DRDO full form in Hindi: डीआरडीओ क्या है, इसके कार्य व उदेश्य (DRDO का फुल फॉर्म)

DRDO भारत के रक्षा मंत्रालय का R और D विंग है। यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए और देश को सशक्त बनाने के लिए कार्य करता है। इसका एक मोटो भी है “बालस्य मूलं विज्ञानम” अर्थात शक्ति का आधार विज्ञान है जो शांति और युद्ध दोनों स्थितियों में देश को संचालित करता है। आज हम जानेगे DRDO full form in Hindi: डीआरडीओ क्या है, इसके कार्य व उदेश्य (DRDO का फुल फॉर्म) और साथ ही जानेगे इससे सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारिया। तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते है DRDO full form: डीआरडीओ क्या है, इसके कार्य व उदेश्य (DRDO का फुल फॉर्म). आशा करते है हमारे द्वारा साँझा की गयी जानकारी आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

DRDO full form in Hindi
DRDO full form in Hindi

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DRDO full form in Hindi ?

DRDO की हिंदी फुल फॉर्म रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन है जिसको इंग्लिश में Defense research And Development Organization कहते है। इस संगठन का गठन 1958 में भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान, रक्षा विज्ञान प्रतिष्ठान और तकनिकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय के सम्मेलन से किया गया था। गठन के समय पर यह 10 प्रयोगशालाओं वाला छोटा गठन था लेकिन वर्तमान समय में डीआरडीओ के पास 50 से ज्यादा प्रयोगशाला है जो विभिन्न विषयो को कवर करने वाली रक्षा प्रौद्योगिकी को विकसित करने में लगे हुए है जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू विमान, इंजीनियरिंग सिस्टम, मिसाइल, सिमुलेशन, जीवन विज्ञान, प्रशिक्षण, सुचना प्रणाली, कृषि आदि। यह संगठन पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय की रक्षा अनुसन्धान विभाग के अधीन काम करता है।

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डीआरडीओ क्या है | DRDO meaning in Hindi ?

रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन भारत की रक्षा से जुड़े रिसर्च के कामो और सुरक्षा शक्ति को मजबूत बनाने वाला एक संगठन है। यह भारत देश की सुरक्षा से जुड़े अनुसन्धान कार्यो के लिए देश की एक प्रणाली है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। इसकी स्थापना 1958 में देश को बाहरी आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गयी थी। इस संगठन की प्रयोगशालाएं पुरे भारत देश में मौजूद है। यह संगठन तीनो सेनाओ के आवश्यकता अनुसार उनको हथियार उपकरण उपलब्ध कराता है।

इसकी स्थापना मुख्य रूप से सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने के लिए की गयी थी। Defense research And Development भारत का सबसे बड़ा रिसर्च संगठन है। इसका मुख्यालय दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के निकट ही है। डीआरओडी का भवन सेना भवन के सामने है। इसकी एक प्रयोगशाला पश्चिम दिल्ली में महात्मा गाँधी मार्ग पर स्थित है। संगठन का नेतृत्व रक्षा मंत्री भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा किया जाता है।

डीआरडीओ के कार्य व उदेश्य

DRDO का कार्य देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इसका कार्य आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी प्रणालियों में देश को सशक्त बनने के लिए अपना योगदान देना है। इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी से सम्बंधित मामलो में राष्ट्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है खासकर सैन्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में। रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन का मुख्य उद्देश्य तीनो रक्षा सेवाओं को आवश्यकताओं के अनुसार विश्व स्तर के प्रतिस्पर्धी हथियार प्रणाली के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य करना है। इसका मुख्य कार्य आधुनिक हथियारों का निर्माण करना और नए नए अनुसन्धान करना है। ये अपनी तकनिकी परिवर्तन से देश को नए प्रकार की ताकत प्रदान करती रहती है। इस संगठन में 5000 से अधिक वैज्ञानिक और 25000 से भी ज्यादा कर्मचारी कार्य करते है।

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DRDO की मुख्य संस्थाए

  1. उन्नत संख्यात्मक अनुसंधान और विश्लेषण समूह (anurag ) – हैदराबाद
  2. आभूषण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान– पुणे
  3. उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला– हैदराबाद
  4. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के लिए केंद्र– बेंगलुरू
  5. एयरबोर्न सिस्टम्स के लिए केंद्र– बेंगलुरू
  6. हवाई वितरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान– आगरा
  7. लड़ाकू वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान – चेन्नई
  8. रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला– मैसूर
  9. अग्नि विस्फोटक और पर्यावरण सुरक्षा केंद्र– दिल्ली
  10. वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान – बेंगलुरू
  11. टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला– चंडीगढ़

भारतीय रक्षा विभाग में DRDO की भूमिका

  • DRDO का पूरा नियंत्रण भारत के रक्षा मंत्रालय के पास रहता है।
  • इसकी 50 प्रयोगशाला है जहा ये रिसर्च और डेवलपमेंट का कार्य करता है।
  • यह विभिन्न क्षेत्रों को कवर करने वाले प्रोद्योगिकी को शिक्षित करने का प्रयास करता है।
  • भारत की तीनो सेना (जल, थल, वायु ) को हथियार उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाता है।
  • DRDO इतना समक्ष हो चूका है कि अपने देश की हथियारों की तो जरूरतों को पूरा कर ही रहा है साथ ही दूसरे देशो को हथियार बेचना शुरू कर चूका है।
  • डीआरडीओ ने अपना पहला प्रोजेक्ट 1960 में किया था। इसने पहले प्रोजेक्ट में मिसाइल की परियोजना इंडिगो के नाम से शुरू की थी।
  • इसने 1970 दशक में शार्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का निर्माण किया था।

DRDO कैसे ज्वाइन करे

DRDO ज्वाइन करने के लिए आपको एग्जाम देना होता है। इसमें प्रवेश के लिए आपको GATE या CEPTAM परीक्षा देनी होती है। इसके अलावा डीआरडीओ बहुत सी पोस्ट के के लिए खुद भी एग्जाम कंडक्ट करवाती है जिसके माध्यम से भी आप प्रवेश कर सकते हो। इसमें एग्जाम में दो चरण होते है पहले में ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते है जिसको पास करने के बाद इंटरव्यू होता है।

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DRDO full form in Hindi से जुड़े महत्वपूर्ण

DRDO के वर्तमान चेयरमैन का नाम क्या है ?

DRDO के वर्तमान चेयरमैन का नाम डॉ समीर वी कामत है।

DRDO क्या है ?

DRDO देश की सुरक्षा से जुड़े रिसर्च कार्यो के लिए एक संगठन है जिसकी स्थापना मुख्य रूप से सैन्य शक्ति को मजबूत बनाने की लिए की गयी थी।

DRDO किसके अंतर्गत कार्य करता है ?

DRDO भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।

DRDO की स्थापना कब हुई थी ?

DRDO की स्थापना 1958 में हुई थी।

डीआरडीओ का मोटो क्या है ?

डीआरडीओ का मोटो “बलस्य मूलं विज्ञानम्“ है।

डीआरडीओ की आधिकारिक वेबसाइट क्या है ?

DRDO की आधिकारिक वेबसाइट drdo.gov.in है

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