डिप्रेशन, एक ऐसा शब्द जिसे हम अपने प्रतिदिन के जीवन में उपयोग तो बहुत बार करते है परन्तु इस शब्द का अर्थ कितना गहरा है यह वह व्यक्ति ही समझ सकता है जो स्वयं डिप्रेशन की स्थिति से गुजर रहा हो। वर्तमान की भागदौड़ भरी जीवनशैली में विभिन प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक समस्याएँ हमे चारों ओर से घेरी रहती है। आमतौर पर हम अपनी शारीरिक समस्याओ पर तो तत्काल ध्यान देते है परन्तु अधिकतर लोग मानसिक समस्याओ को नजरअंदाज कर देते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको एक ऐसी ही मानसिक समस्या डिप्रेशन (Depression) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको डिप्रेशन क्या होता है ? (Depression kya hota hai), डिप्रेशन का अर्थ, डिप्रेशन के कारण, डिप्रेशन के लक्षण एवं डिप्रेशन के इलाज के सम्बन्ध में सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की जाएगी। साथ ही यहाँ आपको डिप्रेशन से उबरने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स एवं भावनात्मक सहायता से सम्बंधित सुझाव भी दिए जायेंगे।
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डिप्रेशन क्या होता है ?
डिप्रेशन (Depression), जिसे की हिंदी में “अवसाद” भी कहा जाता है एक मानसिक डिसऑर्डर है। डिप्रेशन (Depression) व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रभावित करता है जिससे की व्यक्ति की सोचने, समझने एवं कार्य करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। यह समस्या व्यक्ति को भावनात्मक रूप से अत्यंत प्रभावित करती है जिसके कारण व्यक्ति अपने प्रतिदिन के कार्यो को करने में भी असमर्थ हो जाता है एवं विभिन प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक समस्याओ से घिरने लगता है। सरल शब्दो में कहा जाए तो डिप्रेशन (Depression) एक ऐसी मानसिक अवस्था है जिसमे व्यक्ति लगातार दुःख एवं उदासी से घिरा रहता है एवं अपने सामान्य कार्यो को करने में भी असमर्थ होता है।
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इसे निम्न प्रकार से समझे :- अकसर हमारे आसपास की विभिन घटनाओं से हम प्रभावित होते है एवं कुछ घटनाएँ हमे दुखी एवं उदास भी कर देती है जैसी किसी से बिछुड़ना या किसी प्रियजन की मृत्यु या किसी प्रकार का ट्रामा। इन स्थितियों में हम आमतौर पर कुछ समय तक उदास रहते है परन्तु कुछ समय पश्चात अपने नार्मल जीवन में लौट आते है। डिप्रेशन भी उदासी की स्थिति होती है परन्तु यह आमतौर पर होने वाली उदासी से लम्बी अवधि होती है जो की सप्ताह या महीनो तक रहती है। ऐसे में इस समस्या का इलाज करना आवश्यक होता है।
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अवसाद के लक्षण (Symptoms of Depression in Hindi)
डिप्रेशन या अवसाद होने पर किसी भी व्यक्ति में विभिन प्रकार के लक्षण दिखाई देते है जो की अवसाद का संकेत होते है। अवसाद के लक्षण (Symptoms of Depression) निम्न प्रकार से है :-
- लगातार उदास रहना, हमेशा अकेलापन महसूस करना, दुखी रहना
- बिना किसी काम के लगातार थकावट महसूस करना
- अपने आप को लाचार, अयोग्य या दोषी मनाना, कमजोर समझना
