Formal Letter in Hindi (औपचारिक पत्र), Meaning, Definition, Types, Example

आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से Formal Letter in Hindi के बारे में बताएँगे। पत्र एक ऐसी लिखित सामग्री है जो किसी व्यक्ति या संगठन की तरफ से दूसरे पक्ष को भेजा जाता है। वह सरकारी या गैर सरकारी कुछ भी हो सकता है। जैसा की हम जानते ही हैं पूरी दुनिया डिजिटल हो चुकी है जिसके कारण पत्र अब कम प्रयोग किये जाते हैं लेकिन इसका महत्व अभी भी बहुत ज्यादा है। आधुनिक युग सोशल मीडिया का है फिर भी सरकार तक या किसी अधिकारी तक अपनी बात पहुँचाने या कोई शिकायत, प्रार्थना पत्र आदि करने के लिए पत्रों का सहारा आज भी लिया जाता है।

दूर संचार साधन के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति हुई है जिसमे टेलीफोन, इंटरनेट जैसे उन्नत साधनों का आविष्कार हुआ है जिससे संचार के क्षेत्र में बहुत बदलाव आया है। इन साधनों के बावजूद भी पत्रों का महत्व बना हुआ है। आज भी पत्र लेखन बहुत आवश्यक और उपयोगी है।

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Formal Letter in Hindi (औपचारिक पत्र), Meaning, Definition, Types, Example
Formal Letter Meaning, Definition, Types, Example

पत्र लेखन एक प्रभावशाली कला है, जो दूसरों को प्रभावित करने के साथ-साथ अपने उद्देश्य पूर्ती में भी सहायक होती है। पत्र की विषय वस्तु, भाषा, शैली, मन की स्थिति, वैचारिकता को प्रकट करती है। अवसर के अनुकूल ही पत्रों का स्वरुप निर्धारित होते हैं।आवेदन पत्र जब लिखते है जब हम किसी व्यक्ति से आग्रह कर रहे होते है जैसे प्रिंसिपल को स्कूल से छुट्टी के लिए आवेदन पत्र लिखा जाता है उनसे छुट्टी देने के लिए हम उनसे आग्रह कर रहे होते है।

Formal Letter in Hindi

अपने किसी मित्र या रिस्तेदार की कुशलता जानने के लिए व अपना कोई सन्देश या हालचाल देने के लिए पत्र लिखे जाते हैं। आधुनिक युग में इन सब चीज़ों के लिए मोबाइल का प्रयोग किया जाता है जिससे हम सभी काम जैसे – बातचीत, ईमेल, मेसेज आदि का प्रयोग करने के लिए यूज करते हैं। सवाल यह है की इन सभी के होने पर फिर भी हमे पत्र-लेखन क्यों सीखना ज़रूरी है? पत्र लेखन महत्वपूर्ण होने के साथ साथ आवश्यक भी है, टेलीफ़ोन पर हुई बातचीत अस्थाई कहलाई जाती है जबकि लिखित पत्र स्थाई कहलाता है।

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पत्रों के प्रकार | Types of Letter

पत्रों को मुख्य रूप से 2 वर्गों में बाँटा गया है।

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  1. औपचारिक पत्र
  2. अनौपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र | Formal letter

औपचारिक पत्र वे पत्र होते हैं जो किसी व्यवसाय से जुड़े होते हैं, जिनसे हमारा कोई निजी सबंध नहीं होता है। ऐसे पत्र जिसमें हम औपचारिक भाषा का प्रयोग करते हैं। जैसा की इसके नाम से ही समझ आ रहा है ये किसी औपचारिक कार्य के लिए लिखे जाते हैं, ये पत्र हम जिसे लिखते हैं उस से हमारा कोई निजी सम्बन्ध नहीं होता है। इस पत्र में सही सहज शब्दावली का प्रयोग किया जाता है। इन पत्रों में हमेशा काम की स्पष्ट जानकारी संक्षेप में लिखी जाती है। सरकारी, गैर-सरकारी सन्दर्भों में आधिकारिक स्तर पर भेजे जाने वाले पत्रों को औपचारिक पत्र कहते हैं। इनमें कार्यालयी और व्यवसाय के सन्दर्भ में लिखे जाने वाले पत्रों को शामिल किया जाता है। औपचारिक पत्र निम्न प्रकार के होते हैं।

