दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति का एक लक्ष्य होता है। जिसको पूरा करने में वो पूरी मेहनत करता है, और अंत में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। सभी लोगों का एक सपना होता है। किसी को शिक्षक बनना है तो किसी को डॉक्टर, किसी को पुलिस में जाना है तो किसी को आर्मी में। सभी का अपना एक लक्ष्य होता है। और सभी पदों के लिए अलग अलग प्रकार की पढ़ाई भी करनी पड़ती है। किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए आपको पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करना होता है, और फिर खूब मेहनत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होता है। तभी वो इंसान एक सफल इंसान कहलाता है। कई लोगों का लक्ष्य डॉक्टर बनने का होता है। तो अगर आप भी डॉक्टर बनना चाहते हो, और इसके विषय में जानकारी इकठ्ठा करना चाहते हो, तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। डॉक्टर कैसे बने इसकी पूरी जानकारी हमने यहाँ पर दी है।
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डॉक्टर कौन होता है ?
दोस्तों जब हमारा या हमारे घर में किसी का स्वस्थ्य ख़राब हो जाता है तो हम अपनी जाँच करवाने के लिए चिकित्सक के पास जाते हैं। चिकित्सक हमारी जाँच करके हमे दवाई देते हैं, और कुछ समय में हम ठीक हो जाते हैं। तो आपके स्वस्थ्य की जांच करने वाला ये चिकित्सक ही डॉक्टर होता है। चिकित्सक को ही अंग्रेजी में डॉक्टर कहते हैं। आजकल चल रहे कोरोना काल में चिकित्सकों पर ही दुनिया की उम्मीद टिकी हुई है। इन्होने बिना अपनी जान की परवाह किये सभी कोरोना संक्रमित लोगों की जान बचायी। कोविड के समय में देश को सँभालने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। तो दोस्तों अगर आप भी डॉक्टर बनना चाहते हो, और इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिक्ल को पढ़ें और सभी जानकारी प्राप्त करें।
डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं ?
दोस्तों डॉक्टर न केवल मनुष्यों बल्कि जानवरों के लिए भी होते हैं। जानवरों के स्वास्थ्य की जांच करने वाले डॉक्टर को पशु डॉक्टर या Veteninarian कहते हैं। मनुष्यों और पशुओं के डॉक्टर की पढ़ाई अलग अलग होती है। मनुष्यों के डॉक्टर भी अलग अलग प्रकार के होते हैं। अलग अलग अंगों के अलग अलग डॉक्टर होते हैं। आईये आपको एक सरणी के मध्याम से कुछ स्पेशलिस्ट डॉक्टर की जानकारी प्रदान करवाते हैं।
डॉक्टर | विशेषज्ञ |
जनरल फिजिशियन | सामान्य बीमारी जैसे-खांसी बुखार |
डेंटिस्ट | दांतों से सम्बंधित रोग |
Allergist/Ammunologist | अस्थमा, खुजली, एलर्जी |
ऑडियोलॉजिस्ट | कान सम्बंधित रोग |
कार्डियोलॉजिस्ट | ह्रदय सम्बन्धी रोग |
Gynecologist | स्त्री रोग विशेषज्ञ |
Infectious Disease Specialists | संक्रमण से फैलने वाली बीमारी |
Ophthalmologists | आँख सम्बन्धी रोग |
Podiatrist | पैर सम्बन्धी रोग |
Psychiatrist | मानसिक रोग |
डॉक्टर कैसे बने, तैयारी कैसे करें?
डॉक्टर बनने के लिए आपको बहुत मेहनत की जरुरत पड़ती है। इसके लिए आपकी पढाई और आपके विषय काफी मायने रखते हैं। डॉक्टर बनने के लिए आपको मेडिकल कोर्स करना पड़ता है। तो आईये आपको बताते हैं, की डॉक्टर बनने के लिए कौन सी कक्षा में कौन से विषय पढ़ने चाहिए और क्या क्या करना चाहिए।
10वीं में आपके सभी विषय अनिवार्य होते हैं तो इस कक्षा में आपको अपने सभी विषयों पर ध्यान देना है। विज्ञान के विषय और अंग्रेजी के विषय में थोड़ा ज्यादा ध्यान देना है। यह कक्षा पास करने के बाद आपको ग्याहरवीं में अपने विषयों का सही चयन करना होगा।
11वीं में सही विषय का चयन – 10वीं पास करने के बाद जब आप कक्षा 11 में प्रवेश करे हैं तो यहाँ आपको अपने विषयों का चयन करना होता है। इस कक्षा में आपको विज्ञान वर्ग के विषयों का चयन करना होता है। विज्ञान वर्ग के छात्र ही डॉक्टर बन सकते हैं। विज्ञान वर्ग में आपको बायोलॉजी के विषय का चयन करना है। बारहवीं में आपको अपने विषय भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, और जीव विज्ञान में खूब मेहनत करनी होगी। आपके बारहवीं के विषय में आपको बहुत ध्यान देना होगा। आपके यही विषय आपको मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सहायता करेंगे। यदि आप बारहवीं के छात्र हैं तो आप मेडिकल में प्रवेश परीक्षा के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