- बहुत अधिक सोना या बहुत कम नींद आना
- भूख कम लगना या बहुत अधिक खाना या बहुत कम खाना
- आत्महत्या के विचार आना या आत्महत्या की कोशिश करना
- प्रतिदिन की गतिविधियों में नीरसता आना, किसी भी काम में मन ना लगना
- जीवन में उत्साह एवं ऊर्जा की कमी होना, आलस्य की प्रधानता
- एकाग्रता में कमी, प्रतिदिन के कार्यो को करने में मुश्किल
बच्चो में डिप्रेशन के लक्षण – बच्चों में भी डिप्रेशन हो सकता है एवं आमतौर पर वे इस बारे में कुछ भी खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते ऐसे में माता-पिता को बच्चे के निम्न लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:- चिड़चिड़ाहट, उदासी, अत्यधिक भावुक होना, दर्द एवं पीड़ा, चिंता, वजन में कमी, स्कूल जाने से इनकार या मनोरंजन में रूचि ना लेना
निम्न प्रकार के लक्षण अवसाद के कारक माने जाते है। इन लक्षणों के दिखाई देने पर व्यक्ति को डिप्रेशन की पहचान एवं इलाज के लिए मनोचिकित्सक के पास विजिट करना चाहिए।
डिप्रेशन के क्या कारण है ?(Causes of Depression in Hindi)
डिप्रेशन के लिए विभिन कारक जिम्मेदार माने जाते है हालांकि सही कारण की पहचान इस रोग के इलाज में कारगर साबित होती है। डिप्रेशन के निम्न कारण (Causes of Depression) होते है :-
- व्यक्तिगत समस्याएं – व्यक्तिगत-समस्याएं, काम का अत्यधिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, घरेलू जीवन में तनाव जैसी समस्याएं लम्बे समय में डिप्रेशन को बढ़ावा देती है।
- पारिवारिक वातावरण या आसपास का वातावरण- व्यक्ति के पारिवारिक वातावरण एवं आसपास के माहौल का व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है ऐसे में तानावपूर्ण या हिंसा भरे वातावरण में रहना अवसाद को बढ़ावा देता है।
- ट्रामा- किसी अप्रत्याशित घटना, किसी प्रियजन के बिछड़ने या किसी अन्य दुखद घटना से डिप्रेशन की उत्पति हो सकती है।
- हार्मोन असंतुलन- मस्तिष्क में विभिन हार्मोन के संतुलन के बिगड़ने पर भी व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रस्त हो सकता है।
- अनुवांशिक कारण-परिवार में डिप्रेशन का इतिहास होने पर भी व्यक्ति को डिप्रेशन होने की सम्भावना होती है।
हालांकि कुछ लोगो में अन्य कारणों से भी अवसाद का जन्म हो सकता है ऐसे में चिकित्सकीय परिक्षण से इसका परिक्षण किया जा सकता है।
डिप्रेशन की पहचान (Depression Diagnosed)
डिप्रेशन के परिक्षण के लिए मरीज में डिप्रेशन के कम से कम 5 लक्षणों का 2 हफ्तों से अधिक समय तक विद्यमान होना आवश्यक होता है। डिप्रेशन की पहचान के लिए डॉक्टर द्वारा विभिन प्रकार के परिक्षण किए जाते है जिनमे आमतौर पर रोगी के मानसिक स्वास्थ्य की जाँच की जाती है। रोगी के विभिन लक्षणों, रोगी के व्यवहार, भावनात्मक स्थिति, जीवनशैली, रोगी के इतिहास एवं अन्य कारकों के आधार पर डॉक्टर द्वारा डिप्रेशन की पुष्टि की जाती है। विभिन प्रश्नावलियों के माध्यम से भी रोगी में डिप्रेशन की पुष्टि की जाती है। रक्त परीक्षण रोगी के शरीर में हार्मोन असंतुलन की पहचान करने के लिए उपयोगी होता है ऐसे में इस परिक्षण से भी डिप्रेशन की पुष्टि की जा सकती है।
डॉक्टर को कब दिखाएँ ?
