भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण नियम | Indian Railway rules and regulation in hindi

अगर कोई व्यक्ति बाहर जाता है यानि के किसी लम्बे सफर पर जाता है। तो लोग अधिकतर किसी भी लम्बे सफर पर ट्रैन में जाना पसंद करते है। क्योंकि लम्बे सफर के लिए ट्रैन सबसे बेहतर माध्यम है क्योंकि यह काफी सुरक्षित व आरामदायक है केवल यह ही नहीं बल्कि भारत में ट्रैन से सफर करना काफी सस्ता भी है। पर ट्रैन में सफर करने के लिए आपको कुछ बातो का हमेशा ध्यान रखना चाहिए फिर किसी और को भी सफर के दौरान परेशानी न उठानी पढ़े। भारत के अधिकतर लोग ट्रैन के द्वारा ही सफर करना पसंद करते है।

लेकिन आपको ट्रैन में सफर करते से रेलवे के कुछ नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए ताकि आपको या किसी और को परेशानी न हो। तो दोस्तों क्या आप भारतीय रेलवे की महत्वपूर्ण नियमो के बारे में जानते है।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp
भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण नियम |
Indian Railway rules and regulation in hindi

अगर नहीं तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं, क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के माध्यम से भारतीय रेलवे के नियमो के बारे में बताने वाले है की आपको सफर के दौरान किन नियमो का ध्यान रखना होता है। तो दोस्तों अगर आप भी इन नियमो के बारे में जानना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा तब ही आप सभी नियमो के बारे में जान सकोगे।

भारत में रेल का इतिहास

भारत में पहली बार रेल 16 अप्रैल 1853 को करीब 35 किलोमीटर चलायी गयी थी। भारत की पहली ट्रैन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। उस समय तीन ट्रैन के इंजन को ब्रिटिन से मंगवाया गया था जिनका नाम सुल्तान, सिंधु और साहिब था इन तीनो इंजन ने ही इस तरीन के 20 डिब्बों को खींचा था।

उस समय इस ट्रैन में करीब 400 यात्रियों ने सफर किया था। इस ट्रैन को 3:30 पर बोरीबन्दर से रवाना किया गया था और फिर यह 4:45 पर थाने पहुंची थी जो की बोरीबंदर से करीब 34 किलोमीटर की दूरी पर था। आपको यह भी बता दे की भारत में 1845 में कोलकाता में Great Indian Peninsula Railroad Company की स्थापना हुई। उसके बाद 1850 में इस कंपनी को मुंबई से ठाणे तक रेल की पटरी बिछाने का कार्य दिया गया। सन 1856 में भारत में भाप के इंजन बनाने का कार्य शुरू किया गया। फिर उसके बाद ट्रैन को चलने के लिए देश में पटरी बिछाने का कार्य शुरू।

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

सबसे पहले ट्रैन को नैरो गेज पर चलाया गया उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज की लीनों को देश में बिछाया गया। फिर उसके बाद जब देश यह सभी बिछा दी गयी फिर उसके बाद 1 मार्च 1969 को सबसे पहले ट्रैन को ब्रॉडगेज पर चलाया गया। ब्रॉडगेज पर चलने वाली पहली ट्रैन को दिल्ली से हावड़ा के बीच में चलाया गया था।

भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण नियम | Important rules of Indian Railways

भारतीय रेलवे के द्वारा बहुत से नियम व कानून बनाये गए है जिनको आप सभी को फॉलो करना होता है। अगर आप इन नियमो का पालन नहीं करते है तो अपकेऊपर जुर्माना की जा सकती है। तो कृपया भारतीय रेलवे में सफर करने के दौरान सभी नियमो का पालन करे। ताकि आप भी सुरक्षित रहे और बाकी लोग भी। तो दोस्तों यहाँ पर हमने भारतीय रेलवे के कुछ नियम बताये हुए है तो कृपया दिए गए नियमो को ध्यान से पढ़े एवं फॉलो करे।

मिडिल बर्थ के नियम | Middle berth rules

आप सभी ने कभी न कभी ट्रैन में तो सफर किया ही होगा। सफर करते समय कई बार लोगो को मिडिल बर्थ की सीट मिलती है तो अगर आप रात को सफर कर रहे हो और आपकी मिडिल बर्थ पर कोई और व्यक्ति बैठा हुआ हो तो रेलवे के नियम के अनुसार रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक के लिए आप उस व्यक्ति को अपने सीट से हटने के लिए कह सकते हो। अगर आप दिन के समय में सफर कर रहे हो और अगर आपको कोई मिडिल बर्थ से हटाता है तो आप उसको मना कर सकते हो क्योंकि यह नियम रात के समय में लागू होता है।

