भारत विविधताओं से सम्पन विभिन संस्कृतियों का घर है। भारत की सांस्कृतिक विविधता यहाँ की बोली-भाषा, रहन-सहन, खानपान त्योहारों एवं पोशाकों में झलकती है। हालांकि भारतीय संस्कृति की विविधता का एक महत्वपूर्ण तत्त्व भारत के विभिन राज्यों में किये जाने वाले लोक नृत्य है। भारत के अलग-अलग राज्यों में सदियों से विभिन प्रकार लोकनृत्य प्रचलित है।
जो की देश की सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य विरासत का हिस्सा है। भारत के विभिन राज्यों में किए जाने वाले लोकनृत्य वास्तव में सम्बंधित राज्य की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले महत्वपूर्ण कारक है।
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के राज्यों के लोक नृत्य की सूची (Bharat ke Lok Nritya) सम्बंधित जानकारी प्रदान करने वाले है। भारतीय राज्यों के लोक नृत्य (folk dances of india) के बारे में जानकारी प्राप्त करने के अतिरिक्त आप इनसे सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों से भी परिचित होंगे। साथ ही विभिन प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से भी यह लेख महत्वपूर्ण है।
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राज्यों के लोक नृत्य | Bharat ke Lok Nritya
भारत के विभिन राज्यों में सदियों से लोकनृत्य सम्बंधित राज्य की संस्कृति का हिस्सा रहे है। भारत के विभिन राज्यों में प्रचलित लोकनृत्य देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रकट करते है एवं देश में समृद्ध लोक कला का चित्रण करते है। लोकनृत्य वास्तव में किसी भी संस्कृति का अभिन्न अंग होते है एवं मानव मन की प्रसन्नता एवं उल्लास को अभिव्यक्त करने का माध्यम होते है। भारत में प्रचलित विभिन लोकनृत्य फसलों की बुवाई-कटाई, विभिन ऋतुओं के आगमन, धार्मिक अनुष्ठान, विशिष्ठ त्यौहार एवं सांस्कृतिक एवं सामाजिक स्वरुप के आधार पर प्रचलित है। साथ ही सम्बंधित राज्य की संस्कृति एवं सामाजिक स्वरुप में प्रचलित प्रथाओं का भी राज्य के लोक-नृत्य में प्रमुख योगदान है।
भारत के विभिन राज्यों के लोक नृत्य में सम्बंधित क्षेत्र की भौगोलिक एवं सांस्कृतिक प्रथाओं की स्पष्ट झलक दिखाई पड़ती है। भारत के विभिन राज्यों में विभिन प्रकार के लोकनृत्य विकसित हुए है यही कारण है की विभिन लोकनृत्यों की भाव-भंगिमाएँ, ताल एवं सुर, लयबद्धता, पहनावा एवं सञ्चालन का तरीका भिन्न होता है। भारत के विभिन राज्यों में विभिन प्रकार के अद्वितीय लोक नृत्य प्रचलित है।
Bharat ke Lok Nritya ki list
भारत के पूर्वी भाग से लेकर पश्चिम एवं उत्तर से लेकर दक्षिणी भाग तक विभिन प्रकार के लोकनृत्य प्रचलित है। यहाँ के लोकनृत्यों में स्थानीय संस्कृति की स्पष्ट झलक दिखाई पड़ती है यही कारण है की यहाँ विभिन प्रकार के लोकनृत्य विकसित हुए है। भारत के सांस्कृतिक विविधता की भांति यहाँ विभिन प्रकार के लोकनृत्य प्रचलित है। यहाँ आपको भारतीय राज्यों के लोक नृत्य की सूची प्रदान की जा रही है :-
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क्र. सं. | राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | लोक नृत्य (folk dances) |
---|---|---|
1. | आंध्र प्रदेश | कुचिपुड़ी, वीरानाट्यम, कोलट्टम (Kolattam), भामकल्पम ( Bhamakalpam), तपेता गुल्लू (Tappeta Gullu,), दप्पू (Dappu), लम्बाडी (Lambadi,), धीमसा (Dhimsa), बुट्टा बोम्मलू (Butta Bommalu), घंटामरदाला, वेदी नाटकम, ओट्टम थेडल |
2. | असम | बीहू, कालिगोपाल, नटपूजा, खेल गोपाल, झूमूरा होबजानाई, महारास, नागा नृत्य, बीछुआ, कानोई, बागुरुम्बा |
