भारत के उत्तरी भाग में स्थित उत्तराखंड राज्य को ऋग्वेदिक काल से ही “देवभूमि” के रूप में जाना जाता रहा है। गंगा का उद्गम गंगोत्री धाम, यमुना का उद्गम यमुनोत्री धाम, भारत के चार धामों में शामिल भगवान विष्णु को समर्पित बद्री विशाल एवं भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख केदारनाथ जैसे पवित्र तीर्थों का स्थल होने के कारण उत्तराखंड प्राचीन काल से ही हिन्दू श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है। हिन्दू तीर्थो का प्रमुख केंद्र होने के अतिरिक्त उत्तराखंड सिख श्रद्धालुओं के लिए भी पवित्र भूमि है जहाँ श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) जैसा पवित्र एवं आध्यात्मिक ऊर्जा से सम्पन तीर्थ स्थल मौजूद है। प्रतिवर्ष लाखों सिख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब जी के दर्शन करने आते है एवं इस पवित्र स्थल पर अरदास अर्पित करके वाहेगुरु जी का आशीर्वाद प्राप्त करते है। इस वर्ष हेमकुंड साहिब यात्रा 2023 (Hemkund Sahib Yatra 2023), 20 मई 2023 से शुरू हो रही है। ऐसे में अगर आप भी हेमकुंड साहिब यात्रा का प्लान कर रहे है तो इस आर्टिकल के माध्यम से आप हेमकुंड साहिब की यात्रा कैसे करें (Hemkund Hemkunt Sahib Yatra 2023), हेमकुंड साहिब जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ? हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग एवं हेमकुंड साहिब यात्रा की तैयारी कैसे करें सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
यह भी जाने :- चार धाम की यात्रा कैसे करें 2023
साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आप हेमकुंड साहिब जी का इतिहास, मान्यता एवं सिख धर्म में इस पवित्र स्थल से जुड़े अन्य तथ्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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Article Contents
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, चमोली उत्तराखंड
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में शामिल तीर्थ है जहाँ सिखों के दसवें गुरु, श्री गोविन्द सिंह जी ने तपस्या की थी। उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब 4,329 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है जो की सात चोटियों से घिरा हुआ पवित्र तीर्थ है। प्रतिवर्ष हजारों सिख श्रद्धालु इस पवित्र तीर्थ में अपना शीश नवाने आते है एवं अपनी आध्यात्मिक क्षुधा को शांत करते है। प्रतिवर्ष हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा यात्रा को संचालित करने वाली समिति द्वारा हेमकुंड यात्रा के कपाट खोलने की घोषणा की जाती है जिसके पश्चात श्री हेमकुंड साहिब यात्रा का शुभारंभ होता है। सिख तीर्थ यात्रियों के अतिरिक्त हिन्दू श्रद्धालु भी इस पवित्र तीर्थ स्थल की यात्रा करते है।
Hemkund Sahib Yatra 2023, key points
यहाँ आपको श्री हेमकुंड साहिब यात्रा 2023 (Hemkund Sahib Yatra 2023) से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है :-
आर्टिकल सम्बंधित है | Hemkund Sahib Yatra 2023 |
श्री हेमकुंड साहिब स्थित है | चमोली, उत्तराखंड |
सम्बंधित | सिख धर्म से, हिन्दू धर्म से |
ऊँचाई | 4,329 मीटर |
यात्रा संचालित की जाती है | मई से अक्टूबर |
निकटतम रेलवे स्टेशन | ऋषिकेश |
निकटतम हवाई अड्डा | जोलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) |
आधिकारिक वेबसाइट | shrihemkuntsahib.com |
ईमेल अड्रेस (Shri Hemkund Sahib Management Trust) | [email protected] |
यात्रा का वर्ष | श्री हेमकुंड साहिब यात्रा 2023 |
श्री हेमकुंड साहिब के कपाट कब खुल रहे है 2023 ?
