बचपन में हर किसी बच्चे के मन में अलग-अलग ख़याल आते हैं की वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा इंजीनियर बनेगा और कुछ बच्चे चाहते हैं की बड़े होकर बिजनेसमैन बने। तो उनमे से बहुत से बच्चों को शुरुआत से ही बिज़नेस में रुचि रहती हैं और वह चाहते हैं की वह भी अपनी एक कंपनी खोले। पर वह यह नहीं जानते हैं की कंपनी खोलना कितना मुश्किल कार्य होता हैं पहले उसके बारे में जान लेना आवश्यक होता हैं की कंपनी में किन-किन लोगो की वजह से चलती हैं जैसे की पार्टनर शेयरहोल्डर व स्टेकहोल्डर आदि तो दोस्तों आप इनके बारे में जानते हैं अगर नहीं तो आप बिलकुल निश्चिंत हो जाइये क्योंकि आज हम आपको इस लेख में बहुत सी जानकारी प्रदान करने वाले हैं जैसे की पार्टनर शेयरहोल्डर व स्टेकहोल्डर क्या होता हैं और इन सब के बीच में क्या अंतर होता हैं
तो दोस्तों अगर आप भी इस प्रकार की जानकरी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा तब ही आप इससे सम्बंधित जानकरी प्राप्त कर सकेंगे।
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Article Contents
पार्टनर क्या होता हैं | What is Partner
पार्टनर का मतलब यह होता हैं की जब दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी भी बिज़नेस में होने वाले लाभ या फिर होने वाले नुकसान को बराबरी के हिस्से में बाटने को राज़ी होते हैं उसी को पार्टनरशिप कहते हैं और जो व्यक्ति उस बिज़नेस में होते हैं जो की बिज़नेस में होने वाले लाभ व हानि को बराबरी के हिस्से में बाटने को राज़ी होते उन व्यक्ति को ही पार्टनर कहा जाता हैं। पार्टनर एक प्रकार से किसी भी बिज़नेस का हिस्सेदार होता हैं। पार्टनरशिप का मतलब केवल यह नहीं होता की पार्टनर भी बिज़नेस में केवल आर्थिक सहायता दे। पार्टनर बिज़नेस में किसी भी प्रकार की साझेदारी कर सकता हैं चाहे वो सेवाओं की साझेदारी हो या फिर आर्थिक साझेदारी हो।
पार्टनरशिप करने के लिए एक एक्ट भी जिसका नाम हैं पार्टनरशिप एक्ट। यह एक्ट 1 अक्टूबर 1932 को लागू हुआ था। इस एक्ट में पार्टनरशिप से जुड़े बहुत से रूल्स है जिनको हर किसी व्यक्ति को फॉलो करना पढता है जो भी व्यक्ति पार्टनरशिप में बिज़नेस कर रहा हो।
जब कोई भी कंपनी अपने शेयर बेचती हैं और उन शेयर्स को खरीदने वाले को ही शेयर होल्डर कहा जाता हैं। यानि के जिसके पास भी किसी भी कंपनी के शेयर्स हो वह व्यक्ति शेयर होल्डर कहलाता हैं। आज के समय में कोई भी व्यक्ति शेयर होल्डर बन सकता हैं। शेयर होल्डर को एक प्रकार से कंपनी का मालिक भी माना जाता हैं। शेयर की मदद से आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हो। आपने जिस भी सामान्य के शेयर लिए हो और जब भी उस कंपनी को लाभ होगा वह कंपनी आपको उस लाभ का उतना हिस्सा देगी जितने शेयर्स आपके पास हैं। शेयर होल्डर कंपनी के विकास के लिए अपनी भी राय दे सकता हैं क्योंकि शेयरहोल्डर भी कंपनी का हिस्सेदार होता हैं।
शेयरहोल्डर भी दो प्रकार के होते हैं
- इक्विटी शेयर होल्डर – इक्विटी शेयर होल्डर को एक तरह से कंपनी का मालिक भी कहा जा सकता हैं। इन लोगो को तब ही डिविडेंड प्राप्त होता है जब कंपनी को लाभ होता है।
- प्रिफरेंस शेयर होल्डर – प्रिफरेंस शेयर होल्डर को कंपनी का मालिकाना हक़ नहीं होता है और इनको हर वर्ष कंपनी के द्वारा डिविडेंड प्राप्त होता हैं।
स्टेक होल्डर क्या होता हैं | What is Stake holder
स्टेक होल्डर को को हिंदी भाषा में हितधारक भी कहा जाता है। स्टेक होल्डर वह व्यक्ति होता हैं जिसको कंपनी की गतिविधियों से फर्क पढता हैं और स्टेक होल्डर की गतिविधि से कंपनी को भी फर्क पढ़ सकता हैं। स्टेक होल्डर का कार्य कंपनी का अस्तित्व बनाये रखना हैं। स्टेक होल्डर के अंदर पार्टनर वाले और शेयर होल्डर दोनों के ही गुण स्टेक होल्डर में होते हैं। स्टेक होल्डर बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं इसके बिना कोई भी आर्गेनाईजेशन मार्किट में अधिक समय तक कार्य नहीं कर सकता। कोई भी कंपनी अधिकतर अपने स्टेक होल्डर के प्रति ही जवाबदेह होती हैं। स्टेक होल्डर के भी दो प्रकार होते हैं जिसके बारे में भी हम आपको यहाँ पर बताने वाले हैं