  • आदेश पत्र
  • शिकायत पत्र
  • प्रार्थना पत्र
  • कार्यालयी पत्र
  • व्यावसायिक पत्र

अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

अनौपचारिक पत्र वे पत्र होते हैं, जिन्हें हम अपने निजी कार्यों के लिए प्रयोग करते हैं, जिनसे हमारा व्यक्तिगत सम्बन्ध है। अनौपचारिक पत्र हमेशा अपने परिवार के लोगों को, रिश्तेदारों को जैसे- माता-पिता, दोस्त, भाई-बहन आदि को निमंत्रण देने, हालचाल पूछने या कोई सूचना देने लिए लिखा जाता है। इसमें हम भाषा को अपने हिसाब से प्रयोग कर सकते हैं। इस तरह के पत्रों को अनौपचारिक पत्र कहते हैं।

Types of Formal Letters in Hindi

  • कार्यालयी पत्र – ऐसे पत्र जो किसी काम हेतु लिखे जाते हैं, कार्यालयी पत्र कहलाते हैं। ये पत्र सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल या कॉलेजों के अध्यापकों व प्रधानाचार्यों को लिखे जाते हैं।
  • प्रार्थना पत्र ऐसे पत्र जिसमे अपनी बात रखने के लिए निवेदन या प्रार्थना की जाती है, उन्हें ‘प्रार्थना-पत्र’ कहते हैं। अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र, आवेदन, शिकायत आदि के लिए लिखे जाते हैं। सरकारी विभाग या किसी स्कूल के प्रधानाचार्य को ये पत्र लिखे जाते हैं
  • व्यावसायिक पत्र – अपने व्यवसाय में सामान को खरीदने व बेचने या रूपये के लेन-देन के लिए व्यावसायिक पत्र का प्रयोग किया जाता है। इन पत्रों को व्यापारी, कंपनी, दुकानदार आदि के लिए लिखा जाता है।

औपचारिक पत्र लिखते समय आवश्यक बातें

  • पत्र की शुरुआत और अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
  • पत्र का लेख-स्पष्ट, भाषा-सरल होनी चाहिए।
  • औपचारिक पत्र नियमानुसार चलते हैं।
  • इन पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। इनमें अनावश्यक बातों का उल्लेख नहीं किया जाता।
  • पत्र को हमेशा एक पृष्ठ में लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि लयबद्धता बनी रहे।

औपचारिक पत्र के निम्नलिखित अंग होते हैं

  • पत्र की शुरुआत हमेशा ‘सेवा में’ लिखकर, पत्र प्राप्त करने वाले का नाम तथा पता से करें।
  • विषय- जिस विषय में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक वाक्य में सब्द संकेत के साथ लिखें।
  • सम्बोधन- जिसे पत्र लिखा जा रहा है- माननीय, महोदय आदि शिष्टाचार शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • विषय वस्तु- इसे दो भागों में लिखना चाहिए –
    • पहला भाग – “सविनय निवेदन इस प्रकार है कि” से वाक्य को शुरू करना चाहिए, उसके बाद अपनी समस्या के बारे में लिखें।
    • दूसरा भाग – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिखकर आप उनसे क्या उम्मीद रखते हो, वो लिखना चाहिए।
  • नाम व हस्ताक्षर – धन्यवाद या कष्ट के लिए छमा जैसे सब्द प्रयोग में लेन चाहिए और अंत में भवदीय, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर व उसके निचे अपना नाम आना चाहिए।
  • प्रेषक का पता – गली, मोहल्ला, इलाका, पिनकोड आदि।
  • दिनांक- ये ज़रूर लिखें।