श्री हेमकुंड साहिब यात्रा का संचालन प्रतिवर्ष मई माह से अक्टूबर माह के मध्य किया जाता है। सामान्यत हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलते है एवं श्रद्धालुओं को अक्टूबर माह की 10 तारीख तक हेमकुंड साहिब के दर्शन करने का अवसर दिया जाता है। इस वर्ष हेमकुंड साहिब यात्रा संचालन समिति द्वारा 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने का निर्णय लिया गया है। अतः यह जानना आवश्यक है की वर्ष 2023 में श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 20 मई 2023 को खोले जायेंगे जो की 10 अक्टूबर 2023 तक खुले रहेंगे। श्रद्धालु इस अवधि तक हेमकुंड साहिब के दर्शन कर सकेंगे। इस वर्ष हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने एवं बंद होने की तिथि निम्न प्रकार से है :-
हेमकुंड साहिब 2023 (Hemkund Sahib 2023), कपाट खुलने की तिथि | 20 मई 2023 |
हेमकुंड साहिब 2023 (Hemkund Sahib 2023), कपाट बंद होने की तिथि | 10 अक्टूबर 2023 |
हेमकुंड साहिब यात्रा का संचालन
श्री हेमकुंड साहिब यात्रा का सञ्चालन सात सदस्यीय कमेटी द्वारा संचालित किया जाता है जिसका विवरण इस प्रकार से है :-
- नरिंदरजीत सिंह बिंद्रा (प्रबंध समिति के अध्यक्ष)
- ब्रिगेडियर JS संधू
- मदन सिंह
- शमशेर सिंह
- जनक सिंह
- मदन सिंह चावला
- एस रविंदर सिंह
श्री हेमकुंड साहिब, सिखों का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित गुरुद्वारा
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित (The Highest Gurudwara In The World) गुरुद्वारा है जो उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में 4,000 मीटर से अधिक ऊँचाई (लगभग 15,000 फीट) पर स्थित है। महान हिमालय की भव्य चोटियों के मध्य स्थित यह पवित्र गुरुद्वारा दसवें गुरु, गोविन्द सिंह की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध रहा है। हेमकुंड साहिब महान हिमालय की सात चोटियों के मध्य स्थित है जहाँ से जल गलकर हेमकुंड साहिब में स्थित पवित्र अमृत सरोवर या हेमकुंड साहिब में गिरता है। यह स्थल हेमगंगा का उद्गम स्थल भी है जो गंगा की सहायक नदी अलकनंदा से गोविंदघाट से समीप मिलती है।
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म में सर्वाधिक प्राचीन एवं प्रसिद्ध गुरुद्वारों में शुमार किया जाता है जो 20वीं सदी से सिख धर्म की आस्था के केंद्र के रूप में स्थापित है। हेमकुंड साहिब की आकृति इस प्रकार निर्मित की गयी है जिससे इस पर अधिक बर्फ का जमाव नहीं होता है।
हेमकुंड साहिब जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ?
हेमकुंड साहिब जाने का सबसे अच्छा समय मई माह से अक्टूबर माह तक माना जाता है। हेमकुंड साहिब यात्रा का संचालन भी सामान्यत मई माह से अक्टूबर माह तक किया जाता है। हेमकुंड साहिब के द्वार मई माह में खुलते है एवं अक्टूबर माह में इन्हे शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाता है। शीतकाल में हेमकुंड साहिब 12 फीट से अधिक बर्फ की चादर से ढ़का रहता है ऐसे में इस काल में यहाँ की यात्रा करना अत्यंत दुर्गम है।
मई माह से अक्टूबर माह तक हेमकुंड साहिब का मौसम सुहावना होता है एवं औसत ताप भी सुखदायक होता है। ऐसे में यह समय हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए सर्वाधिक अनुकूल होता है। साथ ही इस काल में यहाँ यात्रा हेतु भी अनुकूल परिस्थितियाँ होती है।
भारत के विभिन स्थलों से हेमकुंड साहिब की दूरी
हेमकुंड साहिब तक भारत के विभिन भागों से पहुँचा जा सकता है। यहाँ आपको भारत के विभिन शहरो से हेमकुंड साहिब की लगभग दूरी की सूची प्रदान की गयी है :-
स्थान | दूरी (कि.मी. में) |
गोविन्द घाट से हेमकुंड | 19 किलोमीटर |
गोविन्द धाम से हेमकुंड | 6 किलोमीटर |
हरिद्वार से हेमकुंड | 320 किलोमीटर |
ऋषिकेश से हेमकुंड | 295 किलोमीटर |
देहरादून से हेमकुंड साहिब | 316 किलोमीटर |
चंडीगढ़ से हेमकुंड साहिब | 493 किलोमीटर |
अमृतसर से हेमकुंड | 730 किलोमीटर |
दिल्ली से हेमकुंड | 518 – 640 किलोमीटर |
जयपुर से हेमकुंड | 791 किलोमीटर |
लुधियाना से हेमकुंड | 576 किलोमीटर |
हेमकुंड साहिब की यात्रा कैसे करें ?