3. | बिहार | बिदेसिया, जाट– जातिन (Jat-Jatin), कजारी, पनवारिया, सामा चकवा, बिदेसिया |
4. | गुजरात | टिप्पनी जुरुन, गरबा, भावई, डांडिया रास |
5. | हरियाणा | खोर, झूमर, गुग्गा, डाफ, जागोर, धमाल, लूर, फाग |
6. | हिमाचल-प्रदेश | नटी, झोरा, छारही, झाली, महासू, डांगी, धामन, छापेली, महासू |
7. | जम्मू-कश्मीर | रऊफ, हीकत, कूद डांडी नाच, मंदजात, दमाली |
8. | कर्नाटक | कुनीथा, यक्षगान, करगा, हुट्टारी, सुग्गी, लाम्बी |
9. | केरल | कथकली (शास्त्रीय), कूरावारकली (Kuravarkali), मोहिनीअट्टम |
10. | महाराष्ट्र | दहीकला दसावतार, लावणी, काला (Kala), डिंडी (Dindi) |
11. | ओडिशा | घुमूरा (Ghumura), गोतिपुआ (Gotipua), संबलपुरी नृत्य, छाउ, रानाप्पा (Ranappa), पैंरास मुनारीसवारी, घूमरा |
12. | पश्चिम बंगाल | ढाली, लाठी, बाउल, गंभीरा, संथाली डांस, जतरा, छाऊ, काठी, गंभीरा, महाल, कीरतन |
13. | पंजाब | भांगड़ा, गिद्दा, दंकारा (Dankara), दफ्फ, धामल (Dhamal), नकूला |
14. | राजस्थान | घूमर, कालबेलिया, झूलन लीला, गणगौर, छारी (Chari), चाकरी, झूमा, सुईसिनी, घपाल |
15. | तमिलनाडु | भरतनाट्यम, कोलट्टम, कुमी, कवाडी अट्टम |
16. | उत्तर-प्रदेश | कजरी, नौटंकी, चाप्पेली, रासलीला, जैता |
17. | उत्तराखंड | झुमैलो, थडिया, छोपती, मंडाण, चौंफला, लंग्वीर नृत्य, पांडव-नृत्य, छोलिया (Chholia), भोटिया नृत्य (Bhotia Dance), चमफुली (Chamfuli) |
18. | गोवा | जगोर, देक्खनी, गोंफ, शिग्मो, फुग्दी, घोडे, टोन्या मेल (Tonyamel) |
19. | मध्यप्रदेश | जवारा, फूलपति, खाड़ा नाच, मंच मटकी, सालेलार्की, अडा, सेलाभडोनी, ग्रिदा नृत्य |
20. | छत्तीसगढ़ | राउत नाच, गौर मारिया, चंदनानी, वेडामती, पैंथी, भारथरी चरित्र, पंडवाणी, कपालिक |
21. | झारखण्ड | झूमर, बाराओ, सरहुल, मर्दाना झूमर, डोमचक, झीटका, पैका, फगुआ, घोरा नाच, जनानी झूमर, मुंदारी नृत्य, डांगा, अलकप, अग्नि, हूंटा नृत्य |
22. | अरुणाचल प्रदेश | बुईया, वांचो, छालो, पोपीर, पोनुंग, पासी कोंगकी, बारडो छाम |
23. | मणिपुर | लाई हाराओबा, नूपा नृत्य, थांग टा, डोल चोलम, खांबा थाईबी, पुंग चोलोम, रासलीला, खूबक इशेली, लोहू शाह |
24. | मेघालय | शाद नॉन्गरेम, शाद सुक मिनसेइम, लाहो |
25. | मिजोरम | च्वांगलाईज्वान, छेरव नृत्य, जंगतालम, खुल्लम, चैलम, तलंगलम, सरलामकई/ सोलाकिया |
26. | नागालैंड | आलूयट्टू (Aaluyattu), बांस नृत्य चंगी नृत्य (Changai Dance), रेंगमा ( Rengma), |
27. | त्रिपुरा | झूम, गारिया, होजागिरी |
28. | सिक्किम | तमांग सेलो (Tamang Selo), सिंघी छाम (Singhi Chaam) और याक छाम, मारूनी नाच छू फाट नृत्य, चुटके नाच, सिकमारी, डेनजोंग नेनहा, सिंघई चाम या स्नो लायन डांस, ताशी यांगकू नृत्य, खूखूरी नाच |
29. | लक्षद्वीप | परीचाकली (Parichakali), लावा, कोलकाली (Kolkali) |
भारतीय राज्यों के प्रमुख लोकनृत्य
भारत के सभी राज्यों में सैकड़ो लोकनृत्य प्रसिद्ध है। हर लोकनृत्य का अपना महत्व एवं सांस्कृतिक पहचान है। भारतीय राज्यों के कुछ प्रमुख लोकनृत्यों ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनायीं है ऐसे में यहाँ आपको भारतीय राज्यों के कुछ प्रसिद्ध लोकनृत्यों के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है :-