12वीं के बाद – बारहवीं करने के बाद आपको मेडिकल प्रवेश परीक्षा देनी होगी। आपकी प्रवेश परीक्षा का पाठ्यक्रम बाहरवीं के पाठ्यक्रम पर ही आधारित होता है। इसीलिए आपको बाहरवीं के विषयों पर बहुत मेहनत करनी होगी। और कम से कम 50 प्रतिशत अंकों को प्राप्त करके उत्तीर्ण होना होगा। बहुत से कोचिंग सेंटर मेडिकल कोर्स में प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी करवाते हैं। बाहरवीं के बाद आप इन सेंटर से भी अपनी तैयारी कर सकते हो।
मेडिकल कॉलेज से स्नातक करें – प्रवेश परीक्षा में पास होकर आपको किसी मेडिकल कॉलेज से स्नातक करना होगा। बिना प्रवेश परीक्षा के आप किसी भी मेडिकल कॉलेज में अपना दाखिला नहीं करवा सकते। आपको कॉलेज, आपकी प्रवेश परीक्षा में मिले रैंक के अनुसार ही मिलेगा। इसीलिए प्रवेश परीक्षा देना अनिवार्य है। यदि आपकी रैंक अच्छी होगी तो आपको सरकारी कॉलेज मिलेगा जहाँ आपकी फीस कम होगी और अगर आपकी रैंक ज्यादा अच्छी नहीं है तो आपको प्राइवेट कॉलेज मिलेगा जिसमे आपकी फीस थोड़ा ज्यादा होगी। तो आपको पूरी कोशिश करनी है की आपको सरकारी कॉलेज ही मिले। मेडिकल कॉलेज में प्रवेश परीक्षा के लिए आपकी आयु 17 वर्ष से ऊपर और 25 वर्ष से कम होनी चाहिए। तभी आप प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हो।
कोर्स का चयन – यदि मेडिकल कोर्स की बात करें तो इसमें अलग अलग प्रकार के कोर्स होते हैं। इन कोर्सों को हम आपको एक सारणी के माध्यम से बताते हैं।
Course | Full Name |
MBBS | Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery |
BDS | Bachelor of Dental Surgery |
BHMS | Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery |
BAMS | Bachelor of Ayurvedic medicine and Surgery |
Pharm D | Doctor of Pharmacy |
B Pharm | Bachelor of Pharmacy |
B.Sc Nursing | Bachelor of Science in Nursing |
BUMS | Bachelor of Unani Medicine and Surgery |
BPT | Physiotherapy |
आप उपर्युक्त कोर्स में से किसी भी कोर्स का चयन कर सकते हो। जिसमे आपकी दिलचस्पी हो या फिर जिस भी कोर्स के आप डॉक्टर बनना चाहते हो।
इंटर्नशिप – मेडिकल में की गयी पढाई को अब वास्तविक जीवन में उतारने का समय आ गया है। मेडिकल की पढ़ाई को वास्तविक जीवन में कैसे प्रयोग में लाना है यह आपको अपनी इंटर्नशिप के दौरान जानना है। आपकी इंटर्नशिप मेडिकल कोर्स का ही एक भाग है। पढ़ाई पूरी करने के बाद आपकी इंटर्नशिप ट्रेनिंग होती है। यह एक वर्ष की होती है। यह सब पूरा होने के बाद आपको Council Of India अर्थात भारतीय परिषद् के द्वारा एक डिग्री मिल जाती है।
डॉक्टर बनने का अभ्यास- सभी पदों के लिए अनुभव की जरुरत पड़ती है। डॉक्टर, डिग्री से बन तो जाते पर इसके लिए आपको निरंतर अभ्यास करने की जरूरत भी है। इसीलिए आपको डिग्री लेने के बाद कहीं सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर बनने का अभ्यास करते रहना है। इसके अलावा आप अपना क्लिनिक भी शुरू कर सकते हैं, और लोगों के सामान्य रोग जैसे – ज़ुखाम, बुखार, खांसी आदि रोगों का उपचार कर सकते हैं। इस प्रकार आप एक अच्छे और अनुभव वाले डॉक्टर बन सकते हैं।
डॉक्टर कैसे बने से सम्बंधित कुछ प्रश्न-उत्तर
जब हमे हमारे स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई परेशानी होती है तो हम अपने उपचार करने के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं। अर्थात हमारे रोगों का उपचार करने वालों को हम डॉक्टर कहते हैं।
डॉक्टर बनने के लिए कई प्रकार के मेडिकल कोर्स होते हैं। आप अपनी पसंद या दिलचस्पी के अनुसार किसी भी मेडिकल कोर्स का चयन कर सकते हैं।
मेडिकल कोर्स करने के लिए विज्ञान वर्ग के सभी विषय जरुरी हैं। इसमें बायोलॉजी सबसे ज्यादा जरुरी विषय है। तो अगर आप मेडिकल कोर्स करना चाहते हैं तो आपको बाहरवीं में बायोलॉजी के विषय का चयन करना है।
प्रत्येक रोगों के लगभग अलग-अलग विशेषज्ञ होते हैं। जैसे – डेंटिस्ट -ये दांतों से सम्बंधित रोगों, इसी प्रकार कार्डियोलॉजिस्ट– ये ह्रदय से सम्बंधित रोगों के विशेषज्ञ होते हैं। ऐसे ही कई प्रकार के विशेषज्ञ होते हैं।
मेडिकल कोर्स में की गयी पढाई को वास्तविक जीवन में उपयोग में लाने के लिए छात्रों की एक ट्रेनिंग कराई जाती है। इसी ट्रेनिंग को इंटर्नशिप कहते हैं।