भारतीय कानून की जानकारी | परिभाषा, अधिकार, नियम | Indian Law in Hindi;

सामाजिक व्यवस्था के संचालन एवं नियमन के लिए “नियम एवं कानून” अत्यंत महत्वपूर्ण होते है। नियम एवं कानूनों के माध्यम से ही समाज में व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित हो पाती है एवं विभिन व्यवस्थाओ का नियमन हो पाता है। वर्तमान समय में भी हमारे समाज में विभिन व्यवस्थाओ के संचालन के लिए विभिन कानूनों का निर्माण किया गया है।

परन्तु यह देश का दुर्भाग्य ही है की नियम कानूनों की जानकारी के अभाव में आजादी के वर्षो बाद भी देश का आम-आदमी शोषण का शिकार होता रहता है। कानूनों की जानकारी के समुचित अभाव में आदमी अपने अधिकारों से परचित नहीं होता एवं विभिन प्रकार की परिस्थितियों में अपने अधिकारों के प्रयोग से वंचित रह जाता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको आम आदमी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण कानूनों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने वाले है जिनका प्रयोग आप प्रतिदिन के जीवन में कर सकते है ।

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इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भारतीय कानून की जानकारी, परिभाषा, अधिकार, नियम (Indian Law in Hindi) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की जाएगी। यह आर्टिकल पाठको को अपने अधिकार के बारे में जागरूक करने के अतिरिक्त भारतीय कानूनों के प्रति समझ बढ़ाने का भी कार्य करेगा।

भारतीय कानून की जानकारी
भारतीय कानून की जानकारी

भारतीय कानून (Indian Law)

समाज की समुचित व्यवस्था संचालन के लिए प्राचीन समय से ही कानूनों का निर्माण किया जाता रहा है। प्राचीन काल में कानूनों को विधि, विधान या संहिता के नाम से जाना जाता रहा है। आधुनिक समय में ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1860 में भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code (IPC) लागू की गयी थी जो की वर्तमान में दण्ड संहिता (criminal code) के रूप में प्रयुक्त की जा रही है। भारतीय संविधान भी देश में कानूनों के संचालन के प्रमुख स्रोत के रूप में शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय कानून में निम्न प्रमुख स्रोत शामिल किए जाते है :-

कानून से तात्पर्य उन विशेष नियमों से है जो सभी नागरिको पर एक समान रूप से लागू होते है। सरल शब्दो में कहा जाए तो कानून वह नियम एवं कायदे होते है जिनका पालन सभी नागरिको को समान रूप से करना होता है। समाज के सुचारु रूप से संचालन हेतु कानूनों का होना अनिवार्य है।

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भारतीय कानून की जानकारी

यहां आपको भारतीय कानूनों के महत्वपूर्ण अधिनियमों एवं अनुच्छेदों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है। प्रतिदिन के जीवन में यहाँ दिए गए कानून आपके अत्यंत काम आने वाले है साथ ही इन कानूनों के बारे में जानकारी प्राप्त करके आप अपने अधिकारों का भी समुचित उपयोग कर सकते है :-

जीवन का अधिकार

देश के नागरिको हेतु सबसे महत्वपूर्ण कानून की बात की जाए तो निसंदेह की संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत प्रदान, जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Protection of Life and Personal Liberty) सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है। जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को आपातकाल के दौरान भी निलंबित नहीं किया जा सकता है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- भारतीय-संविधान अनुच्छेद-21

गिरफ्तारी की वजह जाने का अधिकार

यदि किसी भी नागरिक को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है तो भारतीय संविधान द्वारा सभी नागरिको को अपनी गिरफ्तारी की वजह जानने का अधिकार दिया गया है। इसका अर्थ है की पुलिस को गिरफ्तारी की वजह बताना आवश्यक होता है। साथ ही व्यक्ति को अपने पसंद के वकील से सलाह लेने का भी अधिकार होता है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- भारतीय-संविधान अनुच्छेद-22

शराब पीकर वाहन चलाने पर सजा

यह बात तो सभी नागरिक जानते है की शराब पीकर वाहन चालान सभी के लिए ख़तरकनाक होता है परन्तु क्या आप जानते है की यदि ड्राइविंग के दौरान आपके 100ml ब्लड में 30mg से अधिक अल्कोहल की मात्रा पायी जाती है तो पुलिस को यह अधिकार होता है की बिना किसी वारंट के आपको गिरफ्तार किया जा सकता है। इसीलिए सभी नागरिको को कभी भी ड्राइविंग के दौरान शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- मोटर वाहन एक्ट, 1988, सेक्शन -185, 202