- बिहू (Bihu)- बिहू भारत के असम राज्य में मनाया जाने किया जाने वाला प्रमुख लोकनृत्य है जो की फसलों के त्यौहार के रूप में किया जाता है। वास्तव में बिहू सम्मिलित रूप से कुल 3 त्योहारों को कहा जाता है जो की वर्ष में 3 बार अलग-अलग समय पर मनाया जाता है। बिहू लोकनृत्य को संक्रांति के अवसर पर किया जाता है जो की फसलों के आगमन एवं खुशहाली का प्रतीक होता है। वर्ष में कुल 3 बार मनाये जाने वाले बिहू (Bihu) का विवरण इस प्रकार से है :-
- रंगोली (Rongali) या बोहाग बिहू- अप्रैल माह में किया जाता है। बिहू के तीनों त्यौहारों में सबसे महत्वपूर्ण, नववर्ष के आगमन एवं वसंत की शुरुआत हेतु प्रसिद्ध
- कंगोली या कटी बिहू (Kongali or Kati Bihu) – अक्टूबर माह में
- भोगली या माघ बिहू (Bhogali or Magh Bihu) – जनवरी माह में
- गरबा (Garba)- गुजरात के सबसे महत्वपूर्ण लोकनृत्य के रूप में प्रसिद्ध गरबा भारत ही नहीं अपितु विदेश में भी पहचान बना चुका है। नवरात्रि के अवसर पर किया जाने वाला गरबा प्रमुख रूप में धार्मिक नृत्य के रूप में प्रसिद्ध है जिसमे ‘डांडिया’ का प्रयोग आवश्यक माना जाता है। गरबा खेलने के लिए कम से कम दो लोगो का होना अनिवार्य होता है जहां दो लोगो के मध्य ‘डांडिया’ को एक दूसरे से टकराकर नृत्य किया जाता है। वर्तमान समय में यह लोकनृत्य गुजरात की पहचान बन चुका है।
- घूमर (Ghoomar)- राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध लोकनृत्य के रूप में प्रसिद्ध घूमर को नृत्यों का सिरमौर कहा जाता है। इस लोकनृत्य को महिलाओं द्वारा उत्सवों, मांगलिक अवसरों, त्योहारों एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्वों पर किया जाता है। घूमर नृत्य का विकास सबसे पहले भील जनजाति द्वारा माँ सरस्वती की आराधना के लिए किया गया था जो की समय के साथ राज्य की अन्य जातियों द्वारा भी अपना लिया गया। घूमर में महिलायें सिर पर घूंघट डालकर एवं एक विशेष प्रकार की पोशाक जिसे की घाघरा कहा जाता है पहनकर डांस करती है।
- भाँगड़ा (Bhangra)– पंजाब की जीवंत लोक संस्कृति की पहचान कराने वाला भाँगड़ा पंजाब के लोकनृत्य के रूप में भारत एवं विदेशो में अपनी धाक जमा चुका है। पंजाब की संस्कृति एवं ऊर्जा को समेटे हुए भाँगड़ा पंजाब का सबसे प्रसिद्ध लोकनृत्य है जो की फसलों से सम्बंधित लोकनृत्य है। इस लोकनृत्य को बैसाखी के समय फ़सल कटाई एवं नयी फसल के आगमन की खुशी में किया जाता है जहाँ लोग पंजाबी बोली के गीतों के साथ उत्साहपूर्ण नृत्य करते है।
- नौटंकी (Nautanki)- भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध नृत्य की बात की जाए तो निसंदेह की नौटंकी का नाम इस लिस्ट में सर्वप्रथम आता है। प्रदेश के इतिहास में लम्बे समय से प्रसिद्ध नौटंकी के माध्यम से विभिन लोककथाओं एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले अभिनय किए जाते है जो की प्रदेश की संस्कृति का अभिन्न अंग है। साथ ही प्रदेश की समृद्ध धरोहर को मौखिक अभिनय के द्वारा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाने में भी इस नृत्य का प्रमुख योगदान रहा है।
- लावणी (lavni)- लावणी महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध लोकनृत्यों में शामिल है जो की नृत्य एवं पारम्परिक गीत का अद्धभुत समन्वय प्रकट करता है। “लावण्य” शब्द से बना लावणी महिलाओं के सौंदर्य के वर्णन हेतु प्रयुक्त किया जाता है जहाँ महिलाये नौवेरी या नौ गज की साड़ी पहनकर लावणी नृत्य करती है। ढोलक की धुनों पर किया जाने वाला लावणी नृत्य लोकप्रिय संगीत शैली का नृत्य है।