ट्रेन छूट जाने से जुड़ा नियम | Train missed rules

अगर कभी भी किसी कारणवश आपकी ट्रैन छूट जाती है यानि के आप स्टेशन पर देर से पहुंचते हो तो उसमे आपको चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसके लिए भी भारतीय रेलवे ने नियम बनाया है की अगर किसी भी व्यक्ति की ट्रैन छूट जाती है तो वह व्यक्ति उस स्टेशन से अगले स्टेशन पर जाकर अपनी ट्रैन पकड़ सकता है। अगर कोई व्यक्ति दो स्टेशन तक अपनी सीट पर नहीं पहुंच पता है तो उस व्यक्ति की सीट को टीटी किसी और को भी दे सकता है। पर ऐसा तब ही होगा अगर वह व्यक्ति दो स्टेशन तक अपनी सीट पर नहीं पहुँचता है।

रात में नहीं जलेगी लाइट | Light will not turn on at night

जिस प्रकार पहले ट्रैन में पूरी रात लाइट जाली रहती थी अब ऐसा नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई लोगो को इन लाइट की वजह से काफी परेशानी उठानी पढ़ती थी। रात के सफर के दौरान भी कई लोग आराम नहीं कर पाते थे तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह नियम बनाया गया है की रात के समय केवल नाईट लाइट ही जलेगी बाकी सभी लाइट को बंद कर दिया जायेगा। केवल यह ही नहीं बल्कि कई लोग समूह में सफर करते है और उन लोगो की वजह बहुत से लोगो को तकलीफ उठानी पढ़ती है ,इसलिए भारतीय रेलवे द्वारा यह भी नियम बनाया गया है की रात के समय में कोई भी व्यक्ति या समूह जोर से नहीं बोल सकता है।

टिकट खो जाने से जुड़ा नियम | Ticket Lost Rules

अगर आपने कही पर जाने के लिए ट्रैन का टिकट बुक किया है और गलती से किसी कारण वह टिकट आपसे खो जाता है तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि ऐसी स्थिति में आपको उस स्टेशन पर जाना होगा जहाँ से आपकी ट्रैन चलेगी वहां पर जाकर आपको नई टिकट लेने के लिए एक पत्र लेखन होगा और उसको जमा करना होगा। आपको एक चीज का ध्यान रखना होगा की आपको यह आवेदन पत्र ट्रैन के जाने से करीब 24 घंटे पहले ही जमा करवाना होगा।

तेज आवाज में संगीत पर मनाही | Prohibition on loud music

भारतीय रेलवे के द्वारा एक और नियम बना दिया गया है वह यह है की पहले के समय में बहुत से लोग रात के समय में ट्रैन के ऑफर के दौरान अपने मोबाइल में तेज आवाज में गाने सुनते थे या फिर उनका कॉल आने पर जोर जोर से तेज आवाज में बात करते थे। परन्तु अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि इस नियम के अनुसार रात के समय किसी भी व्यक्ति आवाज में संगीत सुनने पर सख्त मनाही है और अगर किसी व्यक्ति का कॉल भी आता है तो भी उस व्यक्ति को धीमी आवाज में अपनी कॉल को सुन्ना होगा। अगर कोई व्यक्ति इन नियमो का पालन नहीं करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की जाएगी।

केवल यात्रियों को ही नहीं बल्कि ट्रैन सपोर्ट में कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा की रात के समय वह भी किसी से तेज आवाज में बात न करे क्योंकि इसकी वजह से कई यात्रियों को परेशानी का सामना उठाना पढता है। इसलिए सभी सपोर्ट कर्मचारोयो को भी अपना कार्य बड़े ही शांतिपूर्वक करना होगा।

टीटीई नहीं करेगा टिकट चेक | TTE will not check ticket

जब आप रात को ट्रैन में सफर कर रहे होते हो तो कई बार टीटी रात के समय में टिकट चेक करने के लिए आते है परन्तु अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भारतीय रेल ने यह नियम बना दिया है की रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे तक कोई भी टीटी किसी भी व्यक्ति के टिकट नहीं करेगा ऐसा इसलिए है। क्योंकि उस समय लोग आराम कर रहे होते हो जिसकी वजह से लोगो को परेशानी के सामना करना पड़ता था। इस नियम को यात्रियों के लीयते बनाया गया है ताकि यात्रियों की नींद में कोई दिक्कत न हो। परन्तु अगर आपका सफर रात के 10 बजे के बाद शुरू होता है

तो यह नियम लागू नहीं होता है। अगर आपका सफर रात के 10 बजे के बाद शुरू होता है तो टीटी को आपके टिकट चेक करने की पूर्ण अनुमति है। यह नियम केवल उन लोगो केलिए लागू होता है जिनका सफर रात के 10 बजे से पहले शुरू होता हैं।

ट्रेन में सामान चोरी होने पर है ये नियम | These rules are for theft of goods in the train

