैसा की आप सभी जानते है की जिस प्रकार से हमको धरती पर रहने के लिए घर की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार से जब कोई भी व्यक्ति अंतरिक्ष में जाता है। तो उस व्यक्ति के अंतरिक्ष में रहने के लिए भी एक स्थान की आवश्यकता होती है। जिसके लिए नासा के द्वारा अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन बनाया गया है। जिसको अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (International Space Station) के नाम से जाना जाता है। क्या आप सभी ने इसके बारे में पहले सुना है। अगर नहीं तो इसमें आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। आप सभी को यह भी बतादे की हर वर्ष नासा इस स्पेस स्टेशन को मेन्टेन करने के लिए लाखों करोडो डॉलर का खर्चा इसपर करती है। इसकी स्थापना नासा के साथ साथ बहुत से देशों के योगदान से पूर्ण हो पायी है। तो दोस्तों क्या आप यह जानते है की अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन क्या है ?
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क्या आप भी इसके बारे में जानना चाहते है की आखिर यह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन क्या है ?तो दोस्तों अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते है। तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़ना होगा। क्योंकि इस लेख में ही हमने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बारे में बताया है और इससे सम्बंधित कई अन्य जानकारी भी हमने यहाँ प्रदान की हुई है। जैसे की – अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन क्या है और अंतरिक्ष में कितने स्पेस स्टेशन मौजूद हैं ? International Space Station in Hindi आदि जैसी जानकारी। तो दोस्तों अगर आप भी इसके बारे में इस प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। इसलिए कृपया करके दी गयी जानकारी को ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़े व इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करें।
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Article Contents
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन क्या है ?| International Space Station kya hai ?
सबसे पहले तो आप सभी को यहाँ बतादे की International Space Station को ISS के नाम से भी जाना जाता है। आपको बतादे की यह एक प्रकार का एयरक्राफ्ट है जो की अंतरिक्ष में है। यह एयरक्राफ्ट पृथ्वी के चक्कर लगता रहता है। एयरक्राफ्ट को नासा के द्वारा बनाया गया था। जिसको बनाने के लिए और इसको मेन्टेन करने के लिए बहुत खर्चा उठाना पढ़ा था। इस स्पेसक्राफ्ट में अंतरिक्ष में जाने वाले यात्री रुकते है। इस स्पेसक्राफ्ट के अंदर एक साइंस लैब भी मौजूद है। जिसको बनाने के पीछे का एक मुख्य कारण भी है। जो यह है की इस लैब में बहुत से प्रयोग किये जाते है जो की धरती पर गुरुत्वाकर्षण के कारण करने में असमर्थ होते है।
इस स्पेसक्राफ्ट को बनाने के लिए बहुत से देशों ने अपना योगदान दिया है। इस स्पेसक्राफ्ट को बनाने की शुरुआत 1998 में हुई थी और सन 2011 में यह बनकर तैयार हुआ था। इस स्पेस क्राफ्ट को बनाने के लिए बहुत से देशों की स्पेस एजेंसियो ने नासा का साथ दी जैसे की – इसे बनाने में
- संयुक्त राज्य की नासा के साथ साथ
- रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (आरकेए)
- जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए)
- कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए)
- यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ईएसए)
- ब्राजीलियन स्पेस एजेंसी (एईबी)
- इटालियन स्पेस एजेंसी (एएसआई)
जो भी यात्री अंतरिक्ष में जाते है वह सभी इसी स्पेसक्राफ्ट में ही रुकते है। इसको बनाने के लिए बहुत से modules (modules को आप बहुत सारे टुकड़े भी कह सकते हो) को एक साथ ही जोड़ा गया है। यह स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की कक्षा के बहुत नीचे के भाग में स्थापित किया गया है। जो की करीब धरती से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको यह भी बतादे की धरती की नीची कक्षा में होने के कारन इसको कई बार बिना किसी उपकरण के साफ़ आँखों से देखा जा सकता है। वर्तमान समय में इस स्पेसक्राफ्ट में केवल तीन ही लोगो की जगह है।
लेकिन आगे के समय के लिए इसको और विकसित किया जाएगा जिसके बाद इसमें 6 लोगो के लिए स्थान होगा। आप सभी को यह भी बतादे की जब से इसकी स्थापना हुई है तब से इसके अंदर कोई न कोई यात्री मौजूद है।
अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन कैसे भेजे जाते है ? यहाँ जानिए
आप सभी यह तो जानते होंगे की स्पेसक्राफ्ट आकार में काफी बड़ा होता है। तो आप सभी यह सोच रहे होंगे की आखिर इसको अंतरिक्ष में भेजा कैसे जाता है। तो आप सभी को यह बतादे की इसको अंतरिक्ष में भेजने के लिए इसको अलग अलग भागों यानि के टुकड़ों में भेज जाता है। जैसा की हमने आप सभी को लेख में पहले भी बताया है की इन टुकड़ों को ही Modules के नाम से जाना जाता है। उसके बाद अंतरिक्ष में ही इन टुकड़ों को डॉकिंग टेक्नोलॉजी (Docking Technology) के जरिए एक साथ जोड़ा जाता है। इस स्पेसक्राफ्ट के सभी हिस्सों को धरती की नीची कक्षा में रखा जाता है। यह नीची कक्षा की रेंज करीब 2000 किलोमीटर तक होती है। लेकिन अंतरिक्ष में जितने भी स्पेसक्राफ्ट है उन सभी को पृथ्वी की केवल 400 किलोमीटर के अंतर्गत ही स्थापित किया गया है।