- छोलिया (Cholia)- उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकनृत्यों में शुमार छोलिया युद्ध शैली का नृत्य है जिसमे पौराणिक युद्ध एवं वीरों के युद्ध कौशल सम्बंधित अभिनय किए जाते है। तलवार एवं ढाल के साथ किया जाने वाला छोलिया नृत्य उत्तराखंड के वीरो की वीरगाथा को प्रकट करता है। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भी सरों नाम का युद्ध नृत्य किया जाता है जो की उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकनृत्यों में शुमार है। उत्तराखंड की भोटिया जनजाति द्वारा भी इसी प्रकार का युद्धनृत्य किया जाता है जिसे पौंणा नृत्य कहा जाता है।
- राउफ (Rauf)- कश्मीर में राउफ जाति द्वारा किया जाने वाला राउफ नृत्य जम्मू-कश्मीर का पारम्परिक लोकनृत्य है जिसे की स्थानीय भाषा में डमहल नृत्य कहा जाता है। राउफ नृत्य मुख्यत प्रदेश के पुरुष नर्तकों के द्वारा किया जाता है जो की इस अवसर पर मोतियों और शंखों से जड़ी टोपी एवं विभिन प्रकार के रंगीन वस्त्र धारण करते है। इस नृत्य को विभिन सांस्कृतिक अवसरों पर किया जाता है जिसमे सभी पुरुष बड़े उत्साह के साथ भाग लेते है।
इन सभी प्रमुख लोकनृत्यों के अतिरिक्त भी भारत के विभिन भागों में कई विशिष्ठ एवं प्रसिद्ध लोकनृत्य किए जाते है जो की हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत दृश्य प्रस्तुत करते है।
भारतीय राज्यों के लोक नृत्य सम्बंधित प्रश्न (FAQ)
लोकनृत्य किसी विशेष क्षेत्र में किया जाने वाला नृत्य होता है जो की सम्बंधित क्षेत्र की विशिष्ठ सामाजिक एवं सांस्कृतिक पहचान का प्रमुख परिचायक होता है। वास्तव में किसी भी क्षेत्र का लोकनृत्य सम्बंधित क्षेत्र के सांस्कृतिक इतिहास का जीवंत इतिहास होता है।
लोकनृत्य विभिन संस्कृतियों में विभिन अवसर पर किए जाते है। आमतौर पर हमारे देश में लोकनृत्यों को नयी फसल के आगमन, स्थानीय तीज-त्यौहार, धार्मिक अनुष्ठान एवं सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण पर्व के अवसर पर किया जाता है।
लोकनृत्य किसी भी समाज विशेष का महत्वपूर्ण अंग होते है जो की सम्बंधित क्षेत्र के इतिहास, संस्कृति एवं कला की अमूल्य धरोहर होते है। क्षेत्र विशेष की संस्कृति को विशिष्ठता प्रदान करने में लोकनृत्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
folk dances of india के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको भारत के राज्यों के लोक नृत्य सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी एवं सूची प्रदान की गयी है।
असम का सबसे प्रमुख लोकनृत्य बिहू है जो की वर्ष में कुल 3 बार मनाया जाता है। असम की लोकसंस्कृति की पहचान बन चुका बिहू नृत्य भारत के अतिरिक्त विदेशो में भी प्रसिद्ध है एवं प्रवासी नागरिकों के द्वारा इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बिहू लोकनृत्य सम्बंधित विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़ सकते है।
गरबा नृत्य गुजरात राज्य का प्रमुख लोकनृत्य है जो की नवरात्रि के अवसर पर किया जाता है। इस नृत्य में कम से कम 2 प्रतिभागियों का होना आवश्यक है जिसके बाद डांडिया की सहायता से गरबा नृत्य खेला जाता है।
उत्तराखंड में विभिन प्रकार के लोकनृत्य किए जाते है जिनमे झुमैलो, थडिया, छोपती, मंडाण, चौंफला, लंग्वीर नृत्य, पांडव-नृत्य, छोलिया नृत्य प्रसिद्ध है।
उत्तर-प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध लोकनृत्य नौटंकी लोकनृत्य है जिसके माध्यम से विभिन लोककथाओं का सजीव चित्रण किया जाता है।
राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध लोकनृत्य घूमर है जिसे की महिलाओ द्वारा विभिन अवसरों पर घाघरा पहनकर प्रदर्शित किया जाता है। घूमर नृत्य राजस्थान की जीवंत संस्कृति की पहचान है।