स्टेक होल्डर के दो प्रकार होते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं
- इंटरनल स्टेक होल्डर (Internal stakeholders) – इंटरनल स्टेक होल्डर के अंतर्गत कंपनी के मालिक, प्रबंधकों, कर्मचारियों और निर्भर लोग और उनको भी शामिल कर सकते हैं जिनको उससे लाभ या हानि होता हैं।
- एक्सटर्नल स्टेक होल्डर (External stakeholders) – एक्सटर्नल स्टेक होल्डर के अंतर्गत सप्लायर्स, सरकार और उसकी एजेन्सी और वो लोग होते हैं जिनको कंपनी के द्वारा कर दिया जाता है। इसके अंतर्गत हम इनमे ग्राहक, समाज और प्रतियोगी को भी शामिल कर सकते हैं।
तो दोस्तों यहाँ पर हम आप सभी को पार्टनर, शेयर होल्डर व स्टेक होल्डर के बीच के फर्क के बारे में बताने वाले हैंतो अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो यहाँ पर दी गयी जानकरी को पूर्ण पढ़े
basis of comparison | Partner | Share holder | Stake holder |
मतलब | जब दो या दो से अधिक व्यक्ति बिज़नेस में होने वाले लाभ व हानि को बराबरी के हिस्से में बाटने को राज़ी होते हैं उन व्यक्ति को पार्टनर कहते हैं | जब कोई भी कंपनी अपने शेयर बेचती हैं और उन शेयर्स को खरीदने वाले को ही शेयर होल्डर कहा जाता हैं। | स्टेक होल्डर वह व्यक्ति होता हैं जिसको कंपनी की गतिविधियों से फर्क पढता हैं और स्टेक होल्डर की गतिविधि से कंपनी को भी फर्क पढ़ सकता हैं। |
क्या पद होता है | पार्टनर शेयर होल्डर के साथी होते हैं | इनको मालिकाना हक़ होता हैं | इच्छुक दल |
ये क्या होते हैं | साझेदार | सब सेट | सुपर सेट |
कौन कौन शामिल होते हैं | बिज़नस कनेक्शन, तकनीकी सेवा और प्रतिभा | इक्विटी शेयर होल्डर,प्रिफरेंस शेयर होल्डर | शेयरहोल्डर, लेनदार, डिबेंचर धारक, कर्मचारी, ग्राहक, आपूर्तीकर्ता और सरकार आदि |
ध्यान कहाँ पर केंद्रित होता हैं | निवेश के प्रतिफल की हिस्सेदारी पर | निवेश के प्रतिफल की हिस्सेदारी पर | कंपनी के प्रदर्शन पर |
पार्टनर शेयरहोल्डर व स्टेक होल्डर से सम्बंधित कुछ प्रश्न और उनके उत्तर
पार्टनर का मतलब यह होता हैं की जब दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी भी बिज़नेस में होने वाले लाभ या फिर होने वाले नुकसान को बराबरी के हिस्से में बाटने को राज़ी होते हैं उसी को पार्टनरशिप कहते हैं और जो व्यक्ति उस बिज़नेस में होते हैं जो की बिज़नेस में होने वाले लाभ व हानि को बराबरी के हिस्से में बाटने को राज़ी होते उन व्यक्ति को ही पार्टनर कहा जाता हैं
स्टेक होल्डर को को हिंदी भाषा में हितधारक भी कहा जाता है। स्टेक होल्डर वह व्यक्ति होता हैं जिसको कंपनी की गतिविधियों से फर्क पढता हैं और स्टेक होल्डर की गतिविधि से कंपनी को भी फर्क पढ़ सकता हैं। स्टेक होल्डर का कार्य कंपनी का अस्तित्व बनाये रखना हैं।
शेयर होल्डर के दो प्रकार होते हैं
1. Equity Share holders
2. Preference Share holders
पार्टनरशिप एक्ट 1 अक्टूबर 1932 को लागू हुआ था।
स्टेक होल्डर में कुछ लोग शामिल होते हैं जैसे की – शेयरहोल्डर, लेनदार, डिबेंचर धारक, कर्मचारी, ग्राहक, आपूर्तीकर्ता और सरकार आदि
तो दोस्तों आज हमने आपको इस लेख में पार्टनर शेयरहोल्डर व स्टेकहोल्डर के बारे में बहुत सी जानकरी दी हैं तो अगर आपको भी यह जानकारी पसंद आयी तो कृपया करके हमको कमेंट करके अवश्य बताइये और अगर आप इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न भी पूछना चाहते हैं तो उसके लिए भी आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हम जितनी जल्द हो सके आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।