तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की यह साल यानि के 2022 भी खत्म होने की कगार पर है। बस कुछ ही दिनों में नया वर्ष यानि के 2023 शुरू होने वाला है। तो दोस्तों आप सभी यह तो जानते ही होंगे की कितने दिन बाकी है नए वर्ष प्रारम्भ होने के लिए। वैसे आप सभी भी दिनों का पता कैलेंडर देखकर ही लगाते होंगे। तो दोस्तों आप सभी यह भी जानते ही होंगे की कैलेंडर का प्रचलन भी काफी वर्षों पुराना है। कैलेंडर काफी समय पुराने माने जाते है। पुराने समय में भी लोग कैलेंडर का प्रयोग करते है। तो दोस्तों आप सभी को हम यह भी बता दे की पुराने समय वैसे तो बहुत से प्रकार के कैलेंडर होते थे लेकिन हम आज आप सभी को इस लेख में जूलियन और ग्रेगोरियन कैलेंडर का इतिहास के बारे में बताने वाले है।
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तो दोस्तों अब आप सभी यह सोच रहे होंगे की यह जूलियन और ग्रेगोरियन कैलेंडर क्या होता है। तो उसके लिए आप सभी को यह बता दे की यह भी एक प्रकार के कैलेंडर ही होते है। परन्तु यह कुछ समय पुराने कैलेंडर होते है और इन कैलेंडर को अलग अलग लोगो के द्वारा बनाया गया है। यह कैलेंडर एक दूसरे से काफी भिन्न है। उसके साथ साथ आप सभी को यह भी बता दे की इन कैलेंडर में काफी अलग अलग चीजों के बारे में भी बताया गया है। तो दोस्तों क्या आप ने कभी इन कैलेंडर का नाम सुना है और क्या आप इनके बारे में जानते है। अगर नहीं तो उसमे आप में से किसी को भी चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
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क्योंकि आज हम आप सभी को इस लेख के जरिये जूलियन और ग्रेगोरियन कैलेंडर के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले है जैसे की – जूलियन और ग्रेगोरियन कैलेंडर क्या होता है और इन दोनों के इतिहास के बारे में भी हम सभी आपको बताने वाले है। तो दोस्तों क्या आप भी इनके बारे में इनके बारे में जानना चाहते है तो उसके लिए आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। क्योंकि इस लेख में ही हमने इससे सम्बंधित जानकारी के बारे में बताया हुआ है जिसको पढ़ने से ही आप इसके बारे में जान सकेंगे। तो दोस्तों इसलिए कृपया करके हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े।
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Article Contents
जूलियन कैलेंडर क्या होता है | What is the Julian calendar?
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की जूलियन कैलेंडर एक रोमन कैलेंडर था। लेकिन आप सभी को यह भी बता दे की जुलाइन कैलेंडर में ऐसी बहुत सी त्रुटियां थी जिसके कारण वह बिलकुल सटीक चीजें बताने में असमर्थ होता था इसलिए उसके बाद इसमें कुछ बदलाव किये गए थे। क्योंकि जुलीन कैलेंडर के अंतर्गत पृथ्वी को सूर्य के चक्कर काटने की गणना सही नहीं थी इसलिए उसमे कुछ त्रुटियां थी। इसलिए उसमे बहुत से बदलाव किये गए थे। इसके कुछ समय के पश्चात ग्रेगोरियन कैलेंडर को लांच किया गया था। तो दोस्तों अब आप सभी यह सोच रहे होंगे की यह ग्रेगोरियन कैलेंडर क्या होता है तो आप चिंता न करें क्योंकि यहाँ पर हम आप सभी को पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
ग्रेगोरियन कैलेंडर क्या होता है | What is Gregorian calendar?
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी। जब तक ग्रेगोरियन कैलेंडर लांच नहीं हुआ था तब तक अधिकतर लोग जूलियन कैलेंडर का ही उपयोग करते थे। उसके बाद ग्रेगोरियन कैलेंडर को लांच किया गया था क्योंकि इससे पहले चलने वाले कैलेंडर यानि के जुलाइन कैलेंडर में बहुत सी त्रुटियां थी इसलिए उन सभी त्रुटिओं को हटाकर नए कैलेंडर को सन 1582 ने ग्रेगोरियन कैलेंडर के नाम से लांच किया गया। इस ग्रेगोरियन कैलेंडर को पोप ग्रेगोरी XIII के द्वारा लागु किया गया था। अगर बात सही की करें तो ग्रेगोरियन कैलेंडर जूलियन कैलेंडर के मुक़ाबले काफी अधिक सटीक है।
क्योंकि जो त्रुटियां जूलियन कैलेंडर में थी उन सभी त्रुटियों को ग्रेगोरियन कैलेंडर में ठीक कर दिया गया था। आप सभी को यह बता दे की ग्रेगोरियन कैलेंडर को प्रचलन में लेन में करीब 300 वर्ष से भी अधिक समय लगा था। दोस्तों अब हम आपको यहाँ पर जूलियन और ग्रेगोरियन कैलेंडर का इतिहास के बारे में बताने वाले है तो लेख को अंत तक पढ़े।
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जूलियन कैलेंडर का इतिहास यहाँ जाने ?