कई बार जो लोग रेल में सफर करते है उनका सामान कई बार चोरी हो जाता है। अगर ऐसा किसी भी व्यक्ति के साथ होता है तो उसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए है। अगर किसी भी व्यक्ति का ट्रैन में सफर के दौरान किसी व्यक्ति का सामान चोरी हो जाता है तो उस वयक्ति को सबसे पहले रेलवे पुलिस फाॅर्स को रिपोर्ट दर्ज करवानी होगी।

उसके दौरान यात्री को एक फॉर्म भरने के लिए कहा जाएगा। उस फॉर्म में एक आवश्यक चीज लिखी होती है जो की यह है अगर यात्री का सामान 6 माह तक उसको वापस नहीं मिलता है तो वह यात्री consumer forum में सिखयात दर्ज करवा सकता है। उसके बाद जो सामान यात्री का चोरी हुआ है उसका भुगतान रेलवे वालो को यात्री को करना होगा।

केवल वेटिंग टिकट पर नहीं कर सकते यात्रा | Cannot travel on waiting ticket only

कई बार हर किसी व्यक्ति का टिकट कन्फर्म नहीं होता है किसी किसी व्यक्ति का टिकट वेटिंग में चला जाता है। तपो अगर आपके पास वेटिंग टिकट है तो आप उस वेटिंग टिकट से आप किसी भी आरक्षित कोच में बैठने की अनुमति नहीं है। अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करता हुआ पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति को जुर्माना भी भरना पढ़ सकता है और उस व्यक्ति को अगले स्टेशन पर ट्रैन से निचे भी उतरा जा सकता है।

अगर कोई चार व्यक्ति सफर कर रहे हो और उन चार व्यक्ति में से दो व्यक्ति का टिकट कन्फर्म होता है और बाकि के दो व्यक्ति का टिकट वेटिंग में हो तो वह चार एक साथ बैठकर सफर कर सकते है। परन्तु ऐसा करने से पहले आपको एक बार टीटी को इसके बारे में जरूर बताना होगा।

बिना टिकट के यात्रा पर देना पड़ सकता है भारी जुर्माना | Heavy fine may have to be paid for traveling without ticket

अगर कोई भी व्यक्ति बिना टिकट खरीदे ट्रैन में सफर करता है तो उस व्यक्ति को भारी जुर्माना भी भरना पढ़ सकता है और केवल यह ही नहीं बल्कि उस व्यक्ति के ऊपर कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है और जहाँ तक आपको जाना है वह तक का किराया भी देना पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति आपसे यात्रा के दौरान छेड़छाड़ करता है तो उस व्यक्ति को रेलवे की धारा 137 के अंतर्गत 1000 रुपए का जुर्माना भी भरना पढ़ सकता है और केवल यह ही नहीं बल्कि उस व्यक्ति को 1 महीने तक की जेल भी हो सकती है।

भारतीय रेलवे से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर

भारत में सबसे पहली रेल कब चली और कहा से कहा तक चली थी ?

भारत में पहली बार रेल 16 अप्रैल 1853 को करीब 35 किलोमीटर चलायी गयी थी। भारत की पहली ट्रैन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी।

भारत में पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन कौनसा है ?

भारत में पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन हबीबगंज (भोपाल) है।

भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौनसा है ?

भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन खड़गपुर रेलवे स्टेशन है।

अगर किसी व्यक्ति का ट्रैन में सामान चोरी हो जाता है तो क्या करना होता है ?

अगर किसी भी व्यक्ति का ट्रैन में सफर के दौरान किसी व्यक्ति का सामान चोरी हो जाता है तो उस वयक्ति को सबसे पहले रेलवे पुलिस फाॅर्स को रिपोर्ट दर्ज करवानी होगी। उसके दौरान यात्री को एक फॉर्म भरने के लिए कहा जाएगा। उस फॉर्म में एक आवश्यक चीज लिखी होती है जो की यह है अगर यात्री का सामान 6 माह तक उसको वापस नहीं मिलता है तो वह यात्री consumer forum में सिखयात दर्ज करवा सकता है। उसके बाद जो सामान यात्री का चोरी हुआ है उसका भुगतान रेलवे वालो को यात्री को करना होगा।

अगर कोई व्यक्ति बिना टिकट के ट्रैन में सफर करता है तो उसके लिए क्या दंड है ?

अगर कोई व्यक्ति ट्रैन में बिना टिकट के सफर करता है तो उस व्यक्ति की जुर्माना भी देना होगा और उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही भी की जा सकती है।

तो दोस्तों आज हमने आप सभी को इस लेख में भारतीय रेलवे के कहतव्पूर्ण नियमो के बारे में बताया है तो दोस्तों अगर आपको हमारी यह दी गयी हुई जानकारी पसंद आयी हो तो कृपया करके हमारी वेबसाइट crpfindia.com को बुकमार्क करे। अगर आप इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न पूछना चाहते है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है हम जितनी जल्दी हो सके आपके सवाल का उत्तर देने का प्रयास करेंगे

Leave a Comment