क्रिसमस का त्योहार दुनिया भर में ईसाई समुदाय के लोगों के लिए एक बेहद ही महत्त्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चों से लेकर बड़े तक धूम-धाम से घरों को सजाकर प्रभु यीशु की प्रार्थना और भजन गाते हैं और अपने करीबी रिश्तेदारों को सोशल मीडिया पर क्रिस्टमस मैसेज, शायरियाँ, कविता और क्रिसमस फोटोज भेजकर बधाई देते हैं। क्रिसमस डे आने से पहले स्कूलों, कॉलेजों में भी बच्चों के लिए क्रिसमस की पार्टी का आयोजन, कविता और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाता है। ऐसे में यदि आप भी अपने स्कूल या कॉलेज की प्रतियोगिता में क्रिस्टमस पर निबंध या कविता लिखा चाहते हैं तो आप हमारे लेख के माध्यम से क्रिसमस डे के निबंध की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में
क्रिसमस डे के त्योहार को 25 दिसंबर के दिन ईसामसीह या यीशु के जन्म की खुसी के रूप में हर वर्ष दुनियाभर में ईसाई समुदाय के लोगों की तरह ही कई धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन लोग ठंड के मौसम में सांस्कृतिक छुट्टी के रूप में आनंद उठाते हैं साथ ही क्रिसमस का उत्साह बाजारों से लेकर बड़े बड़े शॉपिंग मॉल की सजावट में देखने को मिलता है, जिसमे लोगों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र क्रिसमस के मौके पर सजाए जाने वाले क्रिसमस ट्री जिन्हे खरीद कर लोग अपने घरों में सजाते हैं और बच्चों के लिए सांता क्लॉज के कपडे क्रिसमस डे पर आयोजित स्कूल के प्रोग्राम्स में पहनाकर भेजते हैं साथ ही इस दिन लाल और सफ़ेद कपड़ों में सांता क्लॉज जो स्कूलों, शोपिंग मॉल्स में बहुत उपहार और ढेर सारी चॉक्लेट्स लेकर आता है जो बच्चों को बेहद ही पसंद होता है।
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क्या है क्रिसमस का महत्त्व
क्रिसमस डे को आज दुनियाभर में ईसाई और गैर ईसाई लोग धूम-धाम से ईसामसीह के जन्म के दिन मनाते हैं, इस दिन 25 दिसंबर को ईसामसीह का जन्म रात 12 बजे बेथलहेम शहर की एक गोशाला में हुआ था, वैसे तो क्रिसमस का यह दिन मनाये जाने में केवल एक ही दिन का लगता है, लेकिन कुछ ही लोगों को इसकी जानकारी होगी की क्रिसमस केवल एक ही दिन का नहीं पूरे 12 दिनों का पर्व होता है जो पूर्व संध्या से शुरू हो जाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या जो धार्मिक या गैर धार्मिल दोनों ही परम्पराओं से जुडी है, जिसे क्रिसमस ईव भी कहा जाता है, इस दिन लोग एक दूसरे को हैप्पी क्रिसमस या मैरी क्रिसमस कहकर बधाईयाँ देते हैं साथ ही अपने प्रियजनों के घर जाकर प्रार्थना करके इस उत्सव को धूम-धाम से मनाते हैं।
इस पर्व का उत्साह भारत में बड़े हर्ष-उल्लास से लोगों द्वारा मनाया जाता है, इतना ही नहीं दिसंबर के अंतिम सप्ताह पूरा देश क्रिसमस और नए साल की खुशियों से भरा नजर आता है। देश में ईसाई धर्म के अधिक आबादी वाले शहरों केरल के तमाम शहर, रांची, कोहिमा, गोवा, बेंगलुरु और मुंबई यहाँ क्रिसमस की धूम दिसंबर के पहले ही महीने से दिखाई देना शुरू हो जाती है, शहर के चर्चों में विशेष प्राथनाओं को शुरू कर दिया जाता है, बाजारों में क्रिसमस गिफ्ट्स, कार्ड्स, प्रभु यीशु की तस्वीरों की बिक्री, केक, सजावट के सामानों की खरीद शुरू हो जाती है। इस पर्व को मानने के पीछे लोगों की यह भी मान्यता है की यह पर्व लोगों में भेद भाव को ख़त्म करने और लोगों को शांति का सन्देश देने के लिए बेहद ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
