20 Places To Visit In Gokarna (2023) Things To Do, Tourist Places:- भारत के दक्षिण में बसा एक शहर जो कि कर्नाटक राज्य में आता है। प्राकृतिक सुंदरता के आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ घूमने के लिए बजट फ्रेंडली जगह भी है। जिस प्रकार से पूरे भारत में बहुत सारे ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं जिनके बारे में लोगों को कम ही पता है, उसी प्रकार से दक्षिण भारत में भी कई जगह घूमने की हैं जिनके बारे में लोगों को कम जानकारी है, ऐसी ही एक जगह है दक्षिण भारत में गोकर्ण, यह स्थान पूरे दक्षिण भारत में प्राकृतिक सुंदरता, सुरुचिपूर्ण संस्कृति, भारत की समृद्धि और आस्था के लिए प्रसिद्ध है। यह कर्नाटक राज्य का एक छोटा सा शहर है जो अरब सागर के किनारे बसा हुआ है। इसे आस्था की नगरी भी कहा गया है और यह दूसरा काशी के नाम से भी जाना जाता है।
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यह एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है जो देश-विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। यहाँ पर दो नदियाँ हैं गंगवाली और अघनाशिनी इन दो नदियों के बीच में गाय के कान का आकर होने की वजह से इसे गोकर्ण नाम दिए गया। यहाँ का इतिहास कई युगों पुराना माना जाता है। हिन्दू महाकाव्यों के अनुसार कहा जाता है कि शिव यहाँ पर एक गाय के कान से निकले थे। श्रीभागवत पुराण में गोकर्ण को ढूंढारी और गोकर्ण भाइयों का घर बताया गया है। यहाँ पर खूबसूरत समुद्र तट, प्राचीन धार्मिक स्थल और आकर्षित बीच होने के कारण इसे कम भीड़ वाला गोवा भी कहा जाता है। अगर आप दक्षिण भारत में घूमने का प्लान कर रहे हैं तो कर्नाटक के गोकर्ण जा कर यहाँ पर एडवेंचर, बीच और धार्मिक स्थल का लुत्फ़ उठा सकते हैं। इसलिए आज हम आप सभी को गोकर्ण के दर्शनीय स्थल के बारे में बताने वाले है।
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गोकर्ण बीच (Gokarna Beach)
गोकर्ण के दर्शनीय स्थल जो कि कर्नाटक राज्य में है, ये तो अपने सुन ही लिया होगा लेकिन यहाँ पर गोकर्ण नाम का बीच भी है जो इस शहर के प्रमुख तट स्थलों में से एक है। यह बहुत लम्बा ओपन बीच है स्थानीय लोगों के साथ-साथ सैलानियों की काफी भीड़ यहाँ पर देखने को मिलती है। यह दांदेबाग गांव में स्थित है। यह एक गो-टू बीच स्थान है खासकर उन तीर्थ यात्रियों के लिए जो भगवान शिव का दर्शन करने यहाँ आते हैं। यहाँ पर आप बर्ड वाचिंग, स्विमिंग, बाथिंग, सर्फिंग, हाईकिंग सनबाथिंग और ट्रैकिंग का मज़ा ले सकते हैं।
ओम बीच (Om Beach)
ओम समुद्र तट दक्षिण भारत का एक अद्भुत समुद्र तटों में से एक है, इसका आकार इस खूबसूरत और अद्भुत बनता हैं, क्योंकि यह हिन्दू धार्मिक प्रतीक ॐ के आकार का है। इसीलिए इसे ओम बीच के नाम से जाना जाता है। यह बीच गोकर्ण के मशहूर दर्शनीय स्थलों में से एक है। यहाँ पर सूर्यास्त का दृश्य बेहद ही अद्भुत, मनमोहनीय होता है। यहाँ पर काली चट्टानों से बानी आकृति सैलानियों को बेहद आकर्षित करती हैं। यहाँ आकर आप बनाना बोट राइड्स, बम्पर राइड्स, कयाकिंग, जेट-स्कीइंग और सर्फिंग आदि एडवेंचर एक्टिविटी कर सकते हैं। ओम बीच गोकर्ण शहर से 6 किमी की दूरी पैट स्थित है।