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अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के उद्देश्य क्या है
तो दोस्तों अगर आप भी अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के उद्देश्य जानना चाहते है। तो आपको दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़ना होगा। International Space Station का मुख्य उद्देश्य लम्बे समय की खोज को जल्द करना और धरती के लोगो को इसका लाभ पहुँचाना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। यह स्पेस स्टेशन में सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण (microgravity) और अंतरिक्ष पर्यावरण अनुसंधान प्रयोगशाला के बदले कार्य करता है। इस स्थान पर बहुत सी चीजों के ऊपर प्रयोग किये जाते है जैसे की – पृथ्वी और अंतरिक्ष पर जीवन का अध्ययन (astrobiology), सूर्य, ग्रहों और चंद्रमा से जुड़े वैज्ञानिक अध्ययन (astronomy), मौसम-विज्ञान (meteorology), भौतिक विज्ञानं (physics) आदि जैसी कई अन्य चीजों पर भी।
केवल यह ही नहीं बल्कि यहाँ पर आने वाले समय में चाँद और मंगल गृह पर होने वाले कुछ मिशन के कुछ कार्यों को इसी स्पेस स्टेशन में किये जाते है। इसके साथ साथ इस स्पे स्टेशन में रहने और कार्य करने के तरीके भी सिखाये जाते है। इन सभी की मदद से इंसान पर गुरुत्वहीनता का ग्रेविटी का लम्बे समय तक अध्ययन किया जाता है। इसके साथ साथ यह भी जांचा जाता है की अंतरिक्ष में यात्रियों को जाने के तरीकों में भी सुधार किये जाते है। इसके जरिये और भीकई अन्य कार्य किए जाते है। आने वाले समय इससे और भी कई अन्य कार्य संभव होंगे जिससे विज्ञान का और भी विकास होगा।
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ISS को किन किन देशों ने बनाया है ?
तो दोस्तों जी की हमने आप सभी को यह बताया था की इस स्पेस स्टेशन को बहुत से देशों ने नीलकर बनाया है। तो अब हम आप सभी को यहाँ पर उन सभी देशों के नाम बताने वाले है। तो अगर आप भी उसके बारे में जानना चाहते है। तो कृपया कर दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़े।
देश | एजेंसी का नाम |
अमेरिका | National Aeronautics and Space Administration (NASA) |
रूस | Russian Federal Space Agency (Roscosmos) |
जापान | Japan Aerospace Exploration Agency (JAXA) |
कनाडा | Canadian Space Agency (CSA) |
यूरोपीय देश | European Space Agency (ESA) |
इन सभी देशों के योगदान के कारण ही आज के समय में अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन मौजूद है। आपको यह भी बतादे की इस स्पेस स्टेशन का प्रयोग बहुत से देशों के द्वारा किया गया है। यहाँ तक की उन देशों ने भी इस स्पेस स्टेशन का प्रयोग किया है जिनको इसको बनाने में कोई भी योगदान नहीं रहा है।
अंतरिक्ष में कितने स्पेस स्टेशन मौजूद हैं ?
तो दोस्तों आप सभी के मन में भी यह प्रश्न आ रहा होगा की आखिर वर्तमान समय में कितने स्पेस स्टेशन मौजूद है। तो उसके लिए आपको बतादे की वैसे तो आज तक करीब 11 स्पेस स्टेशन बनाये जा चुकें है लेकिन वर्तमान समय में अंतरिक्ष में केवल एक ही ऐसा स्पेस स्टेशन है जो सभी के काम आ रहा है, वह है अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन। सबसे पहले तो आप सभी को यह बतादे की स्पेस स्टेशन बनाना काफी कठिन कार्य होता है जिसको बनाने में काफी समय लगता है। समय के साथ साथ इसमें काफी खर्चा भी आता है। इसलिए इसको बहुत से देशों ने मिलकर बनाया हुआ है। जो की अधिकतर देशों के कार्य आता है।
कुछ सम्बंधित प्रश्न व उनके उत्तर
ISS की फुल फॉर्म कुछ इस प्रकार है :-
ISS full form in English – International Space Station
ISS full form in Hindi – अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन
आपको बतादे की यह एक प्रकार का एयरक्राफ्ट है जो की अंतरिक्ष में है। यह एयरक्राफ्ट पृथ्वी के चक्कर लगता रहता है। एयरक्राफ्ट को नासा के द्वारा बनाया गया था। जिसको बनाने के लिए और इसको मेन्टेन करने के लिए बहुत खर्चा उठाना पढ़ा था। इस स्पेसक्राफ्ट में अंतरिक्ष में जाने वाले यात्री रुकते है
इस अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को पांच देशों के योगदान के द्वारा बनाया गया है। जिसका नाम कुछ इस प्रकार है – युरोपियन देश, जापान, अमेरिका, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका।
तो आप सभी को यह बतादे की इसको अंतरिक्ष में भेजने के लिए इसको अलग अलग भागों यानि के टुकड़ों में भेज जाता है। जैसा की हमने आप सभी को लेख में पहले भी बताया है की इन टुकड़ों को ही Modules के नाम से जाना जाता है। उसके बाद अंतरिक्ष में ही इन टुकड़ों को डॉकिंग टेक्नोलॉजी (Docking Technology) के जरिए एक साथ जोड़ा जाता है