क्रिसमस के गीत और सजावट
क्रिसमस के दिन आनंद गीत जिसे बेहद ही हर्ष-उल्लास से गया व बजाया जाता है, इस दिन से एक दिन पहले क्रिसमस की पूर्व संध्या 24 दिसंबर की शाम को शुरू होती है, इस दिन क्रिसमस ट्री को सजाकर पेड़ के आगे गिफ्ट्स रखे जाते हैं और चर्च में पॉप द्वारा क्रिसमस की शुरुआत की जाती है। इस दिरों घरों व चर्चों में साफ़-सफाई कर फूलों, रंग बिरंगी मोमबत्तियों और लड़ियों से घरों को अंदर और बाहर से सजाकर क्रिसमस पेड़ को सजाया जाता है। इस दिन लोग नए-नए पकवान बनाकर अपने परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों पड़ोसियों के साथ मिलकर क्रिसमस पार्टी और डिनर सेलिब्रेट करते हैं, जिसके बाद लोग गीत संगीत में झूमकर गाने गाते हैं और बेहद ही जोश के साथ इस उत्सव को मनाते है। इस तरह क्रिसमस का पर्व लोगों को मिल झूलकर खुशी से रहने का संदेश देता है।
क्रिसमस पर भेजी जाने वाली कविताऍं
क्रिसमस के दिन जाने वाले कविताऍं जिन्हे आप अपने परिवार और अपने रिश्तेदारों को भेजकर उन्हें बधाई दे सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है।
देखो क्रिसमस आया है, ढेरों खुशियाँ लाया है
चारों तरफ सितारों की चमक है,
संग सांता क्लोज की दमक है,
चॉक्लेट कैंडी की है छाई बहार,
खिलौनों और कपड़ों से सजे हैं बाजार,
चर्च में क्वेरल सब गा रहे हैं,
जीसस का सब जन्मदिन मन रहे हैं,
इस बार मुझे भी कुछ कहना है,
तुम्हारे संग प्यार को निभाना है,
खुश रहो तुम यूँ ही हमेशा,
आपको क्रिसमस की बहुत सारी बधाइयाँ।
सर्दी का मौसम आया है
क्रिसमस का त्यौहार लाया है,
सजे हैं हर तरफ बाजार
शॉपिंग कर रहे हैं परिवार
बच्चे करें खिलौनों की खरीदारी
खूब सजी है बाजारी,
आयें हैं सांता क्लॉज
बरसा रहे खूब उपहार,
ठंड है बड़ी कड़क
जम गई है सड़क
फिर भी कम हैं तड़क भड़क,
मत भूलो यीशु के नियम कायदे
इसी में है जग के फायदे।
छुट्टियों का मौसम है
त्यौहार की तैयारी है
रोशन हैं इमारतें
जैसे जन्नत पधारी है
कड़ाके की ठंड है
और बादल भी भारी है
बावजूद इसके लोगों में जोश जारी है
और बच्चे मार रहे किलकारी है
यहाँ तक की पतझड़ की पत्तियाँ भी
लग रही सबको प्यारी है
दे रहे है वो भी दान
जो धन के पुजारी हैं
खुश हैं खरीदार
और व्यस्त व्यापारी हैं
खुशाल है दोनों
जबकि दोनों ही उधारी है
भूल गई यीशु का जन्म
ये दुनिया संसारी है
भाग रही है उसके पीछे
जिसे हो हो हो की बिमारी है
लाल सूट और सफ़ेद दाढ़ी
क्या शान से सवारी है
मिलता है वो मॉल में
पक्का बाजारी है
बच्चे है उसके दीवाने
जैसे हैं उसके दीवाने
जैसे जादू की पिटारी है
झूम रहे हैं जम्हूरे वैसे
जैसे झूमता मदारी है।
लाल सूट पहने सांता आता है
सफ़ेद दाढ़ी उसके चेहरे पर सुहाता है,
बच्चों संग बड़े भी है उसके दीवाने
बुनते रहते उसके बारे में ताने-बाने,
क्या गिफ्ट मिलेगा क्रिसमस का
इस बारे में कोई ना जाने,
सब करें उसके झोले का इंतज़ार
ना जाने कैसा मिलेगा उपहार,
कहते हैं उसकेपास है जादू का पिटारी
बना दे सबको अमीर चाहे हो कोई भिखारी,
मानें यीशु के नियम और बातें
सच्चे मन से क्रिसमस बनाएं,
हमारी तरफ से आपको
क्रिसमस की शुभकामनाएँ।
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