लिव-इन-रिलेशनशिप है क़ानूनी

यह जानना आवश्यक है की व्यस्कों का आपसी सहमति से लिव-इन-रिलेशनशिप में रहना क़ानूनी रूप से मान्य है। साथ ही इस सम्बन्ध से उत्पन संतान को भी सभी क़ानूनी अधिकार प्राप्त होते है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act), 2005

महिलाओं की गिरफ्तारी सम्बंधित अधिकार

किसी भी महिला को सुबह 6 बजे से पूर्व एवं साँय 6 बजे के बाद गिरफ्तारी से छूट प्राप्त होती है। इसका अर्थ यह है की महिलाओ को सुबह 6 बजे से पहले एवं शाम को 6 बजे के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। साथ ही महिला की गिरफ्तारी हेतु महिला पुलिस कांस्टेबल का भी साथ होना अनिवार्य है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- दंड प्रक्रिया संहिता (IPC), सेक्शन 46 

गर्भवती महिलाओ की सुरक्षा

गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के कारण मातृत्व लाभ प्रदान किया जाता है। इसका अर्थ है की गर्भावस्था के दौरान किसी भी महिला को नौकरी से निकालने पर सम्बंधित कंपनी/संस्था पर क़ानूनी कार्यवाही की जाती है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961

चालान कटने पर क्या है प्रावधान

यदि यातायात नियमो के उल्लंघन के कारण आपका चालान कट गया है तो इस अवधि से 24 घंटे तक आपका चालान नहीं काटा जा सकता है। इसका अर्थ है की एक ही दिन में दो बार आपका चालान नहीं काटा जा सकता है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016

FIR लिखवाने से जुड़े महत्वपूर्ण कानून

किसी भी प्रकार की शिकायत होने की स्थिति में यदि नागरिक पुलिस स्टेशन जाते है तो सम्बंधित पुलिस अधिकारी को शिकायकर्ता की FIR दर्ज करना अनिवार्य होता है। यदि पुलिस अधिकारी ऐसा करने से मना कर देता है तो सम्बंधित अधिकारी पर क़ानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- भारतीय दंड संहिता, 166 A

5-स्टार होटल का उपयोग

क्या आप जानते है की प्यास लगने या वाशरूम की आवश्यकता महसूस होने पर आप किसी भी होटल या रेस्टोरेंट का फ्री में उपयोग कर सकते है। होटल एवं रेस्टोरेंट द्वारा किसी भी नागरिक को पानी पीने या वाशरूम के इस्तेमाल से रोका नहीं जा सकता। इसके तहत 5-स्टार होटल को भी शामिल किया गया है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)-भारतीय सरिउस अधिनियम 1887

अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य नहीं

कोई भी दुकानदार किसी वस्तु के लिए अधिक खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य नहीं वसूल सकता है। इसका अर्थ है की कोई भी वस्तु अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक मूल्य पर बेचना गैरकानूनी है।

  • कानून/स्रोत (Law/Source)- अधिकतम खुदरा मूल्य अधिनियम, 2014

इस प्रकार यहाँ आपको भारतीय कानून से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओ (Indian Law in Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है।

भारतीय कानून की जानकारी सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

कानून क्या होता है ?

सामाजिक व्यवस्था के सञ्चालन हेतु निर्मित किये गए नियमों के समूह को कानून कहा जाता है। कानून को विधि एवं संहिता के नाम से भी जाना जाता है।

भारतीय कानून के प्रमुख स्रोत क्या-क्या है ?

भारतीय कानून के प्रमुख स्रोत निम्न है :-
भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code (IPC)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure)
भारत का संविधान
अन्य भारतीय कानून

भारतीय कानून सम्बंधित जानकारी प्रदान करें ?

भारतीय कानून सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक करें। यहाँ आपको Indian Law in Hindi सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।

भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code (IPC) कब लागू की गयी थी ?

भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code (IPC) को वर्ष 1860 में लागू किया गया था।

जीवन का अधिकार किस अनुच्छेद के तहत दिया गया है ?

जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Protection of Life and Personal Liberty) को भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत वर्णित किया गया है।

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