हेमकुंड साहिब का यात्रा मार्ग चारधाम यात्रा में पड़ने वाले बद्रीनाथ धाम मार्ग से होकर गुजरता है ऐसे में यात्री आसानी से यहाँ पहुँच सकते है। यहाँ आप सड़क मार्ग, हवाई मार्ग एवं रेल मार्ग के द्वारा पहुँच सकते है। हालाँकि यह याद रखना आवश्यक है की हेमकुंड साहिब मार्ग में रेल की सुविधा सिर्फ ऋषिकेश तक ही उपलब्ध है जबकि यहाँ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून में स्थित जोलीग्रांट हवाई अड्डा है। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग में यात्रियों को सड़क मार्ग की सुविधा गोविंदघाट तक ही उपलब्ध है।
इसके पश्चात यात्रियों को 19 से 20 किलोमीटर का पैदल ट्रैक पार करना होता है जिसके पश्चात वे हेमकुंड साहिब का दर्शन कर सकते है। यहाँ आपको हेमकुंड साहिब चमोली की यात्रा कैसे करें? सम्बंधित सभी बिन्दुओ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है :-
हेमकुंड साहिब की यात्रा, सड़क मार्ग द्वारा
सड़क मार्ग द्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा करने के लिए यात्री अपने शहर से ऋषिकेश तक की बस ले सकते है। ऋषिकेश उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख पौराणिक नगर है जो की देश के सभी प्रमुख भागो से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। ऋषिकेश से यात्री परिवहन निगम की बस या अपने निजी वाहन या ट्रैकर या कैब बुक करवाकर भी आगे की यात्रा कर सकते है। ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब की दूरी लगभग 295 किलोमीटर है। गोविंदघाट पहुँचने के पश्चात सभी यात्रियों को आगे का मार्ग पैदल की तय करना होता है।
हेमकुंड साहिब की यात्रा, हवाई मार्ग द्वारा
हवाई मार्ग द्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा करने के लिए यात्रियों को यहाँ के सबसे नजदीकी हवाई अड्डे जोलीग्रांट में उतरना होगा जो की राजधानी देहरादून में स्थित है। इसके पश्चात यहाँ से ऋषिकेश पहुँचकर वे आगे की यात्रा बस या कैब द्वारा पूर्ण कर सकते है। जोलीग्रांट से हेमकुंड साहिब की दूरी लगभग लगभग 315 किलोमीटर है।
हेमकुंड साहिब की यात्रा, रेल मार्ग द्वारा
रेल मार्ग द्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा करने के इच्छुक यात्रियों को ऋषिकेश तक रेल मार्ग द्वारा दूरी तय करनी होगी। आपको बता दे की हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो देश के सभी भागों से प्रमुख रूप से जुड़ा है। इसके पश्चात आगे की यात्रा बस या कैब, टैक्सी द्वारा पूर्ण की जा सकती है।
यात्रा से पूर्व ध्यान रखने योग्य बिंदु
- हेमकुंड साहिब उच्च-हिमालय क्षेत्र में स्थित है ऐसे में अपने साथ गरम कपड़े अवश्य ले जाएँ।
- इस यात्रा में 19 से 20 किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई पार करनी पड़ती है ऐसे में स्वयं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार करे। श्वास सम्बंधित समस्याओ वाले यात्रियों को इस यात्रा पर ना जाने की सलाह दी जाती है।
- अपने साथ सभी आपातकालीन दवाएँ एवं खाद्य सामग्री भी तैयार रखें।
- हेमकुंड साहिब में यात्रियों के रहने की व्यवस्था नहीं है ऐसे में गोविंदघाट या घांघरिया में आप इस सम्बन्ध में व्यवस्था कर सकते है।
- यात्रा के दौरान मौसम सम्बंधित भविष्यवाणियों का पालन करें।
श्री हेमकुंड साहिब के समीप स्थित अन्य दर्शनीय स्थल