आमतौर पर ऊपर बताये गए लक्षणों में से कोई भी 5 लक्षण यदि 2 सप्ताह से अधिक समय तक विद्यमान रहें तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को विजिट करना चाहिए। इसके अतिरिक्त लम्बे समय तक उदासी या अकेलापन महसूस होने या आत्महत्या के विचार आने जैसी स्थितियों में भी तुरंत इलाज की जरूरत होती है। डिप्रेशन के परिक्षण एवं इलाज के लिए किसी भी पेशेवर एवं उच्च प्रशिक्षित मनोचिकित्सक (Psychiatrist) को विजिट करना आवश्यक होता है।
डिप्रेशन का इलाज (Treatment of Depression in Hindi)
कई लोगों को लगता है की डिप्रेशन पागलपन का रूप है एवं इसका इलाज संभव नहीं है। परन्तु यह धारणा पूर्ण रूप से गलत है। डिप्रेशन कोई पागलपन नहीं अपितु मानसिक डिसऑर्डर है जिसका पूर्ण रूप से इलाज संभव है। डिप्रेशन के इलाज (Depression Treatment in Hindi) के लिए मनोचिकित्सक (Psychiatrist) द्वारा निम्न उपचार किए जाते है :-
- दवाएं– मनोचिकित्सक द्वारा सुझायी गयीं एंटीड्रिप्रेसेंट्स, एंटीसाइकोटिक या एंटीएंजाइटी दवाएँ डिप्रेशन के उपचार में प्रभावी होती है।
- साइको थेरेपी या मनोचिकित्सा– भावनात्मक मजबूती के लिए एवं नकारात्मक भावनाओं से उबरने के लिए मनोचिकित्सक द्वारा संचालित विभिन प्रकार के कौशल कार्यक्रमों से भी मरीजों को लाभ मिलता है।
- वैकल्पिक उपचार– योग, ध्यान एवं प्राणायाम को नित्य जीवन में शामिल करना एवं एक्यूपंक्चर तथा अन्य प्राकृतिक उपचार भी भी अवसाद से निपटने में कारगर है।
- लाइट थेरेपी– मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर में मूड के नियंत्रण हेतु लाइट थेरेपी कारगर चिकित्सा है।
महत्वपूर्ण- डिप्रेशन एक मानसिक डिसऑर्डर है ऐसे में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत प्रमाणित एवं विशेषज्ञ मनोचिकित्सक (Psychiatrist) से सलाह ले। डिप्रेशन में रोगी लगातार उदासी एवं अकेलापन महसूस करता है तथा आत्महत्या के विचार भी रोगी के मन में चलते रहते है ऐसे में रोगी को अधिक से अधिक व्यस्त रखना चाहिए। साथ ही संतुलित जीवनशैली, खानपान, व्यायाय तथा योग, प्राणायाम एवं ध्यान के द्वारा डिप्रेशन को पूर्ण रूप से दूर किया जा सकता है।
डिप्रेशन सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
डिप्रेशन एक मानसिक डिसऑर्डर है जिसमे रोगी को लगातार एवं लम्बे समय तक उदासी, जीवन में अरुचि एवं मन में आत्महत्या के विचार आने जैसे लक्षण दिखाई देते है।
लगातार उदासी, अकेलापन, जीवन में अरुचि, नींद में अत्यंत अंतर आना, आत्महत्या के विचार आना एवं भावनात्मक रूप से असंतुलित होना डिप्रेशन के प्रमुख लक्षण है। विस्तृत जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक कर सकते है।
डिप्रेशन होने पर हमेशा किसी विशेषज्ञ एवं पेशेवर मनोचिकित्सक (Psychiatrist) को विजिट करना चाहिए।
हाँ। डिप्रेशन एक मानसिक डिसऑर्डर है जिसका पूर्ण रूप से इलाज संभव है।
मनोचिकित्सक (Psychiatrist) द्वारा रोगी के लक्षणों के अनुसार डिप्रेशन का इलाज किया जाता है। इसके लिए रोगी को मनोचिकित्सक को दिखाना आवश्यक होता है।