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की जुलाइन कैलेंडर जूलियस सीजर के द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इसके साथ साथ आप सभी को यह भी बता दे की इस कैलेंडर को ग्रीक गणितज्ञों और अलेक्जेंड्रिया के सोसिजेन्स जैसे खगोलविदों की मदद से डिज़ाइन करवाया गया था। जुलाइन कैलेंडर रोमन साम्राज्य में काफी प्रचलित हो गया था। उसके बाद सन 1582 से सन 1600 से भी अधिक वर्षों के लिए अधिकतर पश्चिमी दुनिया में जब पोप ग्रेगरी XIII ने एक वर्ष में करीब 365.25 दिन से 365.2425 दिन बताये। तब ही से जुलाइन कैलेंडर की त्रुटियों की शुरुआत हुई थी। उसके बाद वह कलेण्डर भी काफी प्रचलित हुआ। जिस कैलेंडर में जुलाइन कैलेंडर की त्रुटियों को ठीक किया गया उसको ग्रेगोरियन कैलेंडर के नाम से जाना जाता था।
इसके साथ साथ आप सभी को यह भी बता दे की आज भी जूलियन कैलेंडर को आज भी पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के कुछ हिस्सों में और ओरिएंटल रूढ़िवादी के कुछ हिस्सों में और साथ ही बेरबर्स द्वारा उपयोग किया जाता है। जूलियन कैलेंडर में दो प्रकार के वर्ष माने जाते थे जिसमे किसी साधारण वर्ष में 365 दिन होते थे और किसी लीप ईयर में 366 दिन होते थे।
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ग्रेगोरियन कैलेंडर का इतिहास यहाँ जाने ?
तो दोस्तों आप सभी को बतादे की ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत सन 1582 में हुई थी। ग्रेगोरियन कैलेंडर के प्रचलित होने से पूर्व सभी जगहों पर जूलियन कैलेंडर का प्रचलन था। आपको यह भी बता दे की जूलियन कैलेंडर के मुताबिक़ एक वर्ष में केवल 10 महीने ही होते थे। उसके साथ उस कैलेंडर में क्रिसमस डे को कोई भी निश्चित दिन तय नहीं था। उसके बाद जब ग्रेगोरियन कैलेंडर को लांच किया गया जिसमे उसकी कुछ त्रुटियों को ठीक किया गया और उस कैलेंडर में क्रिसमस डे के लिए 15 अक्टूबर का दिन निश्चित किया गया था। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक़ ही जनवरी वर्ष का पहला माह के रूप में जाना जाता है और दिसंबर को वर्ष को अंतिम माह के रूप में जाना जाता है और इसमें ही 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है।
आप सभी को एक ख़ास बात यह भी बता दे की कोई भी कैलेंडर बनाने के लिए सूर्य चक्र या चंद्रमा चक्र का ध्यान रखना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अगर कैलेंडर सूर्य चक्र को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएँ तो किसी भी कैलेंडर में 365 दिन होते हैं और अगर कैलेंडर को चन्द्रमा चक्र को ध्यान में रखकर बनाया जाए तो वर्ष में 354 दिन होंगे। इस ग्रेगोरियन कैलेंडर में ही किसी माह में 30 दिन है किसी माह में 31 दिन होते है और फरवरी माह में तो केवल 28 दिन ही होते है और जब लीप ईयर होता है तो फरवरी के महीने में 28 दिन के बजाये 29 दिन होते है।
जूलियन और ग्रेगोरियन कैलेंडर का इतिहास से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर यहाँ पर जानिए
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की जूलियन कैलेंडर एक रोमन कैलेंडर था। लेकिन आप सभी को यह भी बता दे की जुलाइन कैलेंडर में ऐसी बहुत सी त्रुटियां थी जिसके कारण वह बिलकुल सटीक चीजें बताने में असमर्थ होता था इसलिए उसके बाद इसमें कुछ बदलाव किये गए थे। क्योंकि जुलीन कैलेंडर के अंतर्गत पृथ्वी को सूर्य के चक्कर काटने की गणना सही नहीं थी इसलिए उसमे कुछ त्रुटियां थी
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी। जब तक ग्रेगोरियन कैलेंडर लांच नहीं हुआ था तब तक अधिकतर लोग जूलियन कैलेंडर का ही उपयोग करते थे। उसके बाद ग्रेगोरियन कैलेंडर को लांच किया गया था क्योंकि इससे पहले चलने वाले कैलेंडर यानि के जुलाइन कैलेंडर में बहुत सी त्रुटियां थी इसलिए उन सभी त्रुटिओं को हटाकर नए कैलेंडर को सन 1582 ने ग्रेगोरियन कैलेंडर के नाम से लांच किया गया।
तो दोस्तों आप सभी को यह बता दे की जुलाइन कैलेंडर जूलियस सीजर के द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इसके साथ साथ आप सभी को यह भी बता दे की इस कैलेंडर को ग्रीक गणितज्ञों और अलेक्जेंड्रिया के सोसिजेन्स जैसे खगोलविदों की मदद से डिज़ाइन करवाया गया था। जुलाइन कैलेंडर रोमन साम्राज्य में काफी प्रचलित हो गया था।
तो दोस्तों आप सभी को बतादे की ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत सन 1582 में हुई थी। ग्रेगोरियन कैलेंडर के प्रचलित होने से पूर्व सभी जगहों पर जूलियन कैलेंडर का प्रचलन था। आपको यह भी बता दे की जूलियन कैलेंडर के मुताबिक़ एक वर्ष में केवल 10 महीने ही होते थे। उसके साथ उस कैलेंडर में क्रिसमस डे को कोई भी निश्चित दिन तय नहीं था।