श्री हेमकुंड साहिब उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। देवभूमि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पौराणिक स्थल है जहाँ कदम-कदम पर कुदरत से अपनी अद्भुत छटा को बिखेरा है। यहाँ आपको श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के समीप स्थित अन्य दर्शनीय स्थलों के सूची दी जा रही है जिन्हे आप यात्रा के दौरान विजिट कर सकते है :-
- फूलों की घाटी (Valley of flower)- वैश्विक धरोहर में शामिल
- घांघरिया (हेमकुंड से 6 किलोमीटर की दूरी पर)
- लक्ष्मण मंदिर
- बद्रीनाथ
- गोविन्द धाम
- हेमकुंड झील
- पांडुकेश्वर
हेमकुंड साहिब का इतिहास एवं मान्यता
हेमकुंड साहिब जिसे की सामान्यता “हेमकुंट” भी कहा जाता है जो दो शब्दो हेम अर्थात हिम या बर्फ तथा कुंट अर्थात कटोरा या तालाब (कुंड) से मिलकर बना है जिसका अर्थ हिम या बर्फ का ताल है। हेमकुंड साहिब का सम्बन्ध सिखों के दसवे गुरु, गोविंद सिंह से जोड़ा जाता है। सिख मान्यताओं के अनुसार इस पवित्र स्थल पर गुरु गोविन्द सिंह द्वारा अपने पूर्व जन्म में तपस्या की गयी थी जिससे यह स्थल सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में शुमार है। हेमकुंड साहिब का वर्णन गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा अपनी आत्मकथा विचित्र नाटक में भी किया गया है। सिखों के दशम ग्रंथ में इस स्थल का पाण्डु राजा के योगाभ्यास केंद्र के रूप में वर्णन किया गया है।
हेमकुंड साहिब का विकास
हेमकुंड साहिब के विकास में विभिन सिख संतो का महत्वपूर्ण योगदान है। हेमकुंड साहिब की खोज का श्रेय पंडित तारा सिंह नरोत्तम को दिया जाता है जिन्होंने 19वीं सदी में इस स्थल की खोज की थी। इसके पश्चात सिख विद्वान भाई वीर सिंह द्वारा इस स्थल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गयी। हेमकुंड साहिब के विकास में सर्वाधिक महत्वपुर्ण भूमिका आर्मीमैन संत सोहन सिंह जी एवं इसके पश्चात मोहन सिंह जी की है जिन्होंने इस स्थल की खोज करके इस वर्तमान भव्य स्वरुप में स्थापित किया।
हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए भी पवित्र है हेमकुंड साहिब
हेमकुंड साहिब ना सिर्फ सिख तीर्थयात्रियों का पवित्र तीर्थ है अपितु यह हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए भी समान महत्व रखता है। हेमकुंड साहिब को स्थानीय भाषा में लोकपाल कहा जाता है जहाँ लक्ष्मण जी का एक मंदिर भी स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थल पर लक्ष्मण जी ने तपस्या की थी जिसके कारण इस स्थल को लोकपाल अर्थात पालनहार भी कहा जाता है। प्रतिवर्ष हजारों हिन्दू श्रद्धालु भी इस स्थल की यात्रा करते है।
हेमकुंड साहिब की यात्रा से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
श्री हेमकुंड साहिब उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है।
श्री हेमकुंड साहिब का सम्बन्ध सिखों का दसवे गुरु, गोविन्द सिंह जी से है।
वर्ष 2023 में हेमकुंड साहिब के कपाट 20 मई 2023 को खोले जायेंगे।
हेमकुंड साहिब जाने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर माह तक है।
हेमकुंड साहिब की यात्रा कैसे करें सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक करें। यहाँ आपको Hemkund Sahib Yatra 2023 के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।
हेमकुंड साहिब के समीप फूलों की घाटी (Valley of flower) वैश्विक धरोहर स्थल स्थित है।