आप सभी यह तो जानते है की एक साधारण वर्ष में 365 दिन होते है। लेकिन हर चार वर्ष के बाद आने वाले लीप ईयर में 366 दिन होते है। जिसके अनुसार हर माह में 30 से 31 दिन को महीनों में बांटा गया है। लेकिन केवल एक ही ऐसा महीना है जिसमे सबसे कम दिन होता है वो है फरवरी का महीना। इसमें केवल 28 दिन होते है और लीप ईयर में 29 दिन। लेकिन दोस्तों क्या आप सभी के मन में यह सवाल आया है की आखिर फरवरी में सिर्फ 28 दिन ही क्यों होते है ? तो क्या आप इसका उत्तर जानते है। अगर नहीं तो आप चिंता न करें क्योंकि आज हम आप सभी को यहाँ पर इसके बारे में भी बात करने वाले है और आप सभी को यह बताने वाले है। तो अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते है।
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तो उसके आप सभी को हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा। क्योंकि इस लेख में ही हमने इससे सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी भी साझा की हुई है जैसे की – फरवरी में सिर्फ 28 दिन ही क्यों होते है ? February me 28 din kyu hote hai ? जानिए इसकी वजह तो दोस्तों इसलिए अगर आप भी यह जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़े व इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करें।
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Article Contents
फरवरी में सिर्फ 28 दिन ही क्यों होते है | February me 28 din kyu hote hai ?
तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की हम सभी इस पृथ्वी पर निवास करते है और हमारी यह पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है। धरती को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365/6 दिन लगते है यानि के 365 दिन और 6 घंटे का समय का समय लगता है। जिसको एक वर्ष भी कहा जाता है। तो दोस्तों इसलिए इन दिनों को महीनो में विभाजित कर दिया जाता है और सभी महीनो में 30 और 31 दिन होते है लेकिन फरवरी में केवल 28 दिन इसलिए होते है ताकि वर्ष के सभी दिनों को महीनो में एडजस्ट किया जा सकें। आप सभी को यह भी बतादे की हर चार वर्ष बाद फरवरी महीने में 29 दिन इसलिए होते है क्योंकि धरती को सूर्य के चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है।
यह अधिक 6 घंटे का समय चार वर्ष बाद एक दिन बनता है। जिसके पश्चात लीप ईयर होता है और लीप ईयर के एक अधिक दिन को फरवरी के महीने में ही एडजस्ट कर दिया जाता है।
फरवरी में ही क्यों एडजस्ट होते हैं दिन ?
दोस्तों अब आप सभी के मन में यह ही प्रश्न आ रहा होगा की आखिर फरवरी में ही क्यों एडजस्ट होते हैं दिन ? तो इसके लिए भी आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि इसका अर्थ भी हम आप सभी को यहाँ पर बताने वाले है। आप सभी को फरवरी में दिन एडजस्ट करने के पीछा का भी एक कारण है वो यह है की पहले के समय में 12 महीने नहीं होते थे। पहले केवल 10 ही महीने हुआ करते थे। उस समय वर्ष का पहला महीना मार्च को माना जाता था। लेकिन तब भी वर्ष का आखरी महीना दिसंबर ही हुआ करता था। उस समय दिसंबर के बाद सीधा मार्च आया करता था। लेकिन उसके बाद 153 BC में वर्ष में 2 अन्य महीने भी जोड़े गए जिनका नाम था जनवरी व फरवरी।
इसलिए पहले के 10 महीनो के अनुसार ही महीनो में दिन विभाजित किये जाते थे। लेकिन जब से वर्ष में 12 महीने हुए है। तब से ही 365 दिनों को 12 महीने में विभाजित किया गया और फिर फरवरी के हिस्से में केवल 28 दिन ही आये। इसलिए हर चार वर्ष बाद आने वाले लीप ईयर के एक अधिक दिन को फरवरी में ही जोड़ा जाता है।
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अगर एक दिन और नहीं बढ़ाते तो क्या होता
तो दोस्तों हम यह भी जानते है की आप सभी के मन से यह प्रश्न भी आ रहा होगा की अगर एक दिन और नहीं बढ़ाते तो क्या होता ? तो दोस्तों उसके बारे में भी हम आप सभी को बताने वाले है। तो दोस्तों अगर ऐसा होता तो हम सभी साल के कलंदर के मुताबिक़ 6 घंटे आगे बढ़ते जाएंगे। जिसके कारण 1 सेंचुरी में यानि के 100 वर्ष में हम 24 दिनों से आगे चल रहे होंगे। अगर हम इसी प्रकार से चलते तो हम मौसम को महीनो से कभी जोड़े नहीं रख पाते। फिर इस प्रकार से बहुत वर्षों के बाद गर्मियों का मौसम मई व जून के बदले दिसंबर के महीने में आते। इससे हर महीने का संतुलन भी बिगड़ सकता था। इसलिए हमें ऐसे ही चलना चाहिए जिस प्रकार से हम अब चल रहे है।
इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर यहाँ जानिए ?
धरती को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365/6 दिन लगते है यानि के 365 दिन और 6 घंटे का समय का समय लगता है। जिसको एक वर्ष भी कहा जाता है।
धरती को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365/6 दिन लगते है यानि के 365 दिन और 6 घंटे का समय का समय लगता है। जिसको एक वर्ष भी कहा जाता है। तो दोस्तों इसलिए इन दिनों को महीनो में विभाजित कर दिया जाता है और सभी महीनो में 30 और 31 दिन होते है लेकिन फरवरी में केवल 28 दिन इसलिए होते है ताकि वर्ष के सभी दिनों को महीनो में एडजस्ट किया जा सकें।
जिस साल में 365 दिन से एक दिन अधिक यानि के 366 दिन होते हैं और उसी को लीप इयर कहा जाता हैं। लीप इयर हर चार वर्ष के बाद आता हैं। और इस 1 दिन को फ़रवरी में जोड़ दिया जाता हैं क्योंकि फ़रवरी महीने में सबसे कम दिन होते हैं
पहले के समय में वर्ष में केवल 10 ही महीने हुआ करते थे।