औपचारिक पत्र के उदाहरण

कार्यालयी-पत्र का प्रारूप इस प्रकार है-

सेवा में,
अध्यक्ष,प्रबंधक (प्रश्न के अनुसार)
कार्यालय का नाम व पता………
दिनांक……..
विषय – पत्र लिखने का कारण।
महोदय,
पहला भाग………
दूसरा भाग……..
समाप्ति (आभार/धन्यवाद्)
भवदीय
(नाम,पता,फ़ोन नंबर)

प्रार्थना पत्र- प्रधानाचार्य के लिए
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
विद्यालय का नाम व पता………
विषय- पत्र लिखने का कारण।
महोदय जी,
पहला भाग…….
दूसरा भाग…….
आपका आज्ञाकारी शिष्य/शिष्या
नाम…..
कक्षा…..
दिनांक…..

शिकायती पत्र-

किसी घटना, समस्या, विशेष कार्य, की शिकायत करने के लिए लिखा गया पत्र शिकायती पत्र कहलाता है। ध्यान शिकायती पत्र लिखते समय हमेशा देना चाहिए की जिसके सम्बद्ध में शुकायत की जा रही हो उसका स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए। शिकायत हमेशा विनम्रता के साथ होनी चाहिए।

अपने क्षेत्र के पोस्टमैन की कार्यशैली का वर्णन करते हुए पोस्टमॉस्टर को शिकायती पत्र।
17, विकास निगम
देहरादून (उत्तराखंड)
दिनांक – 25/05/20**
सेवा में,
पोस्टमास्टर,
उपडाकघर धरमपुर, देहरादून।
महोदय,

मैं आपका ध्यान अपने क्षेत्र धरमपुर के पोस्टमैन कर्तव्य की और आकर्षित करना चाहता हूँ। इस क्षेत्र के निवासियों की शिकायत है कि यहाँ पर डाक कभी भी समय पर नहीं पहुँच पाती है। अतः यहाँ के निवासियों को बड़ी असुविधा है। आपसे हमारा विनम्र निवेदन है कि इस मामले की पूर्ण जानकारी लें और उसके बाद उचित कार्यवाही करने की कृपा करें, जिससे की इस समस्या का निवारण हो सके।

धन्यवाद !
भवदीय
नाम – *******

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औपचारिक पत्र (hindi formal letter format) से सम्बंधित प्रश्न

औपचारिक पत्र लेकिन क्या है ?

औपचारिक पत्र विषेशतः अधिकारीयों के हैं, जैसे किसी स्कूल की छूती के लिए आवेदन पत्र या किसी सरकारी विभाग को ताकि पत्र रिकॉर्ड में रहे।

औपचारिक(Formal Letter in Hindi) पत्र में क्या क्या आता है ?

औपचारिक पत्र नियमानुसार लिखे जाते हैं, जिसमे हम अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते।

औपचारिक पत्र कितने प्रकार के होते हैं ?

औपचारिक पत्र के प्रकार नींम हैं – आधिकारिक पत्र, व्यावसायिक पत्र,सामाजिक पत्र, रोजगार पत्र।

औपचारिक पत्र की भाषा किसी होनी चाहिए ?

औपचारिक पत्र नियमों से बंधे होते हैं, इस प्रकार के पत्रों में एकदम सटीक सहज भाषा का प्रयोग होता है। इसमें अनावश्यक बातों का उल्लेख नहीं किया जाता है।

औपचारिक पत्र व अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं ?

जिन पत्रों को हम अपने रिस्तेदार, मित्रों, परिवार आदि को लिखते हैं उन पत्रों को अनौपचारिक पत्र कहते हैं और जिन पत्रों को हम किसी अधिकारी, कार्यालय आदि के लिए लिखते हैं उन्हें हम औपचारिक पत्र कहते हैं।

औपचारिक पत्र में सबसे पहले क्या लिखें ?

formal Letter में सबसे पहले सम्बोधन लिखे।

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