हाफ मून बीच (Half Moon Beach)
यह बीच गोकर्ण में स्थित एक छोटा सा बीच है जहाँ पर शांतिपूर्ण तरीके से अपना वेकेशन बिताया जा सकता है। हाफ मून बीच को ओम चट्टान से अलग करके बनाया गया है यहाँ से अरब सागर का नजारा एकदम अद्भुत दिखाई देता है। इस समुद्र तट का नाम हाफ मून इसलिए पड़ा क्योंकि चाँद के साथ प्रदर्शित होने वाली समानता यहाँ पर देखने को मिलती है। अनंत समुद्र और हरे-भरे घने जंगल से घिरे प्रकृति की गोद में बसे इस बीच का आनंद लेने आप जरूर आएं। यहाँ पर आप तैराकी, कैंपिंग, पेडल बोट, केनोईंग आदि कर सकते हो।
पैराडाइस बीच (Paradise Beach)
यह बीच गोकर्ण टाउन के तट पर स्थित है और यह समुद्र तट मार्ग से दुर्गम स्थित है यहाँ पर दूसरे बीच के सहारे पहुंचा जा सकता है। ओम बीच और हाफ मून बीच से होते हुए। इसे फुल मून बीच के नाम से भी जाना जाता है। अधिकतर हिस्सा यहाँ का चट्टानों से घिरा हुआ है बाकी भाग सफ़ेद रेत से ढका है। यह एक फ्रेश वाटर बीच है।
महाबलेश्वर मंदिर (Mahabaleshwar Temple)
गोकर्ण में देखे जाने वाले मंदिरों में से एक महाबलेश्वर मंदिर सबसे प्रसिद्ध है। यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना हुआ है। चौथी शताब्दी में बना यह मंदिर वहां के प्राचीन मंदिरों में से एक है। शिवजी के अवतार भगवान महाबलेश्वर को यह मंदिर समर्पित है, यहाँ पर 6 फ़ीट ऊँचा शिवलिंग स्थापित किआ गया है। महाबलेश्वर मंदिर का उल्लेख हिन्दू पुराणों रामायण तथा महाभारत में भी किया गया है। गोकर्ण में यह घूमने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है।
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मिरजन किला (Mirjan Fort)
गोकर्ण शहर से मात्र 11 किमी की दूरी पर नेशनल हाईवे 66 पर मिरजन किला स्थित है। 16 वीं शताब्दी की वास्तुकला और संस्कृति ने इसे बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल बना दिया है। अगर आप प्रकृति और खण्डरों के बीच एक अच्छा समय बिताना चाहते हैं तो इस जगह से बढ़िया जगह कोई हो ही नहीं सकती। इस किले का निर्माण नावाथ सल्तनत द्वारा किया गया था। उसके बाद इसे विजयनगर साम्राज्य ने संजो कर रखा। इतिहास में रूचि रखने वालों को यहाँ पर ज़रूर आना चाहिए।
याना गुफाएं (Yana Caves)
गोकर्ण शहर से करीब 52 किमी पर स्थित याना एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। जिसकी सुंदरता अपार है। सहाद्रि पहाड़ियों की हरियाली के बीच बसा याना दो विशाल प्राकृतिक लाइमस्टोन मोनोलिथ (मोहिनी चोटी और भेरेश्वर चोटी) के लिए प्रसिद्ध है। जिसे भगवान शिव और पार्वती का प्रतिनिधित्व करने वाले कहा जाता है। ट्रेकर्स और एडवेंचर प्रेमियों के लिए सालभर यहाँ पर तीर्थयात्रिओं का हुजूम जमा रहता है।
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शिव गुफा (Shiva Cave)
शिव गुफा कुंडली समुद्र तट से केवल 500 मी० की दूरी पर स्थित है। यह छोटी सी गुफा है इसके अंदर एक शिवलिंग है ध्यान करने के लिए ये जगह बेहतरीन है। गुफा के अंदर चमकादडों का घर भी है अगर आप अंदर गुफा में जा रहे हैं तो हाथ में एक मसाल या कोई टोर्च लेकर जाएं।
लालगुल्ली फाल्स (Lalguli Falls)
गोकर्ण से 90 किमी पर स्थित ये वॉटरफॉल है जो कि उत्तर कन्नड़ जिले में जो प्रमुख आकर्षण केन्द्रो में से एक है। यह झरना काली नदी पर 91 मी० ऊँचे स्थान से गिरता है। यहाँ पर आपको हरियाली, पक्षियों की चहचहाहट से भरपूर प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलेगी। यहाँ का शांतिपूर्ण वातावरण देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक यहाँ घूमने आते हैं।
कोटि तीर्थ (Koti Tirtha)
गोकर्ण के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक कोटि तीर्थ प्रमुख आस्था से जुड़े स्थलों में से एक है। यह चारों ओर से मंदिरों से घिरा एक मानव निर्मित कुंड है। जो कि स्थानीय लोगों के धार्मिक आस्था का प्रतीक है। यह महाबलेश्वर से पैदल दूरी पर ही स्थित है। यहाँ पर अनुष्ठान स्नान और मूर्ती विसर्जन किया जाता है। मान्यता है कोटि तीर्थ एक हजार झरनों की उत्पति है।
भद्रकाली मंदिर (Bhadrakali Temple)
यह मंदिर देवी उमा के लिए बनाया गया था जो की गोकर्ण का प्रसिद्ध मंदिर है और इन्हे काली का रूप माना जाता है। अगर आप गोकर्ण में धार्मिक स्थल देखने जा रहे हैं तो यह आपको सबसे पहले प्रवेश पर ही दिख जाएगा। देवी उमा को गोकर्ण की रक्षक माना जाता है। पौराणिक मान्यता ये कहती है कि देवी उमा को रावण द्वारा त्याग दिया गया था और भगवान विष्णु ने उन्हें घर के अंदर रहने का आदेश दिया था। तत्पश्चात जिसने मंदिर का रूप धारण कर लिया।
निर्वाना बीच (Nirvana Beach)
नीले पानी का समुद्र और सफ़ेद रेत के साथ यह बीच बहुत ही आकर्षक है। अगर आप गोकर्ण घूमने आ रहे हो तो निर्वाना बीच आपकी लिस्ट में जरूर होना चाहिए। यहाँ पर आप दोस्तों औरपरिवार के साथ पार्टी टाइम स्पेंड कर सकते हो। यहां पर सनराइज सनसेट देखना बेहद खूबसूरत है।
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वाटर स्पोर्ट्स (Water Sports)
अपने समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध गोकर्ण में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज अत्यधिक होती है। यहां पर गोवा की तुलना में कम खर्च पर एडवेंचर एक्टिविटीज की जा सकती है। अपने दोस्तों और परिवार के साथ यहाँ पर आ के आप राफ्टिंग, स्विमिंग, स्पीड बोटिंग, जेट स्किंग, बम्पर राइड आदि का आनंद ले सकते हो।
महलसा मंदिर (Mahalasa Temple)
यह मंदिर 150 वर्ष पहले का बना हुआ है और ये महाबलेश्वर मंदिर के पास में ही स्थित है। इसे श्री सिद्धिविनायक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। और यह मंदिर श्री गणेश जी को समर्पित है जिन्हें हम सिद्धिविनायक भी कहते हैं। त्योहारों में विशेस्कर गणेश चतुर्थी और अश्विन षष्ठी के समय यहाँ पर घूमने का अच्छा मौका होता है। उस समय मंदिर भव्य रूप में सजा होता है।
कुडले बीच (Kudle Beach)
कुडले बीच गोकर्ण का लोकप्रिय और आकर्षक बीच है जिसे प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। यह ओम और मून बीच से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यहां का वातावरण शांत और सुखद सनसेट का अद्भुत नजारा आनंद लेने के लिए उत्तम है। यहाँ पर लोग मॉर्निंग वाक और योग करने आते हैं।
कुमाता (Kumata)
गोकर्ण से 30 किमी की दूरी पर स्थित कुमाता अरब सागर के तट पर बसा एक बहुत सुन्दर शहर है। यहाँ पर समुद्र तटीय क्षेत्र, रेतीले समुद्र तट, ऐतिहासिक मंदिर और चारों तरफ फैली हरियाली इसको आकर्षक बनाती है। यहाँ का मौसम सालभर सुहाना रहता है। यहाँ आकर आप प्रकृति की गोद में आराम से अपना वेकेशन बिता सकते हैं।
सिटी होपिंग (City Hopping)
अगर आप गोकर्ण घूमने आएं तो यहाँ के बीच, मंदिर, ऐतिहासिक स्थल देखने के बाद शहर की शेर करना न भूलें, यहाँ पर बड़े-बड़े माल या कोई बड़ी ब्रांड तो नहीं है लेकिन यहाँ के स्थानीय दुकानदार पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं। यहाँ पर आप आध्यात्मिक सम्बंधित वस्तुएं खरीद सकते हैं। यहाँ पर हस्तशिल्प, संगीत वाद्यंत्र आदि की खरीदारी कर सकते हैं।
बेलकन बीच (Beleken Beach)
यह बीच तडारी बंदरगाह के समीप स्थित है। यह एक छोटा चट्टानी समुद्र तट है। यह पैराडाइस बीच के बेहद निकट है। यह एक ऐसी जगह है जहाँ आप नेचर के साथ शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। प्रकृति प्रेमियों और शांति ढूंढ़ने वालों के लिए यह स्थान बहुत लोकप्रिय है। यहाँ से सूर्यास्त बहुत खूबसूरत लगता है इसलिए शाम के समय यहाँ जाने के सही वक्त है।
मुरुदेश्वर (Murudeshwar)
मुरुदेश्वर एक पवित्र स्थल है जहाँ पर भगवान शिव की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ती है जो 123 फ़ीट की है। यहाँ पर बहुत सारे वाटर स्पोर्ट्स होते हैं। स्कूबा डाइविंग भी यहाँ पर की जाती है। इसकी दूरी गोकर्ण से 78 किमी है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है।
ट्रेक्किंग (Trekking)
मनमोहक हरियाली, खूबसूरत बीच और प्राकृतिक सुंदरता से भरे पर्यटक स्थल गोकर्ण ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहाँ समुद्र तटों के किनारे या फिर गुफाओं के लिए ट्रेक्किंग की जा सकती है। गोकर्ण में ट्रैकिंग करना हर किसी की ट्रिप का रोमांचक जीवनभर की मेमोरी बन जाती है।
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गोकर्ण के दर्शनीय स्थल से सम्बंधित प्रश्न
गोकर्ण इसलिए फेमस है क्यूंकि यहाँ पर बहुत सारे बीच, प्राचीन मंदिर और छुटियाँ बिताने का सबसे अच्छा दक्षिण भारत का स्थान है।
दोनों ही भारत के अद्भुत समुद्र तट हैं। गोवा की तुलना में गोकर्ण में काम भीड़ होती है। क्यूंकि ज्यादा लोग इसके बारे में नहीं जानते। अगर आपको भी काम भीड़ वाली जगह पसंद है तो यहाँ जा सकते हो।
गोकर्ण अपने समुद्र तटों के लिए जाना जाता है एक लम्बी पगडण्डी पर यहाँ पांच बीच समुद्र से पहाड़ियों को जोड़ती है।
गोनार्क आने के लिए आपको सबसे नजदीकी हवाई अड्डा गोवा के डाबोलिम में मिलेगा यहाँ से गोकर्ण 140 किमी दूर है। यहाँ से आप टैक्सी किराये पर